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Jaipal Singh Munda | जयपाल सिंह मुंडा

  हर साल 20 मार्च को झारखंड के महान नेता, शिक्षाविद और हॉकी के अभूतपूर्व खिलाड़ी रहे 'मरांग गोमके' जयपाल सिंह मुंडा को उनकी परिनिर्वाण दिवस के मौके पर याद किया जाता है। मरांग गोमके एक उपाधि है, आदिवासी परंपरा में इसे सबसे बड़ा नेता कहा जाता है। यह उनकी प्रासंगिकता आज भी आदिवासी जीवन में जल, जंगल, जमीन के संघर्ष ‘आबुआ दिसुम आबुआ राज’ से जुड़ा है। 🇮🇳 जयपाल सिंह मुंडा का जन्म #झारखंड (सन् 2000 के पूर्व बिहार) की राजधानी #रांची से करीब 18 किलोमीटर दक्षिण, #खूंटी जिले के #टकरा_पाहनटोली में हुआ था। खूंटी से मात्र पाँच मील अर्थात आठ किलोमीटर दूरी पर अवस्थित टकरा पाहनटोली (सरना धर्म के पुजारियों का टोला) है, जो अब लगभग ईसाई गाँव में तब्दील हो गया है। यहाँ एक चर्च और प्राइमरी स्कूल है। जयपाल सिंह मुंडा का प्रारम्भिक नाम #प्रमोद_पाहन था। जयपाल सिंह ने अपनी जीवनी में लिखा है– “मेरा नाम किसने और कब बदला, मुझे नहीं मालूम। वह 1911 की 3 जनवरी थी, जिस दिन मेरा नाम बदल गया होगा। तब मैं 8-10 साल का रहा होउँगा। घर के लोग मुझे प्रमोद कहते थे और 3 जनवरी के पहले तक यही नाम था। लेकिन, 3 जनवरी, 1911...

Nisha millet | निशा मिलेट | Swimmer

  निशा मिलेट (जन्म- 20 मार्च, 1982) भारत की जानी-मानी महिला #तैराक #swimmer हैं। वह भारत के लिए 2000 सिडनी ओलंपिक तैराकी टीम में अर्जुन पुरस्कार जीतने वाली एकमात्र महिला थीं। राष्ट्रीय खेलों की सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी के लिए प्रधानमंत्री का पुरस्कार उन्होंने 1997 और 1999 में प्राप्त किया। 🇮🇳 निशा मिलेट को पाँच साल की उम्र में डूबने का अनुभव था, जिसके बाद उनके पिता ने उन्हें अपने डर से उबरने के लिए तैराकी सीखने के लिए मनाया। 🇮🇳 1991 में निशा ने अपने पिता के मार्गदर्शन में, ऑबरे शेनयायनगर क्लब, चेन्नई से तैरने का तरीका सीखा और 1992 में चेन्नई में 50 मीटर फ्री स्टाइल में अपना पहला राज्य स्तर का पदक जीता। 🇮🇳 1994 में निशा मिलेट ने हांगकांग के एशियाई आयु समूह चैंपियनशिप में अपना पहला अंतरराष्ट्रीय पदक जीता। यह उनके शासन काल की शुरुआत थी। 🇮🇳 वह 1999 में राष्ट्रीय खेलों में 14 स्वर्ण पदक जीतने वाली एकमात्र भारतीय एथलीट थीं। 🇮🇳 निशा मिलेट ने अपने कॅरियर की ऊँचाई पर 200 सी फ्री स्टाइल में 2000 सिडनी ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व किया था, जहाँ उन्होंने शुरुआत में अच्छा किया; परन्तु स...

Guru hanuman | vijay pal | wrestler | गुरु हनुमान | विजय पाल | पहलवान

  भारतीय कुश्‍ती के पितामह माने जाने वाले #गुरु_हनुमान यानी #विजय_पाल गुरुओं के गुरु थे. उन्‍होंने इंटरनेशनल कुश्‍ती मानकों के साथ आधुनिक भारतीय कुश्‍ती और पारंपरिक भारतीय कुश्‍ती शैली यानी पहलवानी को मिलाकर एक खाका तैयार किया था. समय के साथ उन्‍होंने लगभग सभी फ्री स्‍टाइल इंटरनेशनल पहलवानों को कोचिंग दी और जो गुरु हनुमान के शिष्‍य थे, वें आज खुद गुरु बनकर भारतीय कुश्‍ती को अधिक ऊंचाईयों तक लेकर जा रहे हैं. बतौर खिलाड़ी और कोच गुरु हनुमान दिग्‍गज थे. भारतीय कुश्‍ती में उनके योगदान के कारण उन्‍हें पितामाह कहा जाता है. दो बार के ओलिंपिक मेडलिस्‍ट #सुशील_कुमार के गुरु #सतपाल_सिंह उनके शिष्‍य थे. 🇮🇳 15 मार्च 1901 को राजस्‍थान के #चिड़ावा में जन्‍मे गुरु हनुमान का सपना शुरुआत से ही एक अच्‍छा पहलवान बनने का था, उन्‍होंने स्‍कूल छोड़कर कम उम्र में ही गांव के अखाड़े में पहलवानी करनी शुरू कर दी. 1919 में वह बिरला मिल्‍स के पास सब्‍जी मंडी में अपनी दुकान जमाने के लिए दिल्‍ली आ गए. मगर दुकानदार की बजाय वह पहलवान बन गए और इस फील्‍ड में उन्‍होंने जल्‍दी लोकप्रियता हासिल कर ली. गुरु हनुमान का ...

