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World Tuberculosis Day | विश्व क्षय रोग दिवस | World TB Day | विश्व तपेदिक दिवस

 #विश्व_तपेदिक_दिवस  #विश्व_क्षय_रोग दिवस, प्रत्येक वर्ष #24_मार्च को मनाया जाता है, जिसे #तपेदिक की वैश्विक #महामारी और #बीमारी को खत्म करने के प्रयासों के बारे में जन जागरूकता पैदा करने के लिए बनाया गया है। 2018 में, 10 मिलियन लोग #टीबी से बीमार हुए, और 1.5 मिलियन लोग इस बीमारी से मर गए, ज्यादातर निम्न और मध्यम आय वाले देशों में |  #World #Tuberculosis #Day, observed on #24_March each year, is designed to build #public #awareness about the global #epidemic of tuberculosis and efforts to eliminate the disease. In 2018, 10 million people fell ill with #TB, and 1.5 million died from the #disease, mostly in low and middle-income countries.  टीबी के विनाशकारी स्वास्थ्य, सामाजिक और आर्थिक परिणामों के बारे में सार्वजनिक जागरूकता बढ़ाने और वैश्विक टीबी महामारी को समाप्त करने के प्रयासों को बढ़ाने के लिए 24 मार्च को विश्व क्षय रोग (टीबी) दिवस मनाते हैं। यह तारीख 1882 के उस दिन को चिह्नित करती है जब डॉ. रॉबर्ट कोच ने घोषणा की थी कि उन्होंने टीबी का कारण बनने वाले जीवाणु की ख...

Why should Hindus pray for Kejriwal in temples? | मंदिरों में हिंदू केजरीवाल के लिए प्रार्थना क्यों करें - लेखक : सुभाष चन्द्र

घिसे पिटे बयान देने से क्या होगा - गुरु #अन्ना ने ही “कुकर्मी” कह दिया, मंदिरों में #हिंदू #केजरीवाल के लिए प्रार्थना क्यों करें - देश को सावधान रहना होगा, “अराजक” व्यक्ति कुछ भी कर सकता है - केजरीवाल के “शीश महल” पर रेड में जो #ED अधिकारियों और अन्य लोगों की जासूसी के सबूत मिले वो उसे देशद्रोह के केस में दोषी करार दे सकते हैं बशर्ते मीलॉर्ड मेहरबान न हों  केजरीवाल की गिरफ़्तारी के समय उसका माता पिता के चरण छू कर आशीर्वाद लेना नहीं दिखाया गया और भागता रहा अदालतों में लेकिन गांधी समाधि पर “अनशन” करने नहीं गया -अब अन्ना हज़ारे, कल तक के गुरु ने भी कह दिया कि केजरीवाल को अपने “कर्मों” का फल मिला है और यह होना ही था, उसने मेरी बात नहीं मानी कि शराब का विरोध होना चाहिए - दरअसल #केजरीवाल ने सत्ता के नशे में हर किसी को भुला दिया - उसे यह भान ही नहीं रहा कि नरेंद्र मोदी जैसे भगवान के भक्त पर राजनीति के चलते भी मर्यादा में रहना चाहिए - आज भी उसे मोदी का अहंकार दिखाई दे रहा है, अपने अहंकार को चरम पर पहुंचा हुआ नहीं देख रहा - #मोदी ने कभी केजरीवाल की बेबुनियाद और असभय भाषा और अनर्गल आरोपों पर क...

Mr. Praveen H. Parekh | श्री प्रवीण एच. पारेख | सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता

