04 अप्रैल 2024

Indian names of months in calendar | कैलेंडर में महीने के भारतीय नाम | हिंदू नववर्ष और हिंदी में 12 महीनों के नाम

 



Indian names of months in calendar | कैलेंडर में महीने के भारतीय नाम 

कब शुरू होता है हिंदू नववर्ष, हिंदी में 12 महीनों के नाम

भारतीय उपमहाद्वीप में संस्कृति, प्रकृति और देवत्व के बीच गहरे संबंध को दर्शाता है।

हिंदी कैलेंडर में चैत्र साल का पहला और फाल्गुन साल का आखिरी महीना होता है। हिंदू धर्म में आने वाले सभी महीनों के नाम इस प्रकार हैं- चैत्र, बैसाखी, ज्येष्ठ, आषाढ़, श्रावण, भाद्रपद, अश्विन, कार्तिक, मार्गशीर्ष, पौष, माघ और फाल्गुन।

१. चैत्र (मार्च-अप्रैल) :- कई क्षेत्रों में हिंदू नव वर्ष की शुरुआत होती है, जिसे दक्षिण में उगादि और कश्मीर में नवरेह के रूप में मनाया जाता है। भगवान राम के जन्मोत्सव राम नवमी का त्योहार इसी महीने में आता है।

२. वैशाख (अप्रैल-मई) :- यह महीना विवाह के लिए बहुत शुभ माना जाता है। इस महीने में मनाई जाने वाली अक्षय तृतीया को हिंदू मान्यताओं के अनुसार सबसे शुभ दिनों में से एक माना जाता है।

३. ज्येष्ठ (मई-जून) :- वट पूर्णिमा के त्योहार के लिए जाना जाता है, जहां विवाहित महिलाएं अपने पतियों की दीर्घायु के लिए दिन भर का उपवास रखती हैं। यह भारत के कई हिस्सों में गर्म, शुष्क मौसम की शुरुआत भी है।

४. आषाढ़ (जून-जुलाई) :- मानसून के मौसम की शुरुआत का प्रतीक है। आध्यात्मिक और शैक्षणिक शिक्षकों का सम्मान करने वाला गुरु पूर्णिमा का त्योहार इसी महीने में आता है।

५. श्रावण (जुलाई-अगस्त) :- अत्यधिक शुभ, रक्षा बंधन जैसे कई त्योहारों से भरा, भाई-बहन के बीच के बंधन का पर्व और भगवान कृष्ण के जन्म का प्रतीक जन्माष्टमी।

६. भाद्रपद (अगस्त-सितंबर) :- भगवान श्री गणेश के जन्म का पर्व मनाने वाले गणेश चतुर्थी उत्सव के लिए जाना जाता है। गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन उत्सव के समापन का प्रतीक है।

७. अश्विन (सितंबर-अक्टूबर) :- नवरात्रि उत्सव मनाया जाता है, जिसका समापन दशहरा में होता है, बुराई पर अच्छाई की जीत का उत्सव मनाया जाता है और देवी दुर्गा की पूजा की जाती है।

८. कार्तिका (अक्टूबर-नवंबर):- प्रकाश के त्योहार दिवाली जो अंधेरे पर प्रकाश और बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। यह अनुष्ठानिक स्नान, कार्तिक स्नान के लिए भी जाना जाता है।

९. मार्गशीर्ष (नवंबर-दिसंबर) :- भगवान विष्णु की पूजा के लिए समर्पित एक पवित्र महीना माना जाता है। यह आध्यात्मिक चिंतन और भक्ति का समय है।

१०. पौष (दिसंबर-जनवरी) :- उत्तर भारत में लोहड़ी त्योहार के लिए जाना जाता है, जो सर्दियों के अंत और रबी फसलों की कटाई का प्रतीक है।

११. माघ (जनवरी-फरवरी) :- बसंत पंचमी का त्योहार मनाया जाता है, जो ज्ञान और विद्या की देवी सरस्वती को समर्पित है। यह नदियों में अनुष्ठानिक स्नान का भी समय है।

१२. फाल्गुन (फरवरी-मार्च) :- रंगों के त्योहार होली के लिए मनाया जाता है, जो बसंत के आगमन और बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।

इनमें से प्रत्येक महीने का अपना महत्व है, 

जो ऋतुओं की चक्रीय प्रकृति, कृषि पद्धतियों और धार्मिक मान्यताओं से जुड़ा है, जो भारतीय उपमहाद्वीप में संस्कृति, प्रकृति और देवत्व के बीच गहरे संबंध को दर्शाता है।


सूचना:  यंहा दी गई  जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की  कोई गारंटी नहीं है। सूचना के  लिए विभिन्न माध्यमों से संकलित करके लेखक के निजी विचारो  के साथ यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह  की जिम्मेदारी स्वयं निर्णय लेने वाले पाठक की ही होगी।' हम या हमारे सहयोगी  किसी भी तरह से इसके लिए जिम्मेदार नहीं है | धन्यवाद। ... 

