Environment पर्यावरण लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
Environment पर्यावरण लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं

14 दिसंबर 2024

सहजन | Drumstick | Moringa

 



सहजन | Drumstick | Moringa 

#मोरिंगा ओलिफेरा,एक बहु उपयोगी पेड़ है। इसे हिन्दी में #सहजना, सुजना, सेंजन और 3मुनगा आदि नामों से भी जाना जाता है। अंग्रेजी में इसे, "#ड्रमस्टिक_ट्री" भी कहते हैं। यह तेजी से बढ़ने वाला, सूखा से प्रभावित न होने वाला, मैरिनोग्रेसी कुल पेड़ का  है।  इस पेड़ के विभिन्न भाग अनेकानेक पोषक तत्वों से भरपूर पाये गये हैं, इसलिये इसके विभिन्न भागों का विविध प्रकार से उपयोग किया जाता है। इसकी हरी फलियाँ तथा पत्तियाँ सब्जी एवं पारम्परिक औषधि के रूप में प्रयुक्त है। 

Moringa oleifera, is a very useful tree. It is also known by names like #Drumstick, #Sujana, #Senjan and Munga in Hindi. In English, it is also called "#Drumstick_Tree". It is a fast growing tree, drought resistant, and belongs to the family of Marinograceae. Various parts of this tree have been found to be rich in many nutrients, so its various parts are used in various ways. Its green beans and leaves are used as vegetables and traditional medicine.


इसको हम अपने भोजन मे भी शामिल कर सकते हैं इसकी सब्जी बनाकर या इसकी पत्तियों के पराठे या रोटी बनाकर खा सकते हैं

इसका पौधा लगभग १० मीटर उँचाई वाला होता है किन्तु लोग इसे डेढ़-दो मीटर की ऊँचाई से प्रतिवर्ष काट देते हैं ताकि इसके फल-फूल-पत्तियों तक हाथ सरलता से पहुँच सके। इसके कच्ची-हरी फलियाँ सर्वाधिक उपयोग में लायी जातीं हैं।

We can include it in our food by making its vegetable or by making parathas or roti from its #leaves.


Its plant is about 10 meters high but people cut it from a height of one and a half to two meters every year so that hands can easily reach its fruits, flowers and leaves. Its raw-green beans are used the most.


सहजन के लगभग सभी अंग (पत्ती, फूल, फल, बीज, डाली, छाल, जड़ें, बीज से प्राप्त तेल आदि) खाये जाते हैं।

विश्व के कुछ भागों में नयी फलियाँ खाने की परम्परा है जबकि दूसरे भागों में पत्तियाँ अधिक पसन्द की जातीं हैं। इसके फूलों को पकाकर खाया जायता है और इनका स्वाद खुम्भी (#मशरूम) जैसा बताया जाता है। अनेक देशों में इसकी छाल, रस, पत्तियों, बीजों, तेल, और फूलों से पारम्परिक दवाएँ बनायी जाती है। जमैका में इसके रस से नीली डाई (रंजक) के रूप में उपयोग किया जाता है। दक्षिण भारतीय व्यंजनों में इसका प्रयोग बहुत किया जाता है। #मोरिंगा , #Drumstick या #सहजन आदि नामों से जाना जाने वाला सहजन औषधीय गुणों से भरपूर है।


Almost all parts of Moringa (leaf, flower, fruit, seed, branch, bark, roots, oil obtained from seed etc.) are eaten.


In some parts of the world there is a tradition of eating new beans while in other parts leaves are more preferred. Its flowers are cooked and eaten and their taste is said to be similar to that of a mushroom. In many countries, traditional medicines are made from its bark, juice, leaves, seeds, oil, and flowers. In Jamaica, its juice is used as a blue dye. It is used a lot in South Indian cuisine. Moringa, also known as drumstick, moringa, etc., is full of medicinal properties.



सहजन की पत्तियों को को पीस कर उसकी गोलिया बनाकर से हमारी हड्डियों को मजबूती मिलती है ...

 सहजन और भी कई बीमारियों मे खाया जाता है

इम्यूनिटी मजबूत करे ...