  पद्मश्री प्रवीण एच. पारेख भारत के सर्वोच्च न्यायालय में अभ्यास करने वाले एक वरिष्ठ वकील हैं। वह 2004 से 2014 के बीच छह बार सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष रहे हैं। वह 2004 तक दस वर्षों तक सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट्स-ऑन-रिकॉर्ड एसोसिएशन के अध्यक्ष भी रहे हैं। 🇮🇳 एलएलबी उत्तीर्ण. 1965 में गवर्नमेंट लॉ कॉलेज, बॉम्बे से प्रथम श्रेणी में स्नातक किया और बॉम्बे यूनिवर्सिटी द्वारा सर चार्ल्स सार्जेंट मेमोरियल स्कॉलरशिप से सम्मानित किया गया। उन्हें रोटरी क्लब ऑफ बॉम्बे द्वारा "वर्ष के सर्वश्रेष्ठ छात्र" के पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था। 🇮🇳 हार्वर्ड यूनिवर्सिटी, यूएसए से पीआईएल उत्तीर्ण की। 🇮🇳 पद्मश्री प्रवीण एच. पारेख पिछले 58 वर्षों से कानूनी पेशे में पहले बॉम्बे हाई कोर्ट में और बाद में भारत के सुप्रीम कोर्ट में एक वरिष्ठ वकील के रूप में प्रैक्टिस कर रहे हैं। 🇮🇳 उन्हें चुनाव याचिकाओं में भारत के राष्ट्रपतियों और उपराष्ट्रपतियों का प्रतिनिधित्व करने का गौरव प्राप्त है। कानूनी प्रैक्टिस में उनके क्लाइंट्स की सूची में यूएसए सरकार, कैबिनेट मंत्री, मुख्यमंत्री, प्रतिष्ठ...

Basanti Devi | स्वतंत्रता आंदोलन की अमर सेनानी बसंती देवी | 23 मार्च 1880 - 7 मई 1974

  1925 में अपने पति #देशबंधु_चित्तरंजन_दास के देहांत के बाद भी #बसंती_देवी बराबर राष्ट्रीय आंदोलन में भाग लेती रहीं। 🇮🇳 🇮🇳 बसंती देवी (जन्म: 23 मार्च, 1880, कोलकाता; मृत्यु: 7 मई 1974) भारत की स्वतंत्रता सेनानी और बंगाल के प्रसिद्ध नेता #चित्तरंजन_दास की पत्नी थीं। राष्ट्रपिता #महात्मा_गाँधी द्वारा आरंभ किए गये #असहयोग_आंदोलन में भी ये सम्मिलित हुईं। लोगों में #खादी का प्रचार करने के अभियोग में इन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था। 🇮🇳 बंगाल के प्रसिद्ध नेता चित्तरंजन दास की पत्नी बसंती देवी का जन्म 23 मार्च, 1880 ई. को #कोलकाता (पूर्व नाम कलकत्ता) में हुआ। बचपन में ये अपने पिता के साथ #असम में रहती थीं तथा आगे की शिक्षा के लिए कोलकाता आ गईं। यहीं 1897 में इनका बैरिस्टर चित्तरंजन दास के साथ विवाह हुआ। 🇮🇳 बसंती देवी भी स्वतंत्रता सेनानी थीं, जब 1917 में चित्तरंजन दास राजनीति में कूद पड़े तो बसंती देवी ने भी पूरी तरह से उनका साथ दिया। गाँधी जी द्वारा आरंभ किए गये 'असहयोग आंदोलन' में ये सम्मिलित हुईं। इनके द्वारा लोगों में खादी का प्रचार करने के अभियोग में इन्हें गिरफ्तार कर लिया...

Dr. Ram Manohar Lohia | डॉ. राम मनोहर लोहिया | 23 March 1910 – 12 October 1967

  किसी देश का उत्थान जनता की चेतना और राजनीतिक जागरूकता पर निर्भर करता है। 🇮🇳  🇮🇳 आज देश के महानायक भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु और डॉ. राम मनोहर लोहिया को एक साथ याद करने का दिन है। 23 मार्च को जहाँ भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु के बलिदान का दिन है तो वहीं महान समाजवादी चिंतक डॉ. राम मनोहर लोहिया की जयंती भी है। 🇮🇳 डॉ. लोहिया एक ऐसे चिंतक और नेता थे, जिन्होंने अपने जन्मदिन को बलिदान दिवस (शहीदी दिवस) को समर्पित कर दिया। वे कहते थे कि यह जन्मदिन से अधिक अपने महानायकों को याद करने का दिन है, जो बहुत कम उम्र में बलिदान देकर समाज को एक बड़ा सपना दे गया। ऐसे बलिदान समाज में एक नई सोच और सपने देखने के नजरिए को प्रतिफलित करती हैं, उस सपने को आगे बढ़ाने का दिन है। 🇮🇳 उन्होंने भगत सिंह और उनके साथियों के बलिदानों के बाद खुद का जन्मदिन मनाने से इनकार कर दिया और अपने समाजवादी साथियों से यह अपील की कि वह भी उसे न मनाएं । अगर कोई उनसे जन्मदिन मनाने का आग्रह करता तो वह स्पष्ट रूप से कहते थे कि भगत सिंह और उनके साथियों के बलिदानों को याद करना चाहिए और इस दिन को हमें बलिदान दिवस के रूप में ...

