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Kejriwal Played with the Judiciary | केजरीवाल ने न्यायपालिका के साथ किया खिलवाड़ | लेखक : सुभाष चन्द्र




3 दिन में 3 मामले और केजरीवाल ने कैसे  पुंज कर दी न्यायपालिका -

मेरी बात हो सकता है कुछ अजीब लगे परंतु दिखाई तो यही दे रहा है कि केजरीवाल न्यायपालिका को नाच नचाने में सफल हो रहा है - ऐसा पिछले 3 दिनों में साफ़ नज़र आया - आइए इन मामलों पर नज़र डालते हैं -


-कल #शराब_घोटाले में #ED के समन के संबंध में #केजरीवाल को #Rouse_Avenue_court में पेश होना था लेकिन उसके पहले उसने #विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव और #बजट अधिवेशन रख दिया और जज साहब को #virtually पेश हो कर गोली खिला दी कि अभी वह नहीं आ सकता और जज साहब ने एक माह बाद 16 मार्च की तारीख लगा दी - इतनी लंबी तारीख लगाने का क्या मतलब था, विधानसभा का अधिवेशन चल रहा है तो कोर्ट उसे रविवार को बुला सकता था या रात के समय बुला सकता था लेकिन लगता है कोर्ट की ऐसी कोई मंशा थी ही नहीं;


-दूसरे केस में देखिए, #सुप्रीम_कोर्ट में #CJI #चंद्रचूड़ को दिल्ली #हाई_कोर्ट की तरफ से बताया जाता है कि केजरीवाल की “आम आदमी पार्टी” ने हाई कोर्ट को 2020 में आबंटित की गई जमीन पर कब्ज़ा कर उस पर अपना ऑफिस बना लिया है और अब उसे वापस देने को तैयार नहीं है - चंद्रचूड़ जी भड़क गए कि कोई पार्टी ऐसा कैसे कर सकती है मगर वह तो एक “चुनी हुई सरकार” ने किया था और “आप” ने अदालत में कह दिया कि वह जमीन 2016 में हमें मिली थी, हमने कोई #Enchroachment नहीं किया है - अब सवाल उठता है कि 4 साल से जमीन पर “#आप” ने कब्ज़ा किया हुआ था तो दिल्ली हाई कोर्ट क्या भजन कर रहा था;

वीडियो देखने के लिए क्लिक करें 


https://youtu.be/5tirWSw98A8

-तीसरा मामला वर्ष 2014 का है - सुप्रीम कोर्ट के #जस्टिस #M_M_Sundresh और जस्टिस  #S_V_N_Bhatti की पीठ ने चौथी बार केजरीवाल पर #मुकदमा चलाने पर रोक को बढ़ा दिया -यह मामला 2 मई, 2014 का है (10 साल पुराना) जब केजरीवाल मुख्यमंत्री नहीं था, तब उसने #उत्तर_प्रदेश की एक चुनाव सभा में बयान दिया था :-

“जो कांग्रेस को वोट देंगे, उन्हें गद्दार माना जाएगा और जो #भाजपा को वोट देंगे, उन्हें “खुदा” भी कभी माफ़ नहीं करेगा”

एक शिकायतकर्ता ने #People #Representation #Act के #section_125 में दर्ज केस करा दिया जिसमे लोगों के बीच “#religion, #race, #caste, #community या #Language के आधार पर नफरत फ़ैलाने के आरोप में 3 साल की सजा का प्रावधान है - ये केस सुल्तानपुर ट्रायल कोर्ट में लंबित है जिसे रद्द करने की केजरीवाल की याचिका इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 9 साल बाद 16 जनवरी, 2023 को ख़ारिज कर दी थी –


अब आप देखिए कि 10 साल बाद भी सुप्रीम कोर्ट केजरीवाल पर मुकदमा चलाने पर रोक लगा रहा है तो कब केस चलेगा और कब फैसला होगा - सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा कि “Let the interim order continue. What is all this? These are all #irrelevant #matters. It is not a matter for us to go into,”


सुप्रीम कोर्ट को अगर लगता है कि यह irrelevant matter है तो खारिज कर देना चाहिए लेकिन इतने समय बाद केस रोकना नहीं चाहिए - उस समय केजरीवाल क्योंकि मुख्यमंत्री नहीं था तो आज उस केस का खर्च भी दिल्ली सरकार को वहन नहीं करना चाहिए जबकि हर तारीख पर केजरीवाल की तरफ से #अभिषेक_मनु_सिंघवी सुप्रीम कोर्ट जाता है और लाखों की फीस लेता होगा -


यह खर्च केजरीवाल को उठाना चाहिए, मैं इसलिए कह रहा हूं क्योंकि कुछ समय पहले #पंजाब की #भगवंत_मान_सरकार ने तत्कालीन मुख्यमंत्री  #कैप्टन_अमरिंदर सिंह और जेल मंत्री रहे #सुखजिंदर_सिंह_रंधावा से 55 लाख रुपए की मांग की थी #मुख़्तार_अंसारी पर हुए खर्च की भरपाई के लिए - ऐसे में केजरीवाल के मुक़दमे का खर्च भी उसे खुद ही उठाना चाहिए - इतना ही नहीं मोदी की डिग्री केस में भी सारा खर्च केजरीवाल को उठाना चाहिए क्योंकि #मोदी की डिग्री मांगना और उसके लिए आरोप लगाना केजरीवाल ने #मुख्यमंत्री की हैसियत से नहीं किया था -


अदालतों को केजरीवाल पर सख्त होना चाहिए वरना यह व्यक्ति अपने मामले लटकाने में सफल होता रहेगा - "लेखक के निजी विचार हैं "


 लेखक : सुभाष चन्द्र | “मैं वंशज श्री राम का” 18/02/2024 

#Kejriwal  #judiciary #ed #cbi #delhi #sharabghotala #Rouse_Avenue_court #liquor_scam #aap  #FarmerProtest2024  #KisanAndolan2024  #SupremeCourtofIndia #Congress_Party  #political_party #India #movement #indi #gathbandhan #Farmers_Protest  #kishan #Prime Minister  #Rahulgandhi  #PM_MODI #Narendra _Modi #BJP #NDA #Samantha_Pawar #George_Soros


सूचना:  यंहा दी गई  जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की  कोई गारंटी नहीं है। सूचना के  लिए विभिन्न माध्यमों से संकलित करके लेखक के निजी विचारो  के साथ यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह  की जिम्मेदारी स्वयं निर्णय लेने वाले पाठक की ही होगी।' हम या हमारे सहयोगी  किसी भी तरह से इसके लिए जिम्मेदार नहीं है | धन्यवाद। ... 

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