10 फ़रवरी 2024

क्रांतिकारी डॉ. गयाप्रसाद कटियार (Freedom Fighter Dr. Gaya Prasad Katiyar ) (20 जून 1900 -10 फरवरी 1993)

 



क्रांतिकारी डॉ. गयाप्रसाद कटियार (Freedom Fighter Dr. Gaya Prasad Katiyar ) (20 जून 1900 -10 फरवरी 1993) भारत के प्रखर क्रांतिकारी थे। उनका जन्म उत्तर प्रदेश के कानपुर की बिल्हौर तहसील के खजुरी ख़ुर्द गाँव में 20 जून सन् 1900 को हुआ था। 

डॉ. गया प्रसाद कटियार के दादा #महादीन_कटियार ने 1857 की क्रांति में हिस्सा लिया था। दादा की कहानियां सुनकर डॉ. गयाप्रसाद के अंदर भी अंग्रेजों के प्रति नफरत भर गई थी।

 उन्होंने 1921 के असहयोग आन्दोलन में भाग लिया लेकिन बाद में गणेशशंकर विद्यार्थी के संपर्क में आये जिनके अख़बार 'प्रताप' में भगत सिंह भी छिपकर काम करते थे | इसके साथ ही वे  हिन्दुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन ऐसोसिएशन (H.S.R.A.) में सम्मिलित हो गये। 

इस प्रकार वे चन्द्रशेखर आजाद और सरदार भगत सिंह आदि देश के शीर्षस्थ क्रांतिकारियों के सम्पर्क में आ गये | 

🇮🇳 शहीद-ए-आजम भगत सिंह और #बटुकेश्वर_दत्त ने भरी असेंबली में बम फेंक कर अंग्रेजी हुकूमत की जड़ें हिला दी थीं लेकिन बहुत कम लोग ही जानते हैं उन्हें ये बम अपने क्रांतिकारी साथी डॉ. गया प्रसाद कटियार की देखरेख में बनाए थे।

🇮🇳 #लाला_लाजपत_राय की हत्या के जिम्मेदार अंग्रेज पुलिस अधिकारी सांडर्स  वध की योजना, सिक्ख भगतसिंह के केश व दाढी काटने, H.S.R.A. के गुप्त केंद्रीय कार्यालयों का संचालन करने सहित दिल्ली की पार्लियामेंट में फेंके गए बम निर्माण आदि कार्यों में अपना सक्रिय रुप से योगदान देते हुए अंततः 15 मई 1929 को सहारनपुर बम फैक्ट्री का संचालन करते हुए गिरफ्तार कर लिया गया। और उन्हें देश के सुप्रसिद्ध लाहौर षड्यंत्र केस में दिनांक 7 अकटूबर 1930 को आजीवन कारावास की सजा दी गई | 

लाहौर की जेल में उन्होंने अन्य बन्दियों के साथ 63 दिन की भूख हड़ताल की। बाद में उन्हें अण्डमान की सेल्यूलर जेल [ काला पानी ] ले जाया गया। वहाँ भी उन्होने 46 दिन भूख हड़ताल की। अन्तत: लगातार 17 वर्षों के लंबे जेल जीवन में कई अमानवीय यातनाओं को सहने के बाद वे बिना शर्त जेल से  21 फरवरी 1946 को रिहा किए गए। स्वतंत्र भारत में भी उन्हें शोषित-पीड़ित जनता के लिए संघर्षरत होने के कारण 2 वर्षों तक जेल में रहना पड़ा| 

10 फरवरी 1993 को वे इस दुनिया से विदा हो गए।

उनकी याद में केंद्र सरकार ने 26 अप्रैल 2016 को पाँच रुपये का डाक टिकट भी जारी किया था।

🇮🇳 पराधीन भारत में #कालेपानी की सज़ा सहित कुल 17 वर्ष क़ैद तथा स्वाधीन भारत में 2 वर्ष का जेल जीवन व्यतीत करने वाले, क्रांतिकारी भगत सिंह जी एवं महावीर सिंह राठौर जी के क्रांतिकारी साथी #डॉ_गया_प्रसाद_कटियार जी को उनकी पुण्यतिथि पर विनम्र श्रद्धांजलि !

🇮🇳💐🙏

साभार: चन्द्र कांत  (Chandra Kant) राष्ट्रीय उपाध्यक्ष - मातृभूमि सेवा संस्था

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