30 मार्च 2024

Arunachal Pradesh - What did Congress and “Nehru” do | अरुणाचल प्रदेश - कांग्रेस और “नेहरू” ने क्या किया - खड़गे साहब - लेखक : सुभाष चन्द्र




खड़गे साहब अरुणाचल प्रदेश पर  बोलने से पहले अपने गिरेबान में 

झांको - कांग्रेस और “नेहरू” ने क्या किया -


कल कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने एक बार फिर विदेश नीति पर अपना ज्ञान पेलने की कोशिश करते हुए कहा है कि “मोदी सरकार अरुणचल प्रदेश पर चीन के दावे का कड़े तरीके से खंडन करे - चीन के हास्यास्पद दावे जगजाहिर हैं और इसका माकूल जवाब देना जरूरी है - सरकार से माकूल जवाब की अपेक्षा रखते हुए यह भी कहा कि दलगत राजनीति से इतर भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा में हम साथ हैं”


खड़गे साहब एक तरफ आप सरकार के साथ होने का दावा करते हैं और दूसरी तरफ आप उसी चीन की communist party के साथ MOU साइन करके उसके साथ खड़े रहते हों और हर मामले में सरकार का विरोध करते हो - ये जो बयान आपने दिया उसके साथ आपने गलवान में सरकार की आलोचना भी कर दी और 20 जवानों के बलिदान पर मोदी को दोष देते हुए यह भी कह दिया कि मोदी ने चीन को उसके लिए clean chit दी थी जबकि मोदी ने ऐसा कुछ नहीं कहा और कांग्रेस ने उनके बयान को आधा अधूरा पेश किया - मोदी ने कहा था भारतीय क्षेत्र में कोई विदेश नहीं है जिसका मतलब था चीनी सैनिको को पछाड़ कर भगा दिया है हमारे सैनिको ने -


खड़गे साहब को याद होना चाहिए कि मनमोहन सिंह ने अपनी अरुणाचल प्रदेश की यात्रा पर चीन के विरोध के बाद एक बार कुछ समय के लिए स्थगित कर दी थी - उसके बाद फिर जाने का कार्यक्रम बनाया था - कांग्रेस शासन में चीन अरुणाचल के लोगों को Stappled Visa देता था - कांग्रेस के रक्षा मंत्री अंटोनी ने संसद में कहा था कि चीन से लगते बॉर्डर पर हम सड़कें नहीं बनाते क्योंकि उन सड़कों पर चल कर ही चीनी सैनिक घुसपैठ करेंगे -


आज मोदी सरकार ने चीन से लगे पूरे बॉर्डर पर सड़कों का जाल बिछाया है और infrastucture का निर्माण किया है जिसमे हाल ही निर्मित 13000 feet की ऊंचाई पर Sela Tunnel भी शामिल है - क्या कभी कांग्रेस ने ऐसा करने की जरूरत समझी और खड़गे जी बात करते हैं चीन के दावे का “कड़े तरीके से खंडन” करने की - मनमोहन सिंह की यात्रा के बाद भी चीन के एतराज के बाद कांग्रेस सरकार ने इतना ही खंडन किया था कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न अंग है - अगर इतना खंडन काफी था तो आज कैसा खंडन चाहते हो क्योंकि इससे ज्यादा तो मोदी सरकार कर चुकी है -


आज़ादी से पहले के छोड़िए, आज़ादी के बाद “नेहरू कालखंड” में जो भी चीन को “उपहार” में दे दिया गया और 4000 से जयादा सैनिक मरवा दिए गए, उस पर भी कभी बात किया करें खड़गे और कांग्रेस के नेता - क्या क्या दिया गया ये भी सुनो खड़गे साहब -


-चीन को UN की veto दे दी;

-ढोकलाम 1958;

-लोंगजू 1959;

-अक्साई चिन 1962;

-गलवान 1962;

-हॉट स्प्रिंग 1962;

-काराकोरम पास 1963;


“नेहरू कालखंड’ के बाद -


-कोको आइलैंड 1994;

-Tia Pangnak 2008 (मनमोहन सरकार में);

-Chabji Valley 2008 (मनमोहन सरकार में);

-Doom Valley 2009 (मनमोहन सरकार में);

-Demzok 2012 (मनमोहन सरकार में);

-Raki Nalla 2013 (मनमोहन सरकार में);

-Depsang Bulge (मनमोहन सरकार में);


इनके बारे में कभी कुछ नहीं बोलते और मोदी को पढ़ा रहे हो “कड़े तरीके से खंडन” करना क्या होता है - मनमोहन सिंह सरकार में जो भी चीन ने कब्जाया वह Congress - CPC के MOU के बाद हुआ - कांग्रेस ने तो देश के साथ “गद्दारी” की है -

"लेखक के निजी विचार हैं "

 लेखक : सुभाष चन्द्र  | मैं हूं मोदी का परिवार | “मैं वंशज श्री राम का” 30/03/2024 

#Kejriwal  #judiciary #ed #cbi #delhi #sharabghotala #Rouse_Avenue_court #liquor_scam #aap  #Muslims,#implemented_CAA,#Mamata, #Stalin, #Vijayan, #threatening , #impose_CAA ,#respective_states,#Opposition_Against_CAA, #persecuted_Hindus #minorities, #except_Muslims #Congress_Party,  #political_party,  #indi #gathbandhan  #Prime_Minister  #Rahulgandhi  #PM_MODI #Narendra _Modi #BJP #NDA #Samantha_Pawar #George_Soros #Modi_Govt_vs_Supreme_Court #Arvind_Kejriwal, #DMK  #A_Raja  #top_stories #Prime_Minister, #Chief_Minister, #Supreme_Court, #High_Court_judges, #lawyers, #bureaucrats, #officers  #opposition #leaders  #CBI #politics, #India, #politics_of_India, #corruption, #Chief_Minister,  #Lalu_Yadav, #Jayalalitha, #Hemant Soren, #government_from_jail, #familyists, #alliance

सूचना:  यंहा दी गई  जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की  कोई गारंटी नहीं है। सूचना के  लिए विभिन्न माध्यमों से संकलित करके लेखक के निजी विचारो  के साथ यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह  की जिम्मेदारी स्वयं निर्णय लेने वाले पाठक की ही होगी।' हम या हमारे सहयोगी  किसी भी तरह से इसके लिए जिम्मेदार नहीं है | धन्यवाद। ... 

