11 सितंबर 2024

Radhashtami .... राधाष्टमी ....जय श्री राधे......


 

राधा रानी के बगैर भगवान श्री कृष्ण अधूरे माने जाते हैं, 

'भाद्र मास में शुक्ल पक्ष की #अष्टमी' को #कृष्ण प्रिया #राधा जी का जन्म हुआ था,अत: यह दिन #राधाष्टमी के रूप में मनाया जाता है। 

राधाष्टमी के अवसर पर उत्तर प्रदेश के बरसाना में हजारों श्रद्धालु एकत्र होते हैं. राधा रानी जी की जन्म स्थली रावल गाँव है.और राधा रानी जी की लीला स्थली बरसाना है. 

#बरसाना मथुरा से 50 कि.मी. दूर उत्तर-पश्चिम में और गोवर्धन से 21 कि.मी. दूर उत्तर में स्थित है. 

Radhashtami is a Hindu religious day commemorating the birth anniversary of the goddess Radha, the chief consort of the god Krishna. It is celebrated in her birthplace Barsana and the entire Braj region on the eighth day of the bright half of the lunar month of Bhadrapada.

यह भगवान #श्रीकृष्ण की प्यारी राधा जी की जन्म स्थली है.

इस दिन राधा जी का जन्म हुआ था.अष्टमी के दिन महाराज वृषभानु  की पत्नी कीर्ति के यहां #भगवती राधा अवतरित हुई. 

तब से भाद्रपद शुक्ल अष्टमी 'राधाष्टमी' के नाम से विख्यात हो गई.यह व्रत भाद्रपद के #शुक्ल_पक्ष की अष्टमी को किया जाता है.

यह #कृष्ण_जन्माष्टमी के पन्द्रह दिन बाद अष्टमी को ही राधा जी का जन्मदिन मनाया जाता हैं. 

इस दिन राधा जी का विशेष पूजन और व्रत किया जाता है.नारदपुराण के अनुसार 'राधाष्टमी' का व्रत करने वाला भक्त ब्रज के दुर्लभ रहस्य को जान लेता है. 

श्रीकृष्ण की भक्ति, प्रेम और रस की त्रिवेणी जब हृदय में प्रवाहित होती है, तब मन तीर्थ बन जाता है। 'सत्यम शिवम सुंदरम' का यह महाभाव ही 'राधाभाव' कहलाता है। 

श्रीकृष्ण वैष्णो के लिए परम आराध्य हैं. वैष्णव श्रीकृष्ण को ही अपना सर्वस्व मानते हैं. आनंद ही उनका स्वरूप है. श्रीकृष्ण ही आनंद का मूर्तिमान स्वरूप हैं. कृष्ण प्रेम की सर्वोच्च अवस्था ही 'राधाभाव ' है. 

इस दिन राधा जी को पंचामृत से स्नान कराएं, फिर उनका श्रृंगार करते है. स्नानादि से शरीर शुद्ध करके मण्डप के भीतर मण्डल बनाकर उसके बीच में मिट्टी या तांबे का शुद्ध बर्तन रखकर उस पर दो वस्त्रों से ढकी हुई राधा जी की स्वर्ण या किसी अन्य धातु की बनी हुई सुंदर मूर्ति स्थापित करते है, 

इसके बाद मध्याह्न के समय श्रद्धा, भक्तिपूर्वक राधा जी की पूजा करते है, भोग लगाकर #धूप, #दीप, #पुष्प आदि से #राधाजी कि आरती की जाती है. 

यदि संभव हो तो उस दिन #उपवास करना चाहिए. फिर दूसरे दिन ब्राह्मणों को भोजन कराकर और मूर्ति को दान करने का बाद स्वयं भोजन करना चाहिए, इस प्रकार इस व्रत की समाप्ति करें. 

इस प्रकार विधिपूर्वक व श्रद्धा से यह व्रत करने पर मनुष्य पापों से मुक्त हो जाता है व इस लोक और परलोक के सुख भोगता है. मनुष्य ब्रज का रहस्य जान लेता है तथा राधा परिकरों में निवास करता है. 

#जय_श्री_राधे......

साभार: श्री राधा रानी बरसाना 

#radhashtami, #radhe, #radharani, #Goodness_is_prayer, #meditation,  #penance, #Goodness_is_God, #himself, #appropriate, #good, #situation, #Being_good, #great #protect, #physical, #mental

सूचना:  यंहा दी गई  जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की  कोई गारंटी नहीं है। सूचना के  लिए विभिन्न माध्यमों से संकलित करके लेखक के निजी विचारो  के साथ यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह  की जिम्मेदारी स्वयं निर्णय लेने वाले पाठक की ही होगी।' हम या हमारे सहयोगी  किसी भी तरह से इसके लिए जिम्मेदार नहीं है | धन्यवाद। ... 

Notice: There is no guarantee of authenticity or reliability of the information/content/calculations given here. This information has been compiled from various mediums for information and has been sent to you along with the personal views of the author. Our aim is only to provide information, readers should take it as information only. Apart from this, the responsibility of any kind will be of the reader himself who takes the decision. We or our associates are not responsible for this in any way. Thank you. 

28 जून 2024

हमेशा अच्छे लोगों के साथ ही बुरा क्यों होता है? | Why do bad things always happen to good people?