पाचन-तंत्र के लिए फायदेमंद ...

उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करता है ...

किडनी के लिए फायदेमंद ...

कैंसर के खतरे को कम करता है ...

लिवर के लिए फायदेमंद

#मधुमेह रोगियों को अपने सेवन पर नजर रखनी चाहिए क्योंकि सहजन रक्त शर्करा के स्तर को प्रभावित कर सकता है।

इस में 300 से अधिक रोगों के रोकथाम के गुण हैं। इसमें 90 तरह के मल्टीविटामिन्स, 45 तरह के एंटी आक्सीडेंट गुण, 35 तरह के दर्द निवारक गुण और 17 तरह के एमिनो एसिड मिलते हैं।


Moringa is consumed in many other diseases


Strengthens immunity...

Beneficial for digestive system...

Controls high blood pressure...

Beneficial for #kidney...

Reduces the risk of #cancer...

Beneficial for #liver

#Diabetic_patients should keep a check on their intake as #Moringa can affect #blood_sugar levels.


It has properties to prevent more than 300 diseases. It contains 90 types of #multivitamins, 45 types of #anti_oxidant properties, 35 types of pain relieving properties and 17 types of #amino acids.


सूचना:  यंहा दी गई  जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की  कोई गारंटी नहीं है। सूचना के  लिए विभिन्न माध्यमों से संकलित करके लेखक के निजी विचारो  के साथ यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह  की जिम्मेदारी स्वयं निर्णय लेने वाले पाठक की ही होगी।' हम या हमारे सहयोगी  किसी भी तरह से इसके लिए जिम्मेदार नहीं है | धन्यवाद। ... 

Notice: There is no guarantee of authenticity or reliability of the information/content/calculations given here. This information has been compiled from various mediums for information and has been sent to you along with the personal views of the author. Our aim is only to provide information, readers should take it as information only. Apart from this, the responsibility of any kind will be of the reader himself who takes the decision. We or our associates are not responsible for this in any way. Thank you. 

22 मार्च 2024

World Water Day | विश्व जल दिवस | 22 मार्च

 




#विश्व_जल_दिवस  #world_Water_Day

हमारी पृथ्वी का ​एक तिहाई हिस्सा जल से घिरा हुआ है। इसके बावजूद भी जगह जगह पर लोग पानी की समस्या से परेशान हैं। कई जगह पानी की सप्लाई इतनी ज्यादा है कि लोग उसे आँख मूँदकर बर्बाद करते हैं तो कई जगह प्यास बुझाने के लिए ही पानी नसीब नहीं है। यहीं कारण है कि दुनिया के अ​धिकांश लोगों को जल संकट का सामना करना पड़ता है। लोगों में पानी के प्रति अवेयरनेस बढ़ाने के लिए ही #22_मार्च का दिन विश्व जल दिवस के रूप में मनाया जाता है। ताकि लोग पानी की कीमत को समझ सकें। #विश्व के हर नागरिक को इसके महत्व से अवगत कराने के लिए ही संयुक्त राष्ट्र ने विश्व जल दिवस मनाने की शुरुआत की थी। 

🇮🇳🌏 #पानी ही जीवन का आधार है जिससे कोई इनकार नहीं कर सकता है। जिस तरह से अब प्राकृतिक संसाधनों का दोहन हो रहा है उससे साफ है कि भविष्य में संकट और गहरा सकता है।  क्लाइमेट चेंज और बढ़ती जनसंख्या तथा जल स्त्रोतों के अत्यधिक दोहन की वजह से भूजल का स्तर लगातार कम होता जा रहा है। ऐसे में जरूरी है कि हम पानी की वैल्यू को समझे और इसे बरबाद होने से बचाए।

🇮🇳🌏 पूरे विश्व में साफ पानी का धनी देश ब्राजील को माना जाता है। #ब्राजील में 8647 अरब क्यूबिक मीटर पानी उपलब्ध है। विश्व में पानी की उपलब्धता को लेकर भारत का आठवां स्थान है।  एक रिपोर्ट के मुताबिक #भारत विश्व के कुल भूजल का 24 फीसदी इस्तेमाल करता है। कई महानगरों में जिस तरह से जल स्तर कम हो रहा है उससे भविष्य में संकट और गहरा हो सकता है।  गौर करने वाली बात ये है कि धरती का करीब तीन चौथाई हिस्सा पानी पानी से भरा हुआ है, लेकिन इसमें से सिर्फ तीन फीसदी हिस्सा ही पीने योग्य है।

