सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

संदेश

हिंदी पत्रकारिता दिवस | 30 मई, 1826 | Hindi Patrakarita Divas

  🇮🇳✍️ #हिंदी_पत्रकारिता_दिवस  #Hindi_Journalism_Day है. आज से 198 साल पहले 30 मई, 1826 को कलकत्ता(कोलकाता) में #उदंत_मार्तण्ड नामक साप्ताहिक अखबार की शुरुआत हुई. #कानपुर से कलकत्ता में सक्रिय वकील #पंडित_जुगल_किशोर_शुक्ल ने इस अखबार की नींव रखी. वो हिंदुस्तानियों के हित में उनकी भाषा में अखबार निकालना चाहते थे. 🇮🇳✍️ उदंत मार्तण्ड का अर्थ होता है उगता सूरज. हिंदी पत्रकारिता का सूरज पहली बार #कलकत्ता के बड़ा बाजार के करीब 37, अमर तल्ला लेन, #कोलूटोला में उदित हुआ था. यह अखबार पाठकों तक हर मंगलवार पहुँचता था. इसकी शुरुआत 500 प्रतियों के साथ हुई थी. 🇮🇳✍️ उदंत मार्तण्ड खड़ी बोली और ब्रज भाषा के मिले-जुले रूप में छपता था और इसकी लिपि देवनागरी थी. लेकिन इसकी उम्र ज्यादा लंबी नहीं हो सकी. इसके केवल 79 अंक ही प्रकाशित हो सके. 🇮🇳✍️ प्रकाशन की शुरुआत के लगभग एक साल बाद ही हिंदी पत्रकारिता का पहला सूरज आर्थिक तंगी का शिकार होकर ओझल हो गया. 19 दिसंबर 1827 को उदन्त मार्तण्ड का आखिरी अंक प्रकाशित हुआ था. 🇮🇳✍️ अखबार के आखिरी अंक में संपादक और प्रकाशक जुगल किशोर शुक्ल ने अखबार के बं...

What right did Israel do by breaking relations with Norway, Spain and Ireland? इजराइल ने नॉर्वे, स्पेन, आयरलैंड से रिश्ता तोड़ कर क्या सही किया ?

  नॉर्वे, स्पेन, आयरलैंड से  इजराइल ने कूटनीतिक रिश्ता तोड़ कर क्या सही किया ? और क्या इन तीन देशों ने फिलिस्तीन को मान्यता देकर क्या गलत किया? 21 मई को #नॉर्वे #स्पेन और #आयरलैंड ने #फिलिस्तीन को मान्यता देने का फैसला किया जिसके विरोध में #इज़रायल ने तीनों देशों से अपने #राजदूत वापस बुलाकर कूटनीतिक रिश्ते समाप्त कर दिए - इन देशों को मान्यता देने के फैसले का हमास और #OIC ने #स्वागत किया, फिलिस्तीन 57 देशों के समूह #OIC सदस्य है जो #UN का सदस्य नहीं है बल्कि उसके पास 2012 से केवल #Non - #Member #Observer का #status है - मेरे विचार से इज़रायल ने अपने राजदूतों को बुला कर सही कदम नहीं उठाया क्योंकि 50 देशों की यूरोपियन यूनियन के एक तिहाई सदस्य फिलिस्तीन को मान्यता दे चुके है और विश्व के 193 में से अब इन तीनो को मिला कर 146 देश मान्यता दे चुके हैं - भारत तो मान्यता देने वाला पहला देश था - अब इतने मान्यता देने वाले देशों में बहुत के साथ इज़रायल के कूटनीतिक रिश्ते होंगे, फिर इन तीन से संबंध तोड़ने का क्या औचित्य है -  अभी #Belgium, #Malta and #Slovenia भी #फिलिस्तीन को मान्यता देने प...

