कैसे प्रदर्शन का अधिकार हो - मीलॉर्ड, क्या एक बार फिर अराजकता
फैलाने की सुपारी ले ली आपने -गुंडों को अधिकार दे रहे हो और
सरकार को फर्ज समझा रहे हो -
#पंजाब & #हरियाणा हाई कोर्ट ने लगता है एक बार फिर देश को अराजकता की आग में झोकने की सुपारी ले ली है जो कल आदेश में यह कहा है कि ‘किसानों” को प्रदर्शन का अधिकार है लेकिन नागरिकों की सुरक्षा करना सरकार का भी कर्तव्य है -
यही हाई कोर्ट पिछले वर्ष NH - 44 पर प्रदर्शन कर रहे किसानों से हाईवे को मुक्त कराने के आदेश दे रहा था यानी उस आदेश में किसानों को बलपूर्वक उठाने की बात कर रहा था और आज कह रहा है उन्हें #प्रदर्शन का अधिकार है - साथ में सरकार को प्रवचन दे रहे हैं हाई कोर्ट के जज कि नागरिकों की सुरक्षा की जिम्मेदारी का काम आपका (सरकार) का है -
हरियाणा सरकार ने अदालत में बताया कि किस तरह का उग्र #प्रदर्शन करने की तैयारी की हुई है कथित किसानों ने और वे #शम्भू_बॉर्डर पर #खालिस्तान से जुडी बातें भी कर रहे हैं, किसान मोडिफाई किए गए ट्रैक्टरों के साथ हैं और हथियारों की आशंका से भी इंकार नहीं किया जा सकता -
इतने पर भी यदि हाई कोर्ट के जजों को लगता है कि कथित किसान शांतिपूर्ण प्रदर्शन करेंगे तो ऐसे जजों की सोच पर प्रश्नचिन्ह लगना स्वाभाविक है - यह नहीं माना जा सकता कि सोशल मीडिया की रिपोर्ट हाई कोर्ट के जजों तक नहीं पहुँच रही होंगी फिर भी आप उन्हें प्रदर्शन का अधिकार दे रहे हो -
“रेलवे ट्रैक रोकना किस तरह जायज है, सड़के जाम करना कैसे जायज है, मोदी अबकी पंजाब आएगा तो जिंदा वापस नहीं जाने देंगे, हमें खालिस्तान दे दो, हमें पाकिस्तान से जुड़ जाने दो, #मोदी का ग्राफ बढ़ गया है, उसे नीचे लाना है किसी भी तरह से और हम विपक्ष के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं”
अफ़सोस की बात है कि इतना सब होने के बाद भी हाई कोर्ट के जज कह रहे थे कि किसान प्रदर्शन के लिए दिल्ली जा रहे हैं तो इसमें हरियाणा सरकार को क्या आपत्ति है; आखिर क्यों हरियाणा सरकार हाइवे पर बेरिकेडिंग कर रही है -
ऐसी बातों के चलते भी अगर हाई कोर्ट के जज अंधे हो कर कहते रहेंगे कि किसानों को प्रदर्शन का अधिकार है तो इसका मतलब साफ़ है कि ऐसे जजों ने देश को अराजकता की आग में झोकने की सुपारी ली हुई है - उधर #CJI चंद्रचूड़ ने कहा कि अगर वकीलों को अदालत में आने में समस्या होती है तो हम “सामजस्य बैठाएंगे” - मतलब केवल वकीलों की समस्या पर ध्यान है जनता जाए भाड़ में -
क्या चाहते हैं #हाई_कोर्ट के जज ? कथित किसानों को दिल्ली जाकर आग लगाने दी जाए और #प्रधानमंत्री_मोदी के आवास को घेरने दिया जाए जैसा अमेरिका में बैठा गुरपतवंत सिंह पन्नू आदेश दे रहा है - दिल्ली को #श्रीलंका बनाना चाहता है विपक्ष -
यही किया था CJI बोबडे ने पिछले #किसान_आंदोलन के समय जब #दिल्ली पुलिस से किसानों के 26 जनवरी के मार्च पर रोक लगाने की मांग की थी लेकिन बोबडे ने मना कर दिया और कहा था कि कानून व्यवस्था देखना आपका काम है और उसके बाद क्या हुआ लाल किले पर सबने देखा - आज वही सुप्रीम कोर्ट कह रहा है मुझे #RTI के जवाब में कि मुझे उस विषय पर सवाल करने का कोई अधिकार नहीं है और यह भी कहा है कि जो #Experts की #Committee बनाई थी उसकी रिपोर्ट पर क्या कार्रवाई हुई यह भी उनके रिकॉर्ड में नहीं है - कितना बड़ा #फ्रॉड किया कोर्ट ने -
कथित किसानों को लेकर जितना #कांग्रेस, #आप या अन्य विपक्षी नेताओं को कटघरे में खड़ा करने की जरूरत है उससे ज्यादा जरूरत न्यायाधीशों की हरकतों को बेनकाब करने की है -
मोदी की लोकप्रियता कम नहीं होगी पाखंडी राहुल “कालनेमि” समझ ले और तू भी समझ ले केजरीवाल और अखिलेश यादव - ये कथित किसान तुम्हारे दलों को खेतों में ही दफ़न कर देंगे अबकी बार -
"लेखक के निजी विचार हैं "
लेखक : सुभाष चन्द्र | “मैं वंशज श्री राम का” 15/02/2024
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