Reliance Foundation | Vantara program | रिलायंस फाउंडेशन | वनतारा कार्यक्रम | 3000 एकड़ में जानवरों की देखभाल और पुनर्वास
🇮🇳 सत्य सनातन भारतीय संस्कृति के दर्शन, #प्राणीमात्र_से_प्रेम के दर्शन को चरितार्थ करता है, #अनंत_अंबानी का वैश्विक वन्यजीव संरक्षण को समर्पित ड्रीम प्रोजेक्ट #वनतारा। 🇮🇳
🇮🇳 रिलायंस फाउंडेशन ने की वनतारा कार्यक्रम की घोषणा, 3000 एकड़ में जानवरों की देखभाल और पुनर्वास
वनतारा सबसे बेहतरीन श्रेणी के पशु संरक्षण और केयर प्रैक्टिस वाला ऐसा सेंटर है, जहाँ अत्याधुनिक हेल्थ केयर के साथ-साथ अस्पताल, रिसर्च सेंटर और शैक्षणिक केंद्र भी हैं.
🇮🇳 रिलायंस इंडस्ट्रीज और रिलायंस फाउंडेशन ने आज अपने वनतारा (स्टार ऑफ द फॉरेस्ट) कार्यक्रम के लॉन्च की घोषणा की. वनतारा भारत और विदेश दोनों में घायल और खतरे में पड़े जानवरों के बचाव, उपचार, देखभाल और पुनर्वास पर ध्यान केंद्रित करने की एक व्यापक पहल है.
🇮🇳 गुजरात में रिलायंस के जामनगर रिफाइनरी कॉम्प्लेक्स के ग्रीन बेल्ट के भीतर 3000 एकड़ में फैले, वनतारा का लक्ष्य विश्व स्तर पर संरक्षण प्रयासों में अग्रणी योगदानकर्ताओं में से एक बनना है. जानवरों की देखभाल और कल्याण में अग्रणी विशेषज्ञों के साथ काम करके, वनतारा ने 3000 एकड़ के विशाल स्थान को जंगल जैसे वातावरण में बदल दिया है. जानवरों की बचाई गई प्रजातियों के पनपने के लिए यह बिलकुल प्राकृतिक, समृद्ध, और हरा-भरा स्थान बन गया है.
🇮🇳 वनतारा, भारत में अपनी तरह का पहला इनिशिएटिव है, जिसे आरआईएल और रिलायंस फाउंडेशन के निदेशक मंडल के निदेशक अनंत अंबानी के नेतृत्व में संकल्पित और शुरू किया गया है. अनंत अंबानी #जामनगर में रिलायंस के महत्वाकांक्षी रिन्यूएबल एनर्जी बिजनेस का भी नेतृत्व कर रहे हैं. 2035 तक नेट कार्बन जीरो कंपनी बनने की रिलायंस की यात्रा का नेतृत्व का दायित्व भी उन्हीं के कंधों पर है.
🇮🇳 वनतारा सबसे बेहतरीन श्रेणी के पशु संरक्षण और केयर प्रैक्टिस वाला ऐसा सेंटर है, जहाँ अत्याधुनिक हेल्थ केयर के साथ-साथ अस्पताल, रिसर्च सेंटर और शैक्षणिक केंद्र भी हैं. अपने कार्यक्रमों में, वनतारा उन्नत अनुसंधान को एकीकृत करने और प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालयों और संगठनों जैसे कि इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर (आईयूसीएन) और वर्ल्ड वाइल्डलाइफ फंड फॉर नेचर (डब्ल्यूडब्ल्यूएफ) के साथ सहयोग पर भी ध्यान केंद्रित करता है.
🇮🇳 पिछले कुछ वर्षों में, इस कार्यक्रम के तहत 200 से अधिक हाथियों, और हजारों अन्य जानवरों, रैपटाइल्स और पक्षियों को असुरक्षित स्थितियों से बचाया गया है. प्रोग्राम ने गैंडा, तेंदुआ और मगरमच्छ के पुनर्वास का इनिशिएटिव भी लिया है.