मोहंती का नाम वापस, पात्रा को फैदा

ओडिशा के पुरी से कांग्रेस उम्मीदवार ने कांग्रेस पार्टी से कोई वित्तीय सहायता नहीं मिलने का हवाला देते हुए खुद को चुनाव से हटा लिया है। पुरी, ओडिशा के अपने राजनीतिक परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण विकास तब सामने आया जब कांग्रेस उम्मीदवार सुचरिता मोहंती ने आगामी चुनाव से उम्मीदवार वापसी का साहसिक निर्णय लिया। देखने में आया कि सुचरिता मोहंती को दौड़ में एक मजबूत दावेदार माना जा रहा था, नाम वापस लेने के लिए कई लोग आश्चर्य की बात कर रहे थे। हालाँकि, दिनांक को आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में, सुचरिता मोहंती ने अपने फैसले के पीछे ठोस कारण का खुलासा किया- कांग्रेस पार्टी से समर्थन की कमी। सुचरिता मोहंती ने पार्टी की विफलता पर असंतोषजनक स्थिति में अपना अभियान अभियान जारी रखा। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि लचीलेपन के लिए यात्रा, प्रचार और जनशक्ति सहित साम्य व्यय की आवश्यकता है, और वित्तीय सहायता की आवश्यकता के बिना, उनके लिए एक प्रभावी अभियान अप्रभावी होगा। ओडिशा के पुरी संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस उम्मीदवार ओडिशा के पुरी से कांग्रेस उम्मीदवार ने कांग्रेस पार्टी से कोई वित्तीय सहायता नहीं मिलने का हवा...

Congress wants America's law | कांग्रेस अमेरिका का कानून चाहती है तो पहले भारत में अमेरिका की तरह चुनाव भी शुरू करना चाहिए - लेखक : सुभाष चन्द्र

Congress wants America's law So first in India like in America Elections should also be started - कांग्रेस अमेरिका का कानून चाहती है तो पहले भारत में अमेरिका की तरह चुनाव भी शुरू करना चाहिए - जातिवादी और मुस्लिमों वोट बैंक पर प्रधानमंत्री के “सीधे चुनाव” से लगाम लगेगी - भारत के विकास के लिए मेरा दूसरा  “रामबाण” उपाय - कांग्रेस ने जो सांप्रदायिक एजेंडा छेड़ा है कथिक धनवानों की संपत्ति को गरीबों (मुस्लिमों) में बांटने का और शरीया कानून लागू करने का, वह काम संविधान को ख़त्म किए बिना नहीं किया जा सकता क्योंकि भारत का संविधान विधायिका, न्यायपालिका और कार्यपालिका को स्वतंत्र अधिकार देता है और कांग्रेस यदि शरीया लागू करती है तो उसका मतलब है न्यायपालिका को तिलांजलि दे दी जाएगी - जबकि कांग्रेस और उसके विपक्षी साथी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर लोकतंत्र और संविधान को नष्ट करने का आरोप लगा रहे हैं और कह रहे है कि मोदी को हराना है लोकतंत्र और संविधान बचाने के लिए जबकि ये खुद चाहते हैं कि संविधान और लोकतंत्र को ध्वस्त कर दिया जाए - कांग्रेस अमेरिकी system थोप कर भारत में लूट शुरू करना चाहती है जिस...

Modi ji and Amit Shah ji Decide a Minority | मोदी जी और अमित शाह जी कोई कौम कितने प्रतिशत पर Minority है तय कर दो - लेखक : सुभाष चन्द्र

मोदी जी और अमित शाह जी मुस्लिमों के तुष्टिकरण को दूर करने का  और विकसित भारत के लिए एक रामबाण उपाय - संविधान से भी छेड़छाड़ नहीं होगी - कोई कौम कितने प्रतिशत पर  Minority है तय कर दो - देश की आज़ादी के पहले से ही मुस्लिमों के अल्पसंख्यक होने का लाभ उठा कर गैर भाजपा दल उनके ही तुष्टिकरण में लगे रहे हैं - कांग्रेस ने मुस्लिमों के हितों को ध्यान में रखते हुए ऐसे ऐसे कानून बना दिए जिनकी वजह से आज मुस्लिम समुदाय हिंदू बहुल समुदाय को रौंदने से परहेज़ नहीं करता और सभी सेकुलर दल 80% हिंदुओं को गाजर मूली की तरह काटने को तैयार रहते हैं  कांग्रेस ने समय समय पर जो कानून बनाए मुस्लिमों के लिए, वे ये हैं - Article 25, 28, 30 (1950) HRCE (1951) HCB MPL (1956) Secularism (1975) Minority Act (1992) Places of worship Act (1991) Wolf Act (1992) Ram Setu affidavit (2007) Saffron terrorism (2009) ऐसा इसलिए किया जाता रहा है क्योंकि देश में आज तक यह तय नहीं किया गया है कि कौन सी कौम कितनी प्रतिशत आबादी होने पर Minority मानी जाएगी - आज मुस्लिम समुदाय 100 के करीब लोकसभा सीटों के चुनाव को प्रभावित कर ...

