Black Rice - काले चावल (ब्लैक राइस) पोषक तत्वों से भरपूर है....
आपको शायद यह पता नहीं होगा की काला चावल हमारे दिल यानि हार्ट के लिए कितना फायदेमंद है| आमतौर पर खाने के लिए सफेद और ब्राउन चावल इस्तेमाल किए जाते हैं। जो हमारी सेहत के लिए बहुत फायदेमंद भी होते है। लेकिन बात अगर काले चावल की करें, तो रंग और फायदे के मामले में ये चावल दूसरी किस्मों से बेहद अलग हैं। दरअसल, काले चावल हमारे शरीर के लिए दूसरे चावल से ज्यादा लाभकारी होते है।
इनको खाने से आप कई तरह की बीमारियों से दूर रहते हैं।#Black Rice #काले चावल #ब्लैक राइस #काले धान #चावल #जैविक#स्वास्थ्य #Swasthya #हेल्थ #health
योग संयोग वर्ष 2018 : वर्ष 2018 की शुरूआत हिन्दू केलेण्डर का प्रथम दिन सोमवार को अमृतसिद्धि, सवार्थसिद्धि व रवियोग से होगी।
विक्रम संम्वत् 2075 की शुरूआत अंग्रेजी केलेण्डर का प्रथम दिन रविवार 18.3.18 से होगी |
ग्रहों की परिषद में वि.सं. 2075 का राजा होगा सूर्य तो सूर्य का बेटा शनि बनेगा मंत्री,सेनानायक होगा शुक्रग्रह , चंद्र ग्रह को मिलेगा वित्त मंत्री का पद ।-ज्योतिष रवि जैन [ मेरी दुनिया, जी मिडिया ]
राशि के अनुसार 2018 का राशिफल :-ज्योतिष शास्त्र में 12 राशियां बताई है इसी में सभी के नाम की राशि आ जाती है , ऐसे में सभी के जन्म के समय बनाई गई जन्म कुंडली में स्थित ग्रह नक्षत्रों ग्रहों की दशा अन्र्तदशा के आधार पर ग्रहों का अनुकूल व प्रतिकूल प्रभाव देखने को मिलेगा। -ज्योतिष रवि जैन [ मेरी दुनिया, जी मिडिया ]
2018 में ग्रह नक्षत्रों की चाल से किन -किन राशि पर क्या होगा प्रभाव ...आइए देखिए आपके लिए, देश के लिए कैसा रहेगा साल 2018,हिन्दूस्तान की दृष्टि से आर्थिक, राजनैतिक, देश में रोजगार , वर्षा की स्थिति ,पडौसी देश से कैसे बनेगे संबंध । वि. सं. 2075 ‘‘ विरोद्यकृत नामक‘‘ होगा ,ग्रहों की परिषद में सूर्य को राजा व शनि को मंत्री पद मिला है । सूर्य- शनि ग्रह परस्पर विरोद्ध शत्रुता का भाव होने से जनता और प्रशासन की कठोर नीति से विरोद्ध के स्वर सुनने को मिलेगे ....ज्योतिषी रवि जैन, मेरी दुनिया - जी मिडिया
अपने आप को स्वस्थ रखने के लिए जरूरत है मात्र छः मिनट की....हमारे पुराणों में मंत्रो की विशेष महिमा बताई गई है , क्या 6 मिनट में किसी साधना के करने से कई विकार दूर हो सकते हैं ? जी हाँ हो सकते हैं और यह सही है क्योकि वैज्ञानिक शोध से पता चला है कि सिर्फ 6 मिनट " ऊँ " का उच्चारण करने से कई रोग ठीक हो जाते हैं, छः मिनट ऊँ का उच्चारण करने से मस्तिष्क में विशेष वाइब्रेशन (कम्पन) होता है और ऑक्सीजन का प्रवाह पर्याप्त होने लगता है। इस कारण कई मस्तिष्क रोग दूर होते हैं साथ ही स्ट्रेस और टेन्शन दूर होती है मैमोरी पावर बढती है ।.....मेरी दुनिया -G MEDIA