हमेशा अच्छे लोगों के साथ ही बुरा क्यों होता है?     

Why do bad things always happen to good people?


दुनिया अनहोनी और अनिश्तिता से भरी हुई हैं | यही जीवन हैं |

The world is full of uncertainty and unpredictability. That is life.


आप कितने आध्यात्मिक या अच्छे है, इसका इस बात से कोई संबंध नहीं हैं की आपको कितना कष्ट सहना होगा | किसी के आध्यात्मिक विकास का मतलब यह नहीं है कि वह प्रकृति के नियमों के दायरे से बाहर है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि कौन क्या है , जीवन में कोई गारंटी नहीं है। और शायद, यह अनिश्चितता ही हमारे जीवन को साहसिक बनाती है।

How spiritual or good you are has nothing to do with how much suffering you have to endure. One's spiritual growth does not mean that one is beyond the laws of nature. No matter who one is, there are no guarantees in life. And perhaps, this uncertainty is what makes our lives adventurous.


अच्छा या महान होना आपको शारीरिक या मानसिक रोगों से बचा नहीं सकता है।

Being good or great does not protect you from physical or mental diseases.


अच्छा होने का मतलब यह नहीं है कि आप सड़क दुर्घटना का शिकार नहीं हो सकते।

Being good does not mean that you cannot be a victim of a road accident.


अच्छा होने से आपके शेयर की कीमतों पर कोई असर नहीं पड़ता है |

Being good does not affect the price of your shares.


अच्छा होने मात्र से आप किसी प्रतियोगी परीक्षा में सफल नहीं हो सकते |

Just being good cannot make you successful in any competitive exam.


यदि आप किसी से बहुत प्यार करते हैं और वफादार हैं तो भी इसकी कोई गारंटी नहीं की आपका साथी आपको धोखा नहीं दे सकता |

If you love someone very much and are loyal, there is no guarantee that your partner will not betray you.


फिर सवाल तो यही उठता हैं कि क्या हमें बुरा होना चाहिए ? जी बिलकुल नहीं | 

Then the question arises whether we should be bad? No, not at all.


अच्छाई हमें चुनौतियों और कठिनाइयों का सामना करने की ताकत देती है | हमारी चुनौतियां हमें परखती हैं और उससे हमारा एक दृष्टिकोण निर्धारित होता हैं। बेशक हमारी अच्छाई हमें जीवन के कष्टों से नहीं बचा सकती परन्तु हमारा दृषिकोण हमे उस कष्ट की अवस्था में भी सम्बल प्रदान कर सकता हैं | 

Goodness gives us the strength to face challenges and difficulties. Our challenges test us and that determines our perspective. Of course our goodness cannot save us from the hardships of life but our attitude can give us strength even in that state of hardship.


एक उचित दृष्टिकोण के होने से आप कष्ट की अवस्था में भी दुःख का अनुभव नहीं करेंगे, आपको परेशान करने की कोशिश अवश्य की जा सकती हैं परन्तु कोई आपको कुचल नहीं पायेगा |

With a right attitude, you will not feel sad even in hardships. Attempts may be made to trouble you but no one will be able to crush you.


अच्छाई प्रार्थना हैं, ध्यान हैं, एक तप हैं | अच्छाई ही साक्षात् ईश्वर हैं, अतः हर परिस्थिति में अच्छा बने रहना ही उचित हैं |

Goodness is prayer, meditation, a penance. Goodness is God himself, so it is appropriate to remain good in every situation.


#Goodness_is_prayer, #meditation,  #penance, #Goodness_is_God, #himself, #appropriate, #good, #situation, #Being_good, #great #protect, #physical, #mental

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07 जून 2024

Navagraha Deepam | नवग्रह दीपम




नवग्रह दीपम नवग्रह या नौ ग्रह हिंदू धर्म के महत्वपूर्ण देवता हैं। हमें जो ब्रह्मांडीय ऊर्जा प्राप्त होती है, उसमें इन खगोलीय पिंडों से आने वाली अलग-अलग ऊर्जाएँ शामिल होती हैं। #Navagraha #Deepam Navagrahas, or the Nine #Planets, are important deities of the #Hindu #religion. The cosmic energy we receive contains different energies coming from these celestial bodies. 

#नवग्रह दीपम (#दीपक) हमारे #घर के #पूजा कक्ष में सकारात्मक कंपन को प्रेरित करने के लिए जलाया जाता है। इस दीपक में, #भगवान #सूर्य (संस्कृत: सूर्य, सूर्य), #सूर्य, केंद्र स्थान पर होते हैं। भगवान सूर्य हमारे सौर मंडल में जीवन का स्रोत हैं और ज्ञान के प्रकाश का प्रतिनिधित्व करते हैं जो हमारे अंधकार को दूर करता है। नवग्रह दीपम में, भगवान सूर्य अन्य ग्रहों (ग्रहों) से घिरे होते हैं।

The #Navagraha #Deepam (lamp) is lit in the #puja room of our house to inspire positive vibrations. In this lamp, Lord Surya (#Sanskrit: #सुर्य, surya), the #Sun, occupies the center place. #Lord #Surya is the source of #life in our #Solar_System and represents the #Light of #Wisdom who #dispels our #darkness. In the #Navagraha Deepam, Lord Surya is surrounded by the other Grahas (planets). 

