सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

सूर्य ग्रह - आत्मा, शक्ति और तेज का स्रोत | Surya Grah | Hindi Spiritual | Astrology



🌞 सूर्य ग्रह क्या है?

सूर्य ग्रह (🌞 Sun) वैदिक ज्योतिष में सबसे महत्वपूर्ण ग्रह माना जाता है। सूर्य को आत्मा, आत्मविश्वास, नेतृत्व, ऊर्जा और पिता का प्रतिनिधित्व करने वाला ग्रह कहा गया है। यह ग्रहों का राजा है और पूरे सौर मंडल को नियंत्रित करता है — ठीक उसी तरह, कुंडली में ऊर्जा और जीवन का केंद्र भी सूर्य ही है।


बिना सूर्य— जीवन संभव नहीं।

वैसे ही, कुंडली में कमजोर सूर्य — आत्मविश्वास और दिशा की कमी।


🌞 सूर्य देव केवल आकाश का तारा नहीं — वे जीवन, प्रकाश, आत्मविश्वास और ऊर्जा के प्रतीक हैं।

वैदिक ज्योतिष में सूर्य को ‘आत्मा का कारक’ (Significator of Soul) कहा गया है।


“सूर्य बिना जीवन नहीं, और आत्मा बिना चेतना नहीं।”

सूर्य जहाँ बैठता है, उस भाव को चमक देता है — लेकिन अहंकार को भी नियंत्रित करता है.

🪶 सूर्य ग्रह 🌞 का परिचय

विषय                          विवरण

देवता                           भगवान सूर्य / आदित्य / सविता

तत्व                           अग्नि

दिशा                            पूर्व

रत्न                           माणिक्य (Ruby)

धातु                           तांबा

मंत्र                          “ॐ घृणि सूर्याय नमः”

सप्ताह का दिन           रविवार

रंग                            लाल / नारंगी


सूर्य का प्रकाश न केवल हमारे शरीर बल्कि मन और आत्मा को भी ऊर्जावान बनाता है।


🔅 कुंडली में सूर्य  🌞 का महत्व

सूर्य 🌞 व्यक्ति की आत्मा, अहं, पिता, प्रतिष्ठा, सरकारी पद, आत्मविश्वास और नेतृत्व का प्रतिनिधित्व करता है।

सूर्य का प्रत्येक राशि पर अलग प्रभाव पड़ता है, जैसे कि नेतृत्व और आत्मविश्वास, स्वास्थ्य, धन लाभ या हानि, रिश्ते, और करियर। प्रत्येक राशि के लिए, सूर्य का प्रभाव यह तय करता है कि जातक जीवन में कैसा प्रदर्शन करेगा। उदाहरण के लिए, मेष राशि के लिए सूर्य का राशि परिवर्तन महत्वपूर्ण बदलाव ला सकता है, जबकि वृष राशि के लिए स्वास्थ्य और रिश्तों का ध्यान रखना आवश्यक हो सकता है। 


🌞 सूर्य का विभिन्न राशियों पर प्रभाव


मेष राशि: सूर्य 🌞 के राशि परिवर्तन से जीवन में महत्वपूर्ण बदलाव आते हैं। सीनियर्स की सलाह से चुनौतियों का सामना करने में सफलता मिलती है। शासन-सत्ता का सहयोग मिलता है और नौकरी-व्यापार में तरक्की होती है।


वृष राशि: स्वास्थ्य का ध्यान रखना महत्वपूर्ण होता है। रिश्तों में समस्या आ सकती है, इसलिए धैर्य और समझदारी से काम लें। खान-पान पर विशेष ध्यान दें और तनाव से बचें।


मिथुन राशि: यह गोचर शत्रुओं पर विजय दिलाता है और कार्यक्षेत्र में मजबूती लाता है। आत्मविश्वास और निर्णय क्षमता बढ़ती है।


कर्क राशि: यह समय रचनात्मक कार्यों और प्रेम जीवन के लिए अच्छा होता है। आत्मविश्वास और साहस में वृद्धि होती है।


