31 मार्च 2024

Kejriwal Changed The Politics of India | केजरीवाल ने भारत की राजनीति को बदल कर रख दिया - लेखक : सुभाष चन्द्र




क्या केजरीवाल देश की राजनीति में कोई बदलाव लाया और देश को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने में कुछ योगदान किया ?

लोग कहते हैं केजरीवाल राजनीति बदलने और भ्रष्टाचार ख़त्म करने आया था मगर खुद बदल गया - लेकिन उसकी कुछ हरकतों को देखा जाए तो पता चलेगा कि उसने बहुत कुछ किया है - कैसे -

गिरफ्तार होने वाला केजरीवाल पहला मुख्यमंत्री बना जबकि पहले सभी मुख्यमंत्री लालू यादव, जयललिता और हेमंत सोरेन ने गिरफ्तार होने से पहले त्यागपत्र दिया - ये क्या कम बदलाव है राजनीति में जो CM रहते हुए गिरफ्तार हुआ -

जेल से सरकार चलाने वाला पहला मुख्यमंत्री बना - कोई कर सकता है क्या ऐसा - यह बदलाव लाया केजरीवाल राजनीति में, ये कोई छोटी बात नहीं है -

आज के विपक्ष के सारे नेताओं को चोर कहता रहा और आज उन्हीं के साथ “गठबंधन” में है - यह है राजनीति में बदलाव -

सोनिया गांधी, लालू यादव, मुलायम सिंह यादव, करूणानिधि, ठाकरे, बादल, फारूक अब्दुल्ला और महबूबा मुफ़्ती सबको परिवारवादी कहता रहा - अब खुद अपनी पत्नी को राजनीति में सेट करने चला है और सभी परिवारवादियों के साथ “गठबंधन” किये हुए है -

सब पर Corruption के आरोप लगाता रहा और मांग करता रहा कि आरोप लगते ही त्यागपत्र दे दो लेकिन किसी के खिलाफ कोई सबूत नहीं दिए - इसलिए कई नेताओं से माफ़ी मांगने वाला “माफीवीर” बन गया - यानी शोर मचाओ और भाग जाओ - 

सबको चोर कहता रहा लेकिन अपने लोगों पर आरोप लगते हुए और जेल जाने के बाद भी सभी को “कट्टर ईमानदार” कहता रहा - ये हैं असली बदलाव राजनीति में -

फिर खुद न तो त्यागपत्र देना चाहता था और न गिरफ्तार होना चाहता था - गिरफ़्तारी से बचने के पापड़ बेलता रहा - कोर्ट के सामने भी रोया - मुझे गिरफ़्तारी से “Protection” दे दो -

क्या ये कम बड़ा बदलाव है राजनीति में कि जब दिल्ली की जनता कोरोना से त्राहि त्राहि कर रही थी तब इसने अपने लिए 60 करोड़ का “शीश महल” बनवा लिया और इससे भी बड़ी बात “बदलाव” की है कि यह  व्यक्ति कहता था मैं सत्ता में आने के बाद गाडी बंगला नहीं लूंगा - आज सब कुछ लिया हुआ है - 

और तो और इससे भी पहले अर्नब गोस्वामी के चैनल पर घोषणा की थी -

मैं न कभी कोई #election #contest करूंगा और न कोई पोस्ट लूंगा - बच्चों की कसम भी खाई थी कि कभी न #भाजपा से #alliance करूंगा और न कभी #कांग्रेस से - अब #कांग्रेस से क्या सभी भ्रष्टाचार में लिप्त लोगों के साथ “#गठबंधन” में है - यह है #राजनीति में बदलाव 

कभी स्वतंत्र भारत के इतिहास में किसी विरोधी पार्टी ने जांच एजेंसी के किसी अधिकारी की जासूसी नहीं की लेकिन #केजरीवाल 150 #ED अधिकारियों और न जाने कितने और लोगों की  जासूसी करने वाला पहला #मुख्यमंत्री बन गया - यह कोई छोटा मोटा बदलाव नहीं है राजनीति का 

आरोपों और सबूतों की वजह से केजरीवाल के सहयोगी महीनों से कोर्ट के आदेश पर जेल में हैं और जमानत नहीं मिल रही लेकिन फिर सब केस “झूठे” कहता नहीं थकता और अपने समेत सब “आप” नेताओं को  “कट्टर ईमानदार” कहता नहीं थकता है - ये हैं नए किस्म की राजनीति -

कभी किसी नेता की गिरफ़्तारी पर विदेशी शक्तियों को प्रलाप करते नहीं देखा लेकिन केजरीवाल के लिए कर रहे है जो साबित करता है कि यह भारत में विदेशों के हाथो में खेल रहा है - यह है बदलाव की नई राजनीति - 

इसलिए यह मानना होगा कि केजरीवाल ने भारत की राजनीति को बदल कर रख दिया है और ऐसा बदलाव आज तक कोई नहीं कर सका - 

"लेखक के निजी विचार हैं "

 लेखक : सुभाष चन्द्र  | मैं हूं मोदी का परिवार | “मैं वंशज श्री राम का” 31/03/2024 

#Kejriwal  #judiciary #ed #cbi #delhi #sharabghotala #Rouse_Avenue_court #liquor_scam #aap  #Muslims,#implemented_CAA,#Mamata, #Stalin, #Vijayan, #threatening , #impose_CAA ,#respective_states,#Opposition_Against_CAA, #persecuted_Hindus #minorities, #except_Muslims #Congress_Party,  #political_party,  #indi #gathbandhan  #Prime_Minister  #Rahulgandhi  #PM_MODI #Narendra _Modi #BJP #NDA #Samantha_Pawar #George_Soros #Modi_Govt_vs_Supreme_Court #Arvind_Kejriwal, #DMK  #A_Raja  #top_stories #Prime_Minister, #Chief_Minister, #Supreme_Court, #High_Court_judges, #lawyers, #bureaucrats, #officers  #opposition #leaders  #CBI #politics, #India, #politics_of_India, #corruption, #Chief_Minister,  #Lalu_Yadav, #Jayalalitha, #Hemant Soren, #government_from_jail, #familyists, #alliance

सूचना:  यंहा दी गई  जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की  कोई गारंटी नहीं है। सूचना के  लिए विभिन्न माध्यमों से संकलित करके लेखक के निजी विचारो  के साथ यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह  की जिम्मेदारी स्वयं निर्णय लेने वाले पाठक की ही होगी।' हम या हमारे सहयोगी  किसी भी तरह से इसके लिए जिम्मेदार नहीं है | धन्यवाद। ... 

Notice: There is no guarantee of authenticity or reliability of the information/content/calculations given here. This information has been compiled from various mediums for information and has been sent to you along with the personal views of the author. Our aim is only to provide information, readers should take it as information only. Apart from this, the responsibility of any kind will be of the reader himself who takes the decision. We or our associates are not responsible for this in any way. Thank you. ,


30 मार्च 2024

Arunachal Pradesh - What did Congress and “Nehru” do | अरुणाचल प्रदेश - कांग्रेस और “नेहरू” ने क्या किया - खड़गे साहब - लेखक : सुभाष चन्द्र




खड़गे साहब अरुणाचल प्रदेश पर  बोलने से पहले अपने गिरेबान में 

झांको - कांग्रेस और “नेहरू” ने क्या किया -


कल कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने एक बार फिर विदेश नीति पर अपना ज्ञान पेलने की कोशिश करते हुए कहा है कि “मोदी सरकार अरुणचल प्रदेश पर चीन के दावे का कड़े तरीके से खंडन करे - चीन के हास्यास्पद दावे जगजाहिर हैं और इसका माकूल जवाब देना जरूरी है - सरकार से माकूल जवाब की अपेक्षा रखते हुए यह भी कहा कि दलगत राजनीति से इतर भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा में हम साथ हैं”


खड़गे साहब एक तरफ आप सरकार के साथ होने का दावा करते हैं और दूसरी तरफ आप उसी चीन की communist party के साथ MOU साइन करके उसके साथ खड़े रहते हों और हर मामले में सरकार का विरोध करते हो - ये जो बयान आपने दिया उसके साथ आपने गलवान में सरकार की आलोचना भी कर दी और 20 जवानों के बलिदान पर मोदी को दोष देते हुए यह भी कह दिया कि मोदी ने चीन को उसके लिए clean chit दी थी जबकि मोदी ने ऐसा कुछ नहीं कहा और कांग्रेस ने उनके बयान को आधा अधूरा पेश किया - मोदी ने कहा था भारतीय क्षेत्र में कोई विदेश नहीं है जिसका मतलब था चीनी सैनिको को पछाड़ कर भगा दिया है हमारे सैनिको ने -


खड़गे साहब को याद होना चाहिए कि मनमोहन सिंह ने अपनी अरुणाचल प्रदेश की यात्रा पर चीन के विरोध के बाद एक बार कुछ समय के लिए स्थगित कर दी थी - उसके बाद फिर जाने का कार्यक्रम बनाया था - कांग्रेस शासन में चीन अरुणाचल के लोगों को Stappled Visa देता था - कांग्रेस के रक्षा मंत्री अंटोनी ने संसद में कहा था कि चीन से लगते बॉर्डर पर हम सड़कें नहीं बनाते क्योंकि उन सड़कों पर चल कर ही चीनी सैनिक घुसपैठ करेंगे -


आज मोदी सरकार ने चीन से लगे पूरे बॉर्डर पर सड़कों का जाल बिछाया है और infrastucture का निर्माण किया है जिसमे हाल ही निर्मित 13000 feet की ऊंचाई पर Sela Tunnel भी शामिल है - क्या कभी कांग्रेस ने ऐसा करने की जरूरत समझी और खड़गे जी बात करते हैं चीन के दावे का “कड़े तरीके से खंडन” करने की - मनमोहन सिंह की यात्रा के बाद भी चीन के एतराज के बाद कांग्रेस सरकार ने इतना ही खंडन किया था कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न अंग है - अगर इतना खंडन काफी था तो आज कैसा खंडन चाहते हो क्योंकि इससे ज्यादा तो मोदी सरकार कर चुकी है -


आज़ादी से पहले के छोड़िए, आज़ादी के बाद “नेहरू कालखंड” में जो भी चीन को “उपहार” में दे दिया गया और 4000 से जयादा सैनिक मरवा दिए गए, उस पर भी कभी बात किया करें खड़गे और कांग्रेस के नेता - क्या क्या दिया गया ये भी सुनो खड़गे साहब -


-चीन को UN की veto दे दी;

-ढोकलाम 1958;

-लोंगजू 1959;

-अक्साई चिन 1962;

-गलवान 1962;

-हॉट स्प्रिंग 1962;

-काराकोरम पास 1963;


“नेहरू कालखंड’ के बाद -


-कोको आइलैंड 1994;

-Tia Pangnak 2008 (मनमोहन सरकार में);

-Chabji Valley 2008 (मनमोहन सरकार में);

-Doom Valley 2009 (मनमोहन सरकार में);

-Demzok 2012 (मनमोहन सरकार में);

-Raki Nalla 2013 (मनमोहन सरकार में);

-Depsang Bulge (मनमोहन सरकार में);


इनके बारे में कभी कुछ नहीं बोलते और मोदी को पढ़ा रहे हो “कड़े तरीके से खंडन” करना क्या होता है - मनमोहन सिंह सरकार में जो भी चीन ने कब्जाया वह Congress - CPC के MOU के बाद हुआ - कांग्रेस ने तो देश के साथ “गद्दारी” की है -

"लेखक के निजी विचार हैं "

 लेखक : सुभाष चन्द्र  | मैं हूं मोदी का परिवार | “मैं वंशज श्री राम का” 30/03/2024 

#Kejriwal  #judiciary #ed #cbi #delhi #sharabghotala #Rouse_Avenue_court #liquor_scam #aap  #Muslims,#implemented_CAA,#Mamata, #Stalin, #Vijayan, #threatening , #impose_CAA ,#respective_states,#Opposition_Against_CAA, #persecuted_Hindus #minorities, #except_Muslims #Congress_Party,  #political_party,  #indi #gathbandhan  #Prime_Minister  #Rahulgandhi  #PM_MODI #Narendra _Modi #BJP #NDA #Samantha_Pawar #George_Soros #Modi_Govt_vs_Supreme_Court #Arvind_Kejriwal, #DMK  #A_Raja  #top_stories #Prime_Minister, #Chief_Minister, #Supreme_Court, #High_Court_judges, #lawyers, #bureaucrats, #officers  #opposition #leaders  #CBI #politics, #India, #politics_of_India, #corruption, #Chief_Minister,  #Lalu_Yadav, #Jayalalitha, #Hemant Soren, #government_from_jail, #familyists, #alliance

सूचना:  यंहा दी गई  जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की  कोई गारंटी नहीं है। सूचना के  लिए विभिन्न माध्यमों से संकलित करके लेखक के निजी विचारो  के साथ यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह  की जिम्मेदारी स्वयं निर्णय लेने वाले पाठक की ही होगी।' हम या हमारे सहयोगी  किसी भी तरह से इसके लिए जिम्मेदार नहीं है | धन्यवाद। ... 