Notice: There is no guarantee of authenticity or reliability of the information/content/calculations given here. This information has been compiled from various mediums for information and has been sent to you along with the personal views of the author. Our aim is only to provide information, readers should take it as information only. Apart from this, the responsibility of any kind will be of the reader himself who takes the decision. We or our associates are not responsible for this in any way. Thank you. ,

Foreign powers should stop making statements against India | विदेशी ताकतें भारत के खिलाफ बयानबाजी करना बंद करें - लेखक : सुभाष चन्द्र

 


विदेशी ताकतें भारत के खिलाफ बयान बाजी करना बंद करें

भारत के खिलाफ  #Antonio_Guterres (एंटोनियो गुटेरेस) #Secretary_General of the #United_Nations

का  बयान 

#UN महासचिव एंटोनियो गुटेरेस चौधरी बन गए जर्मनी और US के बाद,

भारत के खिलाफ विषवमन कोई नई बात नहीं है -


पुर्तगाल के नागरिक एंटोनियो गुटेरेस 2017 में UN महासचिव बनने के बाद कई बार विवादों में पड़ चुके है अपने गैर जरूरी बयानों के कारण - अब जर्मनी और अमेरिका के बाद केजरीवाल के मामले में टांग फंसा कर ये भी चौधरी बनने की कोशिश किए हैं लेकिन ऐसा करके जर्मनी, अमेरिका और एंटोनियो गुटेरेस स्वीकार कर रहे हैं कि केजरीवाल अमेरिका का पालतू है वरना किसी देश और #UNO दूसरे देशों के आंतरिक मामलों में दखल देने की क्या आवश्यकता है -


एंटोनियो गुटेरेस भूल गए भारत ऐसा लोकतांत्रिक देश है जहां 140 करोड़ में से 95 करोड़ से ज्यादा मतदाता होते हुए भी शांतिपूर्ण चुनाव होते हैं जो अमेरिका तक कराने में असफल रहा पिछली बार - कभी गुटेरेस ने अमेरिका को पाठ पढ़ाया है कि डोनाल्ड ट्रम्प के खिलाफ निष्पक्ष जांच होनी चाहिए -


केजरीवाल और कांग्रेस के बैंक खातों को कथित तौर पर फ्रीज़ होने के सवाल पर एंटोनियो गुटेरेस के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक (अमेरिकी नागरिक) ने कहा कि -


“हमें बेहद उम्मीद है कि जैसा चुनाव वाले किसी भी देश में होता है, भारत में भी सभी के राजनीतिक और नागरिक अधिकार सुरक्षित हैं और हर व्यक्ति स्वतंत्र एवं निष्पक्ष माहौल में मतदान करने में सक्षम है”


यह बयान क्योंकि #एंटोनियो #गुटेरेस के प्रवक्ता ने दिया है, इसलिए इसे गुटेरेस का ही माना जाएगा और ऐसा कहते हुए वे, #जर्मनी और #अमेरिका भारत में भ्रष्टाचारी लोगों का समर्थन कर हमारी जांच एजेंसियों और अदालतों की निष्पक्षता पर प्रश्नचिन्ह लगा रहे हैं जिसका अधिकार उन्हें नहीं है -

क्या अमेरिका अपने देश में हमारी कांग्रेस पार्टी की तरह किसी को भी #Tax_Evasion करने की छूट दे सकती है -


भारत विरोधी रवैया गुटेरेस का कोई नई बात नहीं है - वर्ष 2022 में भारत के लिए कहा था 


“"#मानवाधिकार #परिषद के एक निर्वाचित सदस्य के रूप में भारत पर वैश्विक मानवाधिकारों को आकार देने और अल्पसंख्यक समुदायों के सदस्यों सहित सभी व्यक्तियों के अधिकारों की रक्षा करने की जिम्मेदारी है." - ऐसे प्रवचन कभी गुटेरेस ने अल्पसंख्यकों की रक्षा के लिए #पाकिस्तान, #बांग्लादेश और अन्य इस्लामिक देशों को नहीं दिए मगर भारत को यह पाठ पढ़ाए बिना हाज़मा ठीक नहीं होता -


अक्टूबर, 2023 में हमास के इज़रायल पर हमले के बाद गुटेरेस हमास के साथ ही खड़े नज़र आए जब उन्होंने कहा -

“The #Hamas #attacks "did not happen in a #vacuum" as the #Palestinians have been "subjected to 56 years of suffocating occupation."

“there was no #excuse for the "appalling" #violence by #Hamas_militants on October 7 but also warned #against "#collective #punishment" of the P#alestinians”


इन बयानों पर नाराज़ होकर इज़रायल ने गुटेरेस का इस्तीफा तक मांगा था UNO के महासचिव पद से -


गुटेरेस का बयान भारत के लिए ऐसे समय में आया है जब यूक्रेन के विदेश मंत्री भारत में हैं और अपने शांति प्रस्ताव पर भारत से मदद मांग रहे हैं - उन्हें यह भी याद नहीं कि कुछ अमेरिकी विशेषज्ञों ने रहस्य खोला है कि यूक्रेन पर रूस के परमाणु हमले को प्रधानमंत्री मोदी ने ही रोका था जबकि UNO तो एक जोकर जैसी संस्था बन कर रह गया है -


गुटेरेस को भारत के योगदान के बारे में यह भी याद नहीं कि #UN #Peacekeeping #Force में भारत के 5725 सैनिक है जबकि वीटो पावर वाले देशों में अमेरिका का एक भी सैनिक नहीं है जो 2021 में 31 थे; फ्रांस के 552 हैं; जर्मनी के 2021 के 563 की जगह अब केवल 357 हैं; ब्रिटेन के 2021 में 605 थे जो अब 255 रह गए; और चीन के 2248 की जगह 2194 रह गए


#भारत के खिलाफ #Uncalled for बयानबाजी करना विदेशी ताकतें बंद करें 

"लेखक के निजी विचार हैं "

