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सितंबर, 2025 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

Ravana: The Secret of Dashanan | रावण : दशानन का रहस्य

  रावण : दशानन का रहस्य भारत की प्राचीन संस्कृति और पौराणिक कथाएँ अद्भुत चरित्रों से भरी हुई हैं। इन चरित्रों में सबसे रहस्यमयी और बहुआयामी व्यक्तित्व है — रावण , जिसे दशानन (दस सिरों वाला) कहा जाता है। 👑 रावण का परिचय रावण लंका का महान राजा था। वह ऋषि विश्रवा और कैकसी का पुत्र था। शास्त्रों के अनुसार वह ब्राह्मण कुल में जन्मा लेकिन राक्षस परंपरा से जुड़ा रहा। रावण महान विद्वान, शिवभक्त, शास्त्रों का ज्ञाता और अपार बलशाली योद्धा था। 🔟 दशानन का प्रतीकात्मक अर्थ रावण को ‘दशानन’ यानी दस सिरों वाला कहा जाता है। ये दस सिर वास्तव में उसके दस विशेष गुणों और अवगुणों का प्रतीक माने जाते हैं। दस गुण : विद्वता, शौर्य, संगीत-कला, शास्त्रज्ञान, तपस्या, पराक्रम, बल, शिवभक्ति, प्रशासन-कौशल, और राजनीति। दस अवगुण : काम, क्रोध, लोभ, मोह, मद, मत्सर, अहंकार, अत्याचार, अन्याय और अहितकर महत्वाकांक्षा। इस प्रकार, दशानन होना केवल शारीरिक रूप से दस सिर होना नहीं है, बल्कि मनुष्य के भीतर के गुण-अवगुणों का प्रतीक है। 🕉️ रावण का विद्वत्ता और भक्ति पक्ष रावण ने शिव तांडव स्तोत्र की रचना ...

Dussehra: The Festival of the Victory of Good दशहरा : अच्छाई की जीत का पर्व

  दशहरा : अच्छाई की जीत का पर्व भारत त्योहारों की भूमि है, जहाँ हर पर्व अपने साथ एक विशेष संदेश और प्रेरणा लेकर आता है। इन्हीं पर्वों में से एक है दशहरा या विजयादशमी , जो बुराई पर अच्छाई और असत्य पर सत्य की विजय का प्रतीक माना जाता है। 📖 दशहरे का महत्व दशहरे का त्योहार आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। इसे रामायण और महाभारत दोनों से जोड़ा जाता है। इस दिन भगवान राम ने रावण का वध कर अधर्म और अन्याय का अंत किया था। वहीं महाभारत में भी इसी दिन अर्जुन ने शस्त्र पूजन करके विजय प्राप्त की थी। इसी कारण इसे विजयादशमी कहा जाता है – यानी विजय प्राप्त करने का दिन। 🙏 आध्यात्मिक संदेश दशहरा हमें सिखाता है कि चाहे बुराई कितनी भी शक्तिशाली क्यों न हो, अंततः सत्य और धर्म की जीत निश्चित होती है। यह पर्व हमें अपने भीतर की नकारात्मकताओं – जैसे क्रोध, लोभ, ईर्ष्या, घृणा – को समाप्त करने की प्रेरणा देता है। 🎉 दशहरा उत्सव की परंपराएँ जगह-जगह मेले और रामलीला का आयोजन किया जाता है। शाम के समय रावण, मेघनाद और कुंभकरण के विशाल पुतले जलाए जाते हैं। लोग इस दि...