🇮🇳🌏 विश्व जल दिवस हर साल 22 मार्च को मनाया जाता है। इसका उद्देश्य विश्व के सभी विकसित देशों में स्वच्छ, सुरक्षित जल की उपलब्धता सुनिश्चित करवाना है। साथ ही जल संरक्षण के महत्व पर ध्यान केंद्रित करना है। विश्व जल दिवस मनाने की पहल रियो डी जेनेरियो में 1992 में आयोजित पर्यावरण तथा विकास पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन द्वारा आयोजित कार्यक्रम में की गई थी। 1993 में संयुक्त राष्ट्र ने इस दिन को वार्षिक कार्यक्रम के रूप में मनाने का निर्णय लिया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य लोगों के बीच में जल संरक्षण का महत्व, साफ पीने योग्य जल का महत्व जैसे कई पानी से जुड़े मुद्दों के प्रति जागरुकता जाना है।

🇮🇳🌏 #पृथ्वी का 71 प्रतिशत भाग जल से घिरा हुआ है, 29 फीसदी भाग पर स्थल है। इस 29 प्रतिशत क्षेत्र पर ही इंसान और दूसरे प्राणी रहते हैं। कुल पानी का लगभग 97 फीसदी पानी #समुद्र में पाया जाता है, लेकिन खारा होने के कारण इस पानी को पीने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। सिर्फ ​तीन प्रतिशत पानी ही पीने लायक है, जो #ग्लेशियर, नदी, तालाबों में पाया जाता है। इस तीन फीसदी #पानी में भी 2.4 फीसदी हिस्सा ग्लेशियरों, दक्षिणी ध्रुवों पर जमा है, जबकि बचा हुआ 0.6 फीसदी पानी #नदी, तालाबों, झीलों और कुँओं में मौजूद है। जिसका हम उपयोग कर सकते हैं, इसलिए हमें जल को बचाना चाहिए। इसकी एक बूँद बूँद बहुत कीमती है, इसे व्यर्थ नहीं गवाना चाहिए।

साभार: bhaskarhindi.com

★ जल व्यर्थ न होने दें।

★ #जल #संरक्षण पर लोगों को जागरूक करें।

🇮🇳🌹🙏

 साभार: चन्द्र कांत  (Chandra Kant) राष्ट्रीय उपाध्यक्ष - मातृभूमि सेवा संस्था 

सूचना:  यंहा दी गई  जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की  कोई गारंटी नहीं है। सूचना के  लिए विभिन्न माध्यमों से संकलित करके लेखक के निजी विचारो  के साथ यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह  की जिम्मेदारी स्वयं निर्णय लेने वाले पाठक की ही होगी।' हम या हमारे सहयोगी  किसी भी तरह से इसके लिए जिम्मेदार नहीं है | धन्यवाद। ... 

Notice: There is no guarantee of authenticity or reliability of the information/content/calculations given here. This information has been compiled from various mediums for information and has been sent to you along with the personal views of the author. Our aim is only to provide information, readers should take it as information only. Apart from this, the responsibility of any kind will be of the reader himself who takes the decision. We or our associates are not responsible for this in any way. Thank you. 