🇮🇳 हाल ही में, वनतारा ने मेक्सिको, वेनेजुएला आदि देशों में विदेशी बचाव अभियानों में भी भाग लिया है. मध्य अमेरिकी चिड़ियाघर अधिकारियों के एक कॉल पर कई बड़े जानवरों को यहाँ लाया गया है. ऐसे सभी बचाव और पुनर्वास मिशन भारत और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सख्त कानूनी और नियामक ढाँचे के तहत किए जाते हैं.
🇮🇳 इस अवसर पर बोलते हुए अनंत अंबानी ने कहा, “जो चीज़ मेरे लिए बहुत कम उम्र में एक जुनून के रूप में शुरू हुई थी, वह अब वनतारा और हमारी शानदारी टीम के रूप में एक मिशन बन गई है. हम भारत की गंभीर रूप से लुप्तप्राय प्रजातियों की रक्षा करने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं. हम महत्वपूर्ण आवासों को बहाल करना और प्रजातियों के लिए तत्काल खतरों का समाधान करना चाहते हैं और वनतारा को एक अग्रणी संरक्षण कार्यक्रम के रूप में स्थापित करना चाहते हैं. हमें खुशी है कि हमारे प्रयासों को भारत और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिली है. भारत और दुनिया के कुछ शीर्ष जूलॉजिकल और चिकित्सा विशेषज्ञ हमारे मिशन में शामिल हुए हैं और हमें सरकारी निकायों, अनुसंधान और शैक्षणिक संस्थानों का सक्रिय सहयोग और मार्गदर्शन प्राप्त करने का सौभाग्य मिला है. वनतारा का लक्ष्य भारतीय चिड़ियाघर प्राधिकरण और अन्य संबंधित सरकारी संगठनों के साथ साझेदारी करना और भारत के सभी 150 से अधिक चिड़ियाघरों को बेहतर बनाने के लिए वहाँ प्रशिक्षण, क्षमता निर्माण और एनिमल केयर के बुनियादी ढाँचे पर काम करना है. हमें उम्मीद है कि वनतारा विश्व स्तर पर आशा की किरण बनेगा और यह संदेश देगा कि कैसे एक दूरदर्शी संस्थान वैश्विक जैव विविधता संरक्षण में मदद कर सकता है.”
🇮🇳 उस दर्शन के बारे में बताते हुए जिसने उन्हें वनतारा स्थापित करने के लिए प्रेरित किया, अनंत अंबानी कहते हैं, “वनतारा आधुनिक वैज्ञानिक और तकनीकी व्यावसायिकता की उत्कृष्टता के साथ करुणा के सदियों पुराने नैतिक मूल्य का एक संयोजन है. मैं जीव सेवा (एनिमल केयर) को ईश्वर के साथ-साथ मानवता की सेवा के रूप में देखता हूँ. वनतारा में हाथियों के लिए एक केंद्र है और यहां शेर और बाघ, मगरमच्छ, तेंदुए सहित कई अन्य बड़ी और छोटी प्रजातियों के लिए सुविधाएं हैं.
🇮🇳 हाथी केंद्र की विशेषताएं--
वनतारा में एलिफेंट सेंटर 3000 एकड़ परिसर के एक बड़े हिस्से में फैला हुआ है, जिसमें अत्याधुनिक आश्रय स्थल, वैज्ञानिक रूप से डिजाइन किए गए दिन और रात के बाड़े, हाइड्रोथेरेपी पूल, जल निकाय और हाथियों में गठिया के इलाज के लिए एक बड़ा हाथी जकूज़ी है. यह 200 से अधिक हाथियों का घर है, जिनकी देखभाल पशुचिकित्सकों, जीवविज्ञानी, रोगविज्ञानी, पोषण विशेषज्ञ और प्रकृतिवादियों सहित 500 से अधिक लोगों का विशेष और प्रशिक्षित दल के कर्मचारियों द्वारा चौबीसों घंटे की जाती है.