Pooja Gehlot | पूजा गहलोत | wrestler | पहलवान

  राष्ट्रीय एवं अंतराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में अनेक पदक अपने नाम करने वाली, सोनीपत (हरियाणा) में जन्मी भारतीय महिला फ्रीस्टाइल #पहलवान #पूजा_गहलोत #wrestler #pooja_gehlot जी को #जन्मोत्सव #birthday celebration के शुभ अवसर पर मेरी ओर से भी ढेरों बधाई एवं सफल जीवन की अनंत शुभकामनाऍं ! 🇮🇳🌹🙏 #प्रेरणादायी_व्यक्तित्व #आजादी_का_अमृतकाल   साभार: चन्द्र कांत  (Chandra Kant) राष्ट्रीय उपाध्यक्ष - मातृभूमि सेवा संस्था  सूचना:  यंहा दी गई  जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की  कोई गारंटी नहीं है। सूचना के  लिए विभिन्न माध्यमों से संकलित करके लेखक के निजी विचारो  के साथ यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह  की जिम्मेदारी स्वयं निर्णय लेने वाले पाठक की ही होगी।' हम या हमारे सहयोगी  किसी भी तरह से इसके लिए जिम्मेदार नहीं है | धन्यवाद। ...  Notice: There is no guarantee of authenticity or reliability of the informati...

Vijay Hazare | Cricketer

  🇮🇳 #Padmashree honored; Humble tribute to India's renowned cricketer #Vijay_Hazare ji on his birth anniversary! 🇮🇳💐🙏 #प्रेरणादायी_व्यक्तित्व #आजादी_का_अमृतकाल   साभार: चन्द्र कांत  (Chandra Kant) राष्ट्रीय उपाध्यक्ष - मातृभूमि सेवा संस्था  सूचना:  यंहा दी गई  जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की  कोई गारंटी नहीं है। सूचना के  लिए विभिन्न माध्यमों से संकलित करके लेखक के निजी विचारो  के साथ यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह  की जिम्मेदारी स्वयं निर्णय लेने वाले पाठक की ही होगी।' हम या हमारे सहयोगी  किसी भी तरह से इसके लिए जिम्मेदार नहीं है | धन्यवाद। ...  Notice: There is no guarantee of authenticity or reliability of the information/content/calculations given here. This information has been compiled from various mediums for information and has been sent to you along with the personal views of the aut...

Priyanka Goswami | प्रियंका गोस्वामी | महिला एथलीट | Female Athlete | जन्म- 10 मार्च, 1996

  प्रियंका गोस्वामी (जन्म- 10 मार्च, 1996) भारतीय #महिला_एथलीट  #female_ athleteहैं। उन्होंने बर्मिघम, इंग्लैंड में आयोजित कॉमनवेल्थ गेम्स, 2022 में कमाल का प्रदर्शन करते हुए महिलाओं की 10 हजार मीटर रेस वॉक (पैदल चाल) में भारत के लिये रजत पदक जीता है। इस खिलाड़ी ने अपना सबसे बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए देश को पदक दिलाया। प्रियंका गोस्वामी ने 43:38.82 समय में रेस पूरी की। इस जीत के साथ ही प्रियंका गोस्वामी ने इतिहास रच दिया है। वह पहली भारतीय महिला खिलाड़ी हैं, जिसने कॉमनवेल्थ गेम्स में पैदल चाल में पदक हासिल किया है। प्रियंका गोस्वामी ने टोक्यो ओलिंपिक में भी भारत का प्रतिनिधित्व किया था, लेकिन तब वह 17वें स्थान पर रही थीं। 🇮🇳 #प्रियंका गोस्वामी भारतीय रेलवे में कार्यरत हैं। वह मूल रूप से #मेरठ, #उत्तर_प्रदेश की रहने वाली हैं। उन्होंने 20 किलोमीटर वॉक रेस में देश के लिए कई पदक जीते हैं। उन्होंने 2021 में टोक्यो ओलिंपिक में भी भारत का प्रतिनिधित्व किया था। प्रियंका गोस्वामी के पिता #मदनपाल_गोस्वामी यूपी रोडवेज में कंडक्टर की नौकरी करते थे, पर किसी कारण से उनकी नौकरी चली गई। जिस...