 लेखक : सुभाष चन्द्र  | मैं हूं मोदी का परिवार | “मैं वंशज श्री राम का” 30/03/2024 

#UN #UNO #Kejriwal  #judiciary #ed #cbi #delhi #sharabghotala #Rouse_Avenue_court #liquor_scam #aap  #Muslims,#implemented_CAA,#Mamata, #Stalin, #Vijayan, #threatening , #impose_CAA ,#respective_states,#Opposition_Against_CAA, #persecuted_Hindus #minorities, #except_Muslims #Congress_Party,  #political_party,  #indi #gathbandhan  #Prime_Minister  #Rahulgandhi  #PM_MODI #Narendra _Modi #BJP #NDA #Samantha_Pawar #George_Soros #Modi_Govt_vs_Supreme_Court #Arvind_Kejriwal, #DMK  #A_Raja  #top_stories #Prime_Minister, #Chief_Minister, #Supreme_Court, #High_Court_judges, #lawyers, #bureaucrats, #officers  #opposition #leaders  #CBI 

सूचना:  यंहा दी गई  जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की  कोई गारंटी नहीं है। सूचना के  लिए विभिन्न माध्यमों से संकलित करके लेखक के निजी विचारो  के साथ यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह  की जिम्मेदारी स्वयं निर्णय लेने वाले पाठक की ही होगी।' हम या हमारे सहयोगी  किसी भी तरह से इसके लिए जिम्मेदार नहीं है | धन्यवाद। ... 

Notice: There is no guarantee of authenticity or reliability of the information/content/calculations given here. This information has been compiled from various mediums for information and has been sent to you along with the personal views of the author. Our aim is only to provide information, readers should take it as information only. Apart from this, the responsibility of any kind will be of the reader himself who takes the decision. We or our associates are not responsible for this in any way. Thank you. ,

29 मार्च 2024

Mukhtar Ansari Death | क्या मुख्तार अंसारी के साथ आतंक और माफिया का भी अंत हो गया। ... लेखक : सुभाष चन्द्र

 



क्या मुख़्तार अंसारी के साथ आतंक के अध्याय का भी अंत हो गया -

ऐसा सोचना गलत है बेशक योगी का प्रयास चल रहा है -


कुछ लोगों का मत है कि मुख़्तार अंसारी की मौत से आतंक के अध्याय का भी अंत हो गया लेकिन एक दूसरा मत यह भी है कि बेशक योगी जी का अभियान चल रहा है आतंकी और माफियाओं को ख़त्म करने के लिए पर आतंक और माफिया कमजोर हो सकते हैं ख़त्म होने में काफी समय लगेगा और शायद ख़त्म न भी हो -


अतीक अहमद और अशरफ की मौत के बाद उनके गैंग के गुर्गे फिर से एक्टिव हैं - 2 दिन पहले अतीक के बेटे अली अहमद समेत 8 लोगों पर बालू व्यापारी ने 10 लाख की रंगदारी मांगने का मामला दर्ज किया है - अतीक की बीवी शाइस्ता परवीन फरवरी से गायब है - वो कहीं छुपी हुई कोई नेक काम तो कर नहीं रही होगी - अतीक गैंग के रहते आतंक कैसे ख़त्म माना जा सकता है 


फिर, मुख़्तार अंसारी के परिवार के कई सदस्यों पर मुक़दमे चल रहे हैं - 


-पत्नी अफ़सा पर 11 मुक़दमे दर्ज हैं -  (धोखाधड़ी और गैंगस्टर एक्ट में);

-भाई सिबगतुल्ला पर 3 मुक़दमे हैं - (जानलेवा मामले);

-भाई अफजल पर 7 मुक़दमे;

-बेटे अब्बास के खिलाफ 8 मुक़दमे और पुत्रवधु निखत पर भी एक मुकदमा है;

-बेटे उमर पर 6 आपराधिक मुक़दमे दर्ज हैं -


इसके अलावा मुख्तार अंसारी पर सुप्रीम कोर्ट भी मेहरबान रहा है - उसके एक केस में  वर्षों के बाद मिली 7 साल की सजा पर सुप्रीम कोर्ट में रोक लगा दी और सजा सुनाने वाले इलाहाबाद हाई कोर्ट के जज जस्टिस दिनेश कुमार सिंह को सुप्रीम कोर्ट ने केरल हाई कोर्ट ट्रांसफर कर दिया था जबकि वो वरीयता में बहुत पीछे थे - यह भी याद रखना चाहिए कि इलाहाबाद हाई कोर्ट में 12 जजों ने मुख़्तार के मामले में हाथ डालने से मना कर दिया था -


एक केस में मुख़्तार और उसके भाई अफजाल की 4 साल की सजा में “दोषसिद्धि” पर रोक लगा कर संसद सदस्यता बहाल कर दी - 


मुख़्तार अंसारी की मौत पर अखिलेश यादव बहुत बिलबिला रहे हैं और मांग कर रहे हैं कि “सुप्रीम कोर्ट जज की निगरानी में संदिग्ध मौतों की जांच होनी चाहिए - हर किसी को सुरक्षा देना सरकार की जिम्मेदारी है - आज के समय में राज्य “सरकारी अराजकता” के दौर में चल रहा है” 


अखिलेश को मुख़्तार अंसारी बहुत प्रिय इसलिए था क्योंकि वह अखिलेश के पिता मुलायम सिंह का लाड़ला था जो 29 अगस्त, 2003 से 13 मई, 2007 तक मुख्यमंत्री थे - मुलायम सिंह तो कारसेवकों पर गोलियां बरसाने वाले बदमाश CM थे, उन्होंने 2004 में डिप्टी एसपी शैलेन्द्र सिंह पर मुख़्तार के खिलाफ कार्रवाई करने पर मुकदमा दर्ज कर दिया था - इसके अलावा 14 अक्टूबर, 2005 को मऊ में मुलायम राज में भयंकर दंगे कराए थे -


अखिलेश और विपक्ष और मुख़्तार अंसारी के परिवार को योगी प्रशासन पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाने और मौत के लिए जिम्मेदार कहते हुए 10 बार सोचना चाहिए -  योगी जी यदि किसी विरोधी के लिए कुछ बुरा करना चाहते तो कोरोना काल में आजम खान कोरोना के इलाज के दौरान निपटा दिया गया होता लेकिन 2 बार बीमार होने पर भी उसे कुछ नुकसान नहीं हुआ -