Notice: There is no guarantee of authenticity or reliability of the information/content/calculations given here. This information has been compiled from various mediums for information and has been sent to you along with the personal views of the author. Our aim is only to provide information, readers should take it as information only. Apart from this, the responsibility of any kind will be of the reader himself who takes the decision. We or our associates are not responsible for this in any way. Thank you. , 

03 अप्रैल 2024

A person who respects himself can never insult others | एक व्यक्ति जो स्वयं का सम्मान करता है वो कभी भी दूसरों का अपमान नहीं कर सकता..!! | Quotes

 


“Hand” of Congress will not bring change | कांग्रेस का “हाथ” नहीं लाएगा बदलाव - लेखक : सुभाष चन्द्र


 

“Hand” of Congress will not bring change | कांग्रेस का “हाथ” बदलाव नहीं लाएगा


कांग्रेस का “हाथ” बदलाव नहीं लाएगा, वो देश के टुकड़े करेगा, आग लगाएगा,

सनातन धर्म को मिटाएगा - मोदी का सर फोड़ेगा और हत्या करेगा -


आजकल टीवी पर कांग्रेस के विज्ञापन में सरकार से कई बातों का हिसाब मांगते हुए कहा जा रहा है कि “हाथ लाएगा बदलाव” -


यह हाथ जरूर बदलाव लाएगा लेकिन वह कैसा बदलाव होगा ये कांग्रेस का दिग्गज नेता राहुल कालनेमि बता रहा है - उसने डंके की चोट पर कहा है - 


“मैं सच बोलता हूं और मेरी बात आप अच्छी तरह सुन लो, अगर हिंदुस्तान में मैच fixing का चुनाव BJP जीते और उसके बाद संविधान को उन्होंने बदला तो इस पूरे देश में आग लगने जा रही है, जो मैंने कहा याद रखो, ये देश नहीं बचेगा, जो मैंने कहा याद रखो, ये देश नहीं बचेगा” -


कांग्रेस के कितने खतरनाक मंसूबे हैं, इस बयान को हलके में लेने की भूल न करें, ये कांग्रेस का कोई पगलेट नेता नहीं है, इसके पीछे देश विदेश की ताकतें हैं जो भारत को गृह युद्ध में धकेलने की फ़िराक में हैं और उसका इशारा साफ़ साफ कर दिया है कांग्रेस ने - ऐसी कोशिश हर हाल में की जाएगी क्योंकि कांग्रेस और विपक्ष को पूरा भरोसा है कि मोदी के नेतृत्व में तीसरी बार भाजपा गठबंधन की सरकार बनने जा रही है - उसके बाद की तैयारी शुरू कर ली है कांग्रेस और विपक्ष ने ऐसा साफ़ जाहिर हो रहा है -


कांग्रेस सनातन धर्म को ख़त्म करने की मंशा पहले ही जाहिर कर चुकी है अपने सहयोगी DMK के जरिए - DMK के नेता यह भी कह चुके हैं कि इंडी गठबंधन का गठन सनातन धर्म को ख़त्म करने के लिए ही हुआ है जिसका किसी घटक दल ने खंडन नहीं किया - DMK का एक मंत्री TM Anbarasan कह चुका है कि अगर वो मंत्री न होता तो मोदी के काट कर टुकड़े टुकड़े कर देता और ऐसी धमकी कभी कांग्रेस के नेता इमरान मसूद ने भी दे थी - मौलाना बरकत अली ने तो 25 लाख का फतवा भी जारी किया था -


कल छत्तीसगढ़ के नेता प्रतिपक्ष और विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष कांग्रेस नेता चरणदास महंत ने एक कांग्रेस सभा में कहा कि -


“हमें एक ऐसा आदमी चाहिए जो लाठी पकड़ सके - हमें मोदी का सिर फोड़ने वाला आदमी चाहिए - मोदी के सामने आंख मिला कर बात कर सके, ऐसा एक ही आदमी है जिसे आप सांसद बनाओगे, वही मोदी के सामने लाठी पकड़ कर खड़ा हो सकता है - रात दिन एक करके मोदी को चीन भेजने वाला आदमी चाहिए - वह आदमी भूपेश बघेल और देवेंद्र यादव हो सकते हैं - नवीन जिंदल जैसे पीठ में छुरा घोंपने वालों को जूता मारना चाहिए”


देश के टुकड़े करने की बात तो राहुल गांधी खुद कर चुका है उत्तर दक्षिण भारत को देश के अलग अलग हिस्से बता कर और कर्नाटक का कांग्रेस सांसद D K Suresh भी कुछ दिन पहले दक्षिण के राज्यों को भारत से अलग कर पृथक देश बनाने की मांग कर चुका है -


इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए यह निष्कर्ष निकालना गलत नहीं होगा कि कांग्रेस और इंडी गठबंधन भारत के प्रति लोगों में नफ़रत फैला कर जहर घोलने की कोशिश में लगा है - कांग्रेस पार्टी “भारत जोड़ो” अभियान ले कर तो चली लेकिन अपनी ही पार्टी को एकजुट रखने में बुरी तरह विफल है - जो “कांग्रेस जोड़ो” नहीं कर सके वो “भारत जोड़ो” कैसे कर सकते हैं -


इतना ही नहीं जहां एक तरफ राहुल गांधी विदेशों में जाकर देश के खिलाफ बयानबाजी करता है और षड्यंत्रों का निर्माण करता है वहीं केजरीवाल को बचाने के लिए तो विदेशी ताकतें हमारी न्यायिक व्यवस्था पर ही कीचड़ उछालने आगे आ गईं हैं - 


इसलिए सावधान रहना होगा देश के भीतरी और बाहरी शत्रुओं से - यह याद रखना चाहिए कि यदि मोदी प्रधानमंत्री न होते तो देश को अब तक अराजकता की आग में झोंक दिया गया होता और इसलिए मोदी को ही मजबूत करने से देश और जनमानस सुरक्षित रह सकता है -

"लेखक के निजी विचार हैं "

 लेखक : सुभाष चन्द्र  | मैं हूं मोदी का परिवार | “मैं वंशज श्री राम का” 03/04/2024 

