गुरु नानक जयंती (Guru Nanak Jayanti) — प्रकाश पर्व का पावन उत्सव
हम नानक नाम लेवा, हम प्रेम, सेवा और समभाव की राह पर चलने वाले — यही है गुरु नानक देव जी की शिक्षा।
We take the name of Nanak, we walk on the path of love, service, and equanimity—this is the teaching of Guru Nanak Dev Ji.
🌼 गुरु नानक देव जी कौन थे?
गुरु नानक देव जी (1469–1539) सिख धर्म के प्रथम गुरु एवं संस्थापक थे। उनका जन्म कार्तिक पूर्णिमा को हुआ था, जिसे आज पूरे विश्व में गुरु नानक जयंती या प्रकाश पर्व के रूप में मनाया जाता है।
गुरु जी ने समाज में फैली अंधविश्वास, जातिगत भेदभाव और धार्मिक कट्टरता के खिलाफ आवाज उठाई और एक नई दिशा दी — एक ओंकार सतनाम, जिसका अर्थ है — ईश्वर एक है।
✨ गुरु नानक देव जी की प्रमुख शिक्षाएँ
शिक्षा अर्थ
नाम जपो ईश्वर का सिमरण करो, मन को शुद्ध रखो
किरत करो ईमानदारी से कमाओ, परिश्रम जीवन का आधार है
वंड छको अपने धन व भोजन को बाँटकर दूसरों की मदद करो
इन शिक्षाओं ने एक ऐसी जीवनशैली दी, जिसमें नैतिकता, समानता और सेवा भाव सर्वोपरि हैं।
📖 वह संदेश जिसने समाज को बदला
गुरु नानक जी ने कहा—
“ना कोई हिंदू, ना मुसलमान — हम सब ईश्वर की संतान हैं।”
“There is no Hindu, no Muslim—we are all children of God.”
उनकी प्रत्येक वाणी मनुष्य को भीतर से जागरूक बनाती है। “जपुजी साहिब” “Japuji Sahib,” के माध्यम से उन्होंने जीवन, ईश्वर और आत्मा का गहन ज्ञान दिया।
🌟 गुरु नानक जयंती कैसे मनाई जाती है?
गुरुद्वारों में अखंड पाठ होता है — 48 घंटे का निरंतर पाठ।
प्रभात फेरियाँ निकाली जाती हैं, कीर्तन गाया जाता है — “वाहे गुरु, वाहे गुरु”। “Wahe Guru, Wahe Guru.”
लंगर (महाप्रसाद) सभी को समान रूप से परोसा जाता है — जाति, धर्म, वर्ग का कोई भेद नहीं।
गुरु नानक जयंती केवल एक उत्सव नहीं, बल्कि सेवा और समानता का उत्सव है।
💡 जीवन में गुरु नानक देव जी की सीख कैसे अपनाएँ?
रोज़ कुछ समय ध्यान, सिमरण और सकारात्मक विचारों के लिए रखें।
Dedicate some time each day to meditation, contemplation, and positive thoughts.
कमाई का एक भाग जरूरतमंदों की सहायता में लगाएँ।
Spend a portion of your earnings helping the needy.
कर्म, वाणी और व्यवहार में सत्य और ईमानदारी रखें।
Be truthful and honest in your actions, words, and behavior.
📌 गुरु नानक देव जी ने हमें सिखाया —
“जब मन साफ, विचार शुद्ध और कर्म नेक हों, तभी जीवन सार्थक है।”
“Life is meaningful only when the mind is clean, thoughts are pure, and actions are righteous.”
✅ इस प्रकाश पर्व पर हम प्रण लें —
सभी जीवों में परमात्मा को देखें, प्रेम से जियें और सेवा करें।
On this Prakash Parv, let us pledge to see God in all beings, live with love, and serve.
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Source: Social Media
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