Sharad / Navratri (Shardiya Navratri) 2025 | शरद / नवरात्रि (शारदीय नवरात्रि) 2025

  Sharad / Navratri (Shardiya Navratri) 2025 शरद / नवरात्रि (शारदीय नवरात्रि) 2025 22 सितम्बर 2025 (सोमवार) से 1 अक्टूबर 2025 (बुध / रविवार) विजयादशमी (दशहरा) - 2 अक्टूबर 2025  Vijayadashami (Dussehra) — 2 अक्टूबर 2025  🕉️ नौ देवी रूप और प्रत्येक दिन की पूजा Navratri के प्रत्येक दिन देवी के एक रूप की पूजा होती है। नीचे Chaitra और Sharad दोनों के लिए सामान्य क्रम है: रात्रि के हर दिन देवी के एक रूप की पूजा होती है। नीचे चैत्र और शरद दोनों का सामान्य क्रम है: माँ शैलपुत्री  Maa Shailputri मां ब्रह्मचारिणी  Maa Brahmacharini मां चंद्रघंटा  Maa Chandraghanta माँ कुष्मांडा   Maa Kushmanda मां स्कंदमाता  Maa Skandamata माँ कात्यायनी   Maa Katyayani मां कालरात्रि   Maa Kalaratri माँ महागौरी  Maa Mahagauri माँ सिद्धिदात्री    Maa Siddhidatri 🔔 पूजा-विधि और विशेष रीति-रिवाज घटस्थापना / कलश स्थापना (Ghatasthapana / Kalash Sthapana): Navratri की शुरुआत होती है कलश या पवित्र पात्र की स्थापना से, जिसमें जल, पाँच प्रक...

Pitru Paksha | पितृ पक्ष : पूर्वजों के प्रति श्रद्धा और कृतज्ञता का पर्व

  पितृ पक्ष : पूर्वजों के प्रति श्रद्धा और कृतज्ञता का पर्व भारतीय संस्कृति की जड़ें सदैव परिवार, परंपरा और ऋषि–पितृ सम्मान में गहरी रही हैं। हमारे ग्रंथ कहते हैं कि "पितृदेवो भव" — जैसे माता-पिता देव तुल्य हैं, वैसे ही हमारे पूर्वज भी पूजनीय हैं। इन्हीं को स्मरण करने और तर्पण अर्पित करने का काल है पितृ पक्ष , जिसे श्राद्ध पक्ष भी कहा जाता है। 📜 पितृ पक्ष का इतिहास और उत्पत्ति वैदिक युग से परंपरा : ऋग्वेद और यजुर्वेद में पितरों को तर्पण और श्राद्ध का उल्लेख मिलता है। पुराणों की मान्यता : गरुड़ पुराण और विष्णु पुराण के अनुसार पितरों की आत्माएँ इस समय पृथ्वी पर आती हैं और वंशजों द्वारा किए गए कर्म को स्वीकार करती हैं। महाभारत कथा : भीष्म पितामह ने युधिष्ठिर को पितृ पक्ष के महत्व के बारे में बताया था। यह भी माना जाता है कि कर्ण मृत्यु के बाद पितृलोक में पहुँचकर भोजन के लिए तरसने लगे क्योंकि उन्होंने जीवन में कभी अपने पितरों के नाम से अन्न दान नहीं किया था। बाद में यमराज की अनुमति से उन्हें पितृ पक्ष के दिनों में अपने वंशजों से तर्पण प्राप्त हुआ। ✨ पितृ पक्ष...

GST Reform India जीएसटी सुधार भारत

  GST Reform India | जीएसटी सुधार भारत भारत की आर्थिक विकास यात्रा में GST सुधार एक नया मील का पत्थर है। यह न केवल टैक्स सिस्टम को सरल बनाता है बल्कि व्यापार, उद्योग और आम जनता के लिए पारदर्शिता और सुविधा भी लाता है। ➡️ कम जटिलता ➡️ एक राष्ट्र, एक टैक्स ➡️ व्यापार को आसान बनाना आइए मिलकर समझें कि ये सुधार भारत की अर्थव्यवस्था को कैसे नई दिशा देंगे। 🇮🇳📈 भारत ने सितंबर 2025 में अपने "अगली पीढ़ी" के माल और सेवा कर (जीएसटी) सुधारों को लागू किया, उपभोक्ताओं को लाभ पहुंचाने, व्यवसायों को बढ़ावा देने और अनुपालन को सरल बनाने के लिए कर संरचना में बदलाव किया। जीएसटी परिषद द्वारा घोषित सुधारों ने पिछली बहु-स्तरीय प्रणाली को दो मुख्य दर स्लैब और विलासिता और अहितकर वस्तुओं के लिए एक नई उच्च "डी-मेरिट" दर से बदल दिया। 2025 के जीएसटी सुधारों के तहत प्रमुख परिवर्तन सरलीकृत दर संरचना जटिल चार-स्तरीय संरचना (5%, 12%, 18% और 28%) को दो-स्तरीय प्रणाली से बदल दिया गया। 0% (छूट): इसमें विशिष्ट जीवन रक्षक दवाइयाँ और अभ्यास पुस्तिकाएँ व पेंसिल जैसी शैक्षिक सामग्री जैसी आवश्यक वस्तुएँ शा...

