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Political sabotage was started by Congress itself | कांग्रेस द्वारा ही शुरू की गई थी राजनीतिक तोड़फोड़ | लेखक : सुभाष चन्द्र





#Political #sabotage was started by #Congress itself

#कांग्रेस द्वारा ही शुरू की गई  थी #राजनीतिक तोड़फोड़


समय समय की बात है - जैसा बोया कांग्रेस ने, वो ही  काटना पड़ रहा है -

राजनीतिक तोड़फोड़ कांग्रेस ने ही  शुरू की थी - अब विलाप क्यों ?


इस सत्य को कोई नकार नहीं सकता कि विधायकों सांसदों की तोड़फोड़ की राजनीति कांग्रेस की ही देन है लेकिन आज जब उसे इसका फल चखना पड़ रहा है तो लोकतंत्र की हत्या होती दिखाई दे रही है - आज अपने विधायकों को चुनाव परिणाम आते ही कांग्रेस को भेड़ बकरियों की तरह किसी तबेले में छुपाना पड़ता है - कांग्रेस के कुछ कुकर्म याद कीजिए -


1977 में #हरियाणा के #भजनलाल जनता पार्टी से #चुनाव जीते थे और देवीलाल के मुख्यमंत्री रहते हुए कई मंत्रालय उनके पास थे - #जनता पार्टी ने विधानसभा में 90 में से 75 सीट जीती थी जबकि कांग्रेस को मात्र 3 सीट मिली थी - 1979 में भजन लाल कांग्रेस में चले गए और जनता पार्टी के 44 विधायकों को तोड़ कर कांग्रेस में ले गया और मुख्यमंत्री बन गया - इससे बड़ा दलबदल का ड्रामा कांग्रेस के अलावा कोई नहीं कर सकता था - ऐसे हथकंडों से उस वक्त कांग्रेस “लोकतंत्र” को इमरजेंसी के बाद जैसे पुनर्जीवित कर रही थी 


इस कालखंड में याद कीजिए जब इंदिरा गांधी ने समर्थन देकर चरण सिंह को प्रधानमंत्री बनवा दिया लेकिन मात्र 22 दिन के बाद उनकी सरकार पटक दी क्योंकि चरण सिंह ने कांग्रेस की शर्तें मानने से मना कर दिया था - चंद्रशेखर की सरकार राजीव गांधी ने केवल एक बहाना बना कर गिरा दी थी कि उसकी जासूसी की जा रही थी - देवगौड़ा से भी कांग्रेस ने समर्थन खींच लिया था, और यह भी सबको याद है और अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार एक वोट से गिराने के लिए तो कांग्रेस ने परले दर्जे की गिरावट दिखाई थी - आज हिमाचल प्रदेश में अभिषेक मनु सिंघवी को जीत की एक वोट भी नहीं मिल सकी -


याद तो वह समय भी होगा जब 1995 में भाजपा को गुजरात विधानसभा में 182 में से 121 सीट मिली और कांग्रेस को मात्र 45 सीट मिली थी लेकिन शंकर सिंह वाघेला कांग्रेस की अंखियों का नूर बन गया और भाजपा के 48 विधायकों को लेकर खजुराओ उड़ गए और इतिहास का सबसे बड़ा Defection करा कर कांग्रेस के मुख्यमंत्री बन गए - कितना बढ़िया लोकतंत्र था कांग्रेस का क्योंकि इस हरकत पर कांग्रेस बहुत खुश थी 


नवंबर, 2019 में कांग्रेस और कथित मराठा “चाणक्य” शरद पवार ने खेल खेल कर उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री पद का लालच देकर भाजपा से अलग करा दिया और Point of No Return की स्थिति में लाकर बिठा दिया - कांग्रेस और पवार को पता था कि उद्धव को जैसे वो चाहेंगे, वैसे नाच नचाएंगे और जब मर्जी पटक देंगे लेकिन खेल उल्टा ही कर दिया शिंदे / भाजपा ने - 


महाराष्ट्र की कांग्रेस, शरद पवार और उद्धव की राजनीति का दुष्परिणाम क्या सामने आया, सबने देख लिया - उद्धव की शिवसेना सच में ख़त्म हो गई और एकनाथ शिंदे असली #शिवसेना का मालिक बन गया - #शरद_पवार की #NCP भी ख़त्म हो गई और कांग्रेस शनैः शनैः बिखराव पर है, उद्धव की सरकार भी गई और महाविकास अघाड़ी महाविनाश को प्राप्त हो गईं - इसलिए सही कहा गया है कि कर्मफल भुगतना ही पड़ता है जो आज कांग्रेस भुगत रही है -


जो खेल कांग्रेस ने शुरू किया उसका परिणाम एक दिन उसे ही भुगतना पड़ेगा कांग्रेस ने कभी कल्पना भीं नहीं की थी क्योंकि उसे कभी #जनसंघ / #भाजपा के सत्ता में इस तरह आने की उम्मीद ही नहीं थी जो कांग्रेस को एक क्षेत्रीय दल बना देगी -

"लेखक के निजी विचार हैं "

 लेखक : सुभाष चन्द्र | “मैं वंशज श्री राम का” 01/03/2024 

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सूचना:  यंहा दी गई  जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की  कोई गारंटी नहीं है। सूचना के  लिए विभिन्न माध्यमों से संकलित करके लेखक के निजी विचारो  के साथ यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह  की जिम्मेदारी स्वयं निर्णय लेने वाले पाठक की ही होगी।' हम या हमारे सहयोगी  किसी भी तरह से इसके लिए जिम्मेदार नहीं है | धन्यवाद। ... 

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