सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

संदेश

Happy Dussehra दशहरा विजयादशमी की हार्दिक शुभकामनाएं

#दशहरा, जिसे #विजयादशमी के नाम से भी जाना जाता है, भारत में मनाया जाने वाला एक प्रमुख #हिंदू त्यौहार है। यह #त्यौहार नवरात्रि के अंत का प्रतीक है, जो #देवी #दुर्गा को समर्पित नौ रातों का उत्सव है। दशहरा आमतौर पर सितंबर या अक्टूबर में मनाया जाता है। यह भगवान #राम की राक्षस राजा #रावण पर जीत का जश्न मनाता है |  विजयादशमी का त्यौहार पूरे भारत में बुराई पर अच्छाई की जीत, असत्य पर सत्य, अनैतिकता पर नैतिकता की जीत के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। उत्तर भारत में इसे 'दशहरा' के रूप में मनाया जाता है और रावण पर भगवान राम की जीत को 'रावण दहन' के माध्यम से दर्शाया जाता है मैसूर का दशहरा प्रसिद्ध है क्योकि मैसूर के वोडेयार ने विजयनगर साम्राज्य के दक्षिणी भाग में एक राज्य का गठन किया और महानवमी (दशहरा) उत्सव का उत्सव जारी रखा, यह परंपरा राजा वोडेयार प्रथम (1578-1617 ई.) द्वारा सितंबर 1610 के मध्य में श्रीरंगपट्टनम में शुरू की गई थी।  शासकों के संरक्षण के कारण मैसूर में इसे शाही रंग प्राप्त हुआ तथा नलवाड़ी कृष्णराज वाडियार के शासनकाल में इसकी भव्यता चरम पर पहुंच गई, जिनका शासन काल...

ऊँ महा लक्ष्म्यै च विद्महे विष्णुपत्न्यै च धीमहि तन्नो लक्ष्मी: प्रचोदयात !!

  ॐ नमो ह्रीं श्रीं क्रीं श्रीं क्लीं क्लीं श्रीं लक्ष्मी मम गृहे धनं देही चिन्तां दूरं करोति स्वाहा ॥ ॐ ह्रीं श्रीं क्रीं श्रीं कुबेराय अष्ट-लक्ष्मी मम गृहे धनं पुरय पुरय नमः॥ ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धनधान्याधिपतये, धनधान्यसमृद्धिं मे देहि दापय स्वाहा॥ ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीं क्लीं वित्तेश्वराय नमः  लक्ष्मी गायत्री"  ऊँ महा लक्ष्म्यै च विद्महे विष्णुपत्न्यै च  धीमहि तन्नो लक्ष्मी: प्रचोदयात !!  शुक्र गायत्री ऊँ भृगुसुताय विद्महे दिव्यदेहाय धीमहि, तन्न शुक्र: प्रचोदयात् !!  शुक्रकृपामय हो आपका आज का दिन ।  ऊँ  श्री महालक्ष्म्यै नमः ऊँ श्री शुक्राय नम:  सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामया। सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चित् दुःखभाग् भवेत्।। सभी सुखी होवें,सभी रोगमुक्त रहें,सभी मंगलमय के साक्षी बनें और किसी को भी दुःख का भागी न बनना पड़े। यौवनं जीवनं वित्तं छाया लक्ष्मीश्च स्वामिता। चञ्चलानि षडेतानि ज्ञात्वा धर्मरतो भवेत्।। यौवन, जीवन, धन, छाया, लक्ष्मी और प्रभुत्व - ये छः चंचल होते हैं, यह जानकर मनुष्य को धर्माचारी होना चाहिए। धन की दे...

Navratri नवरात्रि

शरद ऋतु की शुरुआत में पड़ने वाला त्यौहार, जिसे शरद #नवरात्रि भी कहा जाता है, सबसे महत्वपूर्ण है। #नवरात्रि से वातावरण के तमस का अंत होता है और सात्विकता की शुरुआत होती है. मन में उल्लास, उमंग और उत्साह की वृद्धि होती है. दुनिया में सारी #शक्ति, #नारी या #स्त्री स्वरूप के पास ही है. इसलिए इसमें देवी की उपासना ही की जाती है। यह त्यौहार देवी दुर्गा को समर्पित है, जिनके नौ रूपों की नौ दिनों तक पूजा की जाती है । प्रतिपदा से लेकर #नवमी तक माता चंडी को प्रसन्न करने के लिए प्रभु श्री राम ने अन्न जल कुछ भी ग्रहण नहीं किया. नौ दिनों तक माता #दुर्गा के स्वरूप #चंडी देवी की उपासना करने के बाद भगवान #राम को #रावण पर विजय प्राप्त हुई थी. ऐसा माना जाता है कि तभी से नवरात्रि मनाने और 9 दिनों तक व्रत रखने की शुरुआत हुई | #नवरात्रि_व्रत रख रहे हैं, तो इस व्रत में आपको पूरी तरह से शुद्ध और पवित्र होना चाहिए। आप तन, मन और विचार से शुद्ध रहें। ... नौ दिनों  के व्रत में मन को शांत रखते हुए क्रोध न करें। दिन भर मां के नामों का जाप करें और किसी भी महिला या कन्या का अपमान न करें। दुर्गा के नौ रूप और नौ दिन...

Radhashtami .... राधाष्टमी ....जय श्री राधे......