Notice: There is no guarantee of authenticity or reliability of the information/content/calculations given here. This information has been compiled from various mediums for information and has been sent to you along with the personal views of the author. Our aim is only to provide information, readers should take it as information only. Apart from this, the responsibility of any kind will be of the reader himself who takes the decision. We or our associates are not responsible for this in any way. Thank you. ,

Foreign powers should stop making statements against India | विदेशी ताकतें भारत के खिलाफ बयानबाजी करना बंद करें - लेखक : सुभाष चन्द्र

 


विदेशी ताकतें भारत के खिलाफ बयान बाजी करना बंद करें

भारत के खिलाफ  #Antonio_Guterres (एंटोनियो गुटेरेस) #Secretary_General of the #United_Nations

का  बयान 

#UN महासचिव एंटोनियो गुटेरेस चौधरी बन गए जर्मनी और US के बाद,

भारत के खिलाफ विषवमन कोई नई बात नहीं है -


पुर्तगाल के नागरिक एंटोनियो गुटेरेस 2017 में UN महासचिव बनने के बाद कई बार विवादों में पड़ चुके है अपने गैर जरूरी बयानों के कारण - अब जर्मनी और अमेरिका के बाद केजरीवाल के मामले में टांग फंसा कर ये भी चौधरी बनने की कोशिश किए हैं लेकिन ऐसा करके जर्मनी, अमेरिका और एंटोनियो गुटेरेस स्वीकार कर रहे हैं कि केजरीवाल अमेरिका का पालतू है वरना किसी देश और #UNO दूसरे देशों के आंतरिक मामलों में दखल देने की क्या आवश्यकता है -


एंटोनियो गुटेरेस भूल गए भारत ऐसा लोकतांत्रिक देश है जहां 140 करोड़ में से 95 करोड़ से ज्यादा मतदाता होते हुए भी शांतिपूर्ण चुनाव होते हैं जो अमेरिका तक कराने में असफल रहा पिछली बार - कभी गुटेरेस ने अमेरिका को पाठ पढ़ाया है कि डोनाल्ड ट्रम्प के खिलाफ निष्पक्ष जांच होनी चाहिए -


केजरीवाल और कांग्रेस के बैंक खातों को कथित तौर पर फ्रीज़ होने के सवाल पर एंटोनियो गुटेरेस के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक (अमेरिकी नागरिक) ने कहा कि -


“हमें बेहद उम्मीद है कि जैसा चुनाव वाले किसी भी देश में होता है, भारत में भी सभी के राजनीतिक और नागरिक अधिकार सुरक्षित हैं और हर व्यक्ति स्वतंत्र एवं निष्पक्ष माहौल में मतदान करने में सक्षम है”


यह बयान क्योंकि #एंटोनियो #गुटेरेस के प्रवक्ता ने दिया है, इसलिए इसे गुटेरेस का ही माना जाएगा और ऐसा कहते हुए वे, #जर्मनी और #अमेरिका भारत में भ्रष्टाचारी लोगों का समर्थन कर हमारी जांच एजेंसियों और अदालतों की निष्पक्षता पर प्रश्नचिन्ह लगा रहे हैं जिसका अधिकार उन्हें नहीं है -

क्या अमेरिका अपने देश में हमारी कांग्रेस पार्टी की तरह किसी को भी #Tax_Evasion करने की छूट दे सकती है -


भारत विरोधी रवैया गुटेरेस का कोई नई बात नहीं है - वर्ष 2022 में भारत के लिए कहा था 


“"#मानवाधिकार #परिषद के एक निर्वाचित सदस्य के रूप में भारत पर वैश्विक मानवाधिकारों को आकार देने और अल्पसंख्यक समुदायों के सदस्यों सहित सभी व्यक्तियों के अधिकारों की रक्षा करने की जिम्मेदारी है." - ऐसे प्रवचन कभी गुटेरेस ने अल्पसंख्यकों की रक्षा के लिए #पाकिस्तान, #बांग्लादेश और अन्य इस्लामिक देशों को नहीं दिए मगर भारत को यह पाठ पढ़ाए बिना हाज़मा ठीक नहीं होता -


अक्टूबर, 2023 में हमास के इज़रायल पर हमले के बाद गुटेरेस हमास के साथ ही खड़े नज़र आए जब उन्होंने कहा -

“The #Hamas #attacks "did not happen in a #vacuum" as the #Palestinians have been "subjected to 56 years of suffocating occupation."

“there was no #excuse for the "appalling" #violence by #Hamas_militants on October 7 but also warned #against "#collective #punishment" of the P#alestinians”


इन बयानों पर नाराज़ होकर इज़रायल ने गुटेरेस का इस्तीफा तक मांगा था UNO के महासचिव पद से -


गुटेरेस का बयान भारत के लिए ऐसे समय में आया है जब यूक्रेन के विदेश मंत्री भारत में हैं और अपने शांति प्रस्ताव पर भारत से मदद मांग रहे हैं - उन्हें यह भी याद नहीं कि कुछ अमेरिकी विशेषज्ञों ने रहस्य खोला है कि यूक्रेन पर रूस के परमाणु हमले को प्रधानमंत्री मोदी ने ही रोका था जबकि UNO तो एक जोकर जैसी संस्था बन कर रह गया है -


गुटेरेस को भारत के योगदान के बारे में यह भी याद नहीं कि #UN #Peacekeeping #Force में भारत के 5725 सैनिक है जबकि वीटो पावर वाले देशों में अमेरिका का एक भी सैनिक नहीं है जो 2021 में 31 थे; फ्रांस के 552 हैं; जर्मनी के 2021 के 563 की जगह अब केवल 357 हैं; ब्रिटेन के 2021 में 605 थे जो अब 255 रह गए; और चीन के 2248 की जगह 2194 रह गए


#भारत के खिलाफ #Uncalled for बयानबाजी करना विदेशी ताकतें बंद करें 

"लेखक के निजी विचार हैं "

 लेखक : सुभाष चन्द्र  | मैं हूं मोदी का परिवार | “मैं वंशज श्री राम का” 30/03/2024 

#UN #UNO #Kejriwal  #judiciary #ed #cbi #delhi #sharabghotala #Rouse_Avenue_court #liquor_scam #aap  #Muslims,#implemented_CAA,#Mamata, #Stalin, #Vijayan, #threatening , #impose_CAA ,#respective_states,#Opposition_Against_CAA, #persecuted_Hindus #minorities, #except_Muslims #Congress_Party,  #political_party,  #indi #gathbandhan  #Prime_Minister  #Rahulgandhi  #PM_MODI #Narendra _Modi #BJP #NDA #Samantha_Pawar #George_Soros #Modi_Govt_vs_Supreme_Court #Arvind_Kejriwal, #DMK  #A_Raja  #top_stories #Prime_Minister, #Chief_Minister, #Supreme_Court, #High_Court_judges, #lawyers, #bureaucrats, #officers  #opposition #leaders  #CBI 

सूचना:  यंहा दी गई  जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की  कोई गारंटी नहीं है। सूचना के  लिए विभिन्न माध्यमों से संकलित करके लेखक के निजी विचारो  के साथ यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह  की जिम्मेदारी स्वयं निर्णय लेने वाले पाठक की ही होगी।' हम या हमारे सहयोगी  किसी भी तरह से इसके लिए जिम्मेदार नहीं है | धन्यवाद। ... 

Notice: There is no guarantee of authenticity or reliability of the information/content/calculations given here. This information has been compiled from various mediums for information and has been sent to you along with the personal views of the author. Our aim is only to provide information, readers should take it as information only. Apart from this, the responsibility of any kind will be of the reader himself who takes the decision. We or our associates are not responsible for this in any way. Thank you. ,

29 मार्च 2024

Mukhtar Ansari Death | क्या मुख्तार अंसारी के साथ आतंक और माफिया का भी अंत हो गया। ... लेखक : सुभाष चन्द्र

 



क्या मुख़्तार अंसारी के साथ आतंक के अध्याय का भी अंत हो गया -

ऐसा सोचना गलत है बेशक योगी का प्रयास चल रहा है -


कुछ लोगों का मत है कि मुख़्तार अंसारी की मौत से आतंक के अध्याय का भी अंत हो गया लेकिन एक दूसरा मत यह भी है कि बेशक योगी जी का अभियान चल रहा है आतंकी और माफियाओं को ख़त्म करने के लिए पर आतंक और माफिया कमजोर हो सकते हैं ख़त्म होने में काफी समय लगेगा और शायद ख़त्म न भी हो -


अतीक अहमद और अशरफ की मौत के बाद उनके गैंग के गुर्गे फिर से एक्टिव हैं - 2 दिन पहले अतीक के बेटे अली अहमद समेत 8 लोगों पर बालू व्यापारी ने 10 लाख की रंगदारी मांगने का मामला दर्ज किया है - अतीक की बीवी शाइस्ता परवीन फरवरी से गायब है - वो कहीं छुपी हुई कोई नेक काम तो कर नहीं रही होगी - अतीक गैंग के रहते आतंक कैसे ख़त्म माना जा सकता है 


फिर, मुख़्तार अंसारी के परिवार के कई सदस्यों पर मुक़दमे चल रहे हैं - 


-पत्नी अफ़सा पर 11 मुक़दमे दर्ज हैं -  (धोखाधड़ी और गैंगस्टर एक्ट में);

-भाई सिबगतुल्ला पर 3 मुक़दमे हैं - (जानलेवा मामले);

-भाई अफजल पर 7 मुक़दमे;

-बेटे अब्बास के खिलाफ 8 मुक़दमे और पुत्रवधु निखत पर भी एक मुकदमा है;

-बेटे उमर पर 6 आपराधिक मुक़दमे दर्ज हैं -


इसके अलावा मुख्तार अंसारी पर सुप्रीम कोर्ट भी मेहरबान रहा है - उसके एक केस में  वर्षों के बाद मिली 7 साल की सजा पर सुप्रीम कोर्ट में रोक लगा दी और सजा सुनाने वाले इलाहाबाद हाई कोर्ट के जज जस्टिस दिनेश कुमार सिंह को सुप्रीम कोर्ट ने केरल हाई कोर्ट ट्रांसफर कर दिया था जबकि वो वरीयता में बहुत पीछे थे - यह भी याद रखना चाहिए कि इलाहाबाद हाई कोर्ट में 12 जजों ने मुख़्तार के मामले में हाथ डालने से मना कर दिया था -


एक केस में मुख़्तार और उसके भाई अफजाल की 4 साल की सजा में “दोषसिद्धि” पर रोक लगा कर संसद सदस्यता बहाल कर दी - 


मुख़्तार अंसारी की मौत पर अखिलेश यादव बहुत बिलबिला रहे हैं और मांग कर रहे हैं कि “सुप्रीम कोर्ट जज की निगरानी में संदिग्ध मौतों की जांच होनी चाहिए - हर किसी को सुरक्षा देना सरकार की जिम्मेदारी है - आज के समय में राज्य “सरकारी अराजकता” के दौर में चल रहा है” 


अखिलेश को मुख़्तार अंसारी बहुत प्रिय इसलिए था क्योंकि वह अखिलेश के पिता मुलायम सिंह का लाड़ला था जो 29 अगस्त, 2003 से 13 मई, 2007 तक मुख्यमंत्री थे - मुलायम सिंह तो कारसेवकों पर गोलियां बरसाने वाले बदमाश CM थे, उन्होंने 2004 में डिप्टी एसपी शैलेन्द्र सिंह पर मुख़्तार के खिलाफ कार्रवाई करने पर मुकदमा दर्ज कर दिया था - इसके अलावा 14 अक्टूबर, 2005 को मऊ में मुलायम राज में भयंकर दंगे कराए थे -


अखिलेश और विपक्ष और मुख़्तार अंसारी के परिवार को योगी प्रशासन पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाने और मौत के लिए जिम्मेदार कहते हुए 10 बार सोचना चाहिए -  योगी जी यदि किसी विरोधी के लिए कुछ बुरा करना चाहते तो कोरोना काल में आजम खान कोरोना के इलाज के दौरान निपटा दिया गया होता लेकिन 2 बार बीमार होने पर भी उसे कुछ नुकसान नहीं हुआ -


लेकिन हमें यह भी याद रखना होगा कि मुख़्तार अंसारी की मौत का भी बखेड़ा खड़ा करके और उसे “शहीद’ साबित करते हुए अखिलेश और विपक्ष की नज़र “मुस्लिम वोटों” पर ही  हैं 

"लेखक के निजी विचार हैं "

 लेखक : सुभाष चन्द्र  | मैं हूं मोदी का परिवार | “मैं वंशज श्री राम का” 29/03/2024 

#Kejriwal  #judiciary #ed #cbi #delhi #sharabghotala #Rouse_Avenue_court #liquor_scam #aap  #Muslims,#implemented_CAA,#Mamata, #Stalin, #Vijayan, #threatening , #impose_CAA ,#respective_states,#Opposition_Against_CAA, #persecuted_Hindus #minorities, #except_Muslims #Congress_Party,  #political_party,  #indi #gathbandhan  #Prime_Minister  #Rahulgandhi  #PM_MODI #Narendra _Modi #BJP #NDA #Samantha_Pawar #George_Soros #Modi_Govt_vs_Supreme_Court #Arvind_Kejriwal, #DMK  #A_Raja  #top_stories #Prime_Minister, #Chief_Minister, #Supreme_Court, #High_Court_judges, #lawyers, #bureaucrats, #officers  #opposition #leaders  #CBI 

सूचना:  यंहा दी गई  जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की  कोई गारंटी नहीं है। सूचना के  लिए विभिन्न माध्यमों से संकलित करके लेखक के निजी विचारो  के साथ यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह  की जिम्मेदारी स्वयं निर्णय लेने वाले पाठक की ही होगी।' हम या हमारे सहयोगी  किसी भी तरह से इसके लिए जिम्मेदार नहीं है | धन्यवाद। ... 

