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What right did Israel do by breaking relations with Norway, Spain and Ireland? इजराइल ने नॉर्वे, स्पेन, आयरलैंड से रिश्ता तोड़ कर क्या सही किया ?

  नॉर्वे, स्पेन, आयरलैंड से  इजराइल ने कूटनीतिक रिश्ता तोड़ कर क्या सही किया ? और क्या इन तीन देशों ने फिलिस्तीन को मान्यता देकर क्या गलत किया? 21 मई को #नॉर्वे #स्पेन और #आयरलैंड ने #फिलिस्तीन को मान्यता देने का फैसला किया जिसके विरोध में #इज़रायल ने तीनों देशों से अपने #राजदूत वापस बुलाकर कूटनीतिक रिश्ते समाप्त कर दिए - इन देशों को मान्यता देने के फैसले का हमास और #OIC ने #स्वागत किया, फिलिस्तीन 57 देशों के समूह #OIC सदस्य है जो #UN का सदस्य नहीं है बल्कि उसके पास 2012 से केवल #Non - #Member #Observer का #status है - मेरे विचार से इज़रायल ने अपने राजदूतों को बुला कर सही कदम नहीं उठाया क्योंकि 50 देशों की यूरोपियन यूनियन के एक तिहाई सदस्य फिलिस्तीन को मान्यता दे चुके है और विश्व के 193 में से अब इन तीनो को मिला कर 146 देश मान्यता दे चुके हैं - भारत तो मान्यता देने वाला पहला देश था - अब इतने मान्यता देने वाले देशों में बहुत के साथ इज़रायल के कूटनीतिक रिश्ते होंगे, फिर इन तीन से संबंध तोड़ने का क्या औचित्य है -  अभी #Belgium, #Malta and #Slovenia भी #फिलिस्तीन को मान्यता देने प...

मोहंती का नाम वापस, पात्रा को फैदा

ओडिशा के पुरी से कांग्रेस उम्मीदवार ने कांग्रेस पार्टी से कोई वित्तीय सहायता नहीं मिलने का हवाला देते हुए खुद को चुनाव से हटा लिया है। पुरी, ओडिशा के अपने राजनीतिक परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण विकास तब सामने आया जब कांग्रेस उम्मीदवार सुचरिता मोहंती ने आगामी चुनाव से उम्मीदवार वापसी का साहसिक निर्णय लिया। देखने में आया कि सुचरिता मोहंती को दौड़ में एक मजबूत दावेदार माना जा रहा था, नाम वापस लेने के लिए कई लोग आश्चर्य की बात कर रहे थे। हालाँकि, दिनांक को आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में, सुचरिता मोहंती ने अपने फैसले के पीछे ठोस कारण का खुलासा किया- कांग्रेस पार्टी से समर्थन की कमी। सुचरिता मोहंती ने पार्टी की विफलता पर असंतोषजनक स्थिति में अपना अभियान अभियान जारी रखा। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि लचीलेपन के लिए यात्रा, प्रचार और जनशक्ति सहित साम्य व्यय की आवश्यकता है, और वित्तीय सहायता की आवश्यकता के बिना, उनके लिए एक प्रभावी अभियान अप्रभावी होगा। ओडिशा के पुरी संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस उम्मीदवार ओडिशा के पुरी से कांग्रेस उम्मीदवार ने कांग्रेस पार्टी से कोई वित्तीय सहायता नहीं मिलने का हवा...

Congress wants America's law | कांग्रेस अमेरिका का कानून चाहती है तो पहले भारत में अमेरिका की तरह चुनाव भी शुरू करना चाहिए - लेखक : सुभाष चन्द्र