Modi's Work Guarantee “Counter Guarantee” of Voters | मोदी की काम की गारंटी पर वोटरों की “Counter Guarantee”- लेखक : सुभाष चन्द्र

मोदी की काम की गारंटी पर वोटरों की “Counter Guarantee” भी होती है जो मोदी के काम की परवाह न करने की “गारंटी” होती है - इसमें तो कोई दो राय नहीं हैं कि प्रधानमंत्री मोदी ने जो कहा वह किया और जो देशहित में था वह भी हर हाल में किया चाहे वह संकल्प पत्र में था या नहीं - मोदी ने जो किया 10 साल में वह गिनना कठिन है उसकी सूची बहुत बड़ी है - सबसे बड़ी चीज तो यह हुई है कि भारत आज काफी हद तक आज एक आत्मनिर्भर देश बन चुका है हर व्यक्ति को हर सुविधा मिल रही है और इन सब कामों को पूरा करने की वजह से ही मोदी अपने हर काम की गारंटी देते हैं -  बहुत से लोग खासकर विपक्ष के यह कहते नहीं थकते कि राम मंदिर तो कोर्ट के फैसले की वजह से बना है, उसमें मोदी का क्या योगदान है लेकिन सत्य यह है कि वह फैसला आने के समय यदि कांग्रेस की सरकार होती तो वह उस फैसले को संसद में प्रस्ताव लेकर पलट देती और राम मंदिर बनने ही नहीं देती - पहले चरण में जिस तरह कई राज्यों में कम मतदान हुआ है वह कुछ चिंता का भी विषय है - उत्तरप्रदेश में मात्र 60%, पूर्वोत्तर के नागालैंड में केवल 57% और मिजोरम में मात्र 54% ताज्जुब की बात है क्योंकि...

Hanuman Jayanti | जय श्री राम हनुमान जन्मोत्सव

  #Hanuman_Jayanti | #जय_श्री_राम  | #हनुमान_जन्मोत्सव  हनुमान जन्मोत्सव एक हिंदू त्योहार है जो हिंदू देवता और रामायण के नायक हनुमान के जन्मोत्सव  को मनाता है। हनुमान जन्मोत्सव का उत्सव भारत के प्रत्येक राज्य में समय और परंपरा के अनुसार अलग-अलग होता है। भारत के अधिकांश उत्तरी राज्यों में, हिंदू पंचांग के अनुसार, हनुमान जन्मोत्सव चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता  है। जयंती और जन्मोत्सव का अर्थ भले ही जन्मदिन से होता है। लेकिन जयंती का प्रयोग ऐसे व्यक्ति के लिए किया जाता है, जो संसार में जीवित नहीं है और किसी विशेष तिथि में उसका जन्मदिन है। लेकिन जब बात हो भगवान हनुमान की तो इन्हें कलयुग संसार का जीवित या जागृत देवता माना गया  हैं। बजरंगबली को लड्डू, पंचमेवा, जलेबी या इमरती और बूंदी भोग के रूप में अर्पित कर सकते हैं। कहते हैं कि ये चीजें उन्हें अति प्रिय है। वहीं इसके अलावा आप बजरंगबली को गुड़-चने और पान का बीड़ा भी अर्पित कर सकते हैं। सूचना:  यंहा दी गई  जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की  कोई गारंटी नह...