Notice: There is no guarantee of authenticity or reliability of the information/content/calculations given here. This information has been compiled from various mediums for information and has been sent to you along with the personal views of the author. Our aim is only to provide information, readers should take it as information only. Apart from this, the responsibility of any kind will be of the reader himself who takes the decision. We or our associates are not responsible for this in any way. Thank you. ,

28 मार्च 2024

Court vs Government | Dual Attitude is not Appropriate | दोहरा रवैया उचित नहीं है | जज त्यागपत्र देकर चुनाव लड़ें और सरकार बनाएं- लेखक : सुभाष चन्द्र



मौका है अभी सुप्रीम कोर्ट के जज त्यागपत्र देकर चुनाव लड़ें,

सरकार बना कर सरकार चलाएं -इस तरह सरकार का हर काम अपने हाथ में लेना ठीक नहीं -

वर्ष 2014 में #नरेंद्र_मोदी के #प्रधानमंत्री बनने के बाद शायद ही कोई ऐसा #कानून हो जिसे सरकार ने #संसद से पारित करा कर लागू किया हो और उसे विपक्ष और प्रशांत भूषण समेत कुछ अन्य सरकार विरोधी तत्वों ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती न दी हो - #सुप्रीम कोर्ट ने भी हर कानून की विवेचना करने की कोशिश की है चाहे वह तकनीकी रूप में उसके लिए सक्षम हो या न हो -

सुप्रीम कोर्ट को संसद द्वारा पारित किए कानून में कानूनी कमियां निकालने का तो अधिकार है लेकिन उसे  कानून को खारिज / रद्द करने का अधिकार नहीं है क्योंकि कानून बनाना संसद का दायित्व है और एकाधिकार है - जो कानून बनाने का अधिकार रखता है, वही उसे बदलने और ख़त्म करने का अधिकार रखता है, अलबत्ता सुप्रीम कोर्ट केवल #संसद को कानून में कमियां बता सकता है जिन्हें संसद चाहे तो स्वीकार करे या न करे, यह उसके विवेक पर छोड़ देना चाहिए -

सुप्रीम कोर्ट इस तरह संसद के कानून को रद्द करने के लिए सक्षम नहीं है - #NJAC कानून तो तो 5 जजों की पीठ वैसे भी रद्द करने का अधिकार नहीं रखती थी क्योंकि उसमे न्यायाधीश स्वयं #Stakeholder / #Interested Party थे - दूसरा कानून अभी कुछ दिन पहले #Electoral_Bonds पर सुप्रीम कोर्ट ने रद्द किया है और वह फैसला भी उचित नहीं था -

अब चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति और 2023 के कानून को स्टे नहीं किया सुप्रीम कोर्ट ने लेकिन जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस संजीव खन्ना की पीठ ने #प्रशांत_भूषण की याचिका सुनते हुए एक तरह से कह दिया कि नियुक्ति गलत हुई हैं - पीठ ने कहा कि नियुक्ति का तरीका “पारदर्शी” नहीं है क्योंकि 200 प्रत्याशियों की जांच में केवल 2 घंटे लगे और 2 नियुक्ति के लिए केवल 6 नाम थे जबकि 10 होने चाहिए थे - और यह भी सवाल किया की नियुक्ति 15 मार्च को होनी थी वे 14 को कैसे हो गईं - 

सारी पारदर्शिता सरकार में चाहते हैं मीलॉर्ड लेकिन खुद सुप्रीम कोर्ट और जजों में पारदर्शिता का नामोनिशान नहीं मिलेगा - आप सरकार से कह रहे हैं कि चुनाव आयुक्त की नियुक्ति के लिए कितने प्रत्याशी होने चाहिए लेकिन कोई यह नहीं जानता कि बॉम्बे और #दिल्ली #हाई कोर्ट में डेढ़ लाख से ज्यादा वकीलों में से “#कॉलेजियम” 3 वकीलों को हाई कोर्ट के जज के लिए कैसे recommend कर देता है और एक अकेले सौरभ कृपाल को कैसे चुन कर सरकार को नाम भेज  दिया था - कॉलेजियम ने एक पोस्ट के लिए कितने वकीलों का #Zone_of_Consideration बनाया और उसका फैसला कैसे किया -

कल एक खबर थी कि तमिलनाडु में #लोकसभा_चुनाव के लिए नामांकन भरने वालों में #AIADMK के #Aatral_Ashok_Kumar 583 करोड़ की संपत्ति के साथ सबसे अमीर प्रत्याशी हैं - क्या किसी को पता चला है कि सुप्रीम कोर्ट के जजों की कितनी संपत्ति है या नए नियुक्त होने वाले जज की कितनी संपत्ति होती है जबकि चुनाव लड़ने वाले हर प्रत्याशी को अपनी और अपने परिवार की संपत्ति घोषित करनी पड़ती है - आप जजों के लिए संपत्ति घोषित करना स्वैछिक है यानी “#voluntary” है - आखिर क्यों ?

#हाई_कोर्ट के जजों के ट्रांसफर के लिए संबंधित हाई कोर्ट में उनकी #Seniority का भी ध्यान रखना जरूरी होता है ऐसा सुप्रीम कोर्ट से #RTI में ही बताया गया है मुझे लेकिन आपका कॉलेजियम किसी जज को भी जब मर्जी ट्रांसफर कर देता है - यह कैसी “पारदर्शिता है” -

अभी अदालत ने #PIB की #Fact_Check_Unit पर रोक लगा दी और लोकायुक्तों की चल रही नीति में अपने जी  दिशा निर्देश देना चाहते हैं -

पारदर्शिता के लिए यह दोहरा रवैया उचित नहीं है - #सरकार के हर काम को हाथ में लेना है तो सभी #जज त्यागपत्र देकर चुनाव लड़ें और सरकार बनाएं -

"लेखक के निजी विचार हैं "

 लेखक : सुभाष चन्द्र  | मैं हूं मोदी का परिवार | “मैं वंशज श्री राम का” 28/03/2024 

#Kejriwal  #judiciary #ed #cbi #delhi #sharabghotala #Rouse_Avenue_court #liquor_scam #aap  #Muslims,#implemented_CAA,#Mamata, #Stalin, #Vijayan, #threatening , #impose_CAA ,#respective_states,#Opposition_Against_CAA, #persecuted_Hindus #minorities, #except_Muslims #Congress_Party,  #political_party,  #indi #gathbandhan  #Prime_Minister  #Rahulgandhi  #PM_MODI #Narendra _Modi #BJP #NDA #Samantha_Pawar #George_Soros #Modi_Govt_vs_Supreme_Court #Arvind_Kejriwal, #DMK  #A_Raja  #top_stories #Prime_Minister, #Chief_Minister, #Supreme_Court, #High_Court_judges, #lawyers, #bureaucrats, #officers  #opposition #leaders  #CBI 

सूचना:  यंहा दी गई  जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की  कोई गारंटी नहीं है। सूचना के  लिए विभिन्न माध्यमों से संकलित करके लेखक के निजी विचारो  के साथ यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह  की जिम्मेदारी स्वयं निर्णय लेने वाले पाठक की ही होगी।' हम या हमारे सहयोगी  किसी भी तरह से इसके लिए जिम्मेदार नहीं है | धन्यवाद। ... 

Notice: There is no guarantee of authenticity or reliability of the information/content/calculations given here. This information has been compiled from various mediums for information and has been sent to you along with the personal views of the author. Our aim is only to provide information, readers should take it as information only. Apart from this, the responsibility of any kind will be of the reader himself who takes the decision. We or our associates are not responsible for this in any way. Thank you. ,

27 मार्च 2024

Germany and America Attack on our Judiciary | जर्मनी और अमेरिका की केजरीवाल के बारे में टिप्पणियां हमारी न्याय व्यवस्था पर हमला है - लेखक : सुभाष चन्द्र




किसी दूसरे देश की नीतियों में दखल देना अमेरिका और अन्य देशों को बंद करना होगा -

जर्मनी और अमेरिका की केजरीवाल के बारे में  टिप्पणियां हमारी न्याय व्यवस्था पर हमला है -

हमने क्या कभी ट्रम्प पर मुक़दमे पर कोई टिप्पणी की है ?


कुछ दिन पहले जर्मनी ने केजरीवाल की गिरफ़्तारी पर भारत के खिलाफ अनर्गल विलाप करते हुए कहा था कि “आरोपों का सामना कर रहे किसी भी अन्य व्यक्ति की तरह केजरीवाल भी निष्पक्ष व भेदभाव रहित मुक़दमे का हक़दार है - हम मानते हैं और अपेक्षा करते हैं कि इस मामले में भी न्यायपालिका की स्वतंत्रता से सम्बंधित मानकों और बुनियादी लोकतांत्रिक सिद्धांतों का पालन किया जाएगा” 


ऐसा कहते हुए जर्मनी ने एक तरह यह  माना कि आरोपों का सामना करने वाले किसी भी व्यक्ति को भारत में निष्पक्ष व भेदभाव रहित मुक़दमे का अधिकार दिया जाता है - लेकिन अन्य बातें कह कर जर्मनी ने भारत के लोकतंत्र और न्यायपालिका की स्वतंत्रता और उसके निष्पक्ष होने पर प्रश्नचिन्ह लगा कर भारत की संप्रभुता पर प्रहार किया जिसके उत्तर में भारत ने उनके राजनयिक को बुला कर कड़ी आपत्ति जताते हुए फटकार लगाई -


अब कल अमेरिका भी उछलता कूदता आगे आ कर अपनी मुंडी घुसाने की कोशिश कर रहा था जो उसके विदेश मामलों के प्रवक्ता ने कहा कि -


“अमेरिका केजरीवाल की गिरफ़्तारी की ख़बरों पर करीब से नज़र रख रहा है और निष्पक्ष, पारदर्शी और समयबद्ध कानूनी प्रक्रिया का पक्षधर है “


भारत की सरकार लुंज पुंज सरकार नहीं है जो चुप रहेगी - आज ही विदेश मंत्रालय ने Acting US Deputy Ambassador Gloria Berbena को तलब कर भारत की कड़ी नाराजगी जताते हुए कहा कि हर देश को दूसरे देशों के संप्रभुता का सम्मान करना चाहिए और उस देश की न्यायिक व्यवस्था पर दोष निकालते हुए आक्षेप लगाने से बचना चाहिए - यह जिम्मेदारी लोकतांत्रिक देशों की दूसरे लोकतांत्रिक देशों के प्रति और ज्यादा बढ़ जाती है”


मुझे लगता है अमेरिकी प्रशासन में कुछ सिरफिरे लोग बाइडन सरकार को बिना सोचे समझे गलत सलाह दे रहे हैं - 