12 मार्च 2024

S. Damodaran | एस. दामोदरन | Social Worker | सामाजिक कार्यकर्ता

 


12 मार्च, 1962 को जन्मे एस. दामोदरन #तमिलनाडु राज्य के प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता हैं। 

🇮🇳 सामाजिक कार्यों के प्रति उनकी लगन तथा योगदान को देखते हुए भारत सरकार ने उन्हें 2022 में पद्म श्री से सम्मानित किया है।

🇮🇳 एस. दामोदरन ने 1984 में कॉर्पोरेट सेक्रेटरीशिप में बी.ए. की डिग्री ली, 1986 में एम.कॉम. की डिग्री और 2011 में प्रोजेक्ट मैनेजमेंट में एम.बी.ए. की डिग्री हासिल की।

🇮🇳 वह #तिरुचिरापल्ली स्थित एन.जी.ओ. #ग्रामालय के संस्थापक हैं।

🇮🇳 सन 1987 में स्थापित 'ग्रामालय' शुरू में ग्रामीण लोगों के आर्थिक सुधार पर केंद्रित था। बाद में यह महसूस करते हुए कि अधिक जरूरी और तत्काल चिंता स्वच्छ #पेयजल और #शौचालय सुविधाओं की अनुपलब्धता है, एनजीओ ने अपना ध्यान पानी और स्वच्छता पर स्थानांतरित कर दिया।

🇮🇳 'ग्रामालय' का उद्देश्य #पर्यावरण के अनुकूल शौचालय उपलब्ध कराकर खुले में शौच का उन्मूलन करना है। 

🇮🇳 यह अब जलशक्ति मंत्रालय, भारत सरकार का एक महत्वपूर्ण संसाधन केंद्र है।

🇮🇳 एनजीओ सीएसआर पहल के तहत सरकार, दाताओं और कॉर्पोरेट समूहों के समर्थन से काम कर रहा है।

🇮🇳 'ग्रामालय' के प्रयासों से ही 2003 में #तिरुचि के #थंडावमपट्टी गाँव को भारत के पहले खुले में शौच मुक्त गाँव में बदलने में मदद मिली।

साभार: bharatdiscovery.org

🇮🇳 #पद्मश्री से सम्मानित; पर्यावरण और स्वच्छ पेयजल के क्षेत्र में कार्यरत प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता #एस_दामोदरन  #S_Damodaran जी को जन्मदिवस के शुभ अवसर पर ढेरों बधाई एवं शुभकामनाऍं !

🇮🇳🌹🙏

#प्रेरणादायी_व्यक्तित्व

#आजादी_का_अमृतकाल

 साभार: चन्द्र कांत  (Chandra Kant) राष्ट्रीय उपाध्यक्ष - मातृभूमि सेवा संस्था 



सूचना:  यंहा दी गई  जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की  कोई गारंटी नहीं है। सूचना के  लिए विभिन्न माध्यमों से संकलित करके लेखक के निजी विचारो  के साथ यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह  की जिम्मेदारी स्वयं निर्णय लेने वाले पाठक की ही होगी।' हम या हमारे सहयोगी  किसी भी तरह से इसके लिए जिम्मेदार नहीं है | धन्यवाद। ... 

Notice: There is no guarantee of authenticity or reliability of the information/content/calculations given here. This information has been compiled from various mediums for information and has been sent to you along with the personal views of the author. Our aim is only to provide information, readers should take it as information only. Apart from this, the responsibility of any kind will be of the reader himself who takes the decision. We or our associates are not responsible for this in any way. Thank you. 

03 मार्च 2024

World Wildlife Day | विश्व वन्यजीव दिवस | 3 March



World Wildlife Day  | विश्व वन्यजीव दिवस | 3 March

🇮🇳 #World #Wildlife Day is #celebrated every year on #3March to spread #awareness about the extinct #wild #animal #species around the world. 

🇮🇳 दुनियाभर से लुप्त हो रहे जंगली जीव-जंतुओं की प्रजातियों के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए हर वर्ष 3 मार्च को विश्व वन्यजीव दिवस मनाया जाता है। भारत में इस समय बहुत से जीवों की प्रजातियां खतरे में हैं। समय रहते इस ओर ध्यान न दिया गया तो स्थिति और भी खतरनाक हो सकती है।  

