सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

Chandrashekhar 'Azad | Freedom Fighter | 23 July 1906 – 27 February 1931| चन्द्रशेखर 'आजाद स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी


 

Chandrashekhar 'Azad | Freedom  Fighter | 23 July 1906 – 27 February 1931| चन्द्रशेखर 'आजाद  स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी 

🇮🇳 चन्द्रशेखर 'आजाद (23 जुलाई 1906 — 27 फ़रवरी 1931) भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम के स्वतंत्रता सेनानी थे।

🇮🇳 "मैं एक ऐसे धर्म में विश्वास करता हूँ जो स्वतंत्रता, समानता और भाईचारा सिखाता है।" 

🇮🇳 स्वतंत्र सेनानियों में से एक थे चंद्रशेखर आजाद 🇮🇳

🇮🇳 चंद्रशेखर का जन्म 23 जुलाई, 1906 को मध्य प्रदेश के #भाबरा में #पंडित_सीताराम_तिवारी और #जागरानी_देवी के घर हुआ था। भाबरा में उन्होंने अपनी बुनियादी शिक्षा प्राप्त की और उच्च अध्ययन के लिए वे #वाराणसी में संस्कृत पाठशाला गए। उन्होंने बहुत कम उम्र में कट्टरपंथी गतिविधियों में भाग लेना शुरू कर दिया था। वे सबसे प्रमुख स्वतंत्रता सेनानियों में से एक थे, जिन्होंने बहुत कम उम्र में भारत की स्वतंत्रता के लिए संग्राम में भाग लिया था।

🇮🇳 आजाद की लोकप्रियता 13 अप्रैल, 1919 को #जलियांवाला_बाग की घटना से प्रभावित हुई। फिर चंद्रशेखर आजाद जल्द ही 1920 में #महात्मा_गाँधी के नेतृत्व में असहयोग आंदोलन का हिस्सा बन गए, और यहाँ तक कि 15 साल की छोटी उम्र में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।

🇮🇳 "दुश्मन की गोलियों का हम सामना करेंगे। आजाद ही रहे हैं, आजाद ही रहेंगे।"

🇮🇳 "मैं एक ऐसे धर्म में विश्वास करता हूँ जो स्वतंत्रता, समानता और भाईचारा सिखाता है।"

🇮🇳 "मेरा नाम आजाद है, पिता का नाम स्वतंत्रता और पता जेल है।"

🇮🇳 "दूसरों को अपने से बेहतर करते हुए न देखें, हर दिन अपने रिकॉर्ड को तोड़ें क्योंकि सफलता आपके और खुद के बीच की लड़ाई है।"

🇮🇳 "अगर आपके लहू में रोष नहीं है, तो ये पानी है जो आपकी रगों में बह रहा है. ऐसी जवानी का क्या मतलब अगर वो #मातृभूमि के काम ना आए।"

🇮🇳 माँ भारती के सच्चे सपूत प्रसिद्ध #स्वतंत्रतासेनानी, अमर #क्रांतिकारी #चंद्रशेखर_आज़ाद जी के #बलिदान_दिवस पर उन्हें कृतज्ञ राष्ट्र की ओर से कोटि-कोटि नमन एवं विनम्र श्रद्धांजलि !

🇮🇳💐🙏

#प्रेरणादायी_व्यक्तित्व

#आजादी_का_अमृतकाल

साभार: चन्द्र कांत  (Chandra Kant) राष्ट्रीय उपाध्यक्ष - मातृभूमि सेवा संस्था 

 #आजादी_का_अमृतकाल  #27February #देशभक्त #प्रेरणादायी_व्यक्तित्व,  #Karmayogi,   #Chandrashekhar '#Azad | #Freedom  #Fighter | #23July   #चन्द्रशेखर #आजाद  #स्वतन्त्रता_संग्राम_सेनानी