  राधा रानी के बगैर भगवान श्री कृष्ण अधूरे माने जाते हैं,  'भाद्र मास में शुक्ल पक्ष की #अष्टमी' को #कृष्ण प्रिया #राधा जी का जन्म हुआ था,अत: यह दिन #राधाष्टमी के रूप में मनाया जाता है।  राधाष्टमी के अवसर पर उत्तर प्रदेश के बरसाना में हजारों श्रद्धालु एकत्र होते हैं. राधा रानी जी की जन्म स्थली रावल गाँव है.और राधा रानी जी की लीला स्थली बरसाना है.  #बरसाना मथुरा से 50 कि.मी. दूर उत्तर-पश्चिम में और गोवर्धन से 21 कि.मी. दूर उत्तर में स्थित है.  Radhashtami is a Hindu religious day commemorating the birth anniversary of the goddess Radha, the chief consort of the god Krishna. It is celebrated in her birthplace Barsana and the entire Braj region on the eighth day of the bright half of the lunar month of Bhadrapada . यह भगवान #श्रीकृष्ण की प्यारी राधा जी की जन्म स्थली है. इस दिन राधा जी का जन्म हुआ था.अष्टमी के दिन महाराज वृषभानु  की पत्नी कीर्ति के यहां #भगवती राधा अवतरित हुई.  तब से भाद्रपद शुक्ल अष्टमी 'राधाष्टमी' के नाम से विख्यात हो गई.यह व्रत भाद्रपद ...

हमेशा अच्छे लोगों के साथ ही बुरा क्यों होता है? | Why do bad things always happen to good people?

हमेशा अच्छे लोगों के साथ ही बुरा क्यों होता है?      Why do bad things always happen to good people? दुनिया अनहोनी और अनिश्तिता से भरी हुई हैं | यही जीवन हैं | The world is full of uncertainty and unpredictability. That is life. आप कितने आध्यात्मिक या अच्छे है, इसका इस बात से कोई संबंध नहीं हैं की आपको कितना कष्ट सहना होगा | किसी के आध्यात्मिक विकास का मतलब यह नहीं है कि वह प्रकृति के नियमों के दायरे से बाहर है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि कौन क्या है , जीवन में कोई गारंटी नहीं है। और शायद, यह अनिश्चितता ही हमारे जीवन को साहसिक बनाती है। How spiritual or good you are has nothing to do with how much suffering you have to endure. One's spiritual growth does not mean that one is beyond the laws of nature. No matter who one is, there are no guarantees in life. And perhaps, this uncertainty is what makes our lives adventurous. अच्छा या महान होना आपको शारीरिक या मानसिक रोगों से बचा नहीं सकता है। Being good or great does not protect you from physical or mental diseases. अच्छा हो...

Navagraha Deepam | नवग्रह दीपम

नवग्रह दीपम नवग्रह या नौ ग्रह हिंदू धर्म के महत्वपूर्ण देवता हैं। हमें जो ब्रह्मांडीय ऊर्जा प्राप्त होती है, उसमें इन खगोलीय पिंडों से आने वाली अलग-अलग ऊर्जाएँ शामिल होती हैं। #Navagraha #Deepam Navagrahas, or the Nine #Planets, are important deities of the #Hindu #religion. The cosmic energy we receive contains different energies coming from these celestial bodies.   #नवग्रह दीपम (#दीपक) हमारे #घर के #पूजा कक्ष में सकारात्मक कंपन को प्रेरित करने के लिए जलाया जाता है। इस दीपक में, #भगवान #सूर्य (संस्कृत: सूर्य, सूर्य), #सूर्य, केंद्र स्थान पर होते हैं। भगवान सूर्य हमारे सौर मंडल में जीवन का स्रोत हैं और ज्ञान के प्रकाश का प्रतिनिधित्व करते हैं जो हमारे अंधकार को दूर करता है। नवग्रह दीपम में, भगवान सूर्य अन्य ग्रहों (ग्रहों) से घिरे होते हैं। The #Navagraha #Deepam (lamp) is lit in the #puja room of our house to inspire positive vibrations. In this lamp, Lord Surya (#Sanskrit: #सुर्य, surya), the #Sun, occupies the center place. #Lord #Surya is the source of #life in our #Solar_Sys...

हिंदी पत्रकारिता दिवस | 30 मई, 1826 | Hindi Patrakarita Divas

  🇮🇳✍️ #हिंदी_पत्रकारिता_दिवस  #Hindi_Journalism_Day है. आज से 198 साल पहले 30 मई, 1826 को कलकत्ता(कोलकाता) में #उदंत_मार्तण्ड नामक साप्ताहिक अखबार की शुरुआत हुई. #कानपुर से कलकत्ता में सक्रिय वकील #पंडित_जुगल_किशोर_शुक्ल ने इस अखबार की नींव रखी. वो हिंदुस्तानियों के हित में उनकी भाषा में अखबार निकालना चाहते थे. 🇮🇳✍️ उदंत मार्तण्ड का अर्थ होता है उगता सूरज. हिंदी पत्रकारिता का सूरज पहली बार #कलकत्ता के बड़ा बाजार के करीब 37, अमर तल्ला लेन, #कोलूटोला में उदित हुआ था. यह अखबार पाठकों तक हर मंगलवार पहुँचता था. इसकी शुरुआत 500 प्रतियों के साथ हुई थी. 🇮🇳✍️ उदंत मार्तण्ड खड़ी बोली और ब्रज भाषा के मिले-जुले रूप में छपता था और इसकी लिपि देवनागरी थी. लेकिन इसकी उम्र ज्यादा लंबी नहीं हो सकी. इसके केवल 79 अंक ही प्रकाशित हो सके. 🇮🇳✍️ प्रकाशन की शुरुआत के लगभग एक साल बाद ही हिंदी पत्रकारिता का पहला सूरज आर्थिक तंगी का शिकार होकर ओझल हो गया. 19 दिसंबर 1827 को उदन्त मार्तण्ड का आखिरी अंक प्रकाशित हुआ था. 🇮🇳✍️ अखबार के आखिरी अंक में संपादक और प्रकाशक जुगल किशोर शुक्ल ने अखबार के बं...