अमेरिकी अधिकारियों और सरकार को याद रखना चाहिए कि किसी व्यक्ति पर केस चलाने से पहले जांच एजेंसियां उसे न्यायिक प्रक्रिया की तहत  summon देकर बुलाती हैं - जर्मनी और अमेरिका को याद रखना चाहिए कि केजरीवाल को ED ने 5 महीने में 9 Summons भेजे थे - कभी अमेरिका और जर्मनी ने केजरीवाल को सलाह दी कि वह जांच के आगे आए - ये देश यह भी भूल जाते हैं कि केजरीवाल पर जिस घोटाले की जांच हो रही है, उसमें उसके 2 मंत्री और एक सांसद लंबे समय से जेल में है, सरकार की मर्जी से नहीं बल्कि अदालत के आदेश पर और आप हमारी अदालत पर “निष्पक्ष” न होने का आरोप लगा रहे हो -


अमेरिका को यह भी नहीं भूलना चाहिए कि वर्तमान अमेरिकी सरकार के विरोधी डोनाल्ड ट्रम्प पर भी अनेक मुकदमे चलाए जा रहे हैं - क्या भारत या किसी अन्य लोकतांत्रिक देश ने उसके खिलाफ कभी कुछ कहा है, कभी नहीं जबकि अमेरिका में कोई भी फैसला सुनाने वाले जज के बारे में मीडिया पहले यह बताता है कि उस जज की नियुक्ति किसने की थी Democrats ने या Republicans ने और उसका झुकाव किसकी तरफ है और आप हमारी न्यायपालिका पर आक्षेप लगा रहे हो - 


अमेरिका या किसी पश्चिमी देश ने कभी लालू यादव, हेमंत सोरेन या उसके पहले जया ललिता की गिरफ़्तारी पर आंसू नहीं बहाए - इन तीनों ने गिरफ्तार होने से पहले मुख्यमंत्री पद छोड़ दिया था लेकिन केजरीवाल पद से चिपका हुआ है और जेल से सरकार चलाना चाहता है - US और जर्मनी इसे सही मानते हैं?  अमेरिका को पहले गुरपतवंत पन्नू के आरोप पर जवाब देना चाहिए और बताना चाहिए कि क्या पन्नू केजरीवाल को 134 करोड़ रुपए देने की बात सत्य बोल रहा है 

"लेखक के निजी विचार हैं "

 लेखक : सुभाष चन्द्र  | मैं हूं मोदी का परिवार | “मैं वंशज श्री राम का” 27/03/2024 

#Kejriwal  #judiciary #ed #cbi #delhi #sharabghotala #Rouse_Avenue_court #liquor_scam #aap  #Muslims,#implemented_CAA,#Mamata, #Stalin, #Vijayan, #threatening , #impose_CAA ,#respective_states,#Opposition_Against_CAA, #persecuted_Hindus #minorities, #except_Muslims #Congress_Party,  #political_party,  #indi #gathbandhan  #Prime_Minister  #Rahulgandhi  #PM_MODI #Narendra _Modi #BJP #NDA #Samantha_Pawar #George_Soros #Modi_Govt_vs_Supreme_Court #Arvind_Kejriwal, #DMK  #A_Raja  #top_stories #Prime_Minister, #Chief_Minister, #Supreme_Court, #High_Court_judges, #lawyers, #bureaucrats, #officers  #opposition #leaders  #CBI 

सूचना:  यंहा दी गई  जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की  कोई गारंटी नहीं है। सूचना के  लिए विभिन्न माध्यमों से संकलित करके लेखक के निजी विचारो  के साथ यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह  की जिम्मेदारी स्वयं निर्णय लेने वाले पाठक की ही होगी।' हम या हमारे सहयोगी  किसी भी तरह से इसके लिए जिम्मेदार नहीं है | धन्यवाद। ... 

Notice: There is no guarantee of authenticity or reliability of the information/content/calculations given here. This information has been compiled from various mediums for information and has been sent to you along with the personal views of the author. Our aim is only to provide information, readers should take it as information only. Apart from this, the responsibility of any kind will be of the reader himself who takes the decision. We or our associates are not responsible for this in any way. Thank you. ,

World Theatre Day | विश्व रंगमंच दिवस


 #World_Theatre_Day #विश्व_रंगमंच_दिवस #Theatre

🇮🇳 रंगमंच और इसके कलाकार एक प्रकार से हमारे सांस्कृतिक प्रतिनिधि और परम्पराओं के वाहक-प्रचारक होते हैं। 🇮🇳

🇮🇳 रंगमंच से लोगों का पुराना नाता रहा है। जिसने भी रंगमंच के तिलिस्म में कदम रखा, रंगमंच उसकी रग-रग में उतर गया। वो दूर जाकर भी कभी रंगमंच से दूर नहीं हो सका। ठीक वैसे ही, जैसे किसी मयकश के हलक से उतरकर कोई मय, उसकी रग-रग में फैली और दिल-ओ दिमाग़ पर तारी हो गई। ठीक वैसे ही, जैसे ज़िंदगी के किसी मोड़ पर एक मासूम इश्क़ किसी लैला, किसी शीरीं या किसी सोहणी की शक्ल में किसी क़ैस, किसी फ़रहाद या किसी महिवाल से मिला और उनकी जिंदगी बन गया।

🇮🇳 दरअसल, रंगमंच को जीने वाले, इसे जिंदगी जीने का सलीक़ा कहते हैं। इसका सम्मोहन अद्भुत है। एक रंगकर्मी होने के नाते मेरा यह मानना है कि रंगमंच ज़िंदगी को ज़िंदगी की तरह जीने और समझने का मौका देता है। रंगकर्मी अज़हर अली ने बताया कि रंगमंच के पथ पर चलकर जीवन को जानने, समझने और जीने का हुनर आता है। एक रंगकर्मी के रूप में दूर खड़े होकर ख़ुद को भी एक विश्लेषक की नजर से देख सकते हैं। अभिनेता अजय सिंह के अनुसार, थिएटर से जुड़ा शख्स अपने जीवन को बहुकोणीय स्तर पर जाकर देख सकता है। रंगकर्म से जुड़े लेखक, निर्देशक और दूरदर्शन केंद्र लखनऊ में कार्यक्रम अधिशासी, शिशिर सिंह के अनुसार, एक मंच हमारे अंदर भी है। जिस पर सदा ही रंग बिखरे रहते हैं बाहरी संसार के। उन्हीं रंगों को जब हम बाहर संजो कर सजाते हैं तो जीवंत हो उठता है रंगमंच, खिल उठते है चमत्कारी आयाम। अभिनेता और निर्देशक जिया अहमद खान कहते हैं, आज रंगमंच वृहद स्वरुप में आ चुका है। वैश्विक स्तर पर भाषा और सीमाओं का बैरियर खत्म हो गया है। वरिष्ठ रंगकर्मी नरेंद्र पंजवानी ने कहा कि, पूरा संसार ही एक रंगकर्म है, जहां हम ईश्वर के निर्देशन के जीवन के विभन्न रंगों में डूबे रहते हैं। हमें अपनी मर्यादा में रहकर अपने किरदार निभाने चाहिए।

🇮🇳 विश्व रंगमंच दिवस का शुभारम्भ 27  मार्च 1961 को इंटरनेशनल थियेटर इंस्टिट्यूट द्वारा किया गया था। तब से प्रतिवर्ष 27 मार्च को विश्व थिएटर समुदाय इस दिन कई अंतर्राष्ट्रीय रंगमंचीय कार्यक्रम आयोजित करता है। रंगमंच से जुडी हस्तियों के संदेश पढ़े जाते हैं। मुख्य कार्यक्रम इंटरनेशनल थियेटर इंस्टिट्यूट के मंच पर आयोजित किये जाते हैं। इंटरनेशनल थियेटर इंस्टीट्यूट अंतर्राष्ट्रीय गैर सरकारी संगठन है, जिसकी स्थापना यूनेस्को द्वारा सन 1948 में प्राग चेक गणराज्य में की गयी थी।

🇮🇳 ऐसा माना जाता है कि नाट्य कला का विकास सर्वप्रथम भारत में ही हुआ। ऋग्वेद के कतिपय सूत्रों में यम और यमी, पुरुरवा और उर्वशी आदि के कुछ संवाद हैं । इन संवादों में लोग नाटक के विकास का चिह्न पाते हैं। इन्हीं संवादों से प्रेरणा ग्रहण कर नाटक की रचना की गयी और नाट्यकला का विकास हुआ। यथासमय #भरतमुनि ने उसे शास्त्रीय रूप दिया। भरतमुनि ने अपने नाट्यशास्त्र में नाटकों के विकास की प्रक्रिया को इस प्रकार व्यक्त किया है: नाट्यकला की उत्पत्ति दैवी है, अर्थात् दुःख रहित सतयुग बीत जाने पर त्रेता युग के आरंभ में देवताओं ने सृष्टा ब्रह्मा से मनोरंजन का कोई ऐसा साधन उत्पन्न करने की प्रार्थना की जिससे देवता लोग अपना दु:ख भूल सकें और आनंद प्राप्त कर सकें। फलत: उन्होंने ऋग्वेद से कथोपकथन, सामवेद से गायन, यजुर्वेद से अभिनय और अथर्ववेद से रस लेकर, नाटक का निर्माण किया। विश्वकर्मा ने रंगमंच बनाया  इत्यादि।

🇮🇳 ख़ैर नाटक का विकास जैसे भी हुआ हो, पूरे विश्व में रंगमंच हमेशा से अभिव्यक्ति का एक सशक्त माध्यम है। रंगमंच के कलाकार विभिन्न ज्वलंत समस्याओं को नाटकों के माध्यम से जन-जन तक पहुँचाते हैं, पौराणिक प्रस्तुतियों से रूबरू कराते हैं, हमारी लोक संस्कृति को राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहुँचाते हैं। रंगमंच और इसके कलाकार एक प्रकार से हमारे सांस्कृतिक प्रतिनिधि और परम्पराओं के वाहक-प्रचारक होते हैं।

~ डाॅ. नीरज सचान

साभार: rionews24.com

🇮🇳 #रंगमंच (#थियेटर) से जुड़े सभी मित्रों को #विश्व_रंगमंच_दिवस की बहुत-बहुत बधाई एवं शुभकामनाऍं !

🇮🇳🌹🙏

साभार: चन्द्र कांत  (Chandra Kant) राष्ट्रीय उपाध्यक्ष - मातृभूमि सेवा संस्था 

सूचना:  यंहा दी गई  जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की  कोई गारंटी नहीं है। सूचना के  लिए विभिन्न माध्यमों से संकलित करके लेखक के निजी विचारो  के साथ यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह  की जिम्मेदारी स्वयं निर्णय लेने वाले पाठक की ही होगी।' हम या हमारे सहयोगी  किसी भी तरह से इसके लिए जिम्मेदार नहीं है | धन्यवाद। ... 

Notice: There is no guarantee of authenticity or reliability of the information/content/calculations given here. This information has been compiled from various mediums for information and has been sent to you along with the personal views of the author. Our aim is only to provide information, readers should take it as information only. Apart from this, the responsibility of any kind will be of the reader himself who takes the decision. We or our associates are not responsible for this in any way. Thank you. 