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

Freedom fighter | Jugal Kishore Saxena | स्वतंत्रता सेनानी | जुगल किशोर सक्सेना

  Freedom fighter | Jugal Kishore Saxena | स्वतंत्रता सेनानी | जुगल किशोर सक्सेना 🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳 🇮🇳 हम पर वतन का कर्ज था, हमने चुका दिया 🇮🇳 🇮🇳 बस्ती की टीन की जेल। मई-जून का तपता महीना और 24 घंटे में सिर्फ एक तसला पानी। हर पल की घुटन। बावजूद इसके आजादी के इस दीवाने ने हौसला नहीं छोड़ा। वंदेमातरम ने नारों में जोश कायम रखा।  🇮🇳 हम यहाँ बात कर रहे हैं स्वतंत्रता सेनानी #जुगल_किशोर_सक्सेना की। उन्हें याद करके उनके बेटे कहते हैं कि 'पिता उन घटनाओं को सुनाते हुए भावुक हो जाते थे। कहते थे, ऐसे ही नहीं मिली है आजादी। इसके लिए देश के सपूतों ने बड़े जुल्म सहे है।' 🇮🇳 आजादी की लड़ाई में इलाके के सूरमाओं ने गोरों को कभी पीठ नहीं दिखाई। ऐसे ही थे जुगल किशोर सक्सेना। पिता #बटेश्वरदयाल और माँ #धनु_कुंवर के यहाँ जून 1924 में उनका जन्म #डड़ौना गाँव में हुआ। जन्म के ढाई साल बाद ही माँ चल बसीं। उनकी तेरहवीं भी नहीं हो पाई थी कि पिता भी साथ छोड़ गए। कोई भाई-बहन नहीं थे। परिवार के अन्य घरों में इनका पालन हुआ। वह मिडिल तक ही पढ़ पाए। अनाथ होने के कारण...

भगवान शालिग्राम का विवाह तुलसी से .... मेरी दुनिया - GMEDIA

भगवान शालिग्राम का विवाह  तुलसी से ... मान्यता है कि भगवान विष्णु और तुलसी का जिस जगह पर होते हैं, वहां कोई दुख और परेशानी नहीं आती। शालिग्राम की पूजा में तुलसी का महत्वत अहम है क्योंाकि बिना तुलसी के शालिग्राम की पूजा करने पर दोष लगता है। पराक्रमी असुर जलंधर का विवाह वृंदा से हुआ था , वृंदा भगवान विष्णु की भक्त थी। उसके पतिव्रत धर्म के कारण जलंधर अजेय हो गया था। उसने एक युद्ध में भगवान शिव को भी पराजित कर दिया। अपनी शक्ति के अभिमान में जलंधर देवताओं, अप्सकराओं को परेशान करने लगा। दु:खी देवता भगवान विष्णु की शरण में गए और जलंधर के आतंक को समाप्त करने की प्रार्थना करने लगे। तब भगवान विष्णु जलंधर का रूप धारण कर छल से वृंदा का पतिव्रत धर्म नष्ट कर दिया। इससे जलंधर की शक्ति क्षीण हो गई और वह युद्ध में मारा गया। जब वृंदा को इस छल का पता चला, तो उसने विष्णु को पत्थर बन जाने का शाप दे दिया। देवताओं के अनुरोध करने पर वृंदा ने शाप वापस ले लिया। मगर, भगवान विष्णु ने पत्थंर में अपना एक रूप प्रकट किया, जिसे शालिग्राम कहा गया। भगवान विष्णु ने वृंदा को वरदान दिया कि अगले जन्म में तुम तुलसी ...

Sharad / Navratri (Shardiya Navratri) 2025 | शरद / नवरात्रि (शारदीय नवरात्रि) 2025

  Sharad / Navratri (Shardiya Navratri) 2025 शरद / नवरात्रि (शारदीय नवरात्रि) 2025 22 सितम्बर 2025 (सोमवार) से 1 अक्टूबर 2025 (बुध / रविवार) विजयादशमी (दशहरा) - 2 अक्टूबर 2025  Vijayadashami (Dussehra) — 2 अक्टूबर 2025  🕉️ नौ देवी रूप और प्रत्येक दिन की पूजा Navratri के प्रत्येक दिन देवी के एक रूप की पूजा होती है। नीचे Chaitra और Sharad दोनों के लिए सामान्य क्रम है: रात्रि के हर दिन देवी के एक रूप की पूजा होती है। नीचे चैत्र और शरद दोनों का सामान्य क्रम है: माँ शैलपुत्री  Maa Shailputri मां ब्रह्मचारिणी  Maa Brahmacharini मां चंद्रघंटा  Maa Chandraghanta माँ कुष्मांडा   Maa Kushmanda मां स्कंदमाता  Maa Skandamata माँ कात्यायनी   Maa Katyayani मां कालरात्रि   Maa Kalaratri माँ महागौरी  Maa Mahagauri माँ सिद्धिदात्री    Maa Siddhidatri 🔔 पूजा-विधि और विशेष रीति-रिवाज घटस्थापना / कलश स्थापना (Ghatasthapana / Kalash Sthapana): Navratri की शुरुआत होती है कलश या पवित्र पात्र की स्थापना से, जिसमें जल, पाँच प्रक...