10 मार्च 2024

Priyanka Goswami | प्रियंका गोस्वामी | महिला एथलीट | Female Athlete | जन्म- 10 मार्च, 1996

 



प्रियंका गोस्वामी (जन्म- 10 मार्च, 1996) भारतीय #महिला_एथलीट  #female_ athleteहैं। उन्होंने बर्मिघम, इंग्लैंड में आयोजित कॉमनवेल्थ गेम्स, 2022 में कमाल का प्रदर्शन करते हुए महिलाओं की 10 हजार मीटर रेस वॉक (पैदल चाल) में भारत के लिये रजत पदक जीता है। इस खिलाड़ी ने अपना सबसे बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए देश को पदक दिलाया। प्रियंका गोस्वामी ने 43:38.82 समय में रेस पूरी की। इस जीत के साथ ही प्रियंका गोस्वामी ने इतिहास रच दिया है। वह पहली भारतीय महिला खिलाड़ी हैं, जिसने कॉमनवेल्थ गेम्स में पैदल चाल में पदक हासिल किया है। प्रियंका गोस्वामी ने टोक्यो ओलिंपिक में भी भारत का प्रतिनिधित्व किया था, लेकिन तब वह 17वें स्थान पर रही थीं।

🇮🇳 #प्रियंका गोस्वामी भारतीय रेलवे में कार्यरत हैं। वह मूल रूप से #मेरठ, #उत्तर_प्रदेश की रहने वाली हैं। उन्होंने 20 किलोमीटर वॉक रेस में देश के लिए कई पदक जीते हैं। उन्होंने 2021 में टोक्यो ओलिंपिक में भी भारत का प्रतिनिधित्व किया था। प्रियंका गोस्वामी के पिता #मदनपाल_गोस्वामी यूपी रोडवेज में कंडक्टर की नौकरी करते थे, पर किसी कारण से उनकी नौकरी चली गई। जिसके बाद घर की आर्थिक स्थिति खराब हो गई।

🇮🇳 प्रियंका गोस्वामी ने मेरठ के गर्ल्स स्कूल और बीके माहेश्वरी से स्कूली शिक्षा पूरी की। बीए की पढ़ाई पटियाला में की। इस दौरान पिता टैक्सी चलाकर, आटा चक्की और छोटे-मोटे कामकर जैसे-तैसे चार से पाँच हजार रुपये भेजते थे।

🇮🇳 प्रियंका गोस्वामी ने कॉमनवेल्थ गेम्स, 2022 की 10000 मीटर पैदल चाल स्पर्धा में रजत पदक जीता। उन्होंने अपना निजी सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया और इस लंबी दूरी को 49 मिनट 38 सेकंड में पूरा किया। इसी के साथ उन्होंने #मुरली_श्रीशंकर (लम्बी कूद में रजत) और #तेजस्विन_शंकर (ऊँची कूद में कांस्य) की लिस्ट में अपना नाम शामिल करा लिया, जिन्होंने इन खेलों की ट्रैक एंड फील्ड स्पर्धाओं में पदक जीते।

🇮🇳 टोक्यो ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुकीं प्रियंका गोस्वामी ने वॉक के पहले चरण में बहुत तेजी से बढ़त बना ली और खुद को 4000 मीटर (4 कि.मी.) के निशान के बाद पहले स्थान पर बनाए रखा। इसके बाद ऑस्ट्रेलिया की जेमिमा मोंटाग और केन्या की एमिली वामुसी एनजी से वह पीछे रह गईं। 8 कि.मी. के बाद प्रियंका गोस्वामी तीसरे स्थान पर खिसक गई थीं, लेकिन अंतिम मिनट में 2 कि.मी. की दूरी तय करने के बाद भारतीय एथलीट को फायदा हुआ।

🇮🇳 #जेमिमा_मोंटाग ने 42:38 का समय लेकर स्वर्ण पदक जीता, जबकि प्रियंका गोस्वामी दूसरे स्थान पर रहीं। प्रतियोगिता में शामिल अन्य भारतीय #भावना_जाट 8वें स्थान पर रहीं। इसके साथ ही प्रियंका गोस्वामी कॉमनवेल्थ गेम्स की रेस-वॉक स्पर्धा में पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बन गई हैं। वह कॉमनवेल्थ गेम्स में पदक जीतने वाली दूसरी रेसवॉकर भी हैं। उनसे पहले #हरमिंदर_सिंह ने 2010 खेलों में 20 मीटर रेसवॉक में कांस्य पदक जीता था।