Chaunsath Yogini | चौंसठ योगिनी आदिशक्ति मां काली का अवतार





#Chaunsath_Yogini |  #चौंसठ_योगिनी #आदिशक्ति #मां #काली का #अवतार

चौसठ योगिनी मंदिर या चौंसठ योगिनियां प्रायः आदिशक्ति मां काली का अवतार या अंश होती है। घोर नामक दैत्य के साथ युद्ध करते हुए माता ने उक्त चौंसठ चौंसठ अवतार लिए थे । यह भी माना जाता है कि ये सभी माता पार्वती  की सखियां हैं। इन चौंसठ देवियों में से दस महाविद्याएं और सिद्ध विद्याओं  की भी गणना की जाती है। ये सभी प्रायः आद्य शक्ति काली के ही भिन्न-भिन्न अवतारी अंश हैं। कुछ लोग कहते हैं कि समस्त योगिनियों का संबंध मुख्यतः काली कुल से हैं और ये सभी तंत्र तथा योग विद्या से घनिष्ठ सम्बन्ध रखती हैं। भारत में आठ या 9 प्रमुख चौसठ-योगिनी मंदिर का उल्लेख मिलता है । इसमें केवल पांच के लिखित साक्ष्य उपलब्ध होते हैं-दो ओडिशा में तथा तीन मध्य प्रदेश में। समस्त योगिनियां अलौकिक शक्तिओं से सम्पन्न हैं तथा इंद्रजाल, जादू, वशीकरण, मारण, स्तंभन इत्यादि कर्म इन्हीं की कृपा द्वारा ही सफल हो पाते हैं। प्रमुख रूप से आठ योगिनियों के नाम इस प्रकार हैं:- 1.सुर-सुंदरी योगिनी, 2.मनोहरा योगिनी, 3. कनकवती योगिनी, 4.कामेश्वरी योगिनी, 5. रति सुंदरी योगिनी, 6. पद्मिनी योगिनी, 7. नतिनी योगिनी और 8. मधुमती योगिनी।

चौंसठ #योगिनियों के नाम :- 

1.बहुरूप, 3.तारा, 3.नर्मदा, 4.यमुना, 5.शांति, 6.वारुणी 7.क्षेमंकरी, 8.ऐन्द्री, 9.वाराही, 10.रणवीरा, 11.वानर-मुखी, 12.वैष्णवी, 13.कालरात्रि, 14.वैद्यरूपा, 15.चर्चिका, 16.बेतली, 17.छिन्नमस्तिका, 18.वृषवाहन, 19.ज्वालाकामिनी, 20.घटवार, 21.कराकाली, 22.सरस्वती, 23.बिरूपा, 24.कौवेरी. 25.भलुका, 26.नारसिंही, 27.बिरजा,28.विकतांना, 29.महालक्ष्मी, 30.कौमारी, 31.महामाया, 32.रति, 33.करकरी, 34.सर्पश्या, 35.यक्षिणी, 36.विनायकी, 37.विंध्यवासिनी, 38. वीर कुमारी, 39. माहेश्वरी, 40.अम्बिका, 41.कामिनी, 42.घटाबरी, 43.स्तुती, 44.काली, 45.उमा, 46.नारायणी, 47.समुद्र, 48.ब्रह्मिनी, 49.ज्वाला मुखी, 50.आग्नेयी, 51.अदिति, 51.चन्द्रकान्ति, 53.वायुवेगा, 54.चामुण्डा, 55.मूरति, 56.गंगा,  57.धूमावती, 58.गांधार, 59.सर्व मंगला, 60.अजिता, 61.सूर्यपुत्री 62.वायु वीणा, 63.अघोर और 64. भद्रकाली।  

1. चौसठ योगिनी मंदिर, #मुरैना:- 

मध्य प्रदेश के मुरैना स्थित चौसठ योगिनी मंदिर का विशेष महत्व है। इस मंदिर को गुजरे ज़माने में तांत्रिक विश्वविद्यालय कहा जाता था। उस दौर में इस मंदिर में तांत्रिक अनुष्ठान करके तांत्रिक सिद्धियाँ हासिल करने के लिए तांत्रिकों का जमावड़ा  लगा रहता था I

2. चौंसठ योगिनी मंदिर, #जबलपुर:- 

चौंसठ योगिनी मंदिर जबलपुर, मध्य प्रदेश का प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है। यह मंदिर जबलपुर की ऐतिहासिक संपन्नता में एक और अध्याय जोड़ता है। प्रसिद्ध संगमरमर चट्टान के पास स्थित इस मंदिर में देवी दुर्गा की 64 अनुषंगिकों की प्रतिमा है।

3. चौंसठ योगिनी मंदिर, #खजुराहो:-

 शिवसागर झील के दक्षिण पश्चिम में स्थित चौसठ योगिनी मंदिर चंदेल कला की प्रथम कृति है। यह मंदिर भारत के सभी योगिनी मंदिरों में उत्तम है तथा यह निर्माण की दृष्टि से सबसे अधिक प्राचीन है। 

4. चौंसठ योगिनी मंदिर #हीरापुर उडीसा :- 

हीरापुर भुवनेश्‍वर से 20 किलोमीटर दूर एक छोटा सा गांव है। इसी गांव में भारत की सबसे छोटी योगिनी मंदिर 'चौसठ योगिनी' स्थित है।

5.#रानीपुर-

झरिया बलांनगिर उडीसा का चौंसठ योगिनी मन्दिर:-

ईटों से निर्मित यह एतिहासिक मन्दिर उड़ीसा के बलांगिर जिले के तितिलागढ़ तहसील रानीपुर झरिया नामक जुड़वे गांव में स्थित है।

जय मां जय जगत जननी 🙏🏻❤️🙏🏻

साभार: श्री कांत शर्मा  

सूचना:  यंहा दी गई  जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की  कोई गारंटी नहीं है। सूचना के  लिए विभिन्न माध्यमों से संकलित करके लेखक के निजी विचारो  के साथ यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह  की जिम्मेदारी स्वयं निर्णय लेने वाले पाठक की ही होगी।' हम या हमारे सहयोगी  किसी भी तरह से इसके लिए जिम्मेदार नहीं है | धन्यवाद। ... 

Notice: There is no guarantee of authenticity or reliability of the information/content/calculations given here. This information has been compiled from various mediums for information and has been sent to you along with the personal views of the author. Our aim is only to provide information, readers should take it as information only. Apart from this, the responsibility of any kind will be of the reader himself who takes the decision. We or our associates are not responsible for this in any way. Thank you. ,

26 मार्च 2024

Kejriwal is Trapped in his own Trap - अपने ही जाल में फंस रहा केजरीवाल - लेखक : सुभाष चन्द्र




अपने ही जाल में फंस रहा #केजरीवाल - #पानी, अस्पतालों की समस्या एक दिन में बिगड़ गई क्या?

केजरीवाल जैसी हरकतें कर रहा है #ED की #custody में रह कर वो उसी के लिए मुसीबत बन जाएगी इसमें कोई शक नहीं है - जो मोबाइल नहीं संभाल सका, उसने दिल्ली का क्या किया होगा -

शीश महल पर रेड के बाद 21 मार्च को केजरीवाल गिरफ्तार हुआ और 22 मार्च को कोर्ट ने उसे ED की custody में भेज दिया 28 मार्च तक के लिए -

23 मार्च को केजरीवाल की पत्नी उसे ED की custody में मिलती है और अगले दिन 24 मार्च को केजरीवाल का पत्र जनता के नाम मीडिया के सामने केजरीवाल की मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठ कर पढ़ती है जबकि न वो कोई मंत्री है और न किसी ओहदे पर है सरकार में -

24 मार्च को ही #आतिशी मार्लेना #केजरीवाल के Custody से उसके नाम जारी किया हुआ आदेश मीडिया में सुनाते हुए भावुक हो कर कहती है कि केवल केजरीवाल जी ही ऐसे व्यक्ति हैं जो कैद में रहते हुए भी जनता की चिंता कर सकते हैं - केजरीवाल ने आतिशी को कहा दिल्ली के कई इलाकों में लोगों को पानी की समस्या हो रही है जिसे तुरंत देखिए 

आज 26 मार्च को केजरीवाल का एक और कथित आदेश सौरभ भारद्वाज के नाम जारी हुआ जो खुद सौरभ ने पढ़ कर सुनाया कि मोहल्ला #clinics और #सरकारी #अस्पतालों में दवाइयों और #tests के गंभी समस्याएं हैं और इस पर तुरंत कार्रवाई करो जिससे जनता को कोई समस्या न हो 

अब ये दोनों कार्यालय आदेश केजरीवाल ने sign नहीं किए जिससे साफ़ पता चलता है कि आतिशी और सौरभ ने खुद ये फर्जी पत्र केजरीवाल के नाम से बनाए क्योंकि केजरीवाल को कोई computer नहीं दिया गया और ये पत्र computer पर type किए गए हैं -

केजरीवाल हो सकता है #सुनीता को दिया पत्र और #आतिशी / #सौरभ को दिए पत्र गिरफ्तार होने से पहले ही कह गया हो कि ऐसे पत्र जारी कर देना या जो बड़े बड़े नौकरशाह (रिटायर्ड) जो #feed #back #unit में काम करते रहे हैं, उन्होंने लिखे हों लेकिन #केजरीवाल यह भूल गया कि इन पत्रों को जारी करना तो #Custody में रह कर ही माना जाएगा -

फिर केजरीवाल यह भी भूल गया कि पानी और अस्पतालों / #मोहल्ला_क्लीनिक की दुर्दशा बता कर वह अपने ही मंत्रियों को निकम्मा साबित कर रहा है क्योंकि उसके कहने का मतलब है कि 21 मार्च तक जब तक मैं था, तब तक कोई समस्या नहीं थी और 2 दिन में आतिशी ने पानी की व्यवस्था बिगाड़ दी और सौरभ ने 4 दिन में अस्पतालों का बेड़ा गर्क कर दिया -


पानी की समस्या इसलिए बता रहा है कि जेल जाने पर पता नहीं कैसा पानी मिले और फिर जाना भी सरकारी अस्पताल में पड़ेगा -

जेल से सरकार चलाने का भूत जल्दी उतरेगा क्योंकि सब पर जल्द जांच में धोखाधड़ी का केस बना देगी ED और सारे अपने ही जाल में फंस जाएंगे -

यह फर्जीवाड़ा #Constitutional #machinery का ध्वस्त होना माना जा सकता है और सरकार को बर्खास्त किया जा सकता है जबकि यदि केजरीवाल त्यागपत्र देता है और किसी को कुर्सी सौंप देता है तो “#आप” की हुकूमत शायद चलती रहे -


एक मामला जो बहुत गंभीर मोड़ पर पहुँच सकता है वह है #ED के अधिकारियों की जासूसी का जिसके लिए हो सकता है देशद्रोह का भी केस चल जाए - एक खबर के मुताबिक केजरीवाल ने अपनी #Feed #Back #Unit में 15 से ज्यादा रिटायर्ड नौकरशाहों के जरिए यह जासूसी कराई थी और जिनकी जासूसी की गई उनमे #प्रधानमंत्री, #मुख्यमंत्री, #सुप्रीम_कोर्ट और #हाई_कोर्ट के #जज, #वकील #नौकरशाह, तीनो #सेना के अधिकारी और #विपक्ष के नेता शामिल थे - इसकी जांच #CBI पहले ही कर रही है - मजे की बात है इस कलाकार #CM ने #इज़रायल को #Military #Grade #Snooping #Device का #order भी दिया था खरीदने के लिए जो उस कंपनी ने देने से मना कर दिया था -


जो रिटायर्ड नौकरशाह इस  Feedback Unit में काम कर रहे थे, उन पर तुरंत रेड होनी चाहिए और मामले की गंभीरता को देखते हुए हो सके तो उनकी पेंशन रोक देनी चाहिए -

"लेखक के निजी विचार हैं "

 लेखक : सुभाष चन्द्र  | मैं हूं मोदी का परिवार | “मैं वंशज श्री राम का” 26/03/2024 

#Kejriwal  #judiciary #ed #cbi #delhi #sharabghotala #Rouse_Avenue_court #liquor_scam #aap  #Muslims,#implemented_CAA,#Mamata, #Stalin, #Vijayan, #threatening , #impose_CAA ,#respective_states,#Opposition_Against_CAA, #persecuted_Hindus #minorities, #except_Muslims #Congress_Party,  #political_party,  #indi #gathbandhan  #Prime_Minister  #Rahulgandhi  #PM_MODI #Narendra _Modi #BJP #NDA #Samantha_Pawar #George_Soros #Modi_Govt_vs_Supreme_Court #Arvind_Kejriwal, #DMK  #A_Raja  #top_stories #Prime_Minister, #Chief_Minister, #Supreme_Court, #High_Court_judges, #lawyers, #bureaucrats, #officers  #opposition #leaders  #CBI 

सूचना:  यंहा दी गई  जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की  कोई गारंटी नहीं है। सूचना के  लिए विभिन्न माध्यमों से संकलित करके लेखक के निजी विचारो  के साथ यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह  की जिम्मेदारी स्वयं निर्णय लेने वाले पाठक की ही होगी।' हम या हमारे सहयोगी  किसी भी तरह से इसके लिए जिम्मेदार नहीं है | धन्यवाद। ... 