| स्वतंत्रता सेनानी सुहासिनी गांगुली | जन्म- 3 फ़रवरी, 1909; मृत्यु- 23 मार्च, 1965

 #क्रांतिकारी_वीरांगना भारत की लड़ाई में पुरुषों के साथ-साथ महिलाओं ने भी कंधे से कंधा मिलाकर अपना योगदान दिया। इसमें से कई महिलाओं ने जहाँ #महात्मा_गाँधी के अहिंसा का मार्ग अपनाया तो वहीं कई महिलाओं ने #चंद्रशेखर_आजाद और #भगत_सिंह जैसे क्रांतिकारियों के मार्ग को अपनाया। ऐसे ही महान महिला स्वतंत्रता सेनानियों में #सुहासिनी गांगुली का नाम प्रमुख है जिन्होंने बंगाल में क्रांतिकारी गतिविधियों में अपना सक्रिय योगदान दिया । 🇮🇳 सुहासिनी गांगुली का जन्म 3 फरवरी 1909 को तत्कालीन बंगाल के #खुलना में हुआ था। 🇮🇳 अपनी शिक्षा पूरी करने के उपरांत उन्होंने #कोलकाता में एक मूक बधिर बच्चों के स्कूल में नौकरी करना शुरू किया जहाँ पर वह क्रांतिकारियों के संपर्क में आई। 🇮🇳 उल्लेखनीय है कि उन दिनों बंगाल में ‘छात्री संघा’ नाम का एक महिला क्रांतिकारी संगठन कार्यरत था जिसकी कमान #कमला_दासगुप्ता के हाथों में थी। उल्लेखनीय है कि इसी संगठन से #प्रीति_लता_वादेदार और #बीना_दास जैसी वीरांगनायें जुड़ी हुई थी। 🇮🇳 खुलना के क्रांतिकारी #रसिक_लाल_दास और क्रांतिकारी #हेमंत_तरफदार के संपर्क में आने से सुहासिनी...

Krantiveer Hemu Kalani | क्रांतिवीर हेमू कालाणी | 23 मार्च 1923 - 21 जनवरी 1943

  #Krantiveer_Hemu_Kalani #क्रांतिवीर_हेमू_कालाणी  हेमू कालाणी जब मात्र 7 वर्ष के थे तब वह #तिरंगा लेकर अंग्रेजों की बस्ती में अपने दोस्तों के साथ क्रांतिकारी गतिविधियों का नेतृत्व करते थे | 🇮🇳 🇮🇳 जब फाँसी से पहले उनसे आखरी इच्छा पूछी गई तो उन्होंने भारतवर्ष में फिर से जन्म लेने की इच्छा जाहिर की। 🇮🇳 🇮🇳 स्वतंत्रता संग्राम में भारत माता के अनगिनत सपूतों ने अपने प्राणों की आहुति देकर भारत माता को गुलामी की जंजीरों से आजाद कराया | आजादी की लड़ाई में भारत के सभी प्रदेशों का योगदान रहा | अंग्रेजों को भारत से भगा कर देश को जिन वन्दनीय वीरों ने आजाद कराया उनमे सबसे कम उम्र के बालक क्रांतिकारी अमर बलिदानी हेमू कालाणी को भारत देश कभी नही भुला पायेगा | 🇮🇳 हेमू कालाणी #सिन्ध के #सख्खर में 23 मार्च सन् 1923 को जन्मे थे। उनके पिताजी का नाम #पेसूमल_कालाणी एवं उनकी माँ का नाम #जेठी_बाई था। 🇮🇳 हेमू बचपन से साहसी तथा विद्यार्थी जीवन से ही क्रांतिकारी गतिविधियों में सक्रिय रहे | हेमू कालाणी जब मात्र 7 वर्ष के थे तब वह तिरंगा लेकर अंग्रेजों की बस्ती में अपने दोस्तों के साथ क्रांतिकारी...