दीपक के नौ मुख नवग्रहों का प्रतिनिधित्व करते हैं। शनि देव (संस्कृत: शनि, शनि) को प्रसन्न करने के लिए शनि का मुख लोहे या स्टील से बना है, जो सत्य पर आधारित आंतरिक शक्ति का प्रतिनिधित्व करते हैं। दीपक को इस तरह से रखना चाहिए कि शनि का मुख पश्चिम दिशा की ओर हो।

The nine faces of the lamp represent the Navagrahas. The face of #Saturn is made of #iron, or #steel, to please #Shani_Dev (#Sanskrit: शनि, #sani), who represents the inner strength that is founded in #Truth. The lamp is to be placed is such a way so that the face of #Saturn #points in the West direction. 

शनि देव के मुख के ठीक विपरीत #शुक्र (संस्कृत: शुक्र, शुक्र) का मुख है। शुक्र, जो शुक्र #ग्रह है, #प्रेम और #लगाव का प्रतीक है। शुक्र असुरों (द्वैत की शक्तियों) के #गुरु हैं, और हमें इंद्रियों में लिप्त होने की कला सिखाते हैं। सफलता और खुशी का स्वागत करने के लिए इस दीपक के सभी मुखों को प्रतिदिन जलाया जा सकता है। वैकल्पिक रूप से, शनिवार को भी दीपक जलाया जा सकता है।

#Diametrically opposite to the face of Shani Dev, is the face for Shukra (Sanskrit: शुक्र, śukra). Shukra, which is the planet Venus, is the emblem of love and attachment. #Shukra is the Guru of the asuras (forces of duality), and teaches us the art of indulging in the senses. All of the faces in this l#amp can be lit daily to welcome success and happiness. Alternately, the #lamp can be lit on Saturdays. 

शनिवार को जब कोई दीपक जलाता है, तो उसे तीन मुखों में से प्रत्येक को जलाने का सुझाव दिया जाता है। एक मुख शुक्र के लिए, जो पिछले दिन का प्रतिनिधित्व करता है, एक शनि देव के लिए, और एक अगले दिन के लिए भगवान सूर्य के लिए। घर में इस नवग्रह दीप को जलाने से समृद्धि, अच्छा स्वास्थ्य, मन की शांति और साहस मिलता है।

When one lights the lamp on Saturday, it is suggested that each of three faces be lit. One face for Shukra, which represents the prior day, one for Shani Dev, and one for Lord Surya for the following day. Lighting this Navagraha Deepam in the house brings prosperity, good health, peace of mind, and courage. 

दीप जलाते समय लाभकारी प्रभाव के लिए निम्नलिखित श्लोक का जाप करना चाहिए: शुभं करोति कल्याणं आरोग्यं धन संपदां मम बुद्धि प्रकाशाय दीप ज्योतिर् नमोस्तुते

While lighting the Deepam the following verse should be chanted for beneficial effects: SUBHAM KAROTHI KALYANAM AAROGYAM DHANA SAMPADHAM MAMA BUDDHI PRAKASHAYA DEEPA JYOTHIR NAMOSTUTHE . 

हर दिन अलग-अलग दीप जलाने के लाभ

Benefits of Lighting the Respective Deepa's on the Corresponding Days

सोमवार: अनावश्यक भय दूर होगा। त्वचा रोग ठीक होंगे। चिंता के कारण मन अशांत रहने की स्थिति दूर होगी। हीन भावना दूर होगी।


Monday: Unnecessary fears will get eliminated. Skin diseases will be cured. State of being without peace of mind due to worries will vanish. Inferiority complex will go away. 


मंगलवार: विवाह में बाधाएँ, जैसे कि विवाह का अनावश्यक रूप से स्थगित होना, दूर हो जाएगा। चेवई दोषम (प्रतिकूल ग्रहों के प्रभाव) या केतु के कारण विवाह में अन्य समस्याएँ, जो बाधाएँ प्रस्तुत करती हैं, समाप्त हो जाएँगी। यह दिन देवी के लिए शुभ है।

Tuesday: Obstacles for marriage, such as marriage getting unduly postponed, will be removed. Other problems in marriage due to Chevvai Dosham (unfavourable planetary influences), or problem due to Ketu, He who presents obstacles, will be eliminated. This day is auspicious for Devi.

बुधवार: बीमारी का समय रहते पता चल जाएगा। स्मरण शक्ति बढ़ेगी। पढ़ाई में रुकावट नहीं आएगी। अच्छे दोस्त मिलेंगे।

Wednesday: Proper diagnosis of a sickness or disease will be discovered in time. Memory power will increase. There will be no break in studies. You will get good friends. 

गुरुवार: संतान से जुड़ी परेशानियां दूर होंगी। परिवार में खुशियां बनी रहेंगी। विवाह में आ रही रुकावटें दूर होंगी और अनुकूल समाधान निकलेंगे। परिवार में संतान सुख की प्राप्ति होगी।

Thursday: Problems created by children will be removed. Happiness will prevail in the family. Obstacles to marriages will be eliminated and favorable solutions will emerge. Family will be blessed with children. 

