05 मार्च 2024

Neera Arya Nagin | वीरांगना नीरा आर्य नागिन जी | 5 मार्च 1902 -26 जुलाई 1998

 



  🇮🇳 #वीरांगना_नीरा_आर्य  #Neera_Arya_Nagin  ने #नेताजी_सुभाष_चंद्र_बोस की जान बचाने के लिए अंग्रेजी सेना में अपने अफसर पति श्रीकांत जयरंजन दास की हत्या कर दी थी |

🇮🇳5 मार्च 1902 को तत्कालीन संयुक्त प्रांत के #खेकड़ा नगर में एक प्रतिष्ठित व्यापारी #सेठ_छज्जूमल  #Seth_Chhajjumal के घर जन्मी नीरा आर्य आजाद हिन्द फौज में रानी झाँसी रेजिमेंट की सिपाही थीं, जिन पर अंग्रेजी सरकार ने गुप्तचर होने का आरोप भी लगाया था।

🇮🇳 इन्हें नीरा ​नागिनी के नाम से भी जाना जाता है। इनके भाई #बसंत_कुमार भी आजाद हिन्द फौज में थे। इनके पिता #सेठ_छज्जूमल #Basant_Kumar अपने समय के एक प्रतिष्ठित व्यापारी थे, जिनका व्यापार देशभर में फैला हुआ था। खासकर कलकत्ता में इनके पिताजी के व्यापार का मुख्य केंद्र था, इसलिए इनकी शिक्षा-दीक्षा कलकत्ता में ही हुई ।

🇮🇳 नीरा आर्य का विवाह ब्रिटिश भारत में सीआईडी इंस्पेक्टर श्रीकांत जयरंजन दास के साथ हुआ था | नीरा ने #नेताजी_सुभाष_चंद्र_बोस  #Netaji_Subhash_Chandra_Bose की जान बचाने के लिए अंग्रेजी सेना में अपने अफसर पति श्रीकांत जयरंजन दास की हत्या कर दी थी |

🇮🇳 आजाद हिन्द फौज के समर्पण के बाद जब लाल किले में मुकदमा चला तो सभी बंदी सैनिकों को छोड़ दिया गया, लेकिन इन्हें पति की हत्या के आरोप में #काले_पानी #Kale_Pani की सजा हुई थी, जहाँ इन्हें घोर यातनाएँ दी गई।

🇮🇳 आजादी के बाद इन्होंने फूल बेचकर जीवन यापन किया, लेकिन कोई भी सरकारी सहायता या पेंशन स्वीकार नहीं की।

🇮🇳 नीरा ने अपनी एक आत्मकथा भी लिखी है | इस आत्म कथा का एक हृदयद्रावक अंश प्रस्तुत हैं–

🔴 ‘‘मैं जब कोलकाता जेल से #अंडमान पहुँची, तो हमारे रहने का स्थान वे ही कोठरियाँ थीं, जिनमें अन्य महिला राजनैतिक अपराधी रही थी अथवा रहती थी। 🔴

🔴 हमें रात के 10 बजे कोठरियों में बंद कर दिया गया और चटाई, कंबल आदि का नाम भी नहीं सुनाई पड़ा। मन में चिंता होती थी कि इस गहरे समुद्र में अज्ञात द्वीप में रहते स्वतंत्रता कैसे मिलेगी, जहाँ अभी तो ओढ़ने बिछाने का ध्यान छोड़ने की आवश्यकता आ पड़ी है? 🔴

🔴 जैसे-तैसे जमीन पर ही लोट लगाई और नींद भी आ गई। लगभग 12 बजे एक पहरेदार दो कम्बल लेकर आया और बिना बोले-चाले ही ऊपर फेंककर चला गया। कंबलों का गिरना और नींद का टूटना भी एक साथ ही हुआ। बुरा तो लगा, परंतु कंबलों को पाकर संतोष भी आ ही गया। 🔴

🔴 अब केवल वही एक लोहे के बंधन का कष्ट और रह-रहकर भारत माता से जुदा होने का ध्यान साथ में था। 🔴

🔴 ‘‘सूर्य निकलते ही मुझको खिचड़ी मिली और लुहार भी आ गया। हाथ की सांकल काटते समय थोड़ा-सा चमड़ा भी काटा, परंतु पैरों में से आड़ी बेड़ी काटते समय, केवल दो-तीन बार हथौड़ी से पैरों की हड्डी को जाँचा कि कितनी पुष्ट है। 🔴