सिंह राशि: सूर्य 🌞 सिंह राशि के स्वामी हैं, इसलिए यह समय पारिवारिक मामलों और संपत्ति से जुड़े निर्णयों का होता है। आत्मविश्वास और नेतृत्व क्षमता भरपूर होती है।


कन्या राशि: आत्मविश्वास, साहस और निर्णय क्षमता में वृद्धि होती है।


तुला राशि: यह गोचर धन और वाणी से संबंधित लाभ दे सकता है। खर्च और विदेश संबंधों में वृद्धि हो सकती है।


वृश्चिक राशि: सूर्य का गोचर आत्मबल और आत्मविश्वास में वृद्धि करता है।


धनु राशि: इस राशि के लिए सूर्य का गोचर शुभ और गुडलक लेकर आता है। ईश्वर के प्रति आस्था बढ़ती है और घर का माहौल सुखद व आध्यात्मिक रहता है। 


🌞 ज्योतिषीय महत्व

आत्मविश्वास और नेतृत्व: सूर्य आत्मविश्वास, नेतृत्व क्षमता, और सफलता का प्रतीक है।

स्वास्थ्य और जीवन शक्ति: यह स्वास्थ्य और समग्र जीवन शक्ति को नियंत्रित करता है। जन्म कुंडली में मजबूत सूर्य अच्छा स्वास्थ्य प्रदान करता है।

पिता और आधिकारिक व्यक्ति: सूर्य पिता तुल्य व्यक्तियों और अन्य आधिकारिक प्रकारों के साथ संबंधों को प्रभावित करता है।

कमजोर सूर्य के प्रभाव: यदि कुंडली में सूर्य कमजोर हो तो आत्मविश्वास की कमी हो सकती है, और व्यक्ति को स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। 


✅ सूर्य 🌞 शुभ हो तो:

व्यक्ति में नेतृत्व क्षमता होती है

आत्मविश्वास और व्यक्तित्व में चमक आती है

समाज में मान-सम्मान और सरकारी पद की संभावना

पिता से सहयोग और आशीर्वाद


❌ सूर्य 🌞 अशुभ हो तो:


अहंकार, गुस्सा और अस्थिरता

आंख, हृदय या ब्लड प्रेशर संबंधी समस्या

पिता या अधिकारी वर्ग से मतभेद

सूर्य जब तेज देता है, तब जीवन में पहचान देता है;

जब तपन देता है, तब आत्मा को परखता है।


🌞 सूर्य के प्रतीकात्मक अर्थ

तत्व                    अर्थ

प्रकाश          ज्ञान, दिशा और सच्चाई

उषा (भोर)          नई शुरुआत

तप                  आत्मशक्ति और आत्मसंयम

किरणें           आशा और प्राण


सूर्य का अर्थ है — सत्य का प्रकाश।

🌤 किस राशि में कैसा?

राशि सूर्य का प्रभाव

सिंह (स्वामित्व) अत्यंत बलवान, नेतृत्व क्षमता

मेष (उच्च) उत्तम आत्मविश्वास, उन्नति

तुला (नीच) सम्मान में उतार-चढ़ाव, संघर्ष


👨‍👦 सूर्य और पिता / सरकारी क्षेत्र

कुंडली में सूर्य पिता, शासन, सरकारी कार्य और प्रशासन का प्रतिनिधित्व करता है।

जिस व्यक्ति का सूर्य मजबूत हो, वह अक्सर:

नेता बनता है

सरकारी सिस्टम में आगे बढ़ता है

भीड़ में अलग पहचान बनाता है


☀️ सूर्य और सेहत (Health)

सूर्य का संबंध है:

हृदय

आंखों की रोशनी

रक्त संचार

ऊर्जा स्तर

कमजोर सूर्य → थकान, आत्मविश्वास की कमी, विटामिन D की समस्या।


🕉️ सूर्य के लिए उपाय  🔱  सूर्य के उपाय  (सरल और असरदार)

उपाय              विधि

सूर्य मंत्र जप        “ॐ घृणि सूर्याय नमः” – 108 बार प्रतिदिन

जल अर्घ्य                 प्रातःकाल उगते सूर्य को तांबे के पात्र से जल अर्पित करें