शुक्रवार: यह दिन पति-पत्नी के बीच सौहार्दपूर्ण संबंध लाता है। अनावश्यक खर्च, कर्ज की समस्या और परिवार की महिलाओं को होने वाली मानसिक पीड़ा, सब समाप्त हो जाएगी।

Friday: It brings home cordial relationship between husband and wife. Unnecessary expenditures, problems with loans, and the mental agony faced by the ladies in the family, will all come to an end. 

शनिवार: काले जादू की आशंका से डर दूर होगा। नौकरी पक्की होने की अनिश्चितता दूर होगी। व्यापार में परेशानियाँ दूर होंगी। अच्छी सेहत के साथ लंबी उम्र की गारंटी होगी। साथ ही, "राहु दोषम" या राहु (जो मन के बाहरी प्रक्षेपण को नियंत्रित करता है) के प्रतिकूल पहलू दूर होंगे। इस प्रकार, शनिवार को दीप जलाने से कई लाभ होंगे!

Saturday: Fear over apprehension of black magic will go away. Uncertainty over confirmation of a job will be removed. Problems in the business will be solved. Long life with good health will be assured. Also, "Rahu Dosham", or the unfavorable aspects of Rahu, (He Who Controls the Outward Projection of the Mind), will be removed. Thus, many benefits will accrue by lighting Deepam on Saturdays! 

रविवार: सूर्य विश्व को प्राकृतिक प्रकाश देता है। जब हम रविवार को अपने घर में घी का दीप जलाएंगे तो हमारी सभी समस्याओं के लिए भगवान को दोष देने की प्रवृत्ति दूर हो जाएगी। साथ ही, हमारे पूर्वजों के लिए अनुष्ठान और पूजा न करने के कारण होने वाली कठिनाइयों को भी समाप्त किया जाएगा। दीप की रोशनी से हमारी नसें और हृदय मजबूत होंगे। पेट की समस्याएं ठीक होंगी।

Sunday: The Sun gives the natural light for the world. When we light Deepam with ghee in our house on Sunday, our tendency to blame God for all of our problems will go away. Also, difficulties due to the non-performance of ceremonies and pujas to our ancestors be eliminated. By the light of the Deepam our nerves and heart will be strengthened. Stomach problems will be cured. 

  "नमस्कार  भानु" (सूर्य देव को साष्टांग प्रणाम पसंद है) कह सकते हैं। ऐसा कहने से हमें सूर्य नमस्कार करना याद रहेगा। साथ ही, आदित्य हृदयम (जिसे आदित्यहृदयम भी कहते हैं) का जाप करना या सुनना लाभदायक है, जो आदित्य, सूर्य देव से जुड़ा एक महान भजन है। ~ यह लेख पूज्यश्री मथिओली सरस्वती, चेन्नई, भारत द्वारा प्रेमपूर्वक प्रस्तुत किया गया है।


We can say "Namaskara Piriyar Bhanu" (The Sun God Likes Prostration). By saying this, we will remember to do Surya Namaskaram. Also, it is beneficial to chant or listen to the Aadithya Hrudayam (also spelled Ādityahṛdayam) which is a great hymn associated with Āditya, the Sun God. ~ This article is lovingly offered by Pujyashri Mathioli Saraswathy, Chennai India.


सूचना:  यंहा दी गई  जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की  कोई गारंटी नहीं है। सूचना के  लिए विभिन्न माध्यमों से संकलित करके लेखक के निजी विचारो  के साथ यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह  की जिम्मेदारी स्वयं निर्णय लेने वाले पाठक की ही होगी।' हम या हमारे सहयोगी  किसी भी तरह से इसके लिए जिम्मेदार नहीं है | धन्यवाद। ... 

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30 मई 2024

हिंदी पत्रकारिता दिवस | 30 मई, 1826 | Hindi Patrakarita Divas

 



🇮🇳✍️ #हिंदी_पत्रकारिता_दिवस  #Hindi_Journalism_Day है. आज से 198 साल पहले 30 मई, 1826 को कलकत्ता(कोलकाता) में #उदंत_मार्तण्ड नामक साप्ताहिक अखबार की शुरुआत हुई. #कानपुर से कलकत्ता में सक्रिय वकील #पंडित_जुगल_किशोर_शुक्ल ने इस अखबार की नींव रखी. वो हिंदुस्तानियों के हित में उनकी भाषा में अखबार निकालना चाहते थे.

🇮🇳✍️ उदंत मार्तण्ड का अर्थ होता है उगता सूरज. हिंदी पत्रकारिता का सूरज पहली बार #कलकत्ता के बड़ा बाजार के करीब 37, अमर तल्ला लेन, #कोलूटोला में उदित हुआ था. यह अखबार पाठकों तक हर मंगलवार पहुँचता था. इसकी शुरुआत 500 प्रतियों के साथ हुई थी.

🇮🇳✍️ उदंत मार्तण्ड खड़ी बोली और ब्रज भाषा के मिले-जुले रूप में छपता था और इसकी लिपि देवनागरी थी. लेकिन इसकी उम्र ज्यादा लंबी नहीं हो सकी. इसके केवल 79 अंक ही प्रकाशित हो सके.