🇮🇳 केंद्र में 25,000 वर्ग फुट का हाथी अस्पताल है, जो दुनिया के सबसे बड़े अस्पतालों में से एक है, जो पोर्टेबल एक्स-रे मशीनों, विविध उपचारों के लिए लेजर मशीनों, एक पूरी फार्मेसी, सभी परीक्षणों के लिए एक पैथोलॉजी, और एक आयातित हाथी निरोधक उपकरण से सुसज्जित है. इलाज के लिए, हाइड्रोलिक पुली और क्रेन, हाइड्रोलिक सर्जिकल टेबल और हाथियों के लिए एक हाइपरबेरिक ऑक्सीजन कक्ष भी है. अस्पताल मोतियाबिंद और एंडोस्कोपिक निर्देशित सर्जरी करता है (अपनी तरह के पहले विशेष रूप से डिजाइन किए गए एंडोस्कोपी उपकरण के साथ) और किसी भी आवश्यक सर्जरी को अंजाम देने में सक्षम है.
🇮🇳 इस सेंटर में 14000 वर्ग फुट से अधिक की एक विशेष रसोई है, जो प्रत्येक हाथी के लिए उनके ओरल हेल्थ सहित उनकी सबसे आवश्यक शारीरिक आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए एक क्यूरेटेड आहार तैयार करने के लिए समर्पित है. केंद्र हाथियों की देखभाल के लिए आयुर्वेद तकनीकों का इस्तेमाल भी करता है, जिसमें गर्म तेल की मालिश से लेकर मुल्तानी मिट्टी तक शामिल है. आयुर्वेद चिकित्सक भी हाथियों के लिए चौबीसों घंटे काम करते हैं.
🇮🇳 बचाव एवं पुनर्वास केंद्र--
अन्य जंगली जानवरों के लिए, जिन्हें सर्कस या भीड़भाड़ वाले चिड़ियाघरों में रखा गया है, 3000 एकड़ परिसर के भीतर ही 650 एकड़ से अधिक का एक बचाव और पुनर्वास केंद्र बनाया गया है, जहाँ भारत और दुनियाभर से संकटग्रस्त और खतरनाक वातावरण के जानवरों को बचाया जाता है और रखा जाता है. यह एक बहुत बड़ा बाड़ा और आश्रय स्थल है.
🇮🇳 लगभग 2100 से अधिक कर्मचारियों के साथ, बचाव और पुनर्वास केंद्र ने पूरे भारत से लगभग 200 तेंदुओं को बचाया है, जो सड़क दुर्घटनाओं या मानव-जंगली संघर्षों में घायल हुए हैं. इसने तमिलनाडु में अत्यधिक भीड़भाड़ वाली सुविधा से 1000 से अधिक मगरमच्छों को बचाया है. इसने अफ्रीका में शिकार लॉजेज से जानवरों को बचाया है, स्लोवाकिया में खतरे में पड़े जानवरों को, मेक्सिको में असुविधाओं से गंभीर रूप से परेशान जानवरों को बचाया है.
🇮🇳 केंद्र में 1 लाख वर्ग फुट का अस्पताल और चिकित्सा अनुसंधान केंद्र है. अस्पताल और अनुसंधान केंद्र के पास आईसीयू, एमआरआई, सीटी स्कैन, एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड, एंडोस्कोपी, डेंटल स्केलर, लिथोट्रिप्सी, डायलिसिस, ओआर1 तकनीक के साथ सबसे उन्नत तकनीक है, जो सर्जरी और रक्त प्लाज्मा विभाजक के लिए लाइव वीडियोकांफ्रेंसिंग को सक्षम बनाती है.