Congress wants America's law So first in India like in America Elections should also be started - कांग्रेस अमेरिका का कानून चाहती है तो पहले भारत में अमेरिका की तरह चुनाव भी शुरू करना चाहिए - जातिवादी और मुस्लिमों वोट बैंक पर प्रधानमंत्री के “सीधे चुनाव” से लगाम लगेगी - भारत के विकास के लिए मेरा दूसरा  “रामबाण” उपाय - कांग्रेस ने जो सांप्रदायिक एजेंडा छेड़ा है कथिक धनवानों की संपत्ति को गरीबों (मुस्लिमों) में बांटने का और शरीया कानून लागू करने का, वह काम संविधान को ख़त्म किए बिना नहीं किया जा सकता क्योंकि भारत का संविधान विधायिका, न्यायपालिका और कार्यपालिका को स्वतंत्र अधिकार देता है और कांग्रेस यदि शरीया लागू करती है तो उसका मतलब है न्यायपालिका को तिलांजलि दे दी जाएगी - जबकि कांग्रेस और उसके विपक्षी साथी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर लोकतंत्र और संविधान को नष्ट करने का आरोप लगा रहे हैं और कह रहे है कि मोदी को हराना है लोकतंत्र और संविधान बचाने के लिए जबकि ये खुद चाहते हैं कि संविधान और लोकतंत्र को ध्वस्त कर दिया जाए - कांग्रेस अमेरिकी system थोप कर भारत में लूट शुरू करना चाहती है जिस...

Modi ji and Amit Shah ji Decide a Minority | मोदी जी और अमित शाह जी कोई कौम कितने प्रतिशत पर Minority है तय कर दो - लेखक : सुभाष चन्द्र

मोदी जी और अमित शाह जी मुस्लिमों के तुष्टिकरण को दूर करने का  और विकसित भारत के लिए एक रामबाण उपाय - संविधान से भी छेड़छाड़ नहीं होगी - कोई कौम कितने प्रतिशत पर  Minority है तय कर दो - देश की आज़ादी के पहले से ही मुस्लिमों के अल्पसंख्यक होने का लाभ उठा कर गैर भाजपा दल उनके ही तुष्टिकरण में लगे रहे हैं - कांग्रेस ने मुस्लिमों के हितों को ध्यान में रखते हुए ऐसे ऐसे कानून बना दिए जिनकी वजह से आज मुस्लिम समुदाय हिंदू बहुल समुदाय को रौंदने से परहेज़ नहीं करता और सभी सेकुलर दल 80% हिंदुओं को गाजर मूली की तरह काटने को तैयार रहते हैं  कांग्रेस ने समय समय पर जो कानून बनाए मुस्लिमों के लिए, वे ये हैं - Article 25, 28, 30 (1950) HRCE (1951) HCB MPL (1956) Secularism (1975) Minority Act (1992) Places of worship Act (1991) Wolf Act (1992) Ram Setu affidavit (2007) Saffron terrorism (2009) ऐसा इसलिए किया जाता रहा है क्योंकि देश में आज तक यह तय नहीं किया गया है कि कौन सी कौम कितनी प्रतिशत आबादी होने पर Minority मानी जाएगी - आज मुस्लिम समुदाय 100 के करीब लोकसभा सीटों के चुनाव को प्रभावित कर ...

Modi's Work Guarantee “Counter Guarantee” of Voters | मोदी की काम की गारंटी पर वोटरों की “Counter Guarantee”- लेखक : सुभाष चन्द्र

मोदी की काम की गारंटी पर वोटरों की “Counter Guarantee” भी होती है जो मोदी के काम की परवाह न करने की “गारंटी” होती है - इसमें तो कोई दो राय नहीं हैं कि प्रधानमंत्री मोदी ने जो कहा वह किया और जो देशहित में था वह भी हर हाल में किया चाहे वह संकल्प पत्र में था या नहीं - मोदी ने जो किया 10 साल में वह गिनना कठिन है उसकी सूची बहुत बड़ी है - सबसे बड़ी चीज तो यह हुई है कि भारत आज काफी हद तक आज एक आत्मनिर्भर देश बन चुका है हर व्यक्ति को हर सुविधा मिल रही है और इन सब कामों को पूरा करने की वजह से ही मोदी अपने हर काम की गारंटी देते हैं -  बहुत से लोग खासकर विपक्ष के यह कहते नहीं थकते कि राम मंदिर तो कोर्ट के फैसले की वजह से बना है, उसमें मोदी का क्या योगदान है लेकिन सत्य यह है कि वह फैसला आने के समय यदि कांग्रेस की सरकार होती तो वह उस फैसले को संसद में प्रस्ताव लेकर पलट देती और राम मंदिर बनने ही नहीं देती - पहले चरण में जिस तरह कई राज्यों में कम मतदान हुआ है वह कुछ चिंता का भी विषय है - उत्तरप्रदेश में मात्र 60%, पूर्वोत्तर के नागालैंड में केवल 57% और मिजोरम में मात्र 54% ताज्जुब की बात है क्योंकि...