#CAA #NCR #India_Vs_West, #US_responds_CAA, #religious, #freedom, #India, #Kejriwal  #sunita_kejriwal #judiciary #ed #cbi #delhi #sharabghotala #Rouse_Avenue_court #liquor_scam #aap  #Muslims,#implemented_CAA,#Mamata, #Stalin, #Vijayan, #threatening , #impose_CAA ,#respective_states,#Opposition_Against_CAA, #persecuted_Hindus #minorities, #except_Muslims #Congress_Party,  #political_party,  #indi #gathbandhan  #Prime_Minister  #Rahulgandhi  #PM_MODI #Narendra _Modi #BJP #NDA #Samantha_Pawar #George_Soros #Modi_Govt_vs_Supreme_Court #Arvind_Kejriwal, #DMK  #A_Raja  #top_stories #Prime_Minister, #Chief_Minister, #Supreme_Court, #High_Court_judges, #lawyers, #bureaucrats, #officers  #opposition #leaders  #CBI #politics, #India, #politics_of_India, #corruption, #Chief_Minister,  #Lalu_Yadav, #Jayalalitha, #Hemant Soren, #government_from_jail, #familyists, #alliance

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Kaliyuga is the time in which we are living | कलियुग वह समय है जिसमें हम जी रहे हैं । Kalki Avatar | कल्कि अवतार




#भविष्य #पुराण के अंतिम अध्यायों में कहा गया है कि कलियुग वह समय है जिसमें हम वर्तमान में जी रहे हैं। इस समय को स्पष्ट रूप से बुराई के युग के रूप में वर्णित किया गया है, जब लोग केवल पीड़ित होने के लिए पैदा होते हैं। #कलियुग #Kaliyuga अंधकार, पीड़ा, दुख, संघर्षों का युग है। यह #स्वर्ण #युग का उल्टा प्रतिबिंब है, और इसे लौह युग या कब्जे का युग भी कहा जाता है।

#कल्कि #पुराण #Kalki #Puran में इस प्रकार अंधकार के युग की उत्पत्ति का वर्णन किया गया है:




समय के अंत में, ब्रह्माण्ड निर्माता, ब्रह्मा ने खुद से उत्पन्न पापों को अपनी पीठ पर गिरने दिया। इस प्रकार अधर्म अस्तित्व में आता है। अधर्म की पत्नी, सुंदर मिथ्या (झूठ) जंगली बिल्ली की आँखों के साथ, अपने घृणित पुत्र शाम्ब (धोखे) को जन्म देती है। उनकी बहन #माया  #Maya (भ्रम) लोभे (इच्छा) को जन्म देगी, जबकि उनकी विकृति (रोग) नाम की बेटी क्रोध (क्रोध) को जन्म देगी, जिसकी बहन हिमसा (हिंसा) कलियुग को जन्म देगी। भयानक कलियुग पवित्र सुगंध, झूठ, शराब, स्त्री और सोने की शक्ति पर टिका हुआ है। उसकी बहन दुर्कृति (बुरे कर्म) भया (डरावनी) नाम के एक लड़के और मृत्यु (मृत्यु) नाम की एक लड़की को जन्म देगी जो निरया (नरक) का निर्माण करेगी।


लिंग पुराण में एक और विस्तृत विवरण है:


कलियुग के लोग दिखावा करेंगे कि वे जाति और विवाह के पवित्र अर्थ के बीच के अंतर के बारे में नहीं जानते हैं, अपने गुरु के प्रति शिष्य के रवैये और कर्मकांड के महत्व के बारे में नहीं जानते हैं। लोग केवल अधिक धन अर्जित करने का प्रयास करेंगे, और सबसे अमीर लोगों के पास सबसे अधिक शक्ति होगी। जीवन एकरूप हो जाएगा, भ्रम और बेईमानी हर चीज में राज करेगी। लिंगों के बीच एकमात्र संबंध आनंद होगा, सफलता प्राप्त करने का एकमात्र तरीका प्रतिस्पर्धा और झूठ होगा।


उसी कल्कि पुराण के अनुसार, "पृथ्वी माता के नेतृत्व में उदास और दुखी देवता", ब्रह्मा के निवास के लिए रवाना होंगे। अपनी बारी में, ब्रह्मा विष्णु से अपील करेंगे, और विष्णु पृथ्वी पर उतरने का वादा करेंगे। धर्म को पुनर्स्थापित करने और कलियुग को नष्ट करने के लिए, विष्णु एक अवतार के रूप में शम्भाला शहर में प्रकट होंगे।


कलियुग युग के और भी अभिलेख हैं, जो वर्तमान की सामान्य तस्वीर के पूरक हैं। विशेष रूप से:


विष्णु पुराण: "पृथ्वी पर अस्थायी सम्राट होंगे, झगड़ालू और क्रूर राजा, झूठ और बुराई का पालन करने वाले। वे महिलाओं और बच्चों को मार डालेंगे... वे अपनी संपत्ति से प्रजा को वंचित करेंगे। उनका जीवन छोटा होगा और लालची इच्छाएं होंगी। अलग अलग देशों के लोग उनके साथ जुड़ेंगे... दौलत कम हो जाएगी जब तक कि पूरी दुनिया नाश न हो जाए। संपत्ति ही पैमाना होगी। दौलत पूजा का कारण होगी। कामवासना ही लिंगों का मिलन होगा। झूठ ही जरिया होगा अदालतों में सफलता का। महिलाएं वासना की वस्तु बन जाएंगी। एक अमीर व्यक्ति को शुद्ध माना जाएगा। शानदार कपड़े गरिमा का संकेत होंगे... इस प्रकार, कलियुग में स्थायी पतन होगा... और फिर, पर कल्कि अवतार होगा #कल्कि_अवतार #Kalki_Avatar का अंत... वह पृथ्वी पर न्याय बहाल करेगा... जब सूर्य, चंद्रमा, तिष्य और बृहस्पति एक साथ आएंगे, तो श्वेत सत्य युग वापस आ जाएगा।