रविवार व्रत                  नमक रहित भोजन, दान-पुण्य

दान                           लाल वस्त्र, गेहूं, गुड़, तांबा

पूजा                           सूर्य चालीसा या आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ


उगते सूर्य को प्रणाम, हर दिन को नई शुरुआत बनाता है।


🔱 सूर्य और कर्मफल

सूर्य आत्मबल देता है।

यदि व्यक्ति कर्मशील और ईमानदार हो, तो सूर्य उसकी पहचान को उजाला देता है।

यदि व्यक्ति अहंकारी बन जाए, तो वही तेज उसे जलाने लगता है।


सूर्य अनुशासन, समय और सत्य का ग्रह है।


💠 सूर्य का संदेश


“जो खुद को पहचान लेता है, वही संसार को रोशन कर देता है।”


सूर्य हमें यह सिखाते हैं —कि हर अंधकार का अंत केवल प्रकाश से होता है।


📜 सूर्य आत्मा और जीवन का आधार है

यह हमें सत्य, कर्म और आत्मविश्वास का मार्ग दिखाता है

सूर्य को प्रणाम करना आत्मा को जाग्रत करना है

सूर्य शक्ति, नेतृत्व और आत्मा का ग्रह है 

मजबूत सूर्य व्यक्ति को प्रतिष्ठा, सम्मान और सफलता देता है

कमजोर सूर्य केवल एक ही चीज़ से ठीक होता है — कर्म और सत्यनिष्ठा


“सूर्य देव केवल आकाश में नहीं — वे हर उस व्यक्ति के भीतर हैं जो सत्य के मार्ग पर चलता है।”



✅  #SuryaDev #SunGod #VedicAstrology #SuryaGrah #AstrologyBlog #SanatanDharma #Jyotish #SpiritualWisdom #AdityaHridayStotra #SundayVrat #SanatanGyan #DivineLight #EnergyOfSun #SuryNamaskar #SuryaMantra



Source: Social Media

सूचना:  यंहा दी गई  जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की  कोई गारंटी नहीं है। सूचना के  लिए विभिन्न माध्यमों से संकलित करके लेखक के निजी विचारो  के साथ यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह  की जिम्मेदारी स्वयं निर्णय लेने वाले पाठक की ही होगी।' हम या हमारे सहयोगी  किसी भी तरह से इसके लिए जिम्मेदार नहीं है | धन्यवाद। ... 

Notice: There is no guarantee of authenticity or reliability of the information/content/calculations given here. This information has been compiled from various mediums for information and has been sent to you along with the personal views of the author. Our aim is only to provide information, readers should take it as information only. Apart from this, the responsibility of any kind will be of the reader himself who takes the decision. We or our associates are not responsible for this in any way. Thank you.

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

Freedom fighter | Jugal Kishore Saxena | स्वतंत्रता सेनानी | जुगल किशोर सक्सेना

  Freedom fighter | Jugal Kishore Saxena | स्वतंत्रता सेनानी | जुगल किशोर सक्सेना 🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳 🇮🇳 हम पर वतन का कर्ज था, हमने चुका दिया 🇮🇳 🇮🇳 बस्ती की टीन की जेल। मई-जून का तपता महीना और 24 घंटे में सिर्फ एक तसला पानी। हर पल की घुटन। बावजूद इसके आजादी के इस दीवाने ने हौसला नहीं छोड़ा। वंदेमातरम ने नारों में जोश कायम रखा।  🇮🇳 हम यहाँ बात कर रहे हैं स्वतंत्रता सेनानी #जुगल_किशोर_सक्सेना की। उन्हें याद करके उनके बेटे कहते हैं कि 'पिता उन घटनाओं को सुनाते हुए भावुक हो जाते थे। कहते थे, ऐसे ही नहीं मिली है आजादी। इसके लिए देश के सपूतों ने बड़े जुल्म सहे है।' 🇮🇳 आजादी की लड़ाई में इलाके के सूरमाओं ने गोरों को कभी पीठ नहीं दिखाई। ऐसे ही थे जुगल किशोर सक्सेना। पिता #बटेश्वरदयाल और माँ #धनु_कुंवर के यहाँ जून 1924 में उनका जन्म #डड़ौना गाँव में हुआ। जन्म के ढाई साल बाद ही माँ चल बसीं। उनकी तेरहवीं भी नहीं हो पाई थी कि पिता भी साथ छोड़ गए। कोई भाई-बहन नहीं थे। परिवार के अन्य घरों में इनका पालन हुआ। वह मिडिल तक ही पढ़ पाए। अनाथ होने के कारण...