लेकिन हमें यह भी याद रखना होगा कि मुख़्तार अंसारी की मौत का भी बखेड़ा खड़ा करके और उसे “शहीद’ साबित करते हुए अखिलेश और विपक्ष की नज़र “मुस्लिम वोटों” पर ही  हैं 

"लेखक के निजी विचार हैं "

 लेखक : सुभाष चन्द्र  | मैं हूं मोदी का परिवार | “मैं वंशज श्री राम का” 29/03/2024 

#Kejriwal  #judiciary #ed #cbi #delhi #sharabghotala #Rouse_Avenue_court #liquor_scam #aap  #Muslims,#implemented_CAA,#Mamata, #Stalin, #Vijayan, #threatening , #impose_CAA ,#respective_states,#Opposition_Against_CAA, #persecuted_Hindus #minorities, #except_Muslims #Congress_Party,  #political_party,  #indi #gathbandhan  #Prime_Minister  #Rahulgandhi  #PM_MODI #Narendra _Modi #BJP #NDA #Samantha_Pawar #George_Soros #Modi_Govt_vs_Supreme_Court #Arvind_Kejriwal, #DMK  #A_Raja  #top_stories #Prime_Minister, #Chief_Minister, #Supreme_Court, #High_Court_judges, #lawyers, #bureaucrats, #officers  #opposition #leaders  #CBI 

सूचना:  यंहा दी गई  जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की  कोई गारंटी नहीं है। सूचना के  लिए विभिन्न माध्यमों से संकलित करके लेखक के निजी विचारो  के साथ यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह  की जिम्मेदारी स्वयं निर्णय लेने वाले पाठक की ही होगी।' हम या हमारे सहयोगी  किसी भी तरह से इसके लिए जिम्मेदार नहीं है | धन्यवाद। ... 

Notice: There is no guarantee of authenticity or reliability of the information/content/calculations given here. This information has been compiled from various mediums for information and has been sent to you along with the personal views of the author. Our aim is only to provide information, readers should take it as information only. Apart from this, the responsibility of any kind will be of the reader himself who takes the decision. We or our associates are not responsible for this in any way. Thank you. ,

28 मार्च 2024

Court vs Government | Dual Attitude is not Appropriate | दोहरा रवैया उचित नहीं है | जज त्यागपत्र देकर चुनाव लड़ें और सरकार बनाएं- लेखक : सुभाष चन्द्र



मौका है अभी सुप्रीम कोर्ट के जज त्यागपत्र देकर चुनाव लड़ें,

सरकार बना कर सरकार चलाएं -इस तरह सरकार का हर काम अपने हाथ में लेना ठीक नहीं -

वर्ष 2014 में #नरेंद्र_मोदी के #प्रधानमंत्री बनने के बाद शायद ही कोई ऐसा #कानून हो जिसे सरकार ने #संसद से पारित करा कर लागू किया हो और उसे विपक्ष और प्रशांत भूषण समेत कुछ अन्य सरकार विरोधी तत्वों ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती न दी हो - #सुप्रीम कोर्ट ने भी हर कानून की विवेचना करने की कोशिश की है चाहे वह तकनीकी रूप में उसके लिए सक्षम हो या न हो -

सुप्रीम कोर्ट को संसद द्वारा पारित किए कानून में कानूनी कमियां निकालने का तो अधिकार है लेकिन उसे  कानून को खारिज / रद्द करने का अधिकार नहीं है क्योंकि कानून बनाना संसद का दायित्व है और एकाधिकार है - जो कानून बनाने का अधिकार रखता है, वही उसे बदलने और ख़त्म करने का अधिकार रखता है, अलबत्ता सुप्रीम कोर्ट केवल #संसद को कानून में कमियां बता सकता है जिन्हें संसद चाहे तो स्वीकार करे या न करे, यह उसके विवेक पर छोड़ देना चाहिए -

सुप्रीम कोर्ट इस तरह संसद के कानून को रद्द करने के लिए सक्षम नहीं है - #NJAC कानून तो तो 5 जजों की पीठ वैसे भी रद्द करने का अधिकार नहीं रखती थी क्योंकि उसमे न्यायाधीश स्वयं #Stakeholder / #Interested Party थे - दूसरा कानून अभी कुछ दिन पहले #Electoral_Bonds पर सुप्रीम कोर्ट ने रद्द किया है और वह फैसला भी उचित नहीं था -

अब चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति और 2023 के कानून को स्टे नहीं किया सुप्रीम कोर्ट ने लेकिन जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस संजीव खन्ना की पीठ ने #प्रशांत_भूषण की याचिका सुनते हुए एक तरह से कह दिया कि नियुक्ति गलत हुई हैं - पीठ ने कहा कि नियुक्ति का तरीका “पारदर्शी” नहीं है क्योंकि 200 प्रत्याशियों की जांच में केवल 2 घंटे लगे और 2 नियुक्ति के लिए केवल 6 नाम थे जबकि 10 होने चाहिए थे - और यह भी सवाल किया की नियुक्ति 15 मार्च को होनी थी वे 14 को कैसे हो गईं - 

सारी पारदर्शिता सरकार में चाहते हैं मीलॉर्ड लेकिन खुद सुप्रीम कोर्ट और जजों में पारदर्शिता का नामोनिशान नहीं मिलेगा - आप सरकार से कह रहे हैं कि चुनाव आयुक्त की नियुक्ति के लिए कितने प्रत्याशी होने चाहिए लेकिन कोई यह नहीं जानता कि बॉम्बे और #दिल्ली #हाई कोर्ट में डेढ़ लाख से ज्यादा वकीलों में से “#कॉलेजियम” 3 वकीलों को हाई कोर्ट के जज के लिए कैसे recommend कर देता है और एक अकेले सौरभ कृपाल को कैसे चुन कर सरकार को नाम भेज  दिया था - कॉलेजियम ने एक पोस्ट के लिए कितने वकीलों का #Zone_of_Consideration बनाया और उसका फैसला कैसे किया -

कल एक खबर थी कि तमिलनाडु में #लोकसभा_चुनाव के लिए नामांकन भरने वालों में #AIADMK के #Aatral_Ashok_Kumar 583 करोड़ की संपत्ति के साथ सबसे अमीर प्रत्याशी हैं - क्या किसी को पता चला है कि सुप्रीम कोर्ट के जजों की कितनी संपत्ति है या नए नियुक्त होने वाले जज की कितनी संपत्ति होती है जबकि चुनाव लड़ने वाले हर प्रत्याशी को अपनी और अपने परिवार की संपत्ति घोषित करनी पड़ती है - आप जजों के लिए संपत्ति घोषित करना स्वैछिक है यानी “#voluntary” है - आखिर क्यों ?