🇮🇳 जंगल प्रकृति का एक खूबसूरत चेहरा है जहाँ हरे भरे पेड़, जीव-जंतु, जड़ी बूटियां, अलग-अलग प्रजातियों के खूबसूरत पक्षियों का आशियाना, शेर, मगरमच्छ और हाथी जैसे सैकड़ों वन्यजीव मौजूद हैं। खाल, नाखून, सींग और माँस के लिए इन जीवों का शिकार किया जाता है। जिनका उपयोग फैशन,सौन्दर्य उत्पादन और कई विशिष्ट प्रकार की दवाओं के लिए किया जाता है। मनुष्य इन जानवरों का शिकार केवल अपनी ज़रूरतों को पूरा करने के लिए करते हैं, जो अनावश्यक हैं। हालांकि इनकी आपूर्ति अन्य विकल्पों से भी पूरी की जा सकती है। इसलिए वन्यजीव प्रजातियों का शिकार रोकना वन्यजीव संरक्षण के तहत आता है। यह पृथ्वी पर वन्यजीवों और उनके आवास की रक्षा की ज़रूरत है, ताकि उनकी आने वाली पीढ़ियां बिना किसी डर के रह सकें।

🇮🇳 1960 के दशक से ही वैज्ञानिक जानवरों का पता लगाने और उनकी गतिविधियों पर नज़र रखने के लिए रेडियो टेलीमेट्री का उपयोग कर रहे हैं। रेडियो टेलीमेट्री स्थान निर्धारित करने के लिए रेडियो संकेतों का उपयोग करती है, जो अदृश्य और मूक विद्युत चुम्बकीय तरंगों से बने होते हैं। भारत में पहली बार पूरी तरह रेडियो-टेलीमेट्री अध्ययन 1983 में हैदराबाद में भारतीय वन्यजीव संस्थान के मगरमच्छ अनुसंधान केंद्र द्वारा किया गया था। उन्होंने चंबल नदी में 12 घड़ियालों पर नजर रखने के लिए एक ट्रांसमीटर उपकरण लगाया। इसके बाद भारत में ऐसे कई अध्ययनों का रास्ता खुल गया। 

🇮🇳 एशियाई हाथी पहला जानवर था जिसे 1985 में भारत में मुदुमलाई वन्यजीव अभयारण्य में रिसर्च के लिए रेडियो कॉलर लगाया गया था। बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी की ओर से ऑपरेशन मासिनागुडी नामक एक परियोजना में दो हाथियों को रेडियो कॉलर लगाए गए और फिर इन्हें ट्रैक किया गया। इसके बाद 90 के दशक की शुरुआत में संरक्षणवादी और बाघ विशेषज्ञ उल्लास कारंत ने भारत में सबसे बेशकीमती माने जाने वाले बाघों पर रेडियो कॉलर का इस्तेमाल करते हुए पहला अध्ययन किया। उनके व्यवहार और पारिस्थितिकी को समझने के लिए चार बाघों को रेडियो-कॉलर लगाया गया। इसमें यह जानकारी का पता करना भी शामिल था कि वे बाघ पश्चिमी घाट के मलनाड क्षेत्र में नागरहोल राष्ट्रीय उद्यान में किस तरह रह रहे हैं। इसके बाद के दशकों में रेडियो-कॉलर से जुड़े कई अध्ययन किए गए।

🇮🇳 सरकार के प्रयासों से भी पिछले कुछ वर्षों में बाघों की संख्‍या में काफी बढ़ोतरी हुई है। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने मन की बात कार्यक्रम में बताया कि किस तरह से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के माध्‍यम से मनुष्‍य और बाघों के बीच संघर्ष कम करने के प्रयास किये जा रहे हैं। ए.आई. के माध्‍यम से स्थानीय लोगों को उनके मोबाइल पर बाघों के आने के बारे में सतर्क कर दिया जाता है। गाँव और वन की सीमा पर कैमरे लगाए गए हैं। नए उद्यमी भी वन्‍य जीव संरक्षण और इको पर्यटन में नवाचारों पर काम कर रहे हैं। उत्तराखंड के रुड़की में रोटर प्रिसेशन ग्रुप ने भारतीय वन्यजीव संस्थान के साथ मिलकर एक ऐसा ड्रोन विकसित किया है जिससे केन नदी में घडियालों पर नज़र रखने में मदद मिल रही है। बेंगलुरु की भी एक कम्पनी ने हाल ही में बघीरा और गरुड़ नाम के एक ऐप को तैयार किया है। बघीरा ऐप से जंगल सफारी के दौरान वाहन की गति और अन्य गतिविधियों पर नज़र रखी जा सकती है। देश के अनेक बाघ अभ्‍यारण्‍यों में इसका उपयोग हो रहा है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और इंटरनेट ऑफ थिंग्‍स पर आधारित गरुड़ ऐप को किसी भी सीसीटीवी से जोड़ने पर वास्तविक समय अलर्ट मिलने लगता है।