🇮🇳✍️ प्रकाशन की शुरुआत के लगभग एक साल बाद ही हिंदी पत्रकारिता का पहला सूरज आर्थिक तंगी का शिकार होकर ओझल हो गया. 19 दिसंबर 1827 को उदन्त मार्तण्ड का आखिरी अंक प्रकाशित हुआ था.

🇮🇳✍️ अखबार के आखिरी अंक में संपादक और प्रकाशक जुगल किशोर शुक्ल ने अखबार के बंद होने की सूचना पाठकों बेहद मार्मिक अपील के साथ दी थी.

◆ उन्होंने लिखा, 'आज दिवस लौ उग चुक्यों मार्तण्ड उदंत. अस्ताचल को जाता है दिनकर दिन अब अंत.(अर्थात-यह सूर्य आज तक निकल चुका है. अब इसका अंत आ गया है और यह सूर्यास्त की ओर बढ़ चला है.) ◆

🇮🇳✍️ उदन्त मार्तण्ड से पहले भारत में अंग्रेजी, उर्दू, फारसी और बांग्ला आदि भाषाओं के अखबार प्रकाशित होने लगे थे. अखबार के पहले अंक में ही संपादक शुक्ल ने अखबार का उद्देश्य स्पष्ट कर दिया था कि यह हिंदुस्तानियों के लिए उनकी भाषा में उनके हित का अखबार है.

🇮🇳✍️ उन्होंने लिखा, "यह उदन्त मार्तण्ड अब पहले पहल हिंदुस्तानियों के हेत जो, आज तक किसी ने नहीं चलाया पर अंग्रेजी ओ पारसी और बंगाल में जो समाचार का कागज छपता है उनका उन बोलियों को जानने और समझने वालों को ही होता है.

और सब लोग पराए सुख सुखी होती हैं. जैसे पराए धन धनी होना और अपनी रहते पराई ऑंख देखना वैसे ही जिस गुण में उसकी पैठ न हो उसको उसके रस का मिलना कठिन ही है और हिंदुस्तानियों में बहुतेरे ऐसे हैं."

🇮🇳✍️ उदंत मार्तण्ड ने अपने छोटे से प्रकाशन काल में हमेशा ही समाज के विरोधाभाषों पर तीखे हमले किये और गंभीर सवाल उठाये. इसके साथ ही आम जन की आवाज को बुलंद करने का भी काम भी इस अखबार ने बखूबी किया. 19 दिसंबर,1827 को कुछ कानूनी कारणों और ग्राहकों का सहयोग न मिल पाने के कारण इसे बंद करना पड़ा.

🇮🇳✍️ हिंदी भाषी पट्टी से दूर रहने और मौजूदा सरकार द्वारा इसे उत्तर भारत के शहरों में भेजने के लिए डाक टिकट में छूट नहीं देना इसके बंद होने की अहम वजह रहा. बंगाल से प्रकाशित होने के कारण उसके लिए स्थानीय स्तर पर ग्राहक या पाठक मिलना अंग्रेजी, उर्दू, फारसी और बांग्ला अखबारों की तुलना में मुश्किल था. अगर पाठक मिल भी जाता तो उसतक अखबार को पहुंचा पाना बेहद कठिन काम था. सरकार के किसी भी विभाग को उदंत मार्तण्ड की एक भी प्रति खरीदना मंजूर नहीं था.

साभार: zeenews.india.com

🇮🇳 सभी राष्ट्रवादी पत्रकार बंधुओं को #हिंदी_पत्रकारिता_दिवस की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ !

🇮🇳🌹🙏

#Hindi_speaking, #governmen, #Hindi_Paper, #Udant_Martand, #publication


साभार: चन्द्र कांत  (Chandra Kant) राष्ट्रीय उपाध्यक्ष - मातृभूमि सेवा संस्था 

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27 मई 2024

What right did Israel do by breaking relations with Norway, Spain and Ireland? इजराइल ने नॉर्वे, स्पेन, आयरलैंड से रिश्ता तोड़ कर क्या सही किया ?

 



नॉर्वे, स्पेन, आयरलैंड से  इजराइल ने कूटनीतिक रिश्ता तोड़ कर क्या सही किया ?

और क्या इन तीन देशों ने फिलिस्तीन को मान्यता देकर क्या गलत किया?

21 मई को #नॉर्वे #स्पेन और #आयरलैंड ने #फिलिस्तीन को मान्यता देने का फैसला किया जिसके विरोध में #इज़रायल ने तीनों देशों से अपने #राजदूत वापस बुलाकर कूटनीतिक रिश्ते समाप्त कर दिए - इन देशों को मान्यता देने के फैसले का हमास और #OIC ने #स्वागत किया, फिलिस्तीन 57 देशों के समूह #OIC सदस्य है जो #UN का सदस्य नहीं है बल्कि उसके पास 2012 से केवल #Non - #Member #Observer का #status है -

मेरे विचार से इज़रायल ने अपने राजदूतों को बुला कर सही कदम नहीं उठाया क्योंकि 50 देशों की यूरोपियन यूनियन के एक तिहाई सदस्य फिलिस्तीन को मान्यता दे चुके है और विश्व के 193 में से अब इन तीनो को मिला कर 146 देश मान्यता दे चुके हैं - भारत तो मान्यता देने वाला पहला देश था - अब इतने मान्यता देने वाले देशों में बहुत के साथ इज़रायल के कूटनीतिक रिश्ते होंगे, फिर इन तीन से संबंध तोड़ने का क्या औचित्य है - 