"पाँच हज़ार साल पहले ऋषि व्यासदेव बद्रीनाथ में सरस्वती नदी के तट पर बैठे थे और उन्होंने अपने ध्यान में देखा कि कैसे कलियुग के युग में जो अभी शुरू हुआ है लोग आध्यात्मिक ज्ञान को और नीचे गिरा देंगे और भूल जाएंगे। उसने पहले ही देख लिया था कि मानव जीवन की अवधि कम हो जाएगी (बाइबल यह भी कहती है कि परमेश्वर ने लोगों के जीवन को छोटा कर दिया है...), और लोग अधिक से अधिक लालची, कामुक और दुखी हो जाएंगे। वैदिक ज्ञान पृथ्वी के चेहरे से गायब हो जाएगा और विस्मरण के लिए समर्पित हो जाएगा।


पद्म पुराण (7.26.15-17) में उल्लेख है कि कलियुग पाप का घर है, जब हर कोई पापमय गतिविधियों में व्यस्त है। लोग आध्यात्मिक सत्य को अस्वीकार करते हैं और खेल और चोरी में संलग्न रहते हैं। हर कोई सेक्स और नशीले पेय से जुड़ा हुआ है। विधर्मियों और नास्तिकों को सबसे आगे रखा गया है।


श्रीमद्भागवतम् (12.3.39-40) कलियुग के युग में मानव मन स्थायी रूप से उत्तेजित रहेगा। लोग भय और उच्च करों से पीड़ित होंगे, भूख और सूखे से थके हुए होंगे...


ब्रह्माण्ड पुराण (1.2.31.31-35) में कहा गया है कि कलियुग की प्रमुख विशेषताएं क्रूरता, ईर्ष्या, झूठ, कपट और छल, धार्मिक और नैतिक सिद्धांतों की बर्बादी, घातक रोग, भुखमरी और भय हैं।


और यह #हिंदू शास्त्रों में उपलब्ध जानकारी का केवल एक हिस्सा है। कलियुग के अंत और सभी धर्मों में वर्णित निर्णय के दिन के लिए (और इसी तरह की वार्ता आज तक कम नहीं होती है), भविष्य पुराण सहित वेद स्पष्ट समझ प्रदान करते हैं: कलियुग का अंत और दुनिया का अंत अपरिहार्य। इसके अलावा, हिंदू शास्त्रों में वास्तव में उद्धारकर्ता, दिलासा देने वाले के आगमन के बारे में शब्द हैं, जिन्हें कल्कि अवतार कहा जाता है।


साभार : Er. Raghav

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02 अप्रैल 2024

America Stop giving knowledge on CAA | CAA पर ज्ञान देना बंद करें -अमेरिका अपना कानून देखे - लेखक : सुभाष चन्द्र



#UNO, #अमेरिका या अन्य कोई भी देश,  जितने चाहे #रोहिंग्या और #बांग्लादेशी #भारत से ले जाएं, 

परंतु हमारे #कानून #CAA पर ज्ञान देना बंद करें - अमेरिका अपना कानून देखे -

चीन को कुछ कहने की हिम्मत करो -


अमेरिका के #अंतरराष्ट्रीय #धार्मिक स्वतंत्रता संबंधी आयोग ने भारत के #नागरिकता संशोधन अधिनियम (#CAA) लागू करने के भारत सरकार द्वारा जारी नियमों की अधिसूचना पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि “#धर्म या #आस्था के आधार पर किसी को भी नागरिकता से वंचित नहीं किया जाना चाहिए -


आयोग के अध्यक्ष स्टीफन स्नेक ने कहा कि “पड़ोसी देशों से भागकर भारत में शरण लेने आए लोगों के लिए तो #CAA में धार्मिक अनिवार्यता का प्रावधान है और हिंदुओं, पारसियों, सिखों, बौद्धों, जैनियों और ईसाइयों के लिए तो त्वरित नागरिकता का मार्ग प्रशस्त है लेकिन मुसलमानों को इस कानून के दायरे से बाहर रखा गया है -


स्टीफन स्नेक ने कहा कि इस कानून का मकसद यदि धार्मिक अल्पसंख्यकों की रक्षा करना होता तो इसमें बर्मा के रोहिंग्या मुसलमान, पाकिस्तान के अहमदिया मुसलमान और अफगानिस्तान के हज़ारा शिया भी शामिल होते - भारत सरकार अतीत में भारत के मानवाधिकारों के रिकॉर्ड पर टिप्पणी करने के लिए USIRF के क्षेत्राधिकार को खारिज कर चुका है -


एक कहावत है - “तू कौन, मैं खामखां” और यह अमेरिकी संस्था का रोल ऐसे ही “खामखां” का रोल है भारत के लिए - स्टीफन इतने शातिर हैं कि उन्होंने इन पड़ोसी देशों का नाम नहीं लिया और यह नहीं बताया कि ये तीनो इस्लामिक देश हैं,  पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान और केवल इतना कहा कि लोग वहां से भाग कर आए हैं लेकिन जानबूझकर कहना भूल गए कि उन देशों से “प्रताड़ित” होकर भागना पड़ा -


अमेरिका को कभी यह दिखाई नहीं दिया कि इन तीनों देशों में अल्पसंख्यकों (हिंदुओं, पारसियों, सिखों, बौद्धों, जैनियों और ईसाइयों) की क्या हालत है खासकर हिंदुओं की जो पाकिस्तान में 1947 के  22% से घटकर 2% रह गए - इन अल्पसंख्यकों को भारत के सिवाय कौन शरण दे सकता है - ये इस्लामिक देश होते हुए मुसलमानों को भी ठीक से नहीं रख सकते तो फिर तो साफ़ है इन्होने अल्पसंख्यकों की क्या दुर्दशा की होगी, वह कल्पना से परे है -