भगवान शालिग्राम का विवाह तुलसी से .... मेरी दुनिया - GMEDIA

भगवान शालिग्राम का विवाह  तुलसी से ... मान्यता है कि भगवान विष्णु और तुलसी का जिस जगह पर होते हैं, वहां कोई दुख और परेशानी नहीं आती। शालिग्राम की पूजा में तुलसी का महत्वत अहम है क्योंाकि बिना तुलसी के शालिग्राम की पूजा करने पर दोष लगता है। पराक्रमी असुर जलंधर का विवाह वृंदा से हुआ था , वृंदा भगवान विष्णु की भक्त थी। उसके पतिव्रत धर्म के कारण जलंधर अजेय हो गया था। उसने एक युद्ध में भगवान शिव को भी पराजित कर दिया। अपनी शक्ति के अभिमान में जलंधर देवताओं, अप्सकराओं को परेशान करने लगा। दु:खी देवता भगवान विष्णु की शरण में गए और जलंधर के आतंक को समाप्त करने की प्रार्थना करने लगे। तब भगवान विष्णु जलंधर का रूप धारण कर छल से वृंदा का पतिव्रत धर्म नष्ट कर दिया। इससे जलंधर की शक्ति क्षीण हो गई और वह युद्ध में मारा गया। जब वृंदा को इस छल का पता चला, तो उसने विष्णु को पत्थर बन जाने का शाप दे दिया। देवताओं के अनुरोध करने पर वृंदा ने शाप वापस ले लिया। मगर, भगवान विष्णु ने पत्थंर में अपना एक रूप प्रकट किया, जिसे शालिग्राम कहा गया। भगवान विष्णु ने वृंदा को वरदान दिया कि अगले जन्म में तुम तुलसी ...

Sharad / Navratri (Shardiya Navratri) 2025 | शरद / नवरात्रि (शारदीय नवरात्रि) 2025

  Sharad / Navratri (Shardiya Navratri) 2025 शरद / नवरात्रि (शारदीय नवरात्रि) 2025 22 सितम्बर 2025 (सोमवार) से 1 अक्टूबर 2025 (बुध / रविवार) विजयादशमी (दशहरा) - 2 अक्टूबर 2025  Vijayadashami (Dussehra) — 2 अक्टूबर 2025  🕉️ नौ देवी रूप और प्रत्येक दिन की पूजा Navratri के प्रत्येक दिन देवी के एक रूप की पूजा होती है। नीचे Chaitra और Sharad दोनों के लिए सामान्य क्रम है: रात्रि के हर दिन देवी के एक रूप की पूजा होती है। नीचे चैत्र और शरद दोनों का सामान्य क्रम है: माँ शैलपुत्री  Maa Shailputri मां ब्रह्मचारिणी  Maa Brahmacharini मां चंद्रघंटा  Maa Chandraghanta माँ कुष्मांडा   Maa Kushmanda मां स्कंदमाता  Maa Skandamata माँ कात्यायनी   Maa Katyayani मां कालरात्रि   Maa Kalaratri माँ महागौरी  Maa Mahagauri माँ सिद्धिदात्री    Maa Siddhidatri 🔔 पूजा-विधि और विशेष रीति-रिवाज घटस्थापना / कलश स्थापना (Ghatasthapana / Kalash Sthapana): Navratri की शुरुआत होती है कलश या पवित्र पात्र की स्थापना से, जिसमें जल, पाँच प्रक...