Election Commission Warning to Rahul Gandhi
राहुल जैसे मूढ़मति पर कोई चेतावनी असर कर सकती है क्या ?
चुनाव आयोग ने चेतावनी जारी करने में साढ़े 3 महीने क्यों लगा दिए -
चुनाव आयोग ने राहुल गांधी को 23 नवंबर, 2023 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को “पनौती और जेबकतरा” कहने पर नोटिस जारी करके 25 नवंबर तक जवाब मांगा था और जब भाजपा इस मामले को दिल्ली हाई कोर्ट ले गई तब कोर्ट ने 21 दिसंबर, 2023 को आयोग से जारी किए गए नोटिस पर कार्रवाई करने को कहा था - इसके अलावा राहुल गांधी ने यह भी आरोप लगाया था कि 9 साल में 14 लाख करोड़ के लोन माफ़ किए गए जो बिलकुल निराधार था और चुनाव आयोग ने इसे Representation of People’s Act and 499 of IPC and provisions of the Model Code of Conduct का उल्लंघन बताया था -
अब कोर्ट के निर्देश के अनुसार चुनाव आयोग ने राहुल गांधी से चुनाव अभियान के दौरान स्टार प्रचारकों और राजनीतिक नेताओं के लिए जारी एडवाइजरी का गंभीरता से अनुपालन करने के लिए भी कहा है और इसका उल्लंघन करने पर कड़ी कार्रवाई का सामना भी करना पड़ सकता है
पहली बात तो यह है कि आखिर चुनाव आयोग ने साढ़े 3 महीने का इतना लंबा समय चेतावनी जारी करने में क्यों लिया जबकि इस दौरान 5 राज्यों की विधान सभाओं के चुनाव चल रहे थे और राहुल ही नहीं कांग्रेस के अन्य नेता भी प्रधानमंत्री मोदी के अपशब्दों की बौछार लगाते रहे, क्या इसकी जिम्मेदारी चुनाव आयोग की नहीं बनती -
राहुल “कालनेमि” आदत से लाचार है जो प्रधानमंत्री मोदी, भाजपा, भगवान राम और देश के खिलाफ बोलना अपना “धर्म” समझता है - अपने ही सहयोगियों DMK और राजद एवं अन्य दलों के सनातन धर्म, रामचरितमानस और भगवान राम के लिए दिए अपमानजनक बयानों पर खामोश रह कर उन्हें परोक्ष समर्थन देता है -
आयोग दरअसल एक दंतविहीन संस्था की तरह काम कर रहा है अन्यथा DMK के सनातन धर्म को डेंगू, मलेरिया, HIV और कोढ़ कह कर समाप्त करने की बात कहने पर पार्टी को De - Register कर देना चाहिए लेकिन चुनाव आयोग के पास किसी पार्टी को मान्यता देने की शक्ति तो है लेकिन मान्यता रद्द करने की शक्ति नहीं है चाहे कोई पार्टी कितना भी गलत आचरण करती रहे -
राहुल “कालनेमि” जनता में अडानी अंबानी को लेकर रोज जहर उगलता है - कोई समझ सकता है उसकी बात का क्या मतलब है कहने का कि “आप घर में बिजली का switch on करते हो तो उसके बिल का पैसा सीधा अडानी की जेब में जाता है” - एक बयान और सुनें, राहुल कहता है लोगों से - “आप प्राइवेट अस्पताल में गए जब आपका पैर टूटा, आपने प्राइवेट कॉलेज में पढाई की तो जो पैसा आपने अस्पताल में दिया या कॉलेज में उसमें कितना दलित को दिया, कितना आदिवासी को दिया, कितना पिछड़े को दिया और कितना जनरल कास्ट के गरीब को दिया” -
अब कोई बताए क्या कहीं भी फीस दी जाती है तो क्या इस तरह दी जाती है - इसकी अगली बात सुनें कि ये जो सोने की चिड़िया है भारत, इसमें से कितना सोना मुझे मिला - और तो और महाशय कहते हैं कि भारत माता की जय और जय श्रीराम का नारा लगाने वाले भूखे मर जाएंगे -
यह माना कि चुनाव में प्रोपेगेंडा होता है लेकिन ऐसा भी क्या कि सब कुछ बकवास ही की जाए, जयराम रमेश की बात और मजेदार थी, वो कह रहा था कि “ 5 मार्च को राहुल जी उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में दर्शन देंगे” - मतलब ये भगवान हो गए दर्शन देने के लिए -
मुझे नहीं लगता राहुल गांधी पर किसी Advisory का कोई असर होगा - वो इसका उल्टा प्रचार करेगा कि हमारी आवाज़ दबाई जा रही है जो आरोप सब कुछ बोलते हुए भी लगा रहे हैं पिछले 10 साल से -
"लेखक के निजी विचार हैं "
लेखक : सुभाष चन्द्र | मैं हूं मोदी का परिवार | “मैं वंशज श्री राम का” 08/03/2024
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