#हाई_कोर्ट के जजों के ट्रांसफर के लिए संबंधित हाई कोर्ट में उनकी #Seniority का भी ध्यान रखना जरूरी होता है ऐसा सुप्रीम कोर्ट से #RTI में ही बताया गया है मुझे लेकिन आपका कॉलेजियम किसी जज को भी जब मर्जी ट्रांसफर कर देता है - यह कैसी “पारदर्शिता है” -

अभी अदालत ने #PIB की #Fact_Check_Unit पर रोक लगा दी और लोकायुक्तों की चल रही नीति में अपने जी  दिशा निर्देश देना चाहते हैं -

पारदर्शिता के लिए यह दोहरा रवैया उचित नहीं है - #सरकार के हर काम को हाथ में लेना है तो सभी #जज त्यागपत्र देकर चुनाव लड़ें और सरकार बनाएं -

"लेखक के निजी विचार हैं "

 लेखक : सुभाष चन्द्र  | मैं हूं मोदी का परिवार | “मैं वंशज श्री राम का” 28/03/2024 

#Kejriwal  #judiciary #ed #cbi #delhi #sharabghotala #Rouse_Avenue_court #liquor_scam #aap  #Muslims,#implemented_CAA,#Mamata, #Stalin, #Vijayan, #threatening , #impose_CAA ,#respective_states,#Opposition_Against_CAA, #persecuted_Hindus #minorities, #except_Muslims #Congress_Party,  #political_party,  #indi #gathbandhan  #Prime_Minister  #Rahulgandhi  #PM_MODI #Narendra _Modi #BJP #NDA #Samantha_Pawar #George_Soros #Modi_Govt_vs_Supreme_Court #Arvind_Kejriwal, #DMK  #A_Raja  #top_stories #Prime_Minister, #Chief_Minister, #Supreme_Court, #High_Court_judges, #lawyers, #bureaucrats, #officers  #opposition #leaders  #CBI 

सूचना:  यंहा दी गई  जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की  कोई गारंटी नहीं है। सूचना के  लिए विभिन्न माध्यमों से संकलित करके लेखक के निजी विचारो  के साथ यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह  की जिम्मेदारी स्वयं निर्णय लेने वाले पाठक की ही होगी।' हम या हमारे सहयोगी  किसी भी तरह से इसके लिए जिम्मेदार नहीं है | धन्यवाद। ... 

Notice: There is no guarantee of authenticity or reliability of the information/content/calculations given here. This information has been compiled from various mediums for information and has been sent to you along with the personal views of the author. Our aim is only to provide information, readers should take it as information only. Apart from this, the responsibility of any kind will be of the reader himself who takes the decision. We or our associates are not responsible for this in any way. Thank you. ,

27 मार्च 2024

Germany and America Attack on our Judiciary | जर्मनी और अमेरिका की केजरीवाल के बारे में टिप्पणियां हमारी न्याय व्यवस्था पर हमला है - लेखक : सुभाष चन्द्र




किसी दूसरे देश की नीतियों में दखल देना अमेरिका और अन्य देशों को बंद करना होगा -

जर्मनी और अमेरिका की केजरीवाल के बारे में  टिप्पणियां हमारी न्याय व्यवस्था पर हमला है -

हमने क्या कभी ट्रम्प पर मुक़दमे पर कोई टिप्पणी की है ?


कुछ दिन पहले जर्मनी ने केजरीवाल की गिरफ़्तारी पर भारत के खिलाफ अनर्गल विलाप करते हुए कहा था कि “आरोपों का सामना कर रहे किसी भी अन्य व्यक्ति की तरह केजरीवाल भी निष्पक्ष व भेदभाव रहित मुक़दमे का हक़दार है - हम मानते हैं और अपेक्षा करते हैं कि इस मामले में भी न्यायपालिका की स्वतंत्रता से सम्बंधित मानकों और बुनियादी लोकतांत्रिक सिद्धांतों का पालन किया जाएगा” 


ऐसा कहते हुए जर्मनी ने एक तरह यह  माना कि आरोपों का सामना करने वाले किसी भी व्यक्ति को भारत में निष्पक्ष व भेदभाव रहित मुक़दमे का अधिकार दिया जाता है - लेकिन अन्य बातें कह कर जर्मनी ने भारत के लोकतंत्र और न्यायपालिका की स्वतंत्रता और उसके निष्पक्ष होने पर प्रश्नचिन्ह लगा कर भारत की संप्रभुता पर प्रहार किया जिसके उत्तर में भारत ने उनके राजनयिक को बुला कर कड़ी आपत्ति जताते हुए फटकार लगाई -


अब कल अमेरिका भी उछलता कूदता आगे आ कर अपनी मुंडी घुसाने की कोशिश कर रहा था जो उसके विदेश मामलों के प्रवक्ता ने कहा कि -


“अमेरिका केजरीवाल की गिरफ़्तारी की ख़बरों पर करीब से नज़र रख रहा है और निष्पक्ष, पारदर्शी और समयबद्ध कानूनी प्रक्रिया का पक्षधर है “


भारत की सरकार लुंज पुंज सरकार नहीं है जो चुप रहेगी - आज ही विदेश मंत्रालय ने Acting US Deputy Ambassador Gloria Berbena को तलब कर भारत की कड़ी नाराजगी जताते हुए कहा कि हर देश को दूसरे देशों के संप्रभुता का सम्मान करना चाहिए और उस देश की न्यायिक व्यवस्था पर दोष निकालते हुए आक्षेप लगाने से बचना चाहिए - यह जिम्मेदारी लोकतांत्रिक देशों की दूसरे लोकतांत्रिक देशों के प्रति और ज्यादा बढ़ जाती है”