🔴 मैंने एक बार दुःखी होकर कहा, ‘‘क्या अंधा है, जो पैर में मारता है?’’ ‘‘पैर क्या हम तो दिल में भी मार देंगे, क्या कर लोगी?’’ उसने मुझे कहा था। 🔴

🔴 ‘‘बंधन में हूँ तुम्हारे कर भी क्या सकती हूँ…’’ फिर मैंने उनके ऊपर थूक दिया था, ‘‘औरतों की इज्जत करना सीखो?’’ 🔴

🔴 जेलर भी साथ थे, तो उसने कड़क आवाज में कहा, ‘‘तुम्हें छोड़ दिया जाएगा, यदि तुम बता दोगी कि तुम्हारे नेताजी सुभाष कहाँ हैं?’’ 🔴

🔴 ‘‘वे तो हवाई दुर्घटना में चल बसे,’’ मैंने जवाब दिया, ‘‘सारी दुनिया जानती है।’’ 🔴

🔴 ‘‘नेताजी जिंदा हैं….झूठ बोलती हो तुम कि वे हवाई दुर्घटना में मर गए?’’ जेलर ने कहा। 🔴

🔴 ‘‘हाँ नेताजी जिंदा हैं।’’ 🔴

🔴 ‘‘तो कहाँ हैं…।’’ 🔴

🔴 ‘‘मेरे दिल में जिंदा हैं वे।’’ 🔴

🔴 जैसे ही मैंने कहा तो जेलर को गुस्सा आ गया था और बोले, ‘‘तो तुम्हारे दिल से हम नेताजी को निकाल देंगे।’’ और फिर उन्होंने मेरे आँचल पर ही हाथ डाल दिया और मेरी आँगी को फाड़ते हुए फिर लुहार की ओर संकेत किया…लुहार ने एक बड़ा सा जंबूड़ औजार जैसा फुलवारी में इधर-उधर बढ़ी हुई पत्तियाँ काटने के काम आता है, उस ब्रेस्ट रिपर को उठा लिया और मेरे दाएँ स्तन को उसमें दबाकर काटने चला था…लेकिन उसमें धार नहीं थी, ठूँठा था और उरोजों (स्तनों) को दबाकर असहनीय पीड़ा देते हुए दूसरी तरफ से जेलर ने मेरी गर्दन पकड़ते हुए कहा, ‘‘अगर फिर जबान लड़ाई तो तुम्हारे ये दोनों गुब्बारे छाती से अलग कर दिए जाएँगे…’’ 🔴

🔴 उसने फिर चिमटानुमा हथियार मेरी नाक पर मारते हुए कहा, ‘‘शुक्र मानो महारानी विक्टोरिया का कि इसे आग से नहीं तपाया, आग से तपाया होता तो तुम्हारे दोनों स्तन पूरी तरह उखड़ जाते।’’ 🔴

🇮🇳 सलाम हैं ऐसे देश भक्त को। आजादी के बाद इन्होंने फूल बेचकर जीवन यापन किया, लेकिन कोई भी सरकारी सहायता या पेंशन स्वीकार नहीं की।

जय हिन्द, जय माँ भारती, वन्देमातरम !!!

🇮🇳 पढ़ने के बाद ही रूह काँप जाती है जिन पर बीती होगी उसका दर्द वही जानते होंगे नमन हैं ऐसे क्रांतिवीरों को!

~ राजन पाण्डेय

साभार: kreately.in

नीरा आर्य जी के जीवन के विषय में अधिक जानने के लिए...

www.neeraaryamemorial.com

🇮🇳 #आजाद_हिन्द_फौज #Azad_Hind_Army's में रानी झाँसी रेजिमेंट की सिपाही, देशप्रेम की अद्भुत मिसाल #वीरांगना #नीरा_आर्य_नागिनी जी #Neera_Arya_Nagini की जयंती पर उन्हें कृतज्ञ राष्ट्र की ओर से कोटि-कोटि नमन एवं विनम्र श्रद्धांजलि !

🇮🇳💐🙏

🇮🇳 जय मातृभूमि 🇮🇳

#प्रेरणादायी_व्यक्तित्व

#आजादी_का_अमृतकाल


साभार: चन्द्र कांत  (Chandra Kant) राष्ट्रीय उपाध्यक्ष - मातृभूमि सेवा संस्था 


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