सेमीकंडक्टर मेड इन इंडिया Semiconductor Made in India

 सेमीकंडक्टर मेड इन इंडिया  Semiconductor Made in India  ✨🇮🇳 सेमीकंडक्टर मेड इन इंडिया: आत्मनिर्भर भारत की ओर एक बड़ा कदम भारत अब सिर्फ उपभोक्ता नहीं, बल्कि सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग का केंद्र बनने की ओर तेजी से बढ़ रहा है। दुनिया जिस तकनीक पर टिकी है – मोबाइल, लैपटॉप, कार, मेडिकल डिवाइस, AI, 5G और स्पेस टेक्नोलॉजी – उन सबकी जान है चिप्स। 👉 पहले भारत इनका आयात करता था, लेकिन अब "मेक इन इंडिया" और "डिजिटल इंडिया" मिशन के तहत देश में सेमीकंडक्टर फैब (FAB) यूनिट्स, डिज़ाइन हब और रिसर्च सेंटर स्थापित किए जा रहे हैं। 👉 इससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, विदेशी आयात पर निर्भरता कम होगी और भारत ग्लोबल सप्लाई चेन में मजबूत स्थिति हासिल करेगा। 👉 सरकार ने PLI (Production Linked Incentive) और सेमीकंडक्टर मिशन जैसी योजनाएं शुरू की हैं ताकि भारत टेक्नोलॉजी सुपरपावर बन सके। 📌 क्यों है ज़रूरी? भारत हर साल अरबों डॉलर के चिप्स इम्पोर्ट करता है। 21वीं सदी की अर्थव्यवस्था चिप्स पर आधारित है। इससे राष्ट्रीय सुरक्षा, डिजिटल इकोनॉमी और रोजगार सभी पर सकारात्मक असर पड़ेगा। 🌟 "सेमीक...

🌸 कृष्ण कमल (Passion Flower / Passion Fruit Flower) 🌸

  🌸 कृष्ण कमल (Passion Flower / Passion Fruit Flower) 🌸 कृष्ण कमल एक बेहद सुंदर और औषधीय गुणों से भरपूर लता (creeper) है। इसे Passiflora incarnata भी कहते हैं। इसका नाम कृष्ण कमल इसलिए पड़ा क्योंकि इसके फूल के अंदर की संरचना को लोग भगवान श्रीकृष्ण से जोड़ते हैं – जैसे कि रासलीला का प्रतीक, सुदर्शन चक्र और गोपियों का घेरा।  @followers @top_fans @highlight ✨ विशेषताएँ फूल का रंग: बैंगनी, सफेद और नीले रंग का मिश्रण। पौधा: लता की तरह फैलता है। फल: Passion fruit कहलाता है, खाने योग्य और पौष्टिक। औषधीय महत्व: तनाव, अनिद्रा और चिंता दूर करने में सहायक। 🌿 सांस्कृतिक महत्व हिंदू मान्यता में इसे श्रीकृष्ण की लीलाओं का प्रतीक माना जाता है। कई जगह इसे "धार्मिक पुष्प" भी कहते हैं। #कृष्णकमल #PassionFlower #भगवानकृष्ण #आध्यात्मिकफूल #भारतीयवनस्पति #औषधीयपौधे #HerbalPlants #SpiritualFlowers #NatureBeauty #IndianCulture #DevotionalVibes #SacredPlants #NaturalHealing #Ayurveda #saveearth #save_plants  #followers  #top_fans #highlight Source: Social Med...