मुझे लगता है अमेरिकी प्रशासन में कुछ सिरफिरे लोग बाइडन सरकार को बिना सोचे समझे गलत सलाह दे रहे हैं - 


अमेरिकी अधिकारियों और सरकार को याद रखना चाहिए कि किसी व्यक्ति पर केस चलाने से पहले जांच एजेंसियां उसे न्यायिक प्रक्रिया की तहत  summon देकर बुलाती हैं - जर्मनी और अमेरिका को याद रखना चाहिए कि केजरीवाल को ED ने 5 महीने में 9 Summons भेजे थे - कभी अमेरिका और जर्मनी ने केजरीवाल को सलाह दी कि वह जांच के आगे आए - ये देश यह भी भूल जाते हैं कि केजरीवाल पर जिस घोटाले की जांच हो रही है, उसमें उसके 2 मंत्री और एक सांसद लंबे समय से जेल में है, सरकार की मर्जी से नहीं बल्कि अदालत के आदेश पर और आप हमारी अदालत पर “निष्पक्ष” न होने का आरोप लगा रहे हो -


अमेरिका को यह भी नहीं भूलना चाहिए कि वर्तमान अमेरिकी सरकार के विरोधी डोनाल्ड ट्रम्प पर भी अनेक मुकदमे चलाए जा रहे हैं - क्या भारत या किसी अन्य लोकतांत्रिक देश ने उसके खिलाफ कभी कुछ कहा है, कभी नहीं जबकि अमेरिका में कोई भी फैसला सुनाने वाले जज के बारे में मीडिया पहले यह बताता है कि उस जज की नियुक्ति किसने की थी Democrats ने या Republicans ने और उसका झुकाव किसकी तरफ है और आप हमारी न्यायपालिका पर आक्षेप लगा रहे हो - 


अमेरिका या किसी पश्चिमी देश ने कभी लालू यादव, हेमंत सोरेन या उसके पहले जया ललिता की गिरफ़्तारी पर आंसू नहीं बहाए - इन तीनों ने गिरफ्तार होने से पहले मुख्यमंत्री पद छोड़ दिया था लेकिन केजरीवाल पद से चिपका हुआ है और जेल से सरकार चलाना चाहता है - US और जर्मनी इसे सही मानते हैं?  अमेरिका को पहले गुरपतवंत पन्नू के आरोप पर जवाब देना चाहिए और बताना चाहिए कि क्या पन्नू केजरीवाल को 134 करोड़ रुपए देने की बात सत्य बोल रहा है 

"लेखक के निजी विचार हैं "

 लेखक : सुभाष चन्द्र  | मैं हूं मोदी का परिवार | “मैं वंशज श्री राम का” 27/03/2024 

#Kejriwal  #judiciary #ed #cbi #delhi #sharabghotala #Rouse_Avenue_court #liquor_scam #aap  #Muslims,#implemented_CAA,#Mamata, #Stalin, #Vijayan, #threatening , #impose_CAA ,#respective_states,#Opposition_Against_CAA, #persecuted_Hindus #minorities, #except_Muslims #Congress_Party,  #political_party,  #indi #gathbandhan  #Prime_Minister  #Rahulgandhi  #PM_MODI #Narendra _Modi #BJP #NDA #Samantha_Pawar #George_Soros #Modi_Govt_vs_Supreme_Court #Arvind_Kejriwal, #DMK  #A_Raja  #top_stories #Prime_Minister, #Chief_Minister, #Supreme_Court, #High_Court_judges, #lawyers, #bureaucrats, #officers  #opposition #leaders  #CBI 

सूचना:  यंहा दी गई  जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की  कोई गारंटी नहीं है। सूचना के  लिए विभिन्न माध्यमों से संकलित करके लेखक के निजी विचारो  के साथ यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह  की जिम्मेदारी स्वयं निर्णय लेने वाले पाठक की ही होगी।' हम या हमारे सहयोगी  किसी भी तरह से इसके लिए जिम्मेदार नहीं है | धन्यवाद। ... 

Notice: There is no guarantee of authenticity or reliability of the information/content/calculations given here. This information has been compiled from various mediums for information and has been sent to you along with the personal views of the author. Our aim is only to provide information, readers should take it as information only. Apart from this, the responsibility of any kind will be of the reader himself who takes the decision. We or our associates are not responsible for this in any way. Thank you. ,

World Theatre Day | विश्व रंगमंच दिवस


 #World_Theatre_Day #विश्व_रंगमंच_दिवस #Theatre

🇮🇳 रंगमंच और इसके कलाकार एक प्रकार से हमारे सांस्कृतिक प्रतिनिधि और परम्पराओं के वाहक-प्रचारक होते हैं। 🇮🇳

🇮🇳 रंगमंच से लोगों का पुराना नाता रहा है। जिसने भी रंगमंच के तिलिस्म में कदम रखा, रंगमंच उसकी रग-रग में उतर गया। वो दूर जाकर भी कभी रंगमंच से दूर नहीं हो सका। ठीक वैसे ही, जैसे किसी मयकश के हलक से उतरकर कोई मय, उसकी रग-रग में फैली और दिल-ओ दिमाग़ पर तारी हो गई। ठीक वैसे ही, जैसे ज़िंदगी के किसी मोड़ पर एक मासूम इश्क़ किसी लैला, किसी शीरीं या किसी सोहणी की शक्ल में किसी क़ैस, किसी फ़रहाद या किसी महिवाल से मिला और उनकी जिंदगी बन गया।