Kejriwal Diet Plan| सावरकर को कोसने वाले केजरीवाल | तिहाड़ में 4 दिन में ही “शुगर” को रो रहा है | लेखक : सुभाष चन्द्र

  “सावरकर को कोसने वाले केजरीवाल’ वो काला पानी में “कोल्हू के बैल” बनकर  भी बीमार नहीं हुए और केजरीवाल तिहाड़ में 4 दिन में ही “शुगर” को रोता फिर रहा है - दिल्ली का राजा केजरीवाल खुलकर वीर सावरकर की निंदा करता रहा है लेकिन उसे पता नहीं कि उन्होंने अपने 11 साल के “काला पानी” के कारावास में “कोल्हू का बैल” बन कर भी कभी बीमारी का रोना नहीं रोया लेकिन केजरीवाल 4 दिन की तिहाड़ यात्रा में ही “शुगर” “शुगर” चिल्लाने लगा और नए नए प्रपंच रच रहा है - उसकी पार्टी “आप” और उसके नेता रोज नए बहाने बना कर #ED, भाजपा और जेल प्रशासन पर हमले कर रहे हैं और अब केजरीवाल की हत्या की साजिश बता रहे हैं, केजरीवाल को #Insulin न देकर उसे #Slow #Death की तरफ ले जाने की कोशिश की जा रही है जबकि केजरीवाल को Type -2 Diabetes है, ऐसा भी आरोप लगा रहे हैं - जैसा भोजन केजरीवाल ले रहा हैं वह तो स्वयं ही उसका शुगर लेवल बढ़ा सकता है और जितना भोजन वो ले रहा है उतना तो 2 - 3 लोग खा सकते हैं, इतना खा कर तो शरीर की पूरी #activity होनी चाहिए जो जेल में रह कर नहीं हो सकती - एक घोषणापत्र केजरीवाल से जेल प्रशासन को लेना चाहिए थ...

केजरीवाल को नहीं मिल रहा “राम” नाम का सहारा | लेखक : सुभाष चन्द्र

कोर्ट में “राजनीतिक प्रवचन” नहीं चलते, अभिषेक मनु सिंघवी के सभी दाव औंधे पड़े -  केजरीवाल को नहीं मिल रहा  “राम” नाम का सहारा - दिल्ली हाई कोर्ट के केजरीवाल की गिरफ़्तारी को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज करते ही अभिषेक मनु सिंघवी दौड़े सुप्रीम कोर्ट CJI चंद्रचूड़ जी की शरण में कि तुरंत सुनवाई कीजिए लेकिन उन्होंने उसे याचिका दायर करने का तरीका समझा दिया और आज सुनवाई के लिए बेंच तय कर दी जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की - जिस हाई कोर्ट ने केजरीवाल की गिरफ़्तारी पर रोक लगाने से इंकार कर दिया था, उसी कोर्ट के सामने ED द्वारा की गई गिरफ़्तारी को चुनौती देना सिंघवी की कोई समझदारी नहीं थी - उसे समझ नहीं आया कि अपने फैसले में जो बिंदुवार टिप्पणियां हाई कोर्ट ने की, वो बहुत Damaging थीं जिससे केजरीवाल का केस और कमजोर हो गया -  फिर भी कमजोर पड़े केस को न जाने क्या सोच कर सिंघवी सुप्रीम कोर्ट ले गए और वहां भी वही घिसी पिटी दलील रखी कि चुनाव में हमें प्रचार से रोका जा रहा है, हमारी याचिका तुरंत सुनी जाए - जस्टिस खन्ना ने सिंघवी की एक नहीं सुनी और बड़े कायदे से उसकी ऐसी तैसी क...