Notice: There is no guarantee of authenticity or reliability of the information/content/calculations given here. This information has been compiled from various mediums for information and has been sent to you along with the personal views of the author. Our aim is only to provide information, readers should take it as information only. Apart from this, the responsibility of any kind will be of the reader himself who takes the decision. We or our associates are not responsible for this in any way. Thank you. ,

25 मार्च 2024

Kejriwal Demand to Build Office in Jail | केजरीवाल जेल में ऑफिस बनाने की मांग | केजरीवाल की जेल से चिट्ठियां- लेखक : सुभाष चन्द्र


 

केजरीवाल की ED रिमांड से 2 चिट्ठियां 

और जेल में ऑफिस बनाने की मांग -

फ़ोन कहां गया CM को याद नहीं, है न कमाल की कहानी -

अभी और गलतियां करता जाएगा 

अपने 22 मार्च के लेख 

ED vs Kejriwal | ये हालत होगी, पता था लेकिन इसके लिए जिम्मेदार केजरीवाल खुद और सिंघवी है https://mereeduneeyaa.blogspot.com/2024/03/ed-vs-kejriwal.html

 में मैंने लिखा था कि आज की स्थिति के लिए केजरीवाल खुद और उसका वकील सिंघवी जिम्मेदार हैं जो 9 summons को दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दे दी - समय जो विपरीत आ गया था अन्यथा अभी एक summon पर और न जाता तो कुछ दिन अंदर जाने से बचा रहता -


अब और भी गलतियां करता जाएगा ये दिल्ली का राजा - रिमांड में जाते ही पत्नी को जनता के नाम चिट्ठी दे दी पढ़ने के लिए और उसने पढ़ भी दी - यही सबसे बड़ी गलती थी क्योंकि ED की कस्टडी में “कैद” में रह कर केजरीवाल कोई भी चिठ्ठी कैसे लिख सकता है - उसके बाद उसने कैद से ही आतिशी मारलेना को दिल्ली में जल की समस्या के लिए विर्देश देते हुए आदेश पारित किए जो Official Order थे और आतिशी भी बड़ी नज़ाकत से प्रेस में पढ़ कर बता रही थी कि जनता के लिए समर्पित मुख्यमंत्री को जेल में रह कर भी जनता की कितनी चिंता है -


ये एक अलग गलती थी जिसके लिए सुनने में आया है कि ED जांच कर रही है कि जब केजरीवाल को कोई कंप्यूटर और टाइपराइटर नहीं दिया गया तो केजरीवाल की चिट्ठी बाहर कैसे आ गई और हो सकता है इस पर अलग से कार्रवाई हो जाए - ऐसा भी कहा गया है कि आतिशी को दिए गए पत्र में निर्देश हिंदी में थे लेकिन केजरीवाल को हिंदी में टाइप करना आता ही नहीं - इसमें आतिशी भी लपेटे में आएगी -


इसके अलावा कल से यह भी शोर मचाया जा रहा है जैसा आतिशी ने कहा कि केजरीवाल जी दिल्ली के मुख्यमंत्री थे, अभी भी हैं और आगे भी रहेंगे - केजरीवाल के लिए जेल में उनका ऑफिस स्थापित करने की मांग की जाएगी, ऐसा पंजाब के CM भगवंत मान ने भी कहा है कि वह इसके लिए सुप्रीम कोर्ट जाएंगे 


जेल में कैदी को काम उनकी शैक्षिक योग्यता और सामाजिक प्रतिष्ठा को ध्यान में रख कर दिया जाता है लेकिन केजरीवाल अपने Profession को देखते हुए काम करने के लिए ऑफिस मांगना चाहता है - ऐसी मांग स्वीकार करते हुए सुप्रीम कोर्ट को 50 बार सोचना पड़ेगा क्योंकि फिर हर कोई व्यक्ति अपने Profession के अनुसार काम करने की अनुमति चाहेगा -


इस संदर्भ में सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस L Nageshwar Rao के 25 मई 2022 के फैसले को देखना पड़ेगा जिसमे उन्होंने कहा था कि वेश्यावृति एक Profession है लेकिन वेश्यालय चलाना एक अपराध है - उन्होंने कहा था : “sex workers should not be “arrested or penalised or harassed or victimised” whenever there is a raid on any brothel, “since voluntary sex work is not illegal and only running the brothel is unlawful”


अगर केजरीवाल के ऑफिस खोलने की अनुमति दी गई तो जो भी sex workers किसी भी जुर्म में कहीं भी जेल में हैं, तो वो भी तुरंत अनुमति चाहेंगी कि उन्हें भी अपना Profession का काम करने की अनुमति दी जाए.


केजरीवाल चौड़ा हो रहा है कि वो जेल से सरकार चलाएगा और त्यागपत्र नहीं देगा - सत्येंद्र जैन को भी एक साल तक मंत्री बने रहने दिया था लेकिन सिसोदिया के गिरफ्तार होते ही दोनों का Resignation ले लिया था - केजरीवाल ने कहा था “सिसोदिया चोरी करेगा तो वो केजरीवाल का सगा नहीं है, उसे जेल जाना पड़ेगा और केजरीवाल चोरी करेगा तो वो भी किसी का सगा नहीं है उसे भी जेल जाना होगा” - लेकिन खुद जेल जाने से बचता रहा -


अब सिसोदिया और जैन किसी के सगे नहीं थे तो जेल जाकर त्यागपत्र देना पड़ा, फिर केजरीवाल किसका सगा है जो जेल जाकर भी त्यागपत्र नहीं देगा -


जिसके पास कोई मंत्रालय नहीं है और जो कहीं sign नहीं करता और जिसे इतना भी याद है कि उसका फ़ोन कहा गया, उसे जेल में office किस लिए चाहिए -

"लेखक के निजी विचार हैं "

 लेखक : सुभाष चन्द्र  | मैं हूं मोदी का परिवार | “मैं वंशज श्री राम का” 25/03/2024 

#Kejriwal  #judiciary #ed #cbi #delhi #sharabghotala #Rouse_Avenue_court #liquor_scam #aap  #Muslims,#implemented_CAA,#Mamata, #Stalin, #Vijayan, #threatening , #impose_CAA ,#respective_states,#Opposition_Against_CAA, #persecuted_Hindus #minorities, #except_Muslims #Congress_Party,  #political_party,  #indi #gathbandhan  #Prime_Minister  #Rahulgandhi  #PM_MODI #Narendra _Modi #BJP #NDA #Samantha_Pawar #George_Soros #Modi_Govt_vs_Supreme_Court #Arvind_Kejriwal, #DMK  #A_Raja  #top_stories

सूचना:  यंहा दी गई  जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की  कोई गारंटी नहीं है। सूचना के  लिए विभिन्न माध्यमों से संकलित करके लेखक के निजी विचारो  के साथ यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह  की जिम्मेदारी स्वयं निर्णय लेने वाले पाठक की ही होगी।' हम या हमारे सहयोगी  किसी भी तरह से इसके लिए जिम्मेदार नहीं है | धन्यवाद। ... 

Notice: There is no guarantee of authenticity or reliability of the information/content/calculations given here. This information has been compiled from various mediums for information and has been sent to you along with the personal views of the author. Our aim is only to provide information, readers should take it as information only. Apart from this, the responsibility of any kind will be of the reader himself who takes the decision. We or our associates are not responsible for this in any way. Thank you. ,

Supriya Shrinate has now lost her mental balance - Congress is facing defeat. सुप्रिया श्रीनेत अब मानसिक संतुलन खो बैठी - कांग्रेस को हार सामने दिख रही है - लेखक : सुभाष चन्द्र



हर तरह से Frustrated लगती सुप्रिया श्रीनेत 

अब मानसिक संतुलन खो बैठी -

कांग्रेस और उसके साथी पागल से 

हो रहे हैं - हार सामने दिख रही है -


कल जब #कंगना #रनौत #Kangana #Ranaut को #हिमाचल_प्रदेश की #मंडी सीट से टिकट दिया गया था, मुझे तब ही आभास हो गया था कि कांग्रेस के “भाषा विशेषज्ञ” अपना ज्ञान जरूर बरसाएंगे इस सीट के लिए और वही हुआ है - 


अपने इंस्टा पर #सुप्रिया #श्रीनेत #Supriya_Shrinate  ने एक स्त्री होते हुए कंगना रनौत के लिए सभी मर्यादाएं पार करते हुए भद्दी टिप्पणी करते हुए लिखा - “क्या भाव चल रहा है मंडी में कोई बताएगा” और यह लिखते हुए श्रीनेत ने कंगना की एक #Racy #Picture लगाई - अब इन शब्दों का मतलब कोई भी समझ सकता है - अगर श्रीनेत को कहा जाए कि “पूछ तो ऐसे रही हो जैसे खुद कोई .... चलाती हो और......  worker तलाश कर रही हो” तो कैसा लगेगा - और एक बार अपनी पार्टी में भी पूछ ले की किस किस  काम का क्या “रेट” हुआ करता था -


इस पर कांग्रेस की 78 साल की #मृणाल पांडे, जो एक अलग तरह की #Frustrated आत्मा लगती है कहती है शायद अपने #Experience से -”शायद यूँ कि मंडी में सही रेट मिलता है” - वहीँ कांग्रेस के एक पदाधिकारी #HS_Ahir ने ट्वीट किया “मंडी से ......


जब भाजपा ने श्रीनेत को आड़े हाथों लिया तो उसने 2 घंटे बाद सफाई देते हुए कहा कि “उसका मेटा अकाउंट हैक हो गया और पोस्ट को डिलीट कर दिया उसने दावा भी किया जो लोग मुझे जानते हैं, उन्हें पता है मैं किसी महिला के लिए ऐसा नहीं कह सकती” - 


एक यह और झूठ बोला #श्रीनेत ने, उसे याद नहीं उसने #स्मृति_ईरानी के लिए #राहुल_गांधी के #Flying_Kiss ड्रामे पर कहा था “वो औरत के नाम पर एक धब्बा है” 


सवाल यह उठता है कि जब सुप्रिया श्रीनेत का अकाउंट हैक हो गया था तो वह पोस्ट तो उसकी थी ही नहीं, वो तो किसी हैकर ने लिखी थी - फिर पोस्ट को डिलीट करने का कोई औचित्य था ही नहीं - 


अब भाजपा खड़गे से कह रही है सुप्रिया को बर्खास्त करो लेकिन #कांग्रेस तो ऐसी गाली बकने वालों को इनाम देती है, वो सुप्रिया पर कोई कार्रवाई नहीं करेगी - कांग्रेस तो अपने सहयोगी #DMK के #प्रधानमंत्री को दी गई किसी गाली पर विरोध नहीं दिखाते और #सनातन #Sanatan को समाप्त करने और #हिन्दू_धर्म #Hindu_Religion को शत्रु बताने पर #द्रमुक के साथ खड़े होते हैं -


द्रमुक के एक मंत्री  #TM #Anbarasan ने अभी 13 मार्च को कहा था कि "I am silent and speaking in a soft manner as I am a #Minister. If I weren't a Minister, I would have chopped him (#PM #Modi) to pieces" - कांग्रेस ने तो  खुद मोदी के टुकड़े करने वाले इमरान मसूद को उत्तर प्रदेश कांग्रेस का उपाध्यक्ष और #AICC का राष्ट्रीय सचिव भी बनाया था - वो कांग्रेस भला #TM_Anbarasan का विरोध कैसे करेगी बल्कि कांग्रेस को तो अच्छा लगेगा अगर वह मंत्री मोदी की हत्या कर देगा क्योंकि मोदी को कांग्रेस वैसे तो हरा नहीं सकती -


आज तमिलनाडु के एक और मंत्री अनीता राधाकृष्णन ने प्रधानमंत्री मोदी के लिए अपशब्द बोले हैं कि “आप (मोदी)  कामराज की सोते हुए हत्या करना चाहते थे, आप तो बात ऐसे कर रहे हो जैसे कामराज आपको गले लगाते थे और भी बहुत कुछ कहा है - कामराज कांग्रेस से मुख्यमंत्री थे और मोदी की उनकी तारीफ करने पर द्रमुक मंत्री मोदी को ऐसे बेइज़्ज़त करता है लेकिन कांग्रेस खामोश है -


कांग्रेस और उसके साथियों का गिरोह “#इंडी #ठगबंधन” #Indi #Thugbandhan अंधेरे में भटकता हुआ “#गैंग” है जिसे कहीं कोई ठिकाना नज़र नहीं आ रहा - सभी को हार दिखाई दे रही है जिसकी वजह से मानसिक संतुलन खो कर जो मुंह में आ रहा है, वह बोल रहे हैं - एक तो प्रधानमंत्री बनने के सपने देखते देखते जेल पहुंच गया -

"लेखक के निजी विचार हैं "

 लेखक : सुभाष चन्द्र  | मैं हूं मोदी का परिवार | “मैं वंशज श्री राम का” 25/03/2024 

#Supriya_Shrinate, #Kangana #Ranaut #HS_Ahir #Hindu_Religion #Kejriwal  #judiciary #ed #cbi #delhi #sharabghotala #Rouse_Avenue_court #liquor_scam #TM #Indi #Thugbandhan #Anbarasan #aap  #Muslims,#implemented_CAA,#Mamata, #Stalin, #Vijayan, #threatening , #impose_CAA ,#respective_states,#Opposition_Against_CAA, #persecuted_Hindus #minorities, #except_Muslims #Congress_Party,  #political_party,  #indi #gathbandhan  #Prime_Minister  #Rahulgandhi  #PM_MODI #Narendra _Modi #BJP #NDA #Samantha_Pawar #George_Soros #Modi_Govt_vs_Supreme_Court #Arvind_Kejriwal, #DMK  #A_Raja  #top_stories


सूचना:  यंहा दी गई  जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की  कोई गारंटी नहीं है। सूचना के  लिए विभिन्न माध्यमों से संकलित करके लेखक के निजी विचारो  के साथ यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह  की जिम्मेदारी स्वयं निर्णय लेने वाले पाठक की ही होगी।' हम या हमारे सहयोगी  किसी भी तरह से इसके लिए जिम्मेदार नहीं है | धन्यवाद। ... 