🇮🇳 दरअसल, रंगमंच को जीने वाले, इसे जिंदगी जीने का सलीक़ा कहते हैं। इसका सम्मोहन अद्भुत है। एक रंगकर्मी होने के नाते मेरा यह मानना है कि रंगमंच ज़िंदगी को ज़िंदगी की तरह जीने और समझने का मौका देता है। रंगकर्मी अज़हर अली ने बताया कि रंगमंच के पथ पर चलकर जीवन को जानने, समझने और जीने का हुनर आता है। एक रंगकर्मी के रूप में दूर खड़े होकर ख़ुद को भी एक विश्लेषक की नजर से देख सकते हैं। अभिनेता अजय सिंह के अनुसार, थिएटर से जुड़ा शख्स अपने जीवन को बहुकोणीय स्तर पर जाकर देख सकता है। रंगकर्म से जुड़े लेखक, निर्देशक और दूरदर्शन केंद्र लखनऊ में कार्यक्रम अधिशासी, शिशिर सिंह के अनुसार, एक मंच हमारे अंदर भी है। जिस पर सदा ही रंग बिखरे रहते हैं बाहरी संसार के। उन्हीं रंगों को जब हम बाहर संजो कर सजाते हैं तो जीवंत हो उठता है रंगमंच, खिल उठते है चमत्कारी आयाम। अभिनेता और निर्देशक जिया अहमद खान कहते हैं, आज रंगमंच वृहद स्वरुप में आ चुका है। वैश्विक स्तर पर भाषा और सीमाओं का बैरियर खत्म हो गया है। वरिष्ठ रंगकर्मी नरेंद्र पंजवानी ने कहा कि, पूरा संसार ही एक रंगकर्म है, जहां हम ईश्वर के निर्देशन के जीवन के विभन्न रंगों में डूबे रहते हैं। हमें अपनी मर्यादा में रहकर अपने किरदार निभाने चाहिए।

🇮🇳 विश्व रंगमंच दिवस का शुभारम्भ 27  मार्च 1961 को इंटरनेशनल थियेटर इंस्टिट्यूट द्वारा किया गया था। तब से प्रतिवर्ष 27 मार्च को विश्व थिएटर समुदाय इस दिन कई अंतर्राष्ट्रीय रंगमंचीय कार्यक्रम आयोजित करता है। रंगमंच से जुडी हस्तियों के संदेश पढ़े जाते हैं। मुख्य कार्यक्रम इंटरनेशनल थियेटर इंस्टिट्यूट के मंच पर आयोजित किये जाते हैं। इंटरनेशनल थियेटर इंस्टीट्यूट अंतर्राष्ट्रीय गैर सरकारी संगठन है, जिसकी स्थापना यूनेस्को द्वारा सन 1948 में प्राग चेक गणराज्य में की गयी थी।

🇮🇳 ऐसा माना जाता है कि नाट्य कला का विकास सर्वप्रथम भारत में ही हुआ। ऋग्वेद के कतिपय सूत्रों में यम और यमी, पुरुरवा और उर्वशी आदि के कुछ संवाद हैं । इन संवादों में लोग नाटक के विकास का चिह्न पाते हैं। इन्हीं संवादों से प्रेरणा ग्रहण कर नाटक की रचना की गयी और नाट्यकला का विकास हुआ। यथासमय #भरतमुनि ने उसे शास्त्रीय रूप दिया। भरतमुनि ने अपने नाट्यशास्त्र में नाटकों के विकास की प्रक्रिया को इस प्रकार व्यक्त किया है: नाट्यकला की उत्पत्ति दैवी है, अर्थात् दुःख रहित सतयुग बीत जाने पर त्रेता युग के आरंभ में देवताओं ने सृष्टा ब्रह्मा से मनोरंजन का कोई ऐसा साधन उत्पन्न करने की प्रार्थना की जिससे देवता लोग अपना दु:ख भूल सकें और आनंद प्राप्त कर सकें। फलत: उन्होंने ऋग्वेद से कथोपकथन, सामवेद से गायन, यजुर्वेद से अभिनय और अथर्ववेद से रस लेकर, नाटक का निर्माण किया। विश्वकर्मा ने रंगमंच बनाया  इत्यादि।

🇮🇳 ख़ैर नाटक का विकास जैसे भी हुआ हो, पूरे विश्व में रंगमंच हमेशा से अभिव्यक्ति का एक सशक्त माध्यम है। रंगमंच के कलाकार विभिन्न ज्वलंत समस्याओं को नाटकों के माध्यम से जन-जन तक पहुँचाते हैं, पौराणिक प्रस्तुतियों से रूबरू कराते हैं, हमारी लोक संस्कृति को राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहुँचाते हैं। रंगमंच और इसके कलाकार एक प्रकार से हमारे सांस्कृतिक प्रतिनिधि और परम्पराओं के वाहक-प्रचारक होते हैं।

~ डाॅ. नीरज सचान

साभार: rionews24.com

🇮🇳 #रंगमंच (#थियेटर) से जुड़े सभी मित्रों को #विश्व_रंगमंच_दिवस की बहुत-बहुत बधाई एवं शुभकामनाऍं !

🇮🇳🌹🙏

साभार: चन्द्र कांत  (Chandra Kant) राष्ट्रीय उपाध्यक्ष - मातृभूमि सेवा संस्था 

सूचना:  यंहा दी गई  जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की  कोई गारंटी नहीं है। सूचना के  लिए विभिन्न माध्यमों से संकलित करके लेखक के निजी विचारो  के साथ यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह  की जिम्मेदारी स्वयं निर्णय लेने वाले पाठक की ही होगी।' हम या हमारे सहयोगी  किसी भी तरह से इसके लिए जिम्मेदार नहीं है | धन्यवाद। ... 

Notice: There is no guarantee of authenticity or reliability of the information/content/calculations given here. This information has been compiled from various mediums for information and has been sent to you along with the personal views of the author. Our aim is only to provide information, readers should take it as information only. Apart from this, the responsibility of any kind will be of the reader himself who takes the decision. We or our associates are not responsible for this in any way. Thank you. 


