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A person who respects himself can never insult others | एक व्यक्ति जो स्वयं का सम्मान करता है वो कभी भी दूसरों का अपमान नहीं कर सकता..!! | Quotes

 


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Freedom fighter | Jugal Kishore Saxena | स्वतंत्रता सेनानी | जुगल किशोर सक्सेना

  Freedom fighter | Jugal Kishore Saxena | स्वतंत्रता सेनानी | जुगल किशोर सक्सेना 🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳 🇮🇳 हम पर वतन का कर्ज था, हमने चुका दिया 🇮🇳 🇮🇳 बस्ती की टीन की जेल। मई-जून का तपता महीना और 24 घंटे में सिर्फ एक तसला पानी। हर पल की घुटन। बावजूद इसके आजादी के इस दीवाने ने हौसला नहीं छोड़ा। वंदेमातरम ने नारों में जोश कायम रखा।  🇮🇳 हम यहाँ बात कर रहे हैं स्वतंत्रता सेनानी #जुगल_किशोर_सक्सेना की। उन्हें याद करके उनके बेटे कहते हैं कि 'पिता उन घटनाओं को सुनाते हुए भावुक हो जाते थे। कहते थे, ऐसे ही नहीं मिली है आजादी। इसके लिए देश के सपूतों ने बड़े जुल्म सहे है।' 🇮🇳 आजादी की लड़ाई में इलाके के सूरमाओं ने गोरों को कभी पीठ नहीं दिखाई। ऐसे ही थे जुगल किशोर सक्सेना। पिता #बटेश्वरदयाल और माँ #धनु_कुंवर के यहाँ जून 1924 में उनका जन्म #डड़ौना गाँव में हुआ। जन्म के ढाई साल बाद ही माँ चल बसीं। उनकी तेरहवीं भी नहीं हो पाई थी कि पिता भी साथ छोड़ गए। कोई भाई-बहन नहीं थे। परिवार के अन्य घरों में इनका पालन हुआ। वह मिडिल तक ही पढ़ पाए। अनाथ होने के कारण...

भगवान शालिग्राम का विवाह तुलसी से .... मेरी दुनिया - GMEDIA

भगवान शालिग्राम का विवाह  तुलसी से ... मान्यता है कि भगवान विष्णु और तुलसी का जिस जगह पर होते हैं, वहां कोई दुख और परेशानी नहीं आती। शालिग्राम की पूजा में तुलसी का महत्वत अहम है क्योंाकि बिना तुलसी के शालिग्राम की पूजा करने पर दोष लगता है। पराक्रमी असुर जलंधर का विवाह वृंदा से हुआ था , वृंदा भगवान विष्णु की भक्त थी। उसके पतिव्रत धर्म के कारण जलंधर अजेय हो गया था। उसने एक युद्ध में भगवान शिव को भी पराजित कर दिया। अपनी शक्ति के अभिमान में जलंधर देवताओं, अप्सकराओं को परेशान करने लगा। दु:खी देवता भगवान विष्णु की शरण में गए और जलंधर के आतंक को समाप्त करने की प्रार्थना करने लगे। तब भगवान विष्णु जलंधर का रूप धारण कर छल से वृंदा का पतिव्रत धर्म नष्ट कर दिया। इससे जलंधर की शक्ति क्षीण हो गई और वह युद्ध में मारा गया। जब वृंदा को इस छल का पता चला, तो उसने विष्णु को पत्थर बन जाने का शाप दे दिया। देवताओं के अनुरोध करने पर वृंदा ने शाप वापस ले लिया। मगर, भगवान विष्णु ने पत्थंर में अपना एक रूप प्रकट किया, जिसे शालिग्राम कहा गया। भगवान विष्णु ने वृंदा को वरदान दिया कि अगले जन्म में तुम तुलसी ...

Sharad / Navratri (Shardiya Navratri) 2025 | शरद / नवरात्रि (शारदीय नवरात्रि) 2025

  Sharad / Navratri (Shardiya Navratri) 2025 शरद / नवरात्रि (शारदीय नवरात्रि) 2025 22 सितम्बर 2025 (सोमवार) से 1 अक्टूबर 2025 (बुध / रविवार) विजयादशमी (दशहरा) - 2 अक्टूबर 2025  Vijayadashami (Dussehra) — 2 अक्टूबर 2025  🕉️ नौ देवी रूप और प्रत्येक दिन की पूजा Navratri के प्रत्येक दिन देवी के एक रूप की पूजा होती है। नीचे Chaitra और Sharad दोनों के लिए सामान्य क्रम है: रात्रि के हर दिन देवी के एक रूप की पूजा होती है। नीचे चैत्र और शरद दोनों का सामान्य क्रम है: माँ शैलपुत्री  Maa Shailputri मां ब्रह्मचारिणी  Maa Brahmacharini मां चंद्रघंटा  Maa Chandraghanta माँ कुष्मांडा   Maa Kushmanda मां स्कंदमाता  Maa Skandamata माँ कात्यायनी   Maa Katyayani मां कालरात्रि   Maa Kalaratri माँ महागौरी  Maa Mahagauri माँ सिद्धिदात्री    Maa Siddhidatri 🔔 पूजा-विधि और विशेष रीति-रिवाज घटस्थापना / कलश स्थापना (Ghatasthapana / Kalash Sthapana): Navratri की शुरुआत होती है कलश या पवित्र पात्र की स्थापना से, जिसमें जल, पाँच प्रक...