🇮🇳 वर्ष 2007 में प्रियंका गोस्वामी ने जिमनास्टिक में भाग लेना शुरू कर दिया था। उनके माता-पिता और शिक्षकों ने उनका काफी सपोर्ट किया।

🇮🇳 जिमनास्टिक की ट्रेनिंग के लिए प्रियंका को राज्य सरकार द्वारा संचालित छात्रावास लखनऊ भेजा जा रहा था लेकिन उन्होंने मेरठ के ही स्टेडियम में प्रशिक्षण प्राप्त करने का फैसला लिया। कुछ समय तक जिमनास्टिक की ट्रेनिंग लेने के बाद जिमनास्टिक से उनकी रूचि खत्म हो गई और उन्होंने मेरठ छात्रावास छोड़ दिया।

🇮🇳 उन्होंने खेलों से 3-4 साल का ब्रेक लिया। हालांकि उन्होंने अपना साहस सँभाला और स्टेडियम में दोबारा से लौटने का फैसला किया। लगातार दो महीने तक कोच से कठोर शारीरिक प्रशिक्षण प्राप्त किया।

🇮🇳 पटियाला से ग्रेजुएशन करने के बाद प्रियंका गोस्वामी को बेंगलूरू साईं सेंटर में निःशुल्क प्रशिक्षण मिलना शुरू हुआ।

🇮🇳 प्रियंका गोस्वामी ने रेस के शुरुआती दिनों में 800 और 1500 मीटर रेस प्रतियोगिता में भाग लिया लेकिन इन प्रतियोगिताओं में सफल नहीं हुई। जिसके बाद उन्होंने वर्ष 2011 में जिला स्तर के रेस प्रतियोगिता में भाग लिया और तीसरा स्थान प्राप्त किया। इस प्रतियोगिता में तीसरा स्थान प्राप्त करने पर उन्हें इनाम स्वरूप स्कूल बैग भेंट किया गया।

🇮🇳 वर्ष 2011 में पहला पदक हासिल करने के बाद प्रियंका ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और एक के बाद एक रेस प्रतियोगिताओं में भाग लिया।

🇮🇳 वर्ष 2015 में उन्होंने तिरुअनंतपुरम में आयोजित नेशनल चैंपियनशिप रेस प्रतियोगिता में कांस्य पदक जीता।

🇮🇳 वर्ष 2017 में दिल्ली में आयोजित नेशनल रेस वॉकिंग चैंपियनशिप में करतब दिखाते हुए स्वर्ण पदक अपने नाम किया।

🇮🇳 वर्ष 2018 में स्पोर्ट कोटा के माध्यम से रेलवे विभाग में क्लर्क का पद हासिल किया।

🇮🇳 13 फरवरी, 2021 को उन्होंने रांची में 8वीं ओपन नेशनल और इंटरनेशनल रेस वॉकिंग चैंपियनशिप में राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया।

🇮🇳 नेशनल और इंटरनेशनल दौड़ जीतने के बाद प्रियंका गोस्वामी ने टोक्यो ओलंपिक, 2020 और अमेरिका के ओरेगन में होने वाले विश्व एथलेटिक्स चैम्पियनशिप के लिए क्वालीफाई किया।

🇮🇳 प्रियंका गोस्वामी ने जूनियर, सीनियर और नेशनल लेवल पर अब तक 60 पदक भारत के नाम किये हैं, जिसमें से दो रजत पदक राष्ट्रीय स्तर पर और एक स्वर्ण पदक अखिल भारतीय रेलवे प्रतियोगिता स्तर पर प्राप्त किया है। इसके अलावा उन्होंने इटली में आयोजित वर्ल्ड वॉक चैंपियनशिप और जापान में आयोजित एशियन वॉक चैंपियनशिप में भी भाग लिया।

साभार: bharatdiscovery.org

🇮🇳 बर्मिघम, इंग्लैंड में आयोजित कॉमनवेल्थ गेम्स, 2022 में रजत पदक जीतकर इस खेल में पहली पदक विजेता बनी भारतीय महिला #एथलीट #रेसवॉकर (पैदल चालक) #प्रियंका_गोस्वामी जी को जन्मदिवस की वर्षगाँठ के शुभ अवसर पर ढेरों बधाई एवं शुभकामनाऍं !

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#प्रेरणादायी_व्यक्तित्व

#आजादी_का_अमृतकाल


साभार: चन्द्र कांत  (Chandra Kant) राष्ट्रीय उपाध्यक्ष - मातृभूमि सेवा संस्था 



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