मोदी से हिसाब मांग रहे हो, वो तो दे रहा है | You are demanding an account from Modi, he is giving it | लेखक : सुभाष चन्द्र

  मोदी से हिसाब मांग रहे हो, वो तो दे रहा है  लेकिन हिम्मत करके अपने 10 साल का भी हिसाब दो - ऐसे घटिया विज्ञापनों से कुछ नहीं होगा - आजकल कांग्रेस के 2 विज्ञापन मीडिया में चल रहे हैं, एक में एक ग्रहणी कहती है चीनी पत्ती महंगी है, गैस महंगी है, मेरा हिसाब दो और दूसरे में एक नौकरी चाहने वाला हिसाब मांग रहा है सरकार से - दोनों हिंदू हैं लेकिन कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में एक अलग चैप्टर लिखा है बताने के लिए कि हम मुस्लिमों के लिए कैसी “टुच्चा गिरी” (तुष्टिकरण की जगह यह शब्द उचित है) करेंगे और हिंदुओं को ख़त्म कर देंगे - मोदी तो अपने 10 साल का हिसाब दे रहा है लेकिन कांग्रेस अपने शासन के 10 साल का हिसाब भी देने की हिम्मत करे - कुछ गौर करें कांग्रेस वाले :-  -10 साल में 12 लाख करोड़ के घोटाले किए और आज भी बाहर आ रहे हैं जबकि मोदी के 10 साल में तुम एक घोटाला उजागर नहीं कर सके; -60 साल में बैंकों से लोन दिया गया 18 लाख करोड़ जबकि 2006 - 2013 तक 7 साल में उद्योगपतियों को लुटा दिया 34 लाख करोड़ जबकि मोदी ने डूबते हुए बैंकों को संभाल लिया और #NPA घटा दिए, बैंक लाभ कमा रहे हैं; -तुम देश ...

केजरीवाल की याचिका दिल्ली हाई कोर्ट ने खारिज की - केजरीवाल को फंसा दिया सिंघवी ने | Delhi High Court rejected Kejriwal's petition - Singhvi Implicated Kejriwal | लेखक : सुभाष चन्द्र

  मोदी जी की भ्रष्टाचार पर चोट से अभिषेक मनु सिंघवी और कपिल सिब्बल के वारे न्यारे हो रहे हैं - तर्क हों या कुतर्क - मुकदमे चलते रहें - केजरीवाल को फंसा दिया सिंघवी ने - आज केजरीवाल की ED द्वारा उनकी की गई गिरफ़्तारी को अवैध कहने वाली याचिका दिल्ली हाई कोर्ट ने खारिज कर दी और साफ़ कहा कि ED द्वारा गिरफ्तारी सबूतों और जांच के बाद की गई है जो गैर कानूनी नहीं है - गिरफ़्तारी को चुनौती देने की सलाह अभिषेक मनु सिंघवी ने क्या सोच कर दी जबकि ऐसी याचिका बेमानी थी जब स्वयं दिल्ली हाई कोर्ट ही पहले ED से सबूत मांग कर देखने के बाद गिरफ़्तारी पर रोक लगाने से इंकार कर चुका था - उसी अदालत से सिंघवी कैसे उम्मीद कर सकते थे कि वह कोर्ट गिरफ़्तारी को अवैध कहेगा - लेकिन फिर भी गिरफ़्तारी को चुनौती दी और नतीजा वही हुआ जो कोई भी सोच सकता था - इसके पहले केजरीवाल से सिंघवी द्वारा 8 summons पर ED के सामने पेश न होकर सभी 9 summons की वैधता को हाई कोर्ट में चुनौती दिलवाने का क्या औचित्य था क्योंकि उससे तो साफ़ जाहिर हो गया कि केजरीवाल जानबूझकर summons की अनदेखी कर रहा था  - फिर सिंघवी ने एक और औचित्यहीन तर्क द...

“कन्यादान” गैर-जरूरी - इलाहाबाद हाई कोर्ट | “Kanyadaan” Unnecessary – Allahabad High Court | लेखक : सुभाष चन्द्र

