10 मार्च 2024

Mukund Ramrao Jayakar | मुकुन्द रामाराव जयकर | November 13, 1873 - March 10, 1959

 



मुकुंद रामराव जयकर का जन्म 13 नवंबर, 1873 को #नासिक में एक मराठी पाथरे प्रभु परिवार में हुआ था। उनकी शिक्षा बंबई के एलफिंस्टन हाई स्कूल में हुई। बाद में सरकारी लॉ स्कूल में आगे की पढ़ाई की। वर्ष 1902 में बॉम्बे से और वर्ष 1905 में लंदन से बैरिस्टर की पढ़ाई की। उन्होंने वर्ष 1905 में बॉम्बे हाईकोर्ट में वकालत शुरू की। वह जिन्ना के साथ बॉम्बे क्रॉनिकल के निदेशक भी रहे थे। वर्ष 1907 से 1912 तक उन्होंने लॉ स्कूल में कानून पढ़ाने लगे। जब स्कूल में उनसे भी कम अनुभवी यूरोपीय अध्यापक को उनसे उच्च पद पर नियुक्त कर दिया गया तो उन्होंने इसका विरोध करते हुए त्यागपत्र दे दिया।

🇮🇳 एम.आर. जयकर वर्ष 1919 में #जलियांवाला_बाग #Jallianwala_Bagh हत्याकांड पर बनी कांग्रेस की ओर से जाँच समिति के सदस्य थे। वे वर्ष 1923 से 1925 के मध्य बॉम्बे विधान परिषद के सदस्य थे और स्वराज पार्टी के प्रमुख नेताओं में थे। मुकुंद रामराव जयकर केंद्रीय विधान सभा के सदस्य भी बने। वर्ष 1937 में उन्हें दिल्ली में भारत के संघीय न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किए गए। उन्हें वर्ष 1927 में गठित भारतीय सड़क विकास समिति के अध्यक्ष बनाया गया था, जिन्होंने राजमार्ग विकास में कुछ सिफारिशों की रिपोर्ट भी प्रस्तुत की। वह #अखिल_भारतीय_हिंदू_महासभा के सदस्य थे।

🇮🇳 वर्ष 1930 में #नमक_सत्याग्रह #namak_Satyagrahaके दौरान मोतीलाल नेहरू और कांग्रेस के अन्य सदस्य गिरफ्तार कर लिए गए थे, तो #मुकुंद_रामराव_जयकर और #तेज_बहादुर_सप्रू ने कांग्रेस और सरकार के बीच बातचीत कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इनकी वजह से मार्च, 1931 में गांधी-इरविन के बीच समझौता हो पाया था, जिसके अंतर्गत ही कांग्रेस सदस्यों को सविनय अवज्ञा आंदोलन के दौरान गिरफ्तार लोगों को रिहा किया गया और नमक कर हटा लिया गया। साथ ही कांग्रेस ने अगले गोलमेज सम्मेलन में अपने प्रतिनिधि के रूप में #गाँधीजी को भेजा। जयकर लंदन में न्यायिक प्रिवी काउंसिल के सदस्य थे और 1931 में लंदन गोलमेज सम्मेलन में भाग लिया था।

🇮🇳 एम.आर. जयकर को उनके #शिक्षा और #परोपकारी कार्य के लिए भी जाना जाता था। उन्हें वर्ष 1938 में ऑक्सफ़ोर्ड विश्वविद्यालय ने मानद उपाधि डीसीएल से सम्मानित किया था। जयकर को बंबई से कांग्रेस के टिकट पर संविधान सभा के लिए चुना गया था। दिसंबर 1946 में वह भारतीय संविधान सभा में शामिल हुए थे, लेकिन वर्ष 1947 में उन्होंने अपने पद से त्यागपत्र दे दिया। प्रीवी काउन्सिल की ज्युडीशियल कमिटी के भी मुकुन्द रामाराव जयकर सदस्य थे, पर 1942 में उन्होंने इस पद से त्यागपत्र दे दिया। वह वर्ष 1948 से 1955 तक पूना विश्वविद्यालय के कुलपति पद पर रहे थे।

🇮🇳 मुकुंद रामराव जयकर का 10 मार्च, 1959 को 86 वर्ष की उम्र में बॉम्बे में निधन हो गया था।

साभार: chaltapurza.com

🇮🇳 प्रसिद्ध #शिक्षाशास्त्री, #समाजसेवक, #न्यायाधीश, #विधि_विशारद तथा #संविधानशास्त्रज्ञ #मुकुन्द_रामाराव_जयकर जी #Educationist, #Social worker, #Judge, #Legal expert and #Constitutionalist #Mukund_Ramarao_Jaykar.को उनकी पुण्यतिथि पर विनम्र श्रद्धांजलि !

🇮🇳💐🙏

#प्रेरणादायी_व्यक्तित्व

#आजादी_का_अमृतकाल

 साभार: चन्द्र कांत  (Chandra Kant) राष्ट्रीय उपाध्यक्ष - मातृभूमि सेवा संस्था 



सूचना:  यंहा दी गई  जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की  कोई गारंटी नहीं है। सूचना के  लिए विभिन्न माध्यमों से संकलित करके लेखक के निजी विचारो  के साथ यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह  की जिम्मेदारी स्वयं निर्णय लेने वाले पाठक की ही होगी।' हम या हमारे सहयोगी  किसी भी तरह से इसके लिए जिम्मेदार नहीं है | धन्यवाद। ... 

Notice: There is no guarantee of authenticity or reliability of the information/content/calculations given here. This information has been compiled from various mediums for information and has been sent to you along with the personal views of the author. Our aim is only to provide information, readers should take it as information only. Apart from this, the responsibility of any kind will be of the reader himself who takes the decision. We or our associates are not responsible for this in any way. Thank you. 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Makar Sankranti मकर संक्रांति

  #मकर_संक्रांति, #Makar_Sankranti, #Importance_of_Makar_Sankranti मकर संक्रांति' का त्यौहार जनवरी यानि पौष के महीने में मनाया जाता है। ...