Chaunsath Yogini | चौंसठ योगिनी आदिशक्ति मां काली का अवतार





#Chaunsath_Yogini |  #चौंसठ_योगिनी #आदिशक्ति #मां #काली का #अवतार

चौसठ योगिनी मंदिर या चौंसठ योगिनियां प्रायः आदिशक्ति मां काली का अवतार या अंश होती है। घोर नामक दैत्य के साथ युद्ध करते हुए माता ने उक्त चौंसठ चौंसठ अवतार लिए थे । यह भी माना जाता है कि ये सभी माता पार्वती  की सखियां हैं। इन चौंसठ देवियों में से दस महाविद्याएं और सिद्ध विद्याओं  की भी गणना की जाती है। ये सभी प्रायः आद्य शक्ति काली के ही भिन्न-भिन्न अवतारी अंश हैं। कुछ लोग कहते हैं कि समस्त योगिनियों का संबंध मुख्यतः काली कुल से हैं और ये सभी तंत्र तथा योग विद्या से घनिष्ठ सम्बन्ध रखती हैं। भारत में आठ या 9 प्रमुख चौसठ-योगिनी मंदिर का उल्लेख मिलता है । इसमें केवल पांच के लिखित साक्ष्य उपलब्ध होते हैं-दो ओडिशा में तथा तीन मध्य प्रदेश में। समस्त योगिनियां अलौकिक शक्तिओं से सम्पन्न हैं तथा इंद्रजाल, जादू, वशीकरण, मारण, स्तंभन इत्यादि कर्म इन्हीं की कृपा द्वारा ही सफल हो पाते हैं। प्रमुख रूप से आठ योगिनियों के नाम इस प्रकार हैं:- 1.सुर-सुंदरी योगिनी, 2.मनोहरा योगिनी, 3. कनकवती योगिनी, 4.कामेश्वरी योगिनी, 5. रति सुंदरी योगिनी, 6. पद्मिनी योगिनी, 7. नतिनी योगिनी और 8. मधुमती योगिनी।

चौंसठ #योगिनियों के नाम :- 

1.बहुरूप, 3.तारा, 3.नर्मदा, 4.यमुना, 5.शांति, 6.वारुणी 7.क्षेमंकरी, 8.ऐन्द्री, 9.वाराही, 10.रणवीरा, 11.वानर-मुखी, 12.वैष्णवी, 13.कालरात्रि, 14.वैद्यरूपा, 15.चर्चिका, 16.बेतली, 17.छिन्नमस्तिका, 18.वृषवाहन, 19.ज्वालाकामिनी, 20.घटवार, 21.कराकाली, 22.सरस्वती, 23.बिरूपा, 24.कौवेरी. 25.भलुका, 26.नारसिंही, 27.बिरजा,28.विकतांना, 29.महालक्ष्मी, 30.कौमारी, 31.महामाया, 32.रति, 33.करकरी, 34.सर्पश्या, 35.यक्षिणी, 36.विनायकी, 37.विंध्यवासिनी, 38. वीर कुमारी, 39. माहेश्वरी, 40.अम्बिका, 41.कामिनी, 42.घटाबरी, 43.स्तुती, 44.काली, 45.उमा, 46.नारायणी, 47.समुद्र, 48.ब्रह्मिनी, 49.ज्वाला मुखी, 50.आग्नेयी, 51.अदिति, 51.चन्द्रकान्ति, 53.वायुवेगा, 54.चामुण्डा, 55.मूरति, 56.गंगा,  57.धूमावती, 58.गांधार, 59.सर्व मंगला, 60.अजिता, 61.सूर्यपुत्री 62.वायु वीणा, 63.अघोर और 64. भद्रकाली।  

1. चौसठ योगिनी मंदिर, #मुरैना:- 

मध्य प्रदेश के मुरैना स्थित चौसठ योगिनी मंदिर का विशेष महत्व है। इस मंदिर को गुजरे ज़माने में तांत्रिक विश्वविद्यालय कहा जाता था। उस दौर में इस मंदिर में तांत्रिक अनुष्ठान करके तांत्रिक सिद्धियाँ हासिल करने के लिए तांत्रिकों का जमावड़ा  लगा रहता था I

2. चौंसठ योगिनी मंदिर, #जबलपुर:- 

चौंसठ योगिनी मंदिर जबलपुर, मध्य प्रदेश का प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है। यह मंदिर जबलपुर की ऐतिहासिक संपन्नता में एक और अध्याय जोड़ता है। प्रसिद्ध संगमरमर चट्टान के पास स्थित इस मंदिर में देवी दुर्गा की 64 अनुषंगिकों की प्रतिमा है।

3. चौंसठ योगिनी मंदिर, #खजुराहो:-

 शिवसागर झील के दक्षिण पश्चिम में स्थित चौसठ योगिनी मंदिर चंदेल कला की प्रथम कृति है। यह मंदिर भारत के सभी योगिनी मंदिरों में उत्तम है तथा यह निर्माण की दृष्टि से सबसे अधिक प्राचीन है। 

4. चौंसठ योगिनी मंदिर #हीरापुर उडीसा :- 

हीरापुर भुवनेश्‍वर से 20 किलोमीटर दूर एक छोटा सा गांव है। इसी गांव में भारत की सबसे छोटी योगिनी मंदिर 'चौसठ योगिनी' स्थित है।

5.#रानीपुर-

झरिया बलांनगिर उडीसा का चौंसठ योगिनी मन्दिर:-

ईटों से निर्मित यह एतिहासिक मन्दिर उड़ीसा के बलांगिर जिले के तितिलागढ़ तहसील रानीपुर झरिया नामक जुड़वे गांव में स्थित है।

जय मां जय जगत जननी 🙏🏻❤️🙏🏻

साभार: श्री कांत शर्मा  

सूचना:  यंहा दी गई  जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की  कोई गारंटी नहीं है। सूचना के  लिए विभिन्न माध्यमों से संकलित करके लेखक के निजी विचारो  के साथ यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह  की जिम्मेदारी स्वयं निर्णय लेने वाले पाठक की ही होगी।' हम या हमारे सहयोगी  किसी भी तरह से इसके लिए जिम्मेदार नहीं है | धन्यवाद। ... 

Notice: There is no guarantee of authenticity or reliability of the information/content/calculations given here. This information has been compiled from various mediums for information and has been sent to you along with the personal views of the author. Our aim is only to provide information, readers should take it as information only. Apart from this, the responsibility of any kind will be of the reader himself who takes the decision. We or our associates are not responsible for this in any way. Thank you. ,

Makar Sankranti मकर संक्रांति

  #मकर_संक्रांति, #Makar_Sankranti, #Importance_of_Makar_Sankranti मकर संक्रांति' का त्यौहार जनवरी यानि पौष के महीने में मनाया जाता है। ...