Cash For Vote Case: वोट के बदले नोट
“पर उपदेश कुशल बहुतेरे जे आचरहिं ते नर न घनेरे”
सांसदों के लिए फैसला अच्छा है मीलार्ड का लेकिन जजों को भ्रष्टाचार पर छूट क्यों
और क्यों नहीं अपनी संपत्ति घोषित करते -
आज #सुप्रीम_कोर्ट ने अपने ही 1998 के 25 साल पुराने 5 जजों की संविधान पीठ के 3 - 2 के #पीवी_नरसिम्हा_राव के #JMM रिश्वत कांड के फैसले को पलटते हुए कहा कि सांसदों और विधायकों को रिश्वत लेकर विचार व्यक्त करने या वोट देने के मामले में आपराधिक कार्रवाई से संविधान के अनुच्छेद 105 (2) और 194 (2) के अंतर्गत छूट उपलब्ध नहीं है - अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और वोट देना किसी भी #Lawmaker का स्वतंत्र अधिकार है जिसका हनन पैसे के बल पर नहीं हो सकता -
यह फैसला #CJI डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस एएस बोपन्ना, जस्टिस एमएम सुंद्रेश, जस्टिस पीएस नरसिम्हा, जस्टिस जेबी पारदीवाला, जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस मनोज मिश्रा की संविधान पीठ ने दिया - 1998 के 5 में से 3 जजों ने ( जस्टिस #SP_Bharucha समेत 3 जजों ने) फैसले में कहा था कि “रिश्वत लेकर वोट देने पर सांसदों पर मुकदमा नहीं चल सकता लेकिन यदि रिश्वत लेकर वोट नहीं करते तो उन पर आपराधिक मुकदमा चल सकता है”
2012 में हेमंत सोरेन की भाभी सीता सोरेन पर #राज्यसभा में किसी के पक्ष में वोट देने के लिए रिश्वत लेने का मुकदमा दर्ज हुआ जो हाई कोर्ट ने बरक़रार रखा और उसी को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई - 1998 का फैसला भी #JMM के सांसदों #Suraj_Mandal, #Shibu Soren, #Simon_Marandi, and #Shailendra_Mahto के 1993 में रिश्वत लेकर नरसिम्हा राव सरकार को बचाने के लिए शुरू हुआ था जो सुप्रीम कोर्ट ने ख़ारिज कर दिया था -
अब सोचिए आज के फैसले के बाद उपरोक्त सांसदों पर मुकदमा चलाना क्या संभव होगा अगर वो जीवित भी हुए - और 25 साल तक अपराध के न्याय न होने के लिए जिम्मेदार कौन होगा - वैसे भी सुप्रीम कोर्ट तो अपराधियों को संरक्षण देने में अग्रणी रहता है - #लालू_यादव को #CBI के अथक प्रयासों से साढ़े 32 साल की सजा हो रखी है लेकिन झारखंड हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट की मेहरबानी से वो राजनीति के बाज़ार में खुले घूमता फिरता है और प्रधानमंत्री मोदी की “गर्दन पर चढ़ने को तैयार रहता है” - ऐसे में आज के फैसले की क्या अहमियत है -
आज के फैसले को मैं दूसरे दृष्टिकोण से भी देखता हूं - #सुप्रीम_कोर्ट ने #Lawmakers के लिए तो कानून की व्याख्या कर दी - इसे कहते हैं “पर उपदेश कुशल बहुतेरे, जे आचरहिं ते नर न घनेरे”-
आप सबको कानून में बांधना चाहते हो मगर सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के जजों पर कोई कानून लागू नहीं होने देते -
आप Lawmakers को किसी हाल में भ्रष्टाचार के लिए आपराधिक कार्रवाई से छूट नहीं देना चाहते लेकिन यह फिर यह छूट आपने जजों को कैसे दी हुई है - क्या सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के जज भ्रष्ट नहीं हो सकते - लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने स्वघोषित नियम बनाए हुए हैं कि किसी जज पर आपराधिक मामले की जांच शुरू करने के लिए चीफ जस्टिस की अनुमति लेना आवश्यक है - मतलब सभी जजों को किसी भी कार्रवाई से मुक्त कर दिया -
सरकारी कर्मचारी (किसी भी #Public_Servant) के लिए वार्षिक #Assets & #Liability #Return जमा करना आवश्यक होता - लेकिन यहां भी सुप्रीम कोर्ट ने यह कानून जजों पर लागू नहीं किया और इस Return को जमा करना “स्वैच्छिक” रखा है
अभी हाल ही में सरकार से आपने यह भी पूछा है कि प्राइवेट अस्पतालों में फीस आदि लिए दिशा निर्देश 2010 के कानून के मुताबिक तय क्यों नहीं किए - जरूर पूछिए मगर यह सवाल 2014 तक #मनमोहन_सिंह_सरकार से क्यों नहीं किया और क्या सुप्रीम कोर्ट ने नियम बनाए हैं कि एक वकील #हाई_कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में केस लड़ने के लिए अधिक से अधिक कितनी फीस ले सकता है -
जो नियम आप दूसरों पर लागू करना चाहते हो, वे स्वयं पर पहले लागू कीजिए तब ही न्याय होगा
"लेखक के निजी विचार हैं "
लेखक : सुभाष चन्द्र | “मैं वंशज श्री राम का” 04/03/2024
#JMM_Bribery_Case, #JMM, #Laluyadav, #Political, #sabotage, #Congress, #Kejriwal #judiciary #delhi #sharadpanwar, #laluyadav, #spa #uddavthakre, #aap #FarmerProtest2024 #KisanAndolan2024 #SupremeCourtofIndia #Congress_Party #political_party #India #movement #indi #gathbandhan #Farmers_Protest #kishan #Prime Minister #Rahulgandhi #PM_MODI #Narendra _Modi #BJP #NDA #Samantha_Pawar #George_Soros #Modi_Govt_vs_Supreme_Court #Arvind_Kejriwal #Defamation_Case #top_stories#supreme_court #arvind_kejriwal #apologises
सूचना: यंहा दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की कोई गारंटी नहीं है। सूचना के लिए विभिन्न माध्यमों से संकलित करके लेखक के निजी विचारो के साथ यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह की जिम्मेदारी स्वयं निर्णय लेने वाले पाठक की ही होगी।' हम या हमारे सहयोगी किसी भी तरह से इसके लिए जिम्मेदार नहीं है | धन्यवाद। ...
Notice: There is no guarantee of authenticity or reliability of the information/content/calculations given here. This information has been compiled from various mediums for information and has been sent to you along with the personal views of the author. Our aim is only to provide information, readers should take it as information only. Apart from this, the responsibility of any kind will be of the reader himself who takes the decision. We or our associates are not responsible for this in any way. Thank you. ,
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें