सुदर्शन साहू (जन्म- 11 मार्च, 1939, पुरी, उड़ीसा) प्रसिद्ध भारतीय मूर्तिकार हैं। उनको बेजान पत्थरों को उकेरकर पौराणिक कथाओं को सजीव सी दिखने वाली मूर्तियां गढ़ने में महारत हासिल है। अपनी कला के लिए 1988 में पद्म श्री से नवाजे जा चुके सुदर्शन साहू ने 1977 में पुरी में क्राफ्ट म्यूजियम स्थापित किया था। इसके बाद उन्होंने 1991 में भुवनेश्वर में ओडिशा सरकार के साथ मिलकर एक आर्ट्स एंड क्राफ्ट कॉलेज स्थापित किया था, जहाँ वे पत्थरों, लकड़ियों और फाइबर ग्लास को जानदार लगने वाली मूर्तियों में बदलने की कला सिखाते हैं।
🇮🇳 ओड़िशा के जाने माने मूर्तिकार सुदर्शन साहू का जन्म 11 मार्च, 1939 को #पुरी में हुआ था।
🇮🇳 वह शुरू से ही अपने पैतृक घर में पत्थर और लकड़ी से पारंपरिक मूर्तियों की कला का अभ्यास किया करते थे। जब उनके कला की चर्चा विश्व स्तर तक होने लगी तो उन्होंने अपनी कला से जुड़े एक नया संस्था खोलने की सोची।
🇮🇳 सुदर्शन साहू चाहते थे कि काबिल कलाकारों की सुविधाओं के लिए एक उचित कार्यशाला खोला जाए ताकि पर्यटक यहाँ आए और पारंपरिक विरासत और भारतीय कला में निरंतर विकास को देख सकें व मूर्तियों को महसूस कर सकें।
🇮🇳 उन्होंने अपने सपने को साकार करते हुए पुरी में सन 1977 में क्राफ्ट म्यूजियम स्थापित किया।
🇮🇳 कहते हैं कि उनके हाथों में कुछ तो ऐसा जादू था जो बेजान पत्थरों की बनी मूर्तियां भी बोल उठती हैं।
🇮🇳 पौराणिक कथाओं को सजीवता प्रदान करने की कला अगर किसी में है, तो जाने माने मूर्तिकार सुदर्शन साहू में है।
🇮🇳 सुदर्शन साहू की गिनती 'ओड़िशा के विश्वकर्मा' कहे जाने वाले मूर्तिकारों में की जाती हैं।
🇮🇳 पत्थरों पर नक्काशी में महारत हासिल करने वाले सुदर्शन साहू को भारत सरकार ने 25 जनवरी, 2021 को पद्म विभूषण से सम्मानित किया था।
साभार: bharatdiscovery.org
🇮🇳 #पद्मश्री और #पद्मविभूषण से सम्मानित; 'ओड़िशा के विश्वकर्मा' कहे जाने वाले प्रसिद्ध भारतीय #मूर्तिकार #Famous Indian Sculptors #सुदर्शन_साहू #Sudarshan_Sahu जी को जन्मदिन की ढेरों बधाई एवं शुभकामनाएँ !
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#प्रेरणादायी_व्यक्तित्व
#आजादी_का_अमृतकाल
साभार: चन्द्र कांत (Chandra Kant) राष्ट्रीय उपाध्यक्ष - मातृभूमि सेवा संस्था
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