भारत कोई धर्मशाला नहीं है जहां सभी देशों से मुसलमान आकर भारत में बस जाएं - अमेरिका को यदि लगता है रोहिंग्या, पाकिस्तान के अहमदिया और अफगानिस्तान के हज़ारा मुस्लिम पीड़ित हैं तो अमेरिका समेत सभी देश और UNO जिनकों उनसे हमदर्दी हैं, उन्हें अपने अपने देश में शरण दे सकते हैं - भारत में तो बांग्लादेशी और रोहिंग्या करोड़ों हैं, जितने मर्जी ले जाए अमेरिका क्योंकि भारत की आबादी तो 140 करोड़ है और अमेरिका की मात्र 34 करोड़ जिसके पास बहुत भूभाग है जहां उन्हें रखा जा सकता है -


अमेरिका ने इन तीन इस्लामिक देशों को छोड़िए कभी चीन को भी मुसलमानों की रक्षा के लिए प्रवचन नहीं दिए और आज ही खबर है कि ईरान ने अल्पसंख्यक बहाई समुदाय के लोगों पर बंद कमरों में भी पूजा पर प्रतिबंध लगा दिया है - जाहिर है यह सभी अल्पसंख्यकों पर लागू होगा -


अमेरिका हमें उपदेश देने से पहले अपने गिरेबान में झाँक कर देखो - क्या अमेरिका ने  भारत के कानून #CAA से मिलता जुलता कानून नहीं बनाया है - अमेरिका ने कानून बनाया है “The Spectrum Amendment और The Lautenberg Amendment”  जिसके अनुसार ईरान में रहने वाले ईसाइयों को कहा गया है कि यदि वे ईरान छोड़ कर आना चाहते हैं तो अमेरिका आ सकते हैं परंतु मुसलमानों को आने की छूट नहीं है - 


CAA पर छातियां पीटने से पहले अमेरिका अपना कानून देखे - खुद मुसलमानों को नहीं लेना चाहता और हमें कहते हैं कि हर देश के मुसलमानों को शरण दे दो - कितना दोगलापन है -


"लेखक के निजी विचार हैं "

 लेखक : सुभाष चन्द्र  | मैं हूं मोदी का परिवार | “मैं वंशज श्री राम का” 02/04/2024 

#CAA #NCR #India_Vs_West, #US_responds_CAA, #religious, #freedom, #India, #Kejriwal  #sunita_kejriwal #judiciary #ed #cbi #delhi #sharabghotala #Rouse_Avenue_court #liquor_scam #aap  #Muslims,#implemented_CAA,#Mamata, #Stalin, #Vijayan, #threatening , #impose_CAA ,#respective_states,#Opposition_Against_CAA, #persecuted_Hindus #minorities, #except_Muslims #Congress_Party,  #political_party,  #indi #gathbandhan  #Prime_Minister  #Rahulgandhi  #PM_MODI #Narendra _Modi #BJP #NDA #Samantha_Pawar #George_Soros #Modi_Govt_vs_Supreme_Court #Arvind_Kejriwal, #DMK  #A_Raja  #top_stories #Prime_Minister, #Chief_Minister, #Supreme_Court, #High_Court_judges, #lawyers, #bureaucrats, #officers  #opposition #leaders  #CBI #politics, #India, #politics_of_India, #corruption, #Chief_Minister,  #Lalu_Yadav, #Jayalalitha, #Hemant Soren, #government_from_jail, #familyists, #alliance

सूचना:  यंहा दी गई  जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की  कोई गारंटी नहीं है। सूचना के  लिए विभिन्न माध्यमों से संकलित करके लेखक के निजी विचारो  के साथ यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह  की जिम्मेदारी स्वयं निर्णय लेने वाले पाठक की ही होगी।' हम या हमारे सहयोगी  किसी भी तरह से इसके लिए जिम्मेदार नहीं है | धन्यवाद। ... 

Notice: There is no guarantee of authenticity or reliability of the information/content/calculations given here. This information has been compiled from various mediums for information and has been sent to you along with the personal views of the author. Our aim is only to provide information, readers should take it as information only. Apart from this, the responsibility of any kind will be of the reader himself who takes the decision. We or our associates are not responsible for this in any way. Thank you. , 


01 अप्रैल 2024

Will do anything for “Sheesh Mahal” - Kejriwal | “शीश महल” के लिए कुछ भी करेगा | केजरीवाल - लेखक : सुभाष चन्द्र

 




Will do anything for “Sheesh Mahal” - Kejriwal | “शीश महल” के लिए कुछ भी करेगा | केजरीवाल

चाहे चक्कू छुरियां चलें या पार्टी स्वाहा हो, केजरीवाल खुद फंसेगा तो किसी को नहीं छोड़ेगा -


तिहाड़ जेल की यात्रा तो हर हाल में शुरू होनी थी, यह केजरीवाल को पता था लेकिन पिछले 10 दिन से जिस बात के लिए मुंह बंद किए बैठा था, वह अचानक जेल जाने से पहले कह दी - शायद 28 मार्च को कोर्ट में यही खुलासा करने के लिए सुनीता केजरीवाल कह रही थी जो उस दिन न करके आज किया जब कल 31 मार्च को रामलीला ग्राउंड से सुनीता को “लांच” कर दिया 


जिस विजय नायर के लिए #केजरीवाल ने #शराब घोटाले में लिप्त और मुख्य करता धर्ताओं से कहा था कि “विजय नायर मेरा आदमी है, इस पर भरोसा करना” वह नायर भला कैसे हो सकता है कि केजरीवाल को कुछ रिपोर्ट न करता हो, #Officially न करता हो, #Informally तो करता ही रहा होगा और आज केजरीवाल ने पल्ला झाड़ लिया ये कह कर कि #विजय_नायर #आतिशी_मारलेना और #सौरभ_भारद्वाज को रिपोर्ट करता था मुझे नहीं 