तुलसी के पौधे से जुड़ी कुछ सावधानी रखने वाली बातें... तुलसी के पौधे को बहुत पवित्र माना जाता हैं तथा उसकी पूजा करते हैं। आयुर्वेद में भी तुलसी को संजीवनी बूटी मान कर कई बीमारियों का इलाज बताया गया है। कहा जाता है कि जहां तुलसी का पौधा होता है वहां कोई बीमारी नहीं आती और न ही बुरे ग्रहों का असर होता है। परन्तु क्या आप जानते हैं कि तुलसी के पौधे के साथ कुछ सावधानियां रखनी चाहिए अन्यथा सौभाग्य को दुर्भाग्य में बदलते देर नहीं लगती। आइए जानते हैं, तुलसी से जुड़ी ऐसी ही कुछ बातें.....#मेरीदुनिया #GMEDIA #तुलसी #तुलसीकापौधा #आयुर्वेद #संजीवनीबूटी
मान्यता है कि भगवान विष्णु और तुलसी का जिस जगह पर होते हैं, वहां कोई दुख और परेशानी नहीं आती। शालिग्राम की पूजा में तुलसी का महत्वत अहम है क्योंाकि बिना तुलसी के शालिग्राम की पूजा करने पर दोष लगता है।
पराक्रमी असुर जलंधर का विवाह वृंदा से हुआ था , वृंदा भगवान विष्णु की भक्त थी। उसके पतिव्रत धर्म के कारण जलंधर अजेय हो गया था। उसने एक युद्ध में भगवान शिव को भी पराजित कर दिया। अपनी शक्ति के अभिमान में जलंधर देवताओं, अप्सकराओं को परेशान करने लगा। दु:खी देवता भगवान विष्णु की शरण में गए और जलंधर के आतंक को समाप्त करने की प्रार्थना करने लगे। तब भगवान विष्णु जलंधर का रूप धारण कर छल से वृंदा का पतिव्रत धर्म नष्ट कर दिया। इससे जलंधर की शक्ति क्षीण हो गई और वह युद्ध में मारा गया।
जब वृंदा को इस छल का पता चला, तो उसने विष्णु को पत्थर बन जाने का शाप दे दिया। देवताओं के अनुरोध करने पर वृंदा ने शाप वापस ले लिया। मगर, भगवान विष्णु ने पत्थंर में अपना एक रूप प्रकट किया, जिसे शालिग्राम कहा गया।
भगवान विष्णु ने वृंदा को वरदान दिया कि अगले जन्म में तुम तुलसी के रूप में प्रकट होगी और लक्ष्मी से भी अधिक मेरी प्रिय रहोगी। तुम्हारा स्थान मेरे सिर पर होगा। तुम्हारे बिना मैं भोजन ग्रहण नहीं करूंगा। यही कारण है कि भगवान विष्णु के भोग में प्रसाद में तुलसी को जरूर रखा जाता है।
इस घटनाक्रम के बाद जलंधर के साथ वृंदा सती हो गई। उनकी राख से तुलसी का पौधा निकला।
वृंदा की मर्यादा और पवित्रता को बनाए रखने के लिए देवताओं ने भगवान विष्णु के शालिग्राम रूप का विवाह देव-उठावनी एकादशी के दिन तुलसी से कराया। इस दिन को तुलसी विवाह के रूप में मनाया जाता है !```
शालिग्राम नेपाल के मुक्तिनाथ के पास काली गण्डकी नदी के तट पर पाए जाते हैं। शालिग्राम काले रंग के पत्थर रूप में ही मिलते हैं, लेकिन सफेद और नीले शालिग्राम की पूजा भी की जाती है। शालिग्राम पर चक्र भी होते हैं, जिन्हें सुदर्शन चक्र माना जाता है।..... मेरी दुनिया GMEDIA