अभी #Belgium, #Malta and #Slovenia भी #फिलिस्तीन को मान्यता देने पर विचार कर रहे हैं, इस बीच 11 मई को UN की जनरल असेंबली में प्रस्ताव पारित कर #UNSC से कहा गया था कि फिलिस्तीन को सदस्य देश के रूप में #UN में शामिल किया जाए - इस प्रस्ताव के विरोध में केवल 9 वोट पड़े जबकि बाकी सभी 184 देशों ने समर्थन किया - विरोध करने वाले 9 देश थे,  #US, #Argentina, the #Czech_Republic, #Hungary, #Israel, #Micronesia, #Nauru, #Palau and #Papua_New_Guinea. 


#UNSC को इसलिए अनुमोदन किया गया क्योंकि वह ही किसी राष्ट्र को सदस्य का दर्जा देने के लिए सक्षम है - हालांकि UN ने स्वयं अभी तक फिलिस्तीन को सदस्य नहीं बनाया है और 1974 से केवल #PLO को #Observer का #Status दिया था - 

मुझे आशा नहीं है कि #फिलिस्तीन को #UNSC भी सदस्य बनाएगा क्योंकि वहां #अमेरिका का #VETO हो सकता है -


फिलिस्तीन 2007 में #गाज़ा से अपना कंट्रोल #हमास के हाथों गवां चुका था लेकिन आज भी विश्व भर में फिलिस्तीन और हमास को एक ही माना जाता है - आतंकी संगठन होने की वजह से कोई “हमास” का खुलकर समर्थन नहीं कर सकता और उसकी आड़ में फिलिस्तीन को समर्थन दिया जाता है - 


#नॉर्वे, #स्पेन और #आयरलैंड में #मुस्लिम विरोधी #आंदोलन चरम पर रहते हैं - नॉर्वे में  55 लाख की आबादी में 3.3% मुस्लिम हैं; स्पेन में 4.7 करोड़ में 5.32% हैं और आयरलैंड में 5 करोड़ में 1.62% हैं - मान्यता देने के बाद और बढ़ सकते है - आयरलैंड के करीब ब्रिटेन पहले ही इस्लामोफोबिया से जूझ रहा है - इतना ही नहीं #यूरोप के कई देश #इस्लामिक ताकतों से परेशान है जिनमे #फ्रांस, #जर्मनी, #बुल्गारिया, #स्वीडन, #डेनमार्क, #थाईलैंड के अलावा नॉर्वे और जर्मनी भी शामिल हैं -


जो वातावरण #ईरान, #हमास, #हूती और #हिज़्बुल्लाह के बीच चल रहा है, उसे देख कर लगता है ये युद्ध #इस्लाम और #ईसाई / #यहूदी #गठजोड़ के बीच बड़े स्तर का #युद्ध होकर रहेगा - सभी #इस्लामिक देशों के निशाने पर #इज़रायल रहेगा - 


 लेखक : सुभाष चन्द्र  | मैं हूं मोदी का परिवार | “मैं वंशज श्री राम का” 27/05/2024 

#Europe, #Islamic #forces, #France, #Germany, #Bulgaria, #Sweden, #Denmark, #Thailand,#Norway, #Germany, #Iran, #Hamas, #Houthi, #Hezbollah, #war #Islam,#Christian,#Jewish #alliance,#israel, #target,#Islamic_countries #MODI, #election2024,  #ED,  #cbi #CAA #NRC #India_Vs_West, #US_responds_CAA, #religious, #freedom, #India, #Kejriwal,  #judiciary, #aap,  #Muslims, #implemented_CAA,


सूचना:  यंहा दी गई  जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की  कोई गारंटी नहीं है। सूचना के  लिए विभिन्न माध्यमों से संकलित करके लेखक के निजी विचारो  के साथ यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह  की जिम्मेदारी स्वयं निर्णय लेने वाले पाठक की ही होगी।' हम या हमारे सहयोगी  किसी भी तरह से इसके लिए जिम्मेदार नहीं है | धन्यवाद। ... 

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05 मई 2024

मोहंती का नाम वापस, पात्रा को फैदा

ओडिशा के पुरी से कांग्रेस उम्मीदवार ने कांग्रेस पार्टी से कोई वित्तीय सहायता नहीं मिलने का हवाला देते हुए खुद को चुनाव से हटा लिया है।

पुरी, ओडिशा के अपने राजनीतिक परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण विकास तब सामने आया जब कांग्रेस उम्मीदवार सुचरिता मोहंती ने आगामी चुनाव से उम्मीदवार वापसी का साहसिक निर्णय लिया। देखने में आया कि सुचरिता मोहंती को दौड़ में एक मजबूत दावेदार माना जा रहा था, नाम वापस लेने के लिए कई लोग आश्चर्य की बात कर रहे थे। हालाँकि, दिनांक को आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में, सुचरिता मोहंती ने अपने फैसले के पीछे ठोस कारण का खुलासा किया- कांग्रेस पार्टी से समर्थन की कमी।