Notice: There is no guarantee of authenticity or reliability of the information/content/calculations given here. This information has been compiled from various mediums for information and has been sent to you along with the personal views of the author. Our aim is only to provide information, readers should take it as information only. Apart from this, the responsibility of any kind will be of the reader himself who takes the decision. We or our associates are not responsible for this in any way. Thank you. ,

24 मार्च 2024

ISIS-K Attack on Russia - रूस पर ISIS - K का हमला विश्व शांति के लिए खतरा हो सकता है - लेखक : सुभाष चन्द्र




इस्लामिक आतंकी हमले की चेतावनी  मैंने 3 दिन पहले दी थी -

#ISIS-K #attack on Russia - #रूस पर #ISIS - #K का हमला विश्व शांति के लिए खतरा हो सकता है -

अपने 21 मार्च के लेख में मैंने #इज़रायल को #हमास #हिज्बुल्ला और #हूती के #रमजान के महीने में हमलों से सावधान रहने को कहा था और उन पश्चिमी देशों के लिए भी कहा जो हमास के साथ #युद्ध में इज़रायल का समर्थन कर रहे हैं - इन देशों पर #इस्लामिक #आतंकियों का र#मजान के महीने  में हमला हो सकता है -

हालांकि #रूस #इज़रायल का समर्थन नहीं कर रहा लेकिन वह भी कुछ हद तक यूरोप का हिस्सा है और इस तरह बड़े इस्लामिक हमले  की मेरी चेतावनी गलत नहीं थी - 

जब #इज़रायल पर #हमास के दरिंदों ने 7 अक्टूबर, 2023 को हमला करके 1400 निर्दोष नागरिकों का रक्त बहाया था तब यह आरोप लगा था कि इज़रायल जैसे देश की ख़ुफ़िया एजेंसी #मोसाद विफल रही - सत्य क्या था पता नहीं परंतु इतने बड़े हमले को देख कर कोई यह कह सकता है कि मोसाद विफल रहा - इज़रायल ने खुल कर रूस पर #आतंकी हमले की निंदा की है जबकि रूस ने गोलमोल प्रतिक्रिया दी थी -

अब रूस में इस वीभत्स हमले को देख कर माना जा सकता है कि रूस की ख़ुफ़िया एजेंसियां भी विफल रही - इतने बड़े #concert हॉल में 5 लोगों ने जिस तरह 145 लोगों को मौत के घाट उतार दिया और सैंड़कों को घायल किया, उसे देख कर लगता है किसी तरह की कोई सुरक्षा थी ही नहीं जो 5 आतंकी मौत के तांडव के साथ पूरे हॉल को आग के हवाले कर कर गए -

ISIS - K ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है जबकि अमेरिका ने कहा है कि इस हमले में यूक्रेन का कोई हाथ नहीं है - दूसरी तरफ यह कहा गया है रूस की सुरक्षा एजेंसियों ने 2 आतंकियों को यूक्रेन की तरफ भागते हुए ही पकड़ा है - यदि यूक्रेन इसमें शामिल है तो कोई बड़ी बात नहीं है क्योंकि यूक्रेन और रूस एक दूसरे पर तरह तरह के हमले करने की फ़िराक में रहते ही हैं -

लेकिन ISIS - K के दावे की भी रूस जांच कर रहा है और पुतिन ने कहा है कि जो भी गुनहगार है उससे बदला लिया जाएगा और #पुतिन कैसा बदला ले सकता है, उस पर कुछ नहीं कहा जा सकता - मगर विश्व शांति के लिए एक नया खतरा खड़ा हो सकता है -

"लेखक के निजी विचार हैं "

 लेखक : सुभाष चन्द्र  | मैं हूं मोदी का परिवार | “मैं वंशज श्री राम का” 24/03/2024 

#islamic_terrorist_attack #warning, #Putin , #ISIS_K_attack #Russia #threat #world_peace #Hamas, #Hezbollah #Houthi #Ramadan, #Israel #attack #Terrorists  #Ukraine, #Russian_intelligence_agencies, #Mossad_failed  #top_stories

सूचना:  यंहा दी गई  जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की  कोई गारंटी नहीं है। सूचना के  लिए विभिन्न माध्यमों से संकलित करके लेखक के निजी विचारो  के साथ यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह  की जिम्मेदारी स्वयं निर्णय लेने वाले पाठक की ही होगी।' हम या हमारे सहयोगी  किसी भी तरह से इसके लिए जिम्मेदार नहीं है | धन्यवाद। ... 

Notice: There is no guarantee of authenticity or reliability of the information/content/calculations given here. This information has been compiled from various mediums for information and has been sent to you along with the personal views of the author. Our aim is only to provide information, readers should take it as information only. Apart from this, the responsibility of any kind will be of the reader himself who takes the decision. We or our associates are not responsible for this in any way. Thank you. ,

Happy Holi | होली वसंत ऋतु का प्रतिनिधित्व करने वाला एक आनंदमय त्योहार है | होली को 'फगुआ', 'धुलेंडी', 'दोल' के नाम से जाना जाता है।

 



#होली #वसंत ऋतु में मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण #भारतीय और नेपाली लोगों का त्यौहार है। यह #पर्व #हिंदू #पंचांग के अनुसार #फाल्गुन मास की #पूर्णिमा को मनाया जाता है। होली #रंगों का तथा हँसी-खुशी का त्योहार है। यह #भारत का एक प्रमुख और प्रसिद्ध #त्योहार है, जो आज विश्वभर में मनाया जाने लगा है| 


होली को 'फगुआ', 'धुलेंडी', 'दोल' के नाम से जाना जाता है।


#Holi is a popular and significant #Hindu #festival #celebrated as the Festival of #Colours, #Love, and #Spring. It celebrates the eternal and divine love of the deities #Radha and #Krishna. Additionally, the day signifies the triumph of good over evil, as it commemorates the victory of #Vishnu as #Narasimha over #Hiranyakaship


Holi is still known as '#Fagua', '#Dhulendi', '#Dol'.


#भगवान #विष्णु के प्रति प्रहलाद की अटूट भक्ति के कारण उसके पिता #हिरणाकश्यप को क्रोध आया, जिसके कारण होलिका ने एक विश्वासघाती योजना बनाई. हालांकि, दैवीय हस्तक्षेप ने बुराई को विफल कर दिया, जिससे #होलिका दहन की शुरुआत हुई और अंधकार पर अच्छाई की जीत का स्थायी उत्सव मनाया गया | 


#Prahlad's unwavering devotion towards #Lord #Vishnu angered his father #Hiranyakashipu, due to which Holika hatched a treacherous plan. However, divine intervention thwarted the evil, leading to the beginning of #Holika Dahan and the enduring #celebration of the victory of good over darkness.


होली की रात को सिद्धि रात्रि भी कहा जाता है यानी इस रात को किए गए तंत्र उपाय जल्दी ही सिद्ध हो जाते हैं. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, होलिका दहन से आसपास की नकारात्मक शक्तियां नष्ट होती हैं और जीवन में खुशियां आती हैं. ऐसा कहा जाता है कि होलिका दहन की राख से कई सारे दुखों से मुक्ति मिल जाती है | 


The night of Holi is also called #Siddhi_Ratri, that is, the #Tantra remedies done on this night get proved soon. According to religious beliefs, Holika Dahan destroys the negative powers around and brings happiness in life. It is said that the ashes of #Holika_Dahan provide relief from many sorrows.


सूचना:  यंहा दी गई  जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की  कोई गारंटी नहीं है। सूचना के  लिए विभिन्न माध्यमों से संकलित करके लेखक के निजी विचारो  के साथ यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह  की जिम्मेदारी स्वयं निर्णय लेने वाले पाठक की ही होगी।' हम या हमारे सहयोगी  किसी भी तरह से इसके लिए जिम्मेदार नहीं है | धन्यवाद। ... 

Notice: There is no guarantee of authenticity or reliability of the information/content/calculations given here. This information has been compiled from various mediums for information and has been sent to you along with the personal views of the author. Our aim is only to provide information, readers should take it as information only. Apart from this, the responsibility of any kind will be of the reader himself who takes the decision. We or our associates are not responsible for this in any way. Thank you. 

| पंडित हरिभाऊ उपाध्याय | साहित्यकार तथा स्वतंत्रता आंदोलन के राष्ट्रसेवी | 24 मार्च, 1892 - 25 अगस्त, 1972

 


हरिभाऊ उपाध्याय का जन्म 24 मार्च, 1892 को मध्य प्रदेश में #उज्जैन ज़िले के #भौंरोसा नामक गाँव में हुआ था। विद्यार्थी जीवन से ही उनके मन में साहित्य के प्रति चेतना जाग्रत हो गई थी। संस्कृत के नाटकों तथा अंग्रेज़ी के प्रसिद्ध उपन्यासों के अध्ययन के बाद वे उपन्यास लेखन की  और अग्रसर हुए।

🇮🇳 हरिभाऊ उपाध्याय ने हिन्दी सेवा से सार्वजनिक जीवन शुरू किया और  सबसे पहले  ‘औदुम्बर’ मासिक पत्र के प्रकाशन द्वारा हिन्दी पत्रकारिता जगत में पर्दापण किया। सबसे पहले  1911 में वे ‘औदुम्बर’ के सम्पादक बने। पढ़ते-पढ़ते ही इन्होंने इसके सम्पादन का कार्य भी आरम्भ किया। ‘औदुम्बर’ में कई विद्वानों के विविध विषयों से सम्बद्ध पहली बार लेखमाला निकली, जिससे हिन्दी भाषा की स्वाभाविक प्रगति हुई। इसका श्रेय हरिभाऊ के उत्साह और लगन को ही जाता है। 1915  में हरिभाऊ उपाध्याय #महावीर_प्रसाद_द्विवेदी के सान्निध्य में आये। हरिभाऊ जी खुद लिखते हैं कि- “औदुम्बर की सेवाओं ने मुझे आचार्य द्विवेदी जी की सेवा में पहुँचाया।” द्विवेदी जी के साथ ‘सरस्वती’ में कार्य करने के बाद हरिभाऊ उपाध्याय ने ‘प्रताप’, ‘हिन्दी नवजीवन’ और ‘प्रभा’ के सम्पादन में योगदान दिया और स्वयं ‘मालव मयूर’ नामक पत्र निकालने की योजना बनायी। लेकिन यह पत्र अधिक दिन नहीं चल सका।

🇮🇳 हरिभाऊ उपाध्याय की हिन्दी साहित्य को विशेष देन उनके द्वारा बहुमूल्य पुस्तकों का रूपांतरण है। कई मौलिक रचनाओं के अलावा उन्होंने जवाहरलाल नेहरू की ‘मेरी कहानी’ और पट्टाभि सीतारमैया द्वारा लिखित ‘कांग्रेस का इतिहास’ का हिन्दी में अनुवाद किया। हरिभाऊ जी का प्रयास हमें भारतेन्दु काल की याद दिलाता है, जब प्राय: सभी हिन्दी लेखक बंगला से हिन्दी में अनुवाद करके साहित्य की अभिवृद्धि करते थे। अनुवाद करने में भी उन्होंने इस बात का सदा ध्यान रखा कि पुस्तक की भाषा लेखक की भाषा और उसके व्यक्तित्व के अनुरूप हो। अनुवाद पढ़ने से यह अनुभव नहीं होता कि अनुवाद पढ़ रहे हैं। यही अनुभव होता है कि मानो स्वयं मूल लेखक की ही वाणी और विचारधारा अविरल रूप से उसी मूल स्त्रोत से बह रही है। इस प्रकार हरिभाऊ जी ने अपने साथी जननायकों के ग्रंथों का अनुवाद करके हिन्दी साहित्य को व्यापकता प्रदान की।

🇮🇳 हरिभाऊ उपाध्याय की अनेक पुस्तकें आज हिन्दी साहित्य जगत को प्राप्त हो चुकी हैं। उनके नाम इस प्रकार हैं-

• ‘बापू के आश्रम में’

• ‘स्वतंत्रता की ओर’

• ‘सर्वोदय की बुनियाद’

• ‘श्रेयार्थी जमनालाल जी’

• ‘साधना के पथ पर’

• ‘भागवत धर्म’

• ‘मनन’

• ‘विश्व की विभूतियाँ’

• ‘पुण्य स्मरण’

• 'प्रियदर्शी अशोक’

• ‘हिंसा का मुकाबला कैसे करें’