   “कन्यादान”  गैर-जरूरी - #इलाहाबाद #हाई_कोर्ट | “Kanyadaan” Unnecessary – #Allahabad #High #Court न्यायपालिका भी क्या #हिंदू_धर्म में  #सनातन_काल से चल रही प्रथाओं को कुचलना चाहती है - किसी ने 75 साल से क्यों नहीं कहा #हिन्दू_मैरिज_एक्ट  #Hindu_Marriage_Act  में “कन्यादान” #Kanyadan जरूरी नहीं है - अभी 5 अप्रैल, 2024 को इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच के जस्टिस सुभाष विद्यार्थी की एकल खंडपीठ ने हिंदू धर्म में सनातन काल से चल रही #विवाह #Marriage में “कन्यादान” की प्रथा पर ही कैंची चला कर कह दिया कि विवाह संपन्न कराने के लिए हिन्दू मैरिज एक्ट, 1955 की धारा 7 के तहत  यह रस्म अनिवार्य परंपरा नहीं है -  हिन्दू मैरिज एक्ट हिंदुओं पर कुठाराघात करने के लिए जवाहर लाल नेहरू ने संसद से पास कराया था और कौन नहीं जानता कि भारतीय संस्कृति और सनातन रीति रिवाजों से नेहरू को सख्त नफरत थी - विगत में यह विषय शायद अन्य अदालतों में भी गया है लेकिन अब जिस तरह इलाहाबाद हाई कोर्ट ने “कन्यादान” को गैर-जरूरी बता दिया, उससे लगता है वे भी हिंदू परंपराओं को कुचलने को  ...

मीलॉर्ड बंगाल पर Suo Moto लीजिए अन्यथा लोग आपको माफ़ नहीं करेंगे | Take suo moto on milord bengal otherwise people will not forgive you - लेखक : सुभाष चन्द्र

कुछ दिन पहले #CJI डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा था क़ि “#CBI जैसी जांच एजेंसियों को दक्षता बढ़ाने अपनी लड़ाई का चयन खुद करना चाहिए और उन अपराधों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए जो वास्तव में देश की सुरक्षा, आर्थिक सेहत व सार्वजनिक व्यवस्था के लिए खतरा हैं - बात तो सही कही चंद्रचूड़ जी लेकिन जांच एजेंसियों को ऐसे प्रवचन देने से पहले ऐसी अपराधों पर खुद भी ध्यान देना चाहिए और देखना चाहिए कि क्या आप और सुप्रीम कोर्ट देश की सुरक्षा को खतरे में डालने वालों को ठीक से निपट रहे हैं - कल बंगाल के मेदिनीपुर जिले के भूपति नगर के 2022 के बम विस्फोट कांड में 2 आरोपियों को गिरफ्तार कर वापस कोलकाता लौट रही #NIA की टीम पर #TMC के गुंडों ने जमकर हमला किया जबकि NIA तो #CBI भी ज्यादा महत्वपूर्ण जांच एजेंसी है देश की सुरक्षा के लिए खतरों पर ध्यान देने के लिए -  इस पर ममता बनर्जी NIA पर बरस पड़ी है कि वह भाजपा का काम करने आई थी जबकि वह हाई कोर्ट के आदेश पर उस क्षेत्र में हुए बमकांड की जांच कर रही थी लेकिन ममता और उसकी पार्टी का अन्य विपक्षी दलों की तरह एक ही रोना है कि चुनाव के समय में गिरफ़्तारी क्यों हो रही है - मतलब...

हर कोई अपने को भगत सिंह समझने लगा है | Everyone himself Bhagat Singh's have started understanding - लेखक : सुभाष चन्द्र

हर कोई अपने को  भगत सिंह की औलाद समझने लगा है - 2 दिवंगत आत्माओं की फोटो के बीच जिसकी फोटो लग जाए क्या उसे भी  मृत समझ लिया जाए -एक दिन में ‘शुगर” लुढ़क गई केजरीवाल, जरा सोच सावरकर के बारे में जो 11 साल रहे “काला पानी” जेल में - शहीद भगत सिंह और बाबा साहेब अंबेडकर जैसे देश भक्त दिवंगत नेताओं की फोटो के बीच में केजरीवाल की फोटो लगाने का मतलब यही निकाला जा सकता है कि जैसे उसकी पार्टी और परिवार ने उसे भी “दिवंगत” समझ लिया - फिर ऐसे महान लोगों के बीच में केजरीवाल की फोटो लगाने का यह भी मतलब निकलता है कि यह व्यक्ति खुद को भगत सिंह और अंबेडकर जैसा समझ रहा है -  यानी आज कोई भी चोर उचक्का अपने को भगत सिंह की औलाद समझ लेता है - और यह बात खुलकर केजरीवाल ने कहते हुए वीर सावरकर का घोर अपमान किया था जब 22 जुलाई, 2022 को उपराज्यपाल ने शराब नीति की जांच CBI से कराने के आदेश दिए थे - केजरीवाल ने उस दिन कहा था “आजकल केंद्र सरकार का नया रूल चल रहा है, पहले वो फैसला करते हैं किसको जेल में डालना है फिर उसके खिलाफ केस बनाया जाता है, मैंने सिसोदिया के खिलाफ आरोप देखे हैं और पाया है कि सब “fake”...