केजरीवाल कुछ भी कहता रहे, सरकार का मुखिया होने के नाते हर काम की जिम्मेदारी उसी की मानी जाएगी और के कविता इसके बारे में खुलकर बता भी चुकी है -


आतिशी केजरीवाल के जेल जाने के समय से पापड़ बेल रही थी कि कब केजरीवाल #Resign करे और कब मैं मुख्यमंत्री बन कर “शीश महल” से राज करूं लेकिन केजरीवाल अपनी पत्नी #सुनीता को #मुख्यमंत्री बनाने के लिए जुगाड़ लगा रहा था और इसलिए ही त्यागपत्र नहीं दे रहा कि जैसे ही सुनीता गद्दीनशीन हो, “#शीश महल” पर कब्ज़ा बरक़रार रहे -


केजरीवाल के दिमाग में आतिशी और सौरभ ही कुछ हद तक दो ऐसे मंत्री हैं जो मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए सुनीता को चुनौती दे सकते हैं, बाकी तो जेल में हैं और इसलिए केजरीवाल ने इन दोनों का नाम लेकर कोर्ट में उन्हें फंसा दिया - अब इन दोनों को #ED का निमंत्रण आना तय ही समझो -


केजरीवाल की “#malafide_intention” को यदि आतिशी और सौरभ अब भी नहीं समझते तो उनसे बड़ा मूर्ख कोई हो नहीं सकता, हालांकि कल आतिशी ने कुछ खुलासा करने की बात कही है - हो सकता है वह केजरीवाल के खिलाफ कुछ न कहे बस इतना दावा करे कि विजय नायर मुझे रिपोर्ट करता था और वह रिपोटिंग केजरीवाल तक भेजने के लिए होती थी, मैं तो केजरीवाल और नायर बीच एक माध्यम थी और ऐसा ही सौरभ के साथ था -


इसके अलावा उसे और सौरभ को जो भी कहना है वो #ED के सामने खुलकर कह सकते हैं क्योंकि ED के सामने दिया हुआ बयान एक गवाही होता है - 


प्रथम दृष्टया तो लग रहा है कि केजरीवाल की लंका में आग लगने वाली है - कम से कम 25 लोग ऐसे हैं जिनमें कई तो पार्टी के संस्थापक थे, जिन्हे केजरीवाल ने पार्टी से निपटा दिया - उनमे अब आतिशी और सौरभ का भी नाम जुड़ने वाला है - केजरीवाल कहता था कांग्रेस ने इतने घोटाले किए लेकिन हर मामले में मनमोहन सिंह को आगे कर दिया और माल पीछे वाले खा गए 


केजरीवाल ने भी यही किया कि सब घोटाले करके आगे अपने मंत्रियों को कर दिया खुद कहीं साइन नहीं किए और माल भी कमा गया पता नहीं कितना - कांग्रेस के बहुत लोगों पर मुक़दमे चले हैं मगर फिर भी बचे हुए हैं लेकिन केजरीवाल जल्दबाजी में मूर्खता कर गया जो मंत्रियों समेत लपेटे में आ गया - 


सीढ़ियों से आदमी बिल्डिंग की 10  मंजिल चढ़ने में समय लगाता है लेकिन यदि मंजिल पर पहुंच कर रपट जाए तो पृथ्वी पर आने में कुछ ही समय लगता है - केजरीवाल को यह समझ नहीं आया और भ्रष्टाचार से कमाने की लालसा ने उसे उपर तो पहुंचा दिया लेकिन उसे पता नहीं था कि उससे भी जल्दी नीचे आ जाएगा -


एक बात विचित्र है - #सिसोदिया #केजरीवाल के #मंत्रिमंडल में No 2 पर था लेकिन है जेल No 1 में और केजरीवाल No 1 leader है परंतु रहेगा जेल No 2 में -


"लेखक के निजी विचार हैं "

 लेखक : सुभाष चन्द्र  | मैं हूं मोदी का परिवार | “मैं वंशज श्री राम का” 01/04/2024 

#Kejriwal  #sunita_kejriwal #judiciary #ed #cbi #delhi #sharabghotala #Rouse_Avenue_court #liquor_scam #aap  #Muslims,#implemented_CAA,#Mamata, #Stalin, #Vijayan, #threatening , #impose_CAA ,#respective_states,#Opposition_Against_CAA, #persecuted_Hindus #minorities, #except_Muslims #Congress_Party,  #political_party,  #indi #gathbandhan  #Prime_Minister  #Rahulgandhi  #PM_MODI #Narendra _Modi #BJP #NDA #Samantha_Pawar #George_Soros #Modi_Govt_vs_Supreme_Court #Arvind_Kejriwal, #DMK  #A_Raja  #top_stories #Prime_Minister, #Chief_Minister, #Supreme_Court, #High_Court_judges, #lawyers, #bureaucrats, #officers  #opposition #leaders  #CBI #politics, #India, #politics_of_India, #corruption, #Chief_Minister,  #Lalu_Yadav, #Jayalalitha, #Hemant Soren, #government_from_jail, #familyists, #alliance

सूचना:  यंहा दी गई  जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की  कोई गारंटी नहीं है। सूचना के  लिए विभिन्न माध्यमों से संकलित करके लेखक के निजी विचारो  के साथ यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह  की जिम्मेदारी स्वयं निर्णय लेने वाले पाठक की ही होगी।' हम या हमारे सहयोगी  किसी भी तरह से इसके लिए जिम्मेदार नहीं है | धन्यवाद। ... 