🇮🇳 43 प्रजातियों के 2000 से अधिक जानवर बचाव एवं पुनर्वास केंद्र की देखरेख में हैं. भारतीय और विदेशी जानवरों की लगभग 7 लुप्तप्राय प्रजातियों के लिए सेंटर ने संरक्षण प्रजनन कार्यक्रम शुरू किया है, जिसका उद्देश्य लुप्तप्राय प्रजातियों की आबादी को विलुप्त होने से बचाने के लिए उनके मूल आवासों में फिर से बसाना है.
🇮🇳 आज, वनतारा इकोसिस्टम ने 200 से अधिक हाथियों, 300 से अधिक बड़े जानवरों जैसे तेंदुए, बाघ, शेर, जगुआर आदि, 300 से अधिक शाकाहारी जानवरों जैसे हिरण और 1200 से अधिक सरीसृप (रैपटाइल) जैसे मगरमच्छ, सांपों को जीवन और कछुए को एक तरह से नया जीवन प्रदान किया है.
🇮🇳 बचाव और विनिमय में अनुपालन--
वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 और चिड़ियाघर नियम, 2009 के तहत निर्धारित प्रावधानों के अनुसार संबंधित राज्यों के मुख्य वन्यजीव वार्डन और केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण की पूर्व मंजूरी प्राप्त करने के बाद सभी बचाए गए जानवरों को वनतारा में लाया गया है. सभी पशु विनिमय कार्यक्रम केन्द्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण के अनुमोदन/अनुमति पर किये जाते हैं. वनतारा ने भारत और विदेशों में अन्य संस्थानों के अनुरोधों के आदान-प्रदान का भी जवाब दिया है. ऐसे जानवरों को केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, विदेश व्यापार महानिदेशालय, पशुपालन और डेयरी विभाग और वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो से आवश्यक अनुमति प्राप्त करने के बाद लाया गया था.
🇮🇳 राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग
वेनेज़ुएला नेशनल फाउंडेशन ऑफ़ ज़ूज़ जैसे अंतरराष्ट्रीय संगठनों और स्मिथसोनियन और वर्ल्ड एसोसिएशन ऑफ़ ज़ूज़ एंड एक्वेरियम जैसे दुनिया भर के प्रतिष्ठित संगठनों के साथ मिलकर वनतारा कार्यक्रम को काफी फायदा हुआ है. भारत में, यह राष्ट्रीय प्राणी उद्यान, असम राज्य चिड़ियाघर, नागालैंड प्राणी उद्यान, सरदार पटेल प्राणी उद्यान आदि के साथ सहयोग करता है.
🇮🇳 शिक्षा और जागरूकता--
लोगों विशेषकर युवाओं और बच्चों के बीच संरक्षण के मुद्दों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए, वनतारा पहल में ज्ञान और संसाधन आदान-प्रदान सहित शैक्षणिक संस्थानों के साथ घनिष्ठ सहयोग की परिकल्पना की गई है. इसमें करुणा और देखभाल में नए मानक स्थापित करने वाले आधुनिक और भविष्य के, जलवायु नियंत्रित बाड़ों में कुछ जानवरों के लिए एक प्रदर्शन क्षेत्र के निर्माण की भी परिकल्पना की गई है.
🇮🇳 ग्रीन एरिया--
दृढ़ता से विश्वास करते हुए कि जानवरों का बचाव और संरक्षण साथ-साथ चलना चाहिए, वनतारा कार्यक्रम में रिलायंस रिफाइनरी क्षेत्रों की निरंतर हरियाली की भी परिकल्पना की गई है और पहले से ही हजारों एकड़ भूमि को हरा-भरा किया गया है.
साभार: hindi.news18.com
वन्यजीव संरक्षण, मानवता को समर्पित हर मनुष्य का धर्म है।
#आजादी_का_अमृतकाल
साभार: चन्द्र कांत (Chandra Kant) राष्ट्रीय उपाध्यक्ष - मातृभूमि सेवा संस्था
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