10 मार्च 2024

Suruj Bai Khande | सुरुज बाई खांडे | छत्तीसगढ़ की प्रसिद्ध भरथरी गायिका | June 12, 1949-March 10, 2018

 



सुरुज बाई खांडे (जन्म- 12 जून, 1949; मृत्यु- 10 मार्च, 2018) छत्तीसगढ़ की प्रसिद्ध भरथरी #गायिका थीं। उन्हें 1986-1987 में सोवियत रूस में हुए 'भारत महोत्सव' का हिस्सा बनने का मौका मिला था। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा उन्हें 'दाऊ रामचंद्र देशमुख' और 'स्व. देवदास बंजारे स्मृति पुरस्कार' भी मिला।

🇮🇳 सुरुज बाई खांडे का जन्म 12 जून, 1949 में #बिलासपुर जिले के एक सामान्य ग्रामीण परिवार में हुआ था। उन्होंने महज सात साल की उम्र में अपने नाना #रामसाय_धृतलहरे से #भरथरी, #ढोला_मारू, #चंदैनी जैसी लोक कथाओं को सीखना शुरू कर दिया था।

🇮🇳 इन्हें सबसे पहले #रतनपुर मेले में गायन का मौका मिला। इसके बाद 'मध्य प्रदेश आदिवासी लोक कला परिषद' ने उनके इस हुनर को पहचाना और उन्हें 1986-1987 में सोवियत रूस में हुए 'भारत महोत्सव' का हिस्सा बनने का मौका मिला।

🇮🇳 सुरुज बाई खांडे को एसईसीएल में आर्गनाइजर की नौकरी मिली थी, लेकिन कुछ वर्ष पूर्व मोटर साइकिल से दुर्घटना होने की वजह से नौकरी कर पाना संभव नहीं था, इसलिए उन्होंने 2009 में ही रिटायरमेंट ले लिया।

🇮🇳 10 मार्च, 2018 को बिलासपुर के एक निजी अस्पताल में 69 वर्ष की उम्र में सुरुज बाई खांडे की मृत्यु हो गई।

🇮🇳 2000-2001 में सुरुज बाई खांडे को मध्य प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने 'देवी अहिल्या बाई सम्मान' से नवाजा था। इसके अलावा छत्तीसगढ़ सरकार के द्वारा 'दाऊ रामचंद्र देशमुख' और 'स्व. देवदास बंजारे स्मृति पुरस्कार' भी मिले।

साभार: bharatdiscovery.org

🇮🇳 दाऊ रामचंद्र देशमुख पुरस्कार, स्व. देवदास बंजारे स्मृति पुरस्कार और देवी अहिल्या बाई सम्मान से विभूषित; 1986-1987 में सोवियत रूस में हुए 'भारत महोत्सव' का हिस्सा बनीं, #छत्तीसगढ़ की प्रसिद्ध #भरथरी #गायिका #bharthari #singer #सुरुज_बाई_खांडे जी #suruj_bai_khande को उनकी पुण्यतिथि पर विनम्र श्रद्धांजलि !

🇮🇳💐🙏

#प्रेरणादायी_व्यक्तित्व

#आजादी_का_अमृतकाल

 साभार: चन्द्र कांत  (Chandra Kant) राष्ट्रीय उपाध्यक्ष - मातृभूमि सेवा संस्था 



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