सुचरिता मोहंती ने पार्टी की विफलता पर असंतोषजनक स्थिति में अपना अभियान अभियान जारी रखा। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि लचीलेपन के लिए यात्रा, प्रचार और जनशक्ति सहित साम्य व्यय की आवश्यकता है, और वित्तीय सहायता की आवश्यकता के बिना, उनके लिए एक प्रभावी अभियान अप्रभावी होगा।

ओडिशा के पुरी संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस उम्मीदवार ओडिशा के पुरी से कांग्रेस उम्मीदवार ने कांग्रेस पार्टी से कोई वित्तीय सहायता नहीं मिलने का हवाला देते हुए खुद को चुनाव से हटा लिया है।

पुरी, ओडिशा के अपने राजनीतिक परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण विकास तब सामने आया जब कांग्रेस उम्मीदवार सुचरिता मोहंती ने आगामी चुनाव से उम्मीदवार वापसी का साहसिक निर्णय लिया। देखने में आया कि सुचरिता मोहंती को दौड़ में एक मजबूत दावेदार माना जा रहा था, नाम वापस लेने के लिए कई लोग आश्चर्य की बात कर रहे थे। हालाँकि, दिनांक को आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में, सुचरिता मोहंती ने अपने फैसले के पीछे ठोस कारण का खुलासा किया- कांग्रेस पार्टी से समर्थन की कमी।

सुचरिता मोहंती ने पार्टी की विफलता पर असंतोषजनक स्थिति में अपना अभियान अभियान जारी रखा। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि लचीलेपन के लिए यात्रा, प्रचार और जनशक्ति सहित साम्य व्यय की आवश्यकता है, और वित्तीय सहायता की आवश्यकता के बिना, उनके लिए एक प्रभावी अभियान अप्रभावी होगा।

ओडिशा के पुरी संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस उम्मीदवार सुचरिता मोहंती की वापसी ने राज्य के राजनीतिक परिदृश्य में एक बड़ी हलचल पैदा कर दी है। इस घटना से ओडिशा में कांग्रेस पार्टी के वित्तीय सलाहकारों और वित्तीय स्तर को लेकर गंभीर चिंताएं बढ़ गई हैं।

मोहंती का नाम वापस लेने के पहले एक अन्य कांग्रेस उम्मीदवार ने भी नामांकन के बाद अपना नाम वापस ले लिया था। एक के बाद एक ऐसी घटना  ने कांग्रेस पार्टी के कलह और आंतरिक सलाहकार की नाकामयाबी और बेकार नेतृत्व को उजागर किया है. 

कुछ का अनुमान है कि पार्टी के अंदर एकता और दिशा की कमी है। उनका तर्क है कि एक ठोस रणनीति और मजबूत नेतृत्व की कमी के कारण पार्टी  पिछड़ रहा है। कुछ का  दावा है कि पार्टी अब लुप्त होने की कगार पे है ।

कारण जो भी हो, कांग्रेस गठबंधन का नाम वापस लेने से ओडिशा में पार्टी का असर पड़ना तय है। राज्य में पारंपरिक रूप से कांग्रेस पार्टी का स्थान रहा है और हाल की घटनाओं में इसके समर्थन आधार को बनाए रखने की क्षमता पर सवाल उठाए गए हैं।

कांग्रेस  को ओडिशा में कड़ी लड़ाई का सामना करना पड़ रहा है और पुरी सीट कांग्रेस के हाथ से निकल गई है। यह देखना बाकी है कि पार्टी क्या करेगी और वह इस तरह के हालात को देखते  हुए यह सवाल उठता है क्या वह कभी भी कोई भी चुनाव लड़ भी सकती है, जीतना तो दूर की बात ।

सुचरिता मोहंती के कदम  से राजनीति में उनकी भूमिका पर बहस छूट गई। आलोचकों का तर्क है कि चुनाव में धन के बढ़ते प्रभाव से जनता प्रभावित होती है, जहां मजबूत पैसे वाले को अक्सर अनुचित लाभ मिलता है। वे समान स्तर पर साक्ष्यों का उपयोग करते हैं और यह सुनिश्चित करते हैं कि सभी को सफलता का अवसर मिले।

यह एक अज्ञात रूप से सामने आने वाली झलक की याद दिलाती है जिसमें वित्तीय सहायता की कमी के लिए प्रभावशाली अभियान चलाया गया है। यह राजनीति में पैसे के व्यापक निहितार्थ और अधिक न्यायसंगत और लोकतांत्रिक चुनाव प्रणाली में सुधार की आवश्यकता के बारे में भी प्रश्न उठाता है।

अब फैदा प्रतिस्पर्धी पात्रा को देखने को मिल रहा है, जो पिछले चुनाव में महज़ पांच हजार के मामूली अंतर से हार गए थे। मोहंती की वापसी, इसी तरह से कांग्रेस उमीदवारो का पीछे हटना, उनका ये मान लेना कि हारना तय है , पैसा, समय और मेहनत न जाया किया जाये, और साथ में भ ज प के बढ़ते कदम को देखते हुए, ४०० पार का उसका नारा आसान दिखने लगा है। 

26 अप्रैल 2024

Congress wants America's law | कांग्रेस अमेरिका का कानून चाहती है तो पहले भारत में अमेरिका की तरह चुनाव भी शुरू करना चाहिए - लेखक : सुभाष चन्द्र




