20 वर्ष की आयु में जघन्य नरसंहार का बदला लेने का संकल्प लिया, 21 वर्ष तक धैर्यपूर्ण प्रयास के बाद उचित अवसर मिलने पर जलियांवाला बाग में खून की होली खेलने के दोषी 'माइकल ओ ड्वायर' को मौत की नींद सुला दिया 🇮🇳
🇮🇳 भारतीय क्रांतिकारी उधम सिंह का जन्म 26 दिसंबर 1899 को लाहौर से 130 मील दूर #पिलबाद में हुआ था. सिंह #हिंदुस्तान_सोशलिस्ट_रिपब्लिकन_एसोसिएशन और #गदर_पार्टी से जुड़े थे.
🇮🇳 ऐसा कहते हैं कि इतिहास से अच्छा कोई दूसरा गुरू नही हो सकता. इतिहास केवल खुद में घटनाओं को नहीं समेटता है, बल्कि हमें बहुत कुछ सिखाता भी है. ऐसे ही हर दिन किसी न किसी इतिहास से जुड़ा होता है. इसी तरह भारत के इतिहास में आज यानी 13 मार्च का दिन बहुत अहमियत रखता है. आज से ठीक 83 साल पहले 1940 में एक नौजवान ने पंजाब के तत्कालीन लेफ्टिनेंट गवर्नर माइकल ओ डायर (Michael O Dyer) पर इंग्लैंड में गोलियां बरसाकर जलियांवाला बाग की घटना का बदला लिया था. वह युवा था उधम सिंह.
🇮🇳 उधम सिंह ने जलियांवाला बाग के 21 साल बाद एक भरे हॉल में माइकल डायर को गोली मारी थी. जलियांवाला कांड के समय शहीद उधम सिंह की उम्र महज 20 साल थी. जिनका इकलौता मकसद इस घटना का बदला लेना था. माइकल ओ डायर रिटायर होने के बाद हिंदुस्तान छोड़कर लंदन में बस गया था. 1940 को लंदन के कॉक्सटन हॉल में बैठक थी. जिसमें डायर भी शामिल थे, जहाँ उधम सिंह भी पहुँच गए. जैसे ही डायर बैठक में भाषण देने के लिए कुर्सी की तरफ बढ़े, तभी ही उधम सिंह ने उन पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसा दीं, जिसकी वजह से डायर की मौके पर ही मौत हो गई. इसके बाद उधम सिंह पर मुकदमा भी चला और 31 जुलाई, 1940 को उन्हें फाँसी दे दी गई.
🇮🇳 सन् 1919 में 13 अप्रैल को पंजाब में स्वर्ण मंदिर के पास जलियांवाला बाग में खून की होली खेली गई थी. जलियांवाला बाग में बैसाखी के दिन रॉलेट एक्ट का विरोध करने के लिए सभा हो रही थी, जिसे रोकने के लिए ब्रिटिश अधिकारी जनरल डायर ने अंधाधुंध गोलियां चलवा दी थी. ब्रिटिश सरकार के रिकॉर्ड के अनुसार, कर्नल रेजिनाल्ड डायर से चलाई गईं अंधाधुंध गोलीबारी में पुरुषों, महिलाओं और बच्चों सहित 388 लोग मारे गए थे, जबकि 1,200 लोग घायल हुए थे.
🇮🇳 भारतीय क्रांतिकारी उधम सिंह का जन्म 26 दिसंबर 1899 को लाहौर से 130 मील दूर पिलबाद में हुआ था. सिंह हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन (एचएसआरए) और गदर पार्टी से जुड़े थे. उन्हें पंजाब के पूर्व लेफ्टिनेंट गवर्नर माइकल ओ ड्वायर की हत्या के लिए जाना जाता है. उधम सिंह का शुरूआत में नाम #शेर_सिंह था, जो कि बाद में बदलकर उधम कर दिया गया था. सिंह के पिता का नाम #तहल_सिंह और माता का नाम #नारायण_कौर था. उधम दो भाई थे और वह छोटे थे. उनके माता-पिता की मृत्यु तब ही हो गई थी जब वह बहुत छोटे थे, जिसके कारण दोनों भाईयों की परवरिश अनाथालय में हुई थी. सिंह के भाई की गंभीर बीमारी के कारण मृत्यु हो गई थी. जिसके बाद उधम ने प्रथम विश्व युद्ध के दौरान ब्रिटिश भारतीय सेना में सेवा की.
साभार: abplive.com
🇮🇳 जलियांवाला बाग नरसंहार के दोषी को मौत के घाट उतारने के उचित अवसर लिए 21 वर्ष तक धैर्यपूर्वक संकल्पवान रहे, #मातृभूमि के प्रति अगाध प्रेम की अद्भुत मिसाल कायम करने वाले महान क्रांतिकारी #उधम_सिंह #Udham_Singh जी को कोटि-कोटि नमन !
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वन्दे मातरम् 🇮🇳
#प्रेरणादायी_व्यक्तित्व
#आजादी_का_अमृतकाल
साभार: चन्द्र कांत (Chandra Kant) राष्ट्रीय उपाध्यक्ष - मातृभूमि सेवा संस्था
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