Kejriwal prerogative is to remain Chief Minister or resign-High Court | केजरीवाल का विशेषाधिकार मुख्यमंत्री बने रहें या इस्तीफा दे - हाई कोर्ट - लेखक : सुभाष चन्द्र

  केजरीवाल का विशेषाधिकार मुख्यमंत्री बने रहें या इस्तीफा दे - हाई कोर्ट Kejriwal prerogative is to remain Chief Minister or resign-High Court दिल्ली हाई कोर्ट ने केजरीवाल को हटाने की तीसरी याचिका खारिज की - फिर उपराज्यपाल हटाएंगे तो उसकी कानूनी वैधता न देखिए - दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल को जेल में रहकर पद से हटाने के लिए दिल्ली हाई कोर्ट  ने 3 याचिका खारिज कर दी - कल तीसरी याचिका खारिज करते हुए acting Chief Justice मनमोहन और जस्टिस मनमीत पीएस अरोड़ा की पीठ ने ये बातें कहीं - -इसमें न्यायिक हस्तक्षेप नहीं किया जा सकता है; -यह श्री केजरीवाल का विशेषाधिकार होगा कि वह मुख्यमंत्री बने रहें या इस्तीफा दे; -क्या कभी ऐसा हुआ है कि कोर्ट ने राष्ट्रपति या राज्यपाल शासन लगाया हो;  -पहले की याचिका ख़ारिज करते हुए कोर्ट ने कहा था कि याचिकाकर्ता यह साबित करने में विफल रहा है कि गिरफ्तार मुख्यमंत्री के मुख्यमंत्री बने रहने के लिए किसी कानून में मनाही है; - कभी-कभी, व्यक्तिगत हित को राष्ट्रीय हित के अधीन करना पड़ता है- लेकिन यह उनका (श्री केजरीवाल का) व्यक्तिगत आह्वान है। हम कानून की ...

Why are Congress and Sonia silent on insulting women ? महिलाओं के अपमान पर कांग्रेस और सोनिया चुप क्यों ? - लेखक : सुभाष चन्द्र

महिलाओं के अपमान पर सोनिया चुप क्यों? “लड़की हूं लड़ सकती हूं” नारा देने वाली  प्रियंका वाड्रा किससे लड़ेगी और “मोहब्बत की दुकान” का मालिक  क्या नया संविधान बना रहा है महिलाओं के लिए - सब कुछ “घोषणा पत्र” में लिखो - 48% महिला वोटर कांग्रेस को नकार दें - कांग्रेस के लोग भाजपा नेताओं के हर छोटे बड़े मामले पर सवाल उठाते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी क्यों चुप हैं, वो कुछ क्यों नहीं बोलते लेकिन कांग्रेस की सुपर महारानी सोनिया गांधी, उनकी बेटी प्रियंका वाड्रा, जो नारा लगाती फिरती थी “लड़की हूं लड़ सकती हूं”  और उनका बेटा जो “मोहब्बत की दुकान” का Sole Proprietor है राहुल गांधी आखिर कांग्रेस नेताओं द्वारा किए जा रहे महिलाओं के अपमान पर खामोश क्यों हैं - कुछ दिन पहले बंगाल के संदेशखाली में TMC के लोगों ने जो महिलाओं के साथ शर्मनाक हरकतें की उनके लिए एक बार तो CJI चंद्रचूड़ और जस्टिस नागरत्ना ने भी आंखे मूंद ली थी और कांग्रेस की ये दोनों महिला नेता चुप रहीं - प्रियंका वाड्रा तो भाजपा शाषित राज्य में किसी महिला के साथ हुए अत्याचार पर ही बोलना पसंद करती है लेकिन कांग्रेस राज में चुप रहती है - ल...