01 अप्रैल 2018

विवाह के लिए क्यों मिलाते है गुण - ज्योतिष रवि जैन - GMEDIA MERIDUNIYA





विवाह के लिए क्यों मिलाते है " गुण" -

विवाह के पूर्व लडका लड़की के गुण मिलान किए जाते है ऐसा इसलिए किया जाता है, क्योंकि बनने जा रहे दम्पति के लिए जीवन कैसा रहेगा ? शादी के बाद दोनो के मध्य आपस में स्नेह रहेगा अथवा विवाद होगा ......ज्योतिष रवि जैन  - GMEDIA MERIDUNIYA,

22 फ़रवरी 2018

रंगो का त्योहार होली





रंगो का त्योहार होली

आठ साल बाद 01 मार्च को बुधादित्य, लक्ष्मीेनारायण योग में होगा होली का दहन यह संयोग पहले 28 फरवरी 2010 को बना अब 1 मार्च 2018 को बनेगा,भद्रा समाप्ति के बाद करे होली का दहन,सबसे पहले जानते है क्यों मनाते है होली,आपसी वैमन्यस्ता को खत्म करने, प्रेम को बढाने , आपसी दूरिया कम  करने और असत्य पर सत्य की जीत के लिए  मनाए जाने वाला होली का त्योहार मान्यता यह भी  है कि इस दिन स्वयं को ही भगवान मान बैठे हरिण्यकशिपु ने भगवान की भक्ति में लीन अपने ही पुत्र प्रह्लाद को अपनी बहन होलिका के जरिये जिंदा जला देना चाहा था लेकिन भक्त प्रहलाद पर भगवान ने  अपनी कृपा की और प्रह्लाद के लिये बनाई चिता में स्वयं होलिका जल गई ।इसी लिए कहां गया कि जिसने बुरा करना चाहा उसी का बुरा हो गया और जीत सत्यय की हुई  इसलिये भी होलिका दहन की परंपरा  है।

घर में सुख-शांति, समृद्धि, किया जाता है। दिन संतान प्राप्ति आदि के लिये महिलाएं होली दिन होली की पूजा करती है बाद में  शुभ  मुहूर्त में होलिका का दहन किया जाता है

होलिका दहन के अगले दिन अपने मित्रों परिवार के सदस्यो  के साथ रंग लगाकर होली की खुशी का इजहार करते हे  इसलिये इसे रंगवाली होली भी कहते है



बुधादित्य व लक्ष्मीनारायण योग में मनेगी होली

1मार्च गुरूवार को सूर्य बुध ग्रह के योग से बुधादित्य , शुक्र और बुध के योग से लक्ष्मीकनारायण का संयोग आठ साल बाद बन रहा है

भद्रा के बाद करे होली का दहन

होली के दिन सुबह 08 बजे बाद से भ्रदा प्रांरभ हो जाएगी और संध्या 07 बजकर 40 मिनट पर समाप्त  होगी भद्रा के प्रारंभ एवं समाप्ति का समय अलग अलग स्थानो पर भिन्न  हो सकता है  माना जाता है कि भद्रा के मध्यप होली का दहन नही किया जाना चाहिए इसलिए होली का दहन भद्रा समाप्त होने के बाद करे



होलि का  दहन  मुहूर्त-    संध्या् 7 बजकर 40 मिनट से  8 बजकर 57 मिनट के मध्य होली का  दहन कर सकते है कुछ स्था नो पर  कुछ समय का अंतर अंक्षाश रेखांश के  कारण आ सकता है



होली और रंग - जानें राशिनुसार किस रंग से खेलें होली

 मेष:  इस राशि के जातक इस बार होली के पर्व पर  लाल और गुलाबी रंग का इस्तेमाल करे

वृषभ: वृषभ जातकों के लिए  हल्का नीला और आसमानी रंग,सफेद रंग से खेलगें तो प्रेम बढेगा

मिथुन: मिथुन राशि के जातक इस होली पर हल्के हरे रंग से खेल सकते हैं। वैसे नारंगी व गुलाबी रंग भी इनके लिये सही रहेंगा

कर्क: कर्क राशि के जातक को हल्का नीला, चांदी और सफ़ेद रंग से होली का त्यौहार मनाना चाहिये

सिंह: सिंह जातक के लिये महरुम रंग कारगर होगा। इसके अलावा सुनहरा और तांबा जैसा रंग अनुकूल हैं।

कन्या: आपके  स्वयभाव के मुताबि  गहरा हरा रंग काफी शुभ रहेगा।

तुला: सफेद रंग के अलावा आप बैंगनी, भूरा और नीले रंग का इस्तेमाल कर सकते हैं।

वृश्चिक: गहरे लाल, मरून, और भूरे रंग से ही वृश्चिक रंग पर बेहतर प्रभावकारी रहेगा

धनु: पीला  और संतरी  रंग  धनु  राशि  के जातकों  के लिये  बहुत अच्छा रहेगा

मकर: इस राशि के जातक हल्के नीले व आसमानी रंगों का इस्तेमाल करें।

कुम्भ: इस राशि के जातक गहरे नीले रंग को काफी शुभ माना गया है इसलिए इन रंगो का प्रयोग करे

मीन: मीन राशि के जातकों  के लिए  पीले या हल्के पीले रंग के इस्तेमाल करना उचित रहेगा.......ज्योतिष रवि जैन  G MEDIA -  मेरीदुनिया

13 फ़रवरी 2018

22 जनवरी 2018

बांस की लकड़ी को जलाना शास्त्रो में वर्जित क्यों है, क्या है इसका वैज्ञा...



बांस की लकड़ी को जलाना हमारे शास्त्रो में वर्जित क्यों है,  क्या है इसका वैज्ञानिक कारण आइये जानते है |



हमारे शास्त्रो में बांस की लकड़ी या बांस को जलाना मना है, किसी भी हवन अथवा पूजन आदि में बांस को नही जलाते हैं।

यहां तक कि शमशान में चिता के साथ भी बांस की लकड़ी का प्रयोग नहीं होता है। अर्थी के लिए बांस की लकड़ी का उपयोग होता है लेकिन उसे कभी भी जलाते नहीं है |

हमारे शास्त्रों के अनुसार ऐसी मान्यता है की बांस को जलाने से पित्र दोष लगता है।

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Makar Sankranti मकर संक्रांति

  #मकर_संक्रांति, #Makar_Sankranti, #Importance_of_Makar_Sankranti मकर संक्रांति' का त्यौहार जनवरी यानि पौष के महीने में मनाया जाता है। ...