🇮🇳 प्रधानमंत्री ने अपने कार्यक्रम मन की बात में  में छत्तीसगढ़ में हाथियों के लिए शुरू किये गये रेडियो कार्यक्रम "हमर हाथी - हमर गोठ" का भी जिक्र किया था। साल 2017 में छत्तीसगढ़ में हाथियों के आतंक को रोकने और ग्रामीणों को सचेत करने के लिए आकाशवाणी के रायपुर केन्द्र से "हमर हाथी-हमर गोठ" कार्यक्रम का प्रसारण किया गया। सोशल मीडिया के इस दौर में रेडियो कितना सशक्त माध्यम हो सकता है, इसका अनूठा प्रयोग छत्तीसगढ़ में हाथियों की सूचनाओं के लिए किया जा रहा है। काम से वापस लौटते समय शाम को हाथियों की उपस्थिति का सही लोकेशन मिलने से लोग रास्ता बदलकर सुरक्षित रास्ते से वापस घर आ रहे हैं। छत्तीसगढ़ राज्य की यह पहल देश के अन्य हाथी प्रभावित क्षेत्रों में भी अपनाई जा सकती है।

🇮🇳 वन्यजीवों को बचाने के लिए रेडियो एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। जहाँ टीवी की पहुँच नहीं है उस जगह रेडियो के  माध्यम से जागरूकता अभियान को बढ़ावा देना होगा। सरकार द्वारा चलाए जा रहे वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम की जानकारी लोगों तक पहुँचानी होगी। प्रकृति की सुंदरता निखारने में वन्यजीव महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं इसलिए सरकार द्वारा संरक्षण प्रयासों के साथ, यह हमारी सामाजिक जिम्मेदारी भी है, कि हम व्यक्तिगत रूप से वन्यजीवों के संरक्षण में अपना योगदान करें। 

~ फरहत नाज़

समाचार वाचिका,आकाशवाणी

साभार: ddnews.gov.in

🇮🇳 आइये #विश्व_वन्यजीव_दिवस के अवसर पर संकल्प लें कि हम वन्यजीवों के संरक्षण में अपना योगदान देंगे।

🇮🇳💐🙏

#आजादी_का_अमृतकाल

साभार: चन्द्र कांत  (Chandra Kant) राष्ट्रीय उपाध्यक्ष - मातृभूमि सेवा संस्था 

#World_Wildlife_Day #विश्व_वन्यजीव_दिवस #3March  #World #Wildlife #Day  #celebrated   #awareness #extinct #wild #animal #species #around_the_world, #WorldWildlifeConservationDay


सूचना:  यंहा दी गई  जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की  कोई गारंटी नहीं है। सूचना के  लिए विभिन्न माध्यमों से संकलित करके लेखक के निजी विचारो  के साथ यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह  की जिम्मेदारी स्वयं निर्णय लेने वाले पाठक की ही होगी।' हम या हमारे सहयोगी  किसी भी तरह से इसके लिए जिम्मेदार नहीं है | धन्यवाद। ... 

Notice: There is no guarantee of authenticity or reliability of the information/content/calculations given here. This information has been compiled from various mediums for information and has been sent to you along with the personal views of the author. Our aim is only to provide information, readers should take it as information only. Apart from this, the responsibility of any kind will be of the reader himself who takes the decision. We or our associates are not responsible for this in any way. Thank you. ,


Makar Sankranti मकर संक्रांति

  #मकर_संक्रांति, #Makar_Sankranti, #Importance_of_Makar_Sankranti मकर संक्रांति' का त्यौहार जनवरी यानि पौष के महीने में मनाया जाता है। ...