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Rukmini Devi Arundale | रुक्मिणी देवी अरुंडेल | प्रसिद्ध भारतीय_नृत्यांगना | 29 February, 1904-24 February, 1986

 


🇮🇳 #रुक्मिणी देवी अरुंडेल (जन्म- 29 फ़रवरी, 1904; मृत्यु- 24 फ़रवरी, 1986) प्रसिद्ध #भारतीय_नृत्यांगना थीं। 


#Rukmini_Devi_Arundale (born- #29February, 1904; died- #24February, 1986) was a f#amous #Indian_dancer. 


उन्होंने #भरतनाट्यम नृत्य में भक्तिभाव को भरा तथा नृत्य की अपनी एक परंपरा आरम्भ की। कला के क्षेत्र में रुक्मिणी देवी को 1956 में 'पद्म भूषण' से सम्मानित किया गया था। गौरतलब है कि 1920 के दशक में भरतनाट्यम को अच्छी नृत्य शैली नहीं माना जाता था और तब लोग इसका विरोध करते थे, बावजूद इसके रुक्मिणी देवी ने न केवल इसका समर्थन किया बल्कि इस कला को अपनाया भी।

🇮🇳 #रुक्मिणी_देवी का जन्म 29 फ़रवरी, 1904 को #तमिलनाडु के #मदुरै ज़िले में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। पारंपरिक रीति-रिवाजों के बीच पली-बढ़ी रुक्‍मिणी देवी ने महान् संगीतकारों से भारतीय संगीत की शिक्षा ली। रुक्‍मिणी के पिता संस्कृत के विद्वान् और एक उत्साही #थियोसोफिस्‍ट थे। इनके समय में लड़कियों को मंच पर नृत्य करने की इजाजत नहीं थीं। ऐसे में नृत्य सीखने के साथ-साथ रुक्मिणी देवी ने तमाम विरोधों के बावजूद इसे मंच पर प्रस्तुत भी किया। सिर्फ यही नहीं, उन्‍होंने नृत्‍य की कई विधाओं को खुद बनाया भी और उन्‍हें अपने भाव में विकसित किया।

🇮🇳 रुक्मिणी देवी की रूचि बाल शिक्षा के क्षेत्र में भी थी। नई प्रणाली की शिक्षा का प्रशिक्षण देने के लिए उन्होंने हॉलेंड से मैडम मोंटेसरी को भारत आमंत्रित किया था।

🇮🇳 एक थियोसोफिकल पार्टी में रुक्‍मिणी देवी की मुलाकात #जॉर्ज_अरुंडेल से हुई। जॉर्ज अरुंडेल डॉ. श्रीमती #एनी_बेसेंट के निकट सहयोगी थे। यहाँ मुलाकात के दौरान जॉर्ज को रुक्‍मिणी से प्‍यार हो गया और उन्‍होंने 16 साल की उम्र में ही रुक्‍मिणी के सामने विवाह का प्रस्‍ताव रख दिया। उसके बाद 1920 में दोनों का विवाह हो गया। इसके बाद रुक्‍मिणी का नाम 'रुक्‍मिणी अरुंडेल' हो गया।

🇮🇳 रुक्मिणी देवी को जानवरों से बहुत प्‍यार था। #राज्‍यसभा_सांसद बनकर उन्‍होंने 1952 और 1956 में पशु क्रूरता निवारण के लिए एक विधेयक का भी प्रस्‍ताव रखा था। ये विधेयक 1960 में पास हो गया। रुक्मिणी देवी 1962 से 'एनिमल वेलफेयर बोर्ड' की चेयरमैन भी रही थीं।

🇮🇳 सन 1956 में कला के क्षेत्र में विशेष योगदान के लिए रुक्मिणी देवी को '#पद्म_भूषण' से सम्मानित किया गया था। 1957 में 'संगीत नाटक अवार्ड' और 1967 में 'संगीत नाटक अकादमी फेलोशिप' मिला।

🇮🇳 1977 में #मोरारजी देसाई ने रुक्मिणी देवी को #राष्ट्रपति के पद की पेशकश की थी, पर इन्होंने राष्ट्रपति भवन से ज्यादा महत्त्व अपनी कला अकादमी को दिया तथा उनकी पेशकश को स्वीकार नहीं किया।

साभार: bharatdiscovery.org

🇮🇳 #पद्मभूषण से सम्मानित; #भरतनाट्यम की प्रसिद्ध भारतीय #नृत्यांगना #रुक्मिणी_देवी_अरुंडेल  जी को उनकी पुण्यतिथि पर कलाप्रेमियों की ओर से विनम्र श्रद्धांजलि !

🇮🇳💐🙏

#प्रेरणादायी_व्यक्तित्व

#आजादी_का_अमृतकाल

साभार: चन्द्र कांत  (Chandra Kant) राष्ट्रीय उपाध्यक्ष - मातृभूमि सेवा संस्था  #Film #Actress  #Madhubala  #मधुबाला | #14_February  #23February 

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