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How our Gurukuls were closed | हमारे गुरुकुल कैसे बन्द हुए | लेखक : नलीन चंद्र

 




इंग्लैंड में पहला स्कूल school 1811 में खुला उस समय भारत में 7,32,000 #गुरुकुल #Gurukul  थे, आइए जानते हैं हमारे गुरुकुल #Gurukul कैसे बन्द हुए।

हमारे #सनातन #Sanatan #संस्कृति #cultural #परम्परा #tradition   के गुरुकुल में क्या क्या पढाई होती थी, ये जान लेना पहले जरूरी है।

01 अग्नि विद्या (#Metallurgy) 

02 वायु विद्या (#Flight) 

03 जल विद्या (#Navigation) 

04 अंतरिक्ष विद्या (#Space_Science) 

05 पृथ्वी विद्या (#Environment) 

06 सूर्य विद्या (#Solar_Study) 

07 चन्द्र व लोक विद्या (#Lunar_Study) 

08 मेघ विद्या (#Weather_Forecast) 

09 पदार्थ विद्युत विद्या (#Battery) 

10 सौर ऊर्जा विद्या (#Solar_Energy) 

11 दिन रात्रि विद्या 

12 सृष्टि विद्या (#Space Research) 

13 खगोल विद्या (#Astronomy) 

14 भूगोल विद्या (#Geography) 

15 काल विद्या (#Time) 

16 भूगर्भ विद्या (#Geology #Mining) 

17 रत्न व धातु विद्या (#Gems & #Metals) 

18 आकर्षण विद्या (#Gravity) 

19 प्रकाश विद्या (#Solar #Energy) 

20 तार विद्या (#Communication) 

21 विमान विद्या (#Plane) 

22 जलयान विद्या (#Water #Vessels) 

23 अग्नेय अस्त्र विद्या (#Arms & #Ammunition) 

24 जीव जंतु विज्ञान विद्या (#Zoology #Botany) 

25 यज्ञ विद्या (#Material #Sic) 


ये तो बात हुई #वैज्ञानिक विद्याओं की, अब बात करते हैं #व्यावसायिक और #तकनीकी विद्या की।


26 वाणिज्य (#Commerce) 

27 कृषि (#Agriculture) 

28 पशुपालन (#Animal #Husbandry) 

29 पक्षिपलन (#Bird Keeping) 

30 पशु प्रशिक्षण (#Animal #Training) 

31 यान यन्त्रकार (#Mechanics) 

32 रथकार (#Vehicle #Designing) 

33 रतन्कार (#Gems) 

34 सुवर्णकार (#Jewellery #Designing) 

35 वस्त्रकार (#Textile) 

36 कुम्भकार (#Pottery) 

37 लोहकार (#Metallurgy) 

38 तक्षक 

39 रंगसाज (#Dying) 

40 खटवाकर 

41 रज्जुकर (#Logistics) 

42 वास्तुकार (#Architect) 

43 पाकविद्या (#Cooking) 

44 सारथ्य (#Driving) 

45 नदी प्रबन्धक (#Water #Management) 

46 सुचिकार (#Data #Entry) 

47 गोशाला प्रबन्धक (#Animal #Husbandry) 

48 उद्यान पाल (#Horticulture) 

49 वन पाल (#Forestry) 

50 नापित (#Paramedical)


जिस देश के गुरुकुल इतने समृद्ध हों उस देश को आखिर कैसे गुलाम बनाया गया होगा ?


मैकाले का स्पष्ट कहना था कि भारत को हमेशा-हमेशा के लिए अगर गुलाम बनाना है तो इसकी “देशी और सांस्कृतिक शिक्षा व्यवस्था” को पूरी तरह से ध्वस्त करना होगा और उसकी जगह “अंग्रेजी शिक्षा व्यवस्था” लानी होगी और तभी इस देश में शरीर से हिन्दुस्तानी लेकिन दिमाग से अंग्रेज पैदा होंगे और जब इस देश की यूनिवर्सिटी से निकलेंगे तो हमारे हित में काम करेंगे।

1850 तक इस देश में “7 लाख 32 हजार” गुरुकुल हुआ करते थे और उस समय इस देश में गाँव थे “7 लाख 50 हजार” मतलब हर गाँव में औसतन एक गुरुकुल और ये जो गुरुकुल होते थे वो सब के सब आज की भाषा में ‘#Higher #Learning #Institute’ हुआ करते थे। उन सबमें 18 विषय पढ़ाए जाते थे और ये गुरुकुल समाज के लोग मिलके चलाते थे न कि राजा, महाराजा।

अंग्रेजों का एक अधिकारी था #G.W. #Luther और दूसरा था #Thomas #Munro ! दोनों ने अलग अलग इलाकों का अलग-अलग समय सर्वे किया था। #Luther, जिसने उत्तर भारत का सर्वे किया था, उसने लिखा है कि यहाँ 97% साक्षरता है और #Munro, जिसने दक्षिण भारत का सर्वे किया था, उसने लिखा कि यहाँ तो 100% साक्षरता है।

मैकाले एक मुहावरा इस्तेमाल कर रहा है–

“कि जैसे किसी खेत में कोई फसल लगाने के पहले उसे पूरी तरह जोत दिया जाता है वैसे ही इसे जोतना होगा और अंग्रेजी शिक्षा व्यवस्था लानी होगी।”