Congress wants America's law So first in India like in America Elections should also be started -

कांग्रेस अमेरिका का कानून चाहती है तो पहले भारत में अमेरिका की तरह चुनाव भी शुरू करना चाहिए -

जातिवादी और मुस्लिमों वोट बैंक पर प्रधानमंत्री के “सीधे चुनाव” से लगाम लगेगी -

भारत के विकास के लिए मेरा दूसरा  “रामबाण” उपाय -

कांग्रेस ने जो सांप्रदायिक एजेंडा छेड़ा है कथिक धनवानों की संपत्ति को गरीबों (मुस्लिमों) में बांटने का और शरीया कानून लागू करने का, वह काम संविधान को ख़त्म किए बिना नहीं किया जा सकता क्योंकि भारत का संविधान विधायिका, न्यायपालिका और कार्यपालिका को स्वतंत्र अधिकार देता है और कांग्रेस यदि शरीया लागू करती है तो उसका मतलब है न्यायपालिका को तिलांजलि दे दी जाएगी -


जबकि कांग्रेस और उसके विपक्षी साथी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर लोकतंत्र और संविधान को नष्ट करने का आरोप लगा रहे हैं और कह रहे है कि मोदी को हराना है लोकतंत्र और संविधान बचाने के लिए जबकि ये खुद चाहते हैं कि संविधान और लोकतंत्र को ध्वस्त कर दिया जाए -


कांग्रेस अमेरिकी system थोप कर भारत में लूट शुरू करना चाहती है जिससे गृह युद्ध छिड़ जाए और वह संपत्ति को बांटने का काम भी बिना संविधान को पलटे नहीं हो सकता - 


अब अगर कांग्रेस अमेरिकी सामाजिक system लाना चाहती है तो पहले वहां का Political System भारत में लागू करना चाहिए जिसके बिना संविधान को कांग्रेस के संपत्ति बंटवारे की योजना अमल में लाने के लिए नहीं बदला जा सकता -


आज भारत के राजनीतिक system में हर चुनाव में caste based voting और मुस्लिमों की वोटिंग पर ही सारा दारोमदार रहता है - जिससे देश में बहुत समय तक राजनीतिक अस्थिरता रही है और देश का वह विकास नहीं हो सका जो होना चाहिए था -


इसलिए देश के समग्र विकास के लिए अमेरिकी Political system अपना लेना चाहिए और राष्ट्रपति पद का Direct Election किया जाना चाहिए अमेरिका की तरह - इस व्यवस्था से कश्मीर से कन्याकुमारी तक मुस्लिमों, ईसाइयों और जातिगत आधारित वोटरों की कीमत एक जैसी होगी और कोई दल कम से कम राष्ट्रपति के चुनाव में ऐसे वोटरों से चुनाव को एकतरफा नहीं मोड़ सकेगा जैसा आज कर लेते हैं - मुस्लिम वोटर 543 में से करीब 100 सीट पर अपना जलवा दिखा कर चुनाव का सारा रुख बदल सकते हैं - 


मुस्लिमों की जनसंख्या इस तरह देश के हिस्सों में फैलाई गई है जो चुनावों को प्रभावित कर सकती है - आप ऐसी सीटों को देख सकते हैं जहां यह होता आया है -


यह देश के सही मायने में विकास के अत्यंत उपयोगी साबित हो सकता है और अब समय आ गया है कि इस पर राष्ट्रव्यापी बहस शुरू की जाए और 2029 में चुनाव “राष्ट्रपति” पद के लिए सीधे कराए जाएं - यह मेरा भारत के विकास के लिए दूसरा “रामबाण उपाय” है - पहले में मैंने कहा था कि कोई भी धार्मिक समूह की यदि आबादी 5% से कम है, तब ही उसे “Minority” का दर्जा मिलना चाहिए, किसी भी “Religious Community” को 5% से ज्यादा जनसंख्या होने पर कोई “Minority Rights” नहीं मिलेंगे -


कांग्रेस यदि संपत्ति बंटवारे के लिए अमेरिकी व्यवस्था चाहती है तो पहले राजनीतिक व्यवस्था भी अमेरिकी लाने के लिए हामी भरे - चुनाव आयोग को कांग्रेस का “सांप्रदायिक घोषणापत्र” असंवैधानिक घोषित कर कांग्रेस के उम्मीदवारों को चुनाव से हटा देना चाहिए - 

"लेखक के निजी विचार हैं "

 लेखक : सुभाष चन्द्र  | मैं हूं मोदी का परिवार | “मैं वंशज श्री राम का” 26/04/2024 

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सूचना:  यंहा दी गई  जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की  कोई गारंटी नहीं है। सूचना के  लिए विभिन्न माध्यमों से संकलित करके लेखक के निजी विचारो  के साथ यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह  की जिम्मेदारी स्वयं निर्णय लेने वाले पाठक की ही होगी।' हम या हमारे सहयोगी  किसी भी तरह से इसके लिए जिम्मेदार नहीं है | धन्यवाद। ... 

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Makar Sankranti मकर संक्रांति

  #मकर_संक्रांति, #Makar_Sankranti, #Importance_of_Makar_Sankranti मकर संक्रांति' का त्यौहार जनवरी यानि पौष के महीने में मनाया जाता है। ...