• ‘दूर्वादल’ (कविता संग्रह)

• ‘स्वामी जी का बलिदान’

• ‘हमारा कर्त्तव्य और युगधर्म’

🇮🇳 ☝️इन सभी रचनाओं से हिन्दी साहित्य निश्चित ही समृद्ध हुआ है। हरिभाऊ जी की रचनाएँ भाव, भाषा और शैली की दृष्टि से बड़ी आकर्षक हैं। इनमें रस है, मधुरता और उज्ज्वलता है। इनमें सत्य और अहिंसा की शुभ्रता है, धर्म की समंवयबुद्धि है और लेखनी की सतत साधना और प्रेरणा है।

🇮🇳 #महात्मा_गाँधी से प्रभावित होकर हरिभाऊ उपाध्याय ‘भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलन’ में कूद पड़े थे। पुरानी अजमेर रियासत में इन्हें कई बार जेल जाना पड़ा। स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद वे अजमेर के मुख्यमंत्री निर्वाचित हुए थे। हरिभाऊ जी हृदय से ये अत्यंत कोमल थे, लेकिन सिद्धांतों के साथ कोई समझौता नहीं करते थे। राजस्थान की सब रियासतों को मिलाकर राजस्थान राज्य बना और इसके कई वर्षों बाद मोहनलाल सुखाड़िया मुख्यमंत्री बने थे। उन्होंने अत्यंत आग्रहपूर्वक हरिभाऊ उपाध्याय को पहले वित्त फिर शिक्षामंत्री बनाया था। बहुत दिनों तक वे इस पद पर रहे, लेकिन स्वास्थ्य ठीक न रहने के कारण त्यागपत्र दे दिया। हरिभाऊ उपाध्याय कई वर्षों तक राजस्थान की ‘शासकीय साहित्य अकादमी’ के अध्यक्ष भी रहे। उन्होंने ‘महिला शिक्षा सदन’, हटूँडी (अजमेर) और ‘सस्ता साहित्य मंडल’ की स्थापना की थी।

🇮🇳 हरिभाऊ उपाध्याय  25 अगस्त, 1972 को मृत्यु हो गई ।

🇮🇳 #भारत के प्रसिद्ध #साहित्यकार तथा #स्वतंत्रता आंदोलन के राष्ट्रसेवी #पंडित_हरिभाऊ_उपाध्याय जी को उनकी जयंती पर हार्दिक श्रद्धांजलि !

#Pandit_Haribhau_Upadhyay ji

🇮🇳💐🙏

#प्रेरणादायी_व्यक्तित्व

#आजादी_का_अमृतकाल


साभार: चन्द्र कांत  (Chandra Kant) राष्ट्रीय उपाध्यक्ष - मातृभूमि सेवा संस्था 

सूचना:  यंहा दी गई  जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की  कोई गारंटी नहीं है। सूचना के  लिए विभिन्न माध्यमों से संकलित करके लेखक के निजी विचारो  के साथ यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह  की जिम्मेदारी स्वयं निर्णय लेने वाले पाठक की ही होगी।' हम या हमारे सहयोगी  किसी भी तरह से इसके लिए जिम्मेदार नहीं है | धन्यवाद। ... 

Notice: There is no guarantee of authenticity or reliability of the information/content/calculations given here. This information has been compiled from various mediums for information and has been sent to you along with the personal views of the author. Our aim is only to provide information, readers should take it as information only. Apart from this, the responsibility of any kind will be of the reader himself who takes the decision. We or our associates are not responsible for this in any way. Thank you. 


Radhikaraman Prasad Singh | राधिकारमण प्रसाद सिंह | पद्मभूषण तथा साहित्य वाचस्पति की उपाधि से अलंकृत साहित्यकार |




 जब वक्त्त गुजर जाता है तो याद बनती है. किसी बाग की खुशबू निकल जाए तो फूल खिलने की फरियाद आती है. इसी तरह आज साहित्य नगरी #सूर्यपुरा का स्वर्णिम अतीत सिर्फ यादों में सिमटकर रह गया है. साहित्याकाश के दीप्तिमान नक्षत्र राजा राधिकारमण प्रसाद सिंह का किला आज भले ही रख रखाव के अभाव में खंडहर में तब्दील होने लगा हो परंतु लाहौरी ईट से बना यह किला आज भी राजा साहब की याद को ताजा करता है.

🇮🇳🔰 राजा राधिका रमण प्रसाद सिंह का जन्म 10 सितम्बर 1890 को तत्कालीन #शाहाबाद जिला के #बिक्रमगंज के #सूर्यपुरा ग्राम के एक कायस्थ परिवार में हुआ था. बड़े जमींदार होने की वजह से अपने नाम के साथ सिंह लगाते थे. इनके पिता #राज_राजेश्वरी_प्रसाद_सिंह हिन्दी, अंग्रेजी, संस्कृत, बंग्ला, फ़ारसी तथा पश्तो के विद्वान होने के साथ ब्रज भाषा के एक बड़े कवि भी थे. राधिका रमण प्रसाद के पितामह #दीवान_राम_कुमार_सिंह साहित्यक प्रवृत्ति के व्यक्ति थे और कुमार उपनाम से ब्रज भाषा मे कविताएं लिखा करते थे. ये कहना गलत नही होगा कि राजा राधिका रमण प्रसाद सिंह को साहित्य विरासत में मिला था.

🇮🇳🔰 उनकी प्राम्भिक शिक्षा घर पर ही हुई. घर पर ही उन्होंने संस्कृत हिन्दी और अंग्रेजी की प्राम्भिक शिक्षा पूर्ण की. 1903 ई. में पिता के अचानक स्वर्गवास होने पर इनकी रियासत कोर्ट ऑफ वांडर्स के अधीन हो गई. शाहाबाद के कलक्टर के अभिभाकत्व में उन्होंने आरा जिला स्कूल में दाखिला लिया. कुछ ही दिन बाद जिलाधिकारी ने उन्हे कलकत्ता भेज दिया. वही से उन्होने दसवीं की परीक्षा प्रथम श्रेणी में पास की. उस समय तक उन्होंने ब्रजभाषा में कविता लिखना शुरू कर दिया था. #बंगभंग_आंदोलन से प्रभावित होने के कारण जिलाधिकारी ने आगरा कॉलेज, आगरा में उनका नाम लिखवा दिया. वहाँ से उन्होने एफ.ए. (इंटरमीडिएट)किया. 1912 ई. में प्रयाग विश्वविद्यालय से बीए का परीक्षा पास किए. उसी समय उनकी प्रथम कहानी कानों में कंगना इन्दु में प्रकाशित हुई. 1914 ई. में कलकत्ता विश्वविद्यालय से एम.ए. (इतिहास) की परीक्षाएं पास कीं.

🇮🇳🔰 1917 ई. में जब वे बालिग हुए, तब रियासत ‘कोर्ट ऑव वार्ड्स’ के बंधन से मुक्त हुए और वे उसके स्वामी हो गए. सन् 1920 ई. के आसपास अंग्रेजी सरकार ने राधिकारमण प्रसाद सिंह को ‘राजा’ की उपाधि से विभूषित किया. इसी बीच उन्हें बिहार प्रादेशिक हिन्दी साहित्य सम्मेलन का अध्यक्ष निर्वाचित किया गया. 1921 ई. में उन्हें शाहाबाद जिला परिषद के डिस्ट्रिक्ट बोर्ड के प्रथम भारतीय चेयरमैन के रूप में निर्वाचित किया. 28 फरवरी 1927 को उन्होंने जिला बोर्ड के तत्वावधान में #महात्मा_गाँधी का अभिनन्दन किया. 1932 ई. में बिहार हरिजन सेवा संघ के अध्यक्ष बनाए गए. 1941 ई. में उन्हें अग्रेजी सरकार ने सी.आई.ई. की पदवी से विभूषित किया.

🇮🇳🔰 1947 ई. भारतीय स्वंतत्रता के बाद राजा साहब पटना में रहने लगे और साहित्य साधना में लग गए. हिन्दी साहित्य की उल्लेखनीय उपाधि और 1962 ई. में  भारत सरकार ने पद्म भूषण की उपाधि और 1969 ई. में मगध विश्वविद्यालय, बोध गया ने डॉक्टर ऑफ लिटरेचर (डी.लिट्) की मानक उपाधि से सम्मानित किया. 1970 ई में प्रयाग हिन्दी साहित्य सम्मेलन में साहित्यवाचस्पति की उपाधि से अलंकृत किया गया. 24 मार्च 1971 ई. को वो हिन्दी साहित्य की गोद में सदैव के लिए ध्यान मग्न हो गए.

🇮🇳🔰 उनकी रचनाएँ इस प्रकार हैं:-

🔰 नाटक:- (1) ‘नये रिफारमर’ या ‘नवीन सुधारक’ (सन् 1911 ई.), (2) ‘धर्म की धुरी’ (सन् 1952 ई.), (3) ‘अपना पराया’ (सन् 1953 ई.) और (4) ‘नजर बदली बदल गये नजारे’ (सन् 1961 ई.)।

🔰 कहानी संग्रह:- ‘कुसुमांजली’ (सन् 1912 ई.)। लघु उपन्यास:- (1) ‘नवजीवन’ (सन् 1912 ई), (2) ‘तरंग’ (सन् 1920 ई.), (3) ‘माया मिली न राम’ (सन् 1936 ई.), (4) ‘मॉडर्न कौन, सुंदर कौन’ (सन् 1964 ई.), और (5) ‘अपनी-अपनी नजर’, ‘अपनी-अपनी डगर’ (सन् 1966 ई.)।

🔰 उपन्यास:- (1) ‘राम-रहीम’ (सन् 1936 ई.), (2) ‘पुरुष और नारी’ (सन् 1939 ई.), (3) ‘सूरदास’ (सन् 1942 ई.), (4) ‘संस्कार’ (सन् 1944 ई.), (5) ‘पूरब और पश्चिम’ (सन् 1951 ई.), (6) ‘चुंबन और चाँटा’ (सन् 1957 ई.)

🔰 कहानियाँ:- (1) ‘गाँधी टोपी’ (सन् 1938 ई.), (2) ‘सावनी समाँ’ (सन् 1938 ई.), (3) ‘नारी क्या एक पहेली? (सन् 1951 ई.), (4) ‘हवेली और झोपड़ी’ (सन् 1951 ई.), (5) ‘देव और दानव’ (सन् 1951 ई.), (6) ‘वे और हम’ (सन् 1956 ई.), (7) ‘धर्म और मर्म’ (सन् 1959 ई.) (😎 ‘तब और अब’ (सन् 1958 ई.), (9) ‘अबला क्या ऐसी सबला?’ (सन् 1962 ई.), (10) ‘बिखरे मोती’ (भाग-1) (सन् 1965 ई.)।

🔰 संस्मरण:- (1) ‘टूटा तारा’ (1941), (2) ‘बिखरे मोती’ (भाग-2, 3) (1966)।

रिपोर्ट- जयराम

साभार : rohtasdistrict.com

🇮🇳 #पद्मभूषण तथा साहित्य वाचस्पति की उपाधि से अलंकृत; हिंदी के सुप्रसिद्ध #साहित्यकार #राजा_राधिकारमण_प्रसाद_सिंह जी को उनकी पुण्यतिथि पर हार्दिक श्रद्धांजलि !

#Raja_Radhikaman_Prasad_Singh ji

#literateur

#padmabhushan


🇮🇳💐🙏

#प्रेरणादायी_व्यक्तित्व

#आजादी_का_अमृतकाल


साभार: चन्द्र कांत  (Chandra Kant) राष्ट्रीय उपाध्यक्ष - मातृभूमि सेवा संस्था 

सूचना:  यंहा दी गई  जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की  कोई गारंटी नहीं है। सूचना के  लिए विभिन्न माध्यमों से संकलित करके लेखक के निजी विचारो  के साथ यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह  की जिम्मेदारी स्वयं निर्णय लेने वाले पाठक की ही होगी।' हम या हमारे सहयोगी  किसी भी तरह से इसके लिए जिम्मेदार नहीं है | धन्यवाद। ... 

Notice: There is no guarantee of authenticity or reliability of the information/content/calculations given here. This information has been compiled from various mediums for information and has been sent to you along with the personal views of the author. Our aim is only to provide information, readers should take it as information only. Apart from this, the responsibility of any kind will be of the reader himself who takes the decision. We or our associates are not responsible for this in any way. Thank you. 


Makar Sankranti मकर संक्रांति

  #मकर_संक्रांति, #Makar_Sankranti, #Importance_of_Makar_Sankranti मकर संक्रांति' का त्यौहार जनवरी यानि पौष के महीने में मनाया जाता है। ...