इस लिए उसने सबसे पहले गुरुकुलों को गैरकानूनी घोषित किया। जब गुरुकुल गैरकानूनी हो गए तो उनको मिलने वाली सहायता जो समाज की तरफ से होती थी वो गैरकानूनी हो गयी, फिर संस्कृत को गैरकानूनी घोषित किया और इस देश के गुरुकुलों को घूम घूम कर ख़त्म कर दिया, उनमें आग लगा दी, उसमें पढ़ाने वाले गुरुओं को उसने मारा-पीटा, जेल में डाला।


गुरुकुलों में शिक्षा निःशुल्क दी जाती थी। इस तरह से सारे गुरुकुलों को ख़त्म किया गया और फिर अंग्रेजी शिक्षा को कानूनी घोषित किया गया और कलकत्ता में पहला कॉन्वेंट स्कूल खोला गया। उस समय इसे ‘फ्री स्कूल’ कहा जाता था। इसी कानून के तहत भारत में कलकत्ता यूनिवर्सिटी बनाई गयी, बम्बई यूनिवर्सिटी बनाई गयी, मद्रास यूनिवर्सिटी बनाई गयी, ये तीनों गुलामी ज़माने के यूनिवर्सिटी आज भी देश में मौजूद हैं।


मैकाले ने अपने पिता को एक चिट्ठी लिखी थी बहुत मशहूर चिट्ठी है वो, उसमें वो लिखता है कि-


“इन कॉन्वेंट स्कूलों से ऐसे बच्चे निकलेंगे जो देखने में तो भारतीय होंगे लेकिन दिमाग से अंग्रेज होंगे और इन्हें अपने देश के बारे में कुछ पता नहीं होगा। इनको अपने संस्कृति के बारे में कुछ पता नहीं होगा, इनको अपनी परम्पराओं के बारे में कुछ पता नहीं होगा, इनको अपने मुहावरे नहीं मालूम होंगे, जब ऐसे बच्चे होंगे इस देश में तो अंग्रेज भले ही चले जाएँ इस देश से अंग्रेजियत नहीं जाएगी।”


उस समय लिखी चिट्ठी की सच्चाई इस देश में अब साफ साफ दिखाई दे रही है और उस एक्ट की महिमा देखिये कि हमें अपनी भाषा बोलने में शर्म आती है, जबकि अंग्रेजी में बोलते हैं कि दूसरों पर रोब पड़ेगा, हम तो खुद में हीन हो गए हैं जिसे अपनी भाषा बोलने में शर्म आ रही है, उस देश का कैसे कल्याण संभव है ?


हमारी पुरानी शिक्षा पद्धति बहुत ही समृद्ध और विशाल थी और यही कारण था कि हम विश्वगुरु थे। हमारी शिक्षा पद्धति से पैसे कमाने वाले मशीन पैदा नहीं होते थे बल्कि मानवता के कल्याण हेतु अच्छे और विद्वान इंसान पैदा होते थे। आज तो जो बहुत पढ़ा लिखा है वही सबसे अधिक भ्रष्ट है, वही सबसे बड़ा चोर है।


हमने अपना इतिहास गवां दिया है। क्योंकि अंग्रेज हमसे हमारी पहचान छीनने में सफल हुए। उन्होंने हमारी शिक्षा पद्धति को बर्बाद कर के हमें अपनी संस्कृति, मूल धर्म, ज्ञान और समृद्धि से अलग कर दिया।


आज जो स्कूलों और कॉलेजों का हाल है वो क्या ही लिखा जाए ! हम न जाने ऐसे लोग कैसे पैदा कर रहें हैं जिनमें जिम्मेवारी का कोई एहसास नहीं है। जिन्हें सिर्फ़ पद और पैसों से प्यार है। हम इतने असफल कैसे होते जा रहें हैं ?


किसी भी समाज की स्थिति का अनुमान वहां के शैक्षणिक संस्थानों की स्थिति से लगाया जा सकता है। आज हम इसमें बहुत असफल हैं। हमने स्कूल और कॉलेज तो बना लिए लेकिन जिस उद्देश्य के लिए इसका निर्माण हुआ उसकी पूर्ति के योग्य इंसान और सिस्टम नहीं बना पाए।


जब आप अपने देश का इतिहास पढ़ेंगे तो आप गर्व भी महसूस करेंगे और रोएंगे भी क्योंकि आपने जो गवां दिया है वो पैसों रुपयों से नहीं खरीदा जा सकता।


हमें एक बड़े पुनर्जागरण की जरूरत है। सरकारें आएंगी जाएंगी, इनसे बहुत उम्मीद करना बेवकूफी होगी, जनता जब तक नहीं जागती हम अपनी विरासत को कभी पुनः हासिल नहीं कर पाएंगे।

जागना होगा और कोई विकल्प नहीं।

"लेखक के निजी विचार हैं "

 







लेखक : नलीन चंद्र  (Naleen Chandra)  01/04/2024 


सूचना:  यंहा दी गई  जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की  कोई गारंटी नहीं है। सूचना के  लिए विभिन्न माध्यमों से संकलित करके लेखक के निजी विचारो  के साथ यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह  की जिम्मेदारी स्वयं निर्णय लेने वाले पाठक की ही होगी।' हम या हमारे सहयोगी  किसी भी तरह से इसके लिए जिम्मेदार नहीं है | धन्यवाद। ... 

Notice: There is no guarantee of authenticity or reliability of the information/content/calculations given here. This information has been compiled from various mediums for information and has been sent to you along with the personal views of the author. Our aim is only to provide information, readers should take it as information only. Apart from this, the responsibility of any kind will be of the reader himself who takes the decision. We or our associates are not responsible for this in any way. Thank you. ,

Makar Sankranti मकर संक्रांति

  #मकर_संक्रांति, #Makar_Sankranti, #Importance_of_Makar_Sankranti मकर संक्रांति' का त्यौहार जनवरी यानि पौष के महीने में मनाया जाता है। ...