26 मार्च 2024

Kejriwal is Trapped in his own Trap - अपने ही जाल में फंस रहा केजरीवाल - लेखक : सुभाष चन्द्र




अपने ही जाल में फंस रहा #केजरीवाल - #पानी, अस्पतालों की समस्या एक दिन में बिगड़ गई क्या?

केजरीवाल जैसी हरकतें कर रहा है #ED की #custody में रह कर वो उसी के लिए मुसीबत बन जाएगी इसमें कोई शक नहीं है - जो मोबाइल नहीं संभाल सका, उसने दिल्ली का क्या किया होगा -

शीश महल पर रेड के बाद 21 मार्च को केजरीवाल गिरफ्तार हुआ और 22 मार्च को कोर्ट ने उसे ED की custody में भेज दिया 28 मार्च तक के लिए -

23 मार्च को केजरीवाल की पत्नी उसे ED की custody में मिलती है और अगले दिन 24 मार्च को केजरीवाल का पत्र जनता के नाम मीडिया के सामने केजरीवाल की मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठ कर पढ़ती है जबकि न वो कोई मंत्री है और न किसी ओहदे पर है सरकार में -

24 मार्च को ही #आतिशी मार्लेना #केजरीवाल के Custody से उसके नाम जारी किया हुआ आदेश मीडिया में सुनाते हुए भावुक हो कर कहती है कि केवल केजरीवाल जी ही ऐसे व्यक्ति हैं जो कैद में रहते हुए भी जनता की चिंता कर सकते हैं - केजरीवाल ने आतिशी को कहा दिल्ली के कई इलाकों में लोगों को पानी की समस्या हो रही है जिसे तुरंत देखिए 

आज 26 मार्च को केजरीवाल का एक और कथित आदेश सौरभ भारद्वाज के नाम जारी हुआ जो खुद सौरभ ने पढ़ कर सुनाया कि मोहल्ला #clinics और #सरकारी #अस्पतालों में दवाइयों और #tests के गंभी समस्याएं हैं और इस पर तुरंत कार्रवाई करो जिससे जनता को कोई समस्या न हो 

अब ये दोनों कार्यालय आदेश केजरीवाल ने sign नहीं किए जिससे साफ़ पता चलता है कि आतिशी और सौरभ ने खुद ये फर्जी पत्र केजरीवाल के नाम से बनाए क्योंकि केजरीवाल को कोई computer नहीं दिया गया और ये पत्र computer पर type किए गए हैं -

केजरीवाल हो सकता है #सुनीता को दिया पत्र और #आतिशी / #सौरभ को दिए पत्र गिरफ्तार होने से पहले ही कह गया हो कि ऐसे पत्र जारी कर देना या जो बड़े बड़े नौकरशाह (रिटायर्ड) जो #feed #back #unit में काम करते रहे हैं, उन्होंने लिखे हों लेकिन #केजरीवाल यह भूल गया कि इन पत्रों को जारी करना तो #Custody में रह कर ही माना जाएगा -

फिर केजरीवाल यह भी भूल गया कि पानी और अस्पतालों / #मोहल्ला_क्लीनिक की दुर्दशा बता कर वह अपने ही मंत्रियों को निकम्मा साबित कर रहा है क्योंकि उसके कहने का मतलब है कि 21 मार्च तक जब तक मैं था, तब तक कोई समस्या नहीं थी और 2 दिन में आतिशी ने पानी की व्यवस्था बिगाड़ दी और सौरभ ने 4 दिन में अस्पतालों का बेड़ा गर्क कर दिया -


पानी की समस्या इसलिए बता रहा है कि जेल जाने पर पता नहीं कैसा पानी मिले और फिर जाना भी सरकारी अस्पताल में पड़ेगा -

जेल से सरकार चलाने का भूत जल्दी उतरेगा क्योंकि सब पर जल्द जांच में धोखाधड़ी का केस बना देगी ED और सारे अपने ही जाल में फंस जाएंगे -

यह फर्जीवाड़ा #Constitutional #machinery का ध्वस्त होना माना जा सकता है और सरकार को बर्खास्त किया जा सकता है जबकि यदि केजरीवाल त्यागपत्र देता है और किसी को कुर्सी सौंप देता है तो “#आप” की हुकूमत शायद चलती रहे -


एक मामला जो बहुत गंभीर मोड़ पर पहुँच सकता है वह है #ED के अधिकारियों की जासूसी का जिसके लिए हो सकता है देशद्रोह का भी केस चल जाए - एक खबर के मुताबिक केजरीवाल ने अपनी #Feed #Back #Unit में 15 से ज्यादा रिटायर्ड नौकरशाहों के जरिए यह जासूसी कराई थी और जिनकी जासूसी की गई उनमे #प्रधानमंत्री, #मुख्यमंत्री, #सुप्रीम_कोर्ट और #हाई_कोर्ट के #जज, #वकील #नौकरशाह, तीनो #सेना के अधिकारी और #विपक्ष के नेता शामिल थे - इसकी जांच #CBI पहले ही कर रही है - मजे की बात है इस कलाकार #CM ने #इज़रायल को #Military #Grade #Snooping #Device का #order भी दिया था खरीदने के लिए जो उस कंपनी ने देने से मना कर दिया था -


जो रिटायर्ड नौकरशाह इस  Feedback Unit में काम कर रहे थे, उन पर तुरंत रेड होनी चाहिए और मामले की गंभीरता को देखते हुए हो सके तो उनकी पेंशन रोक देनी चाहिए -

"लेखक के निजी विचार हैं "

 लेखक : सुभाष चन्द्र  | मैं हूं मोदी का परिवार | “मैं वंशज श्री राम का” 26/03/2024 

#Kejriwal  #judiciary #ed #cbi #delhi #sharabghotala #Rouse_Avenue_court #liquor_scam #aap  #Muslims,#implemented_CAA,#Mamata, #Stalin, #Vijayan, #threatening , #impose_CAA ,#respective_states,#Opposition_Against_CAA, #persecuted_Hindus #minorities, #except_Muslims #Congress_Party,  #political_party,  #indi #gathbandhan  #Prime_Minister  #Rahulgandhi  #PM_MODI #Narendra _Modi #BJP #NDA #Samantha_Pawar #George_Soros #Modi_Govt_vs_Supreme_Court #Arvind_Kejriwal, #DMK  #A_Raja  #top_stories #Prime_Minister, #Chief_Minister, #Supreme_Court, #High_Court_judges, #lawyers, #bureaucrats, #officers  #opposition #leaders  #CBI 

सूचना:  यंहा दी गई  जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की  कोई गारंटी नहीं है। सूचना के  लिए विभिन्न माध्यमों से संकलित करके लेखक के निजी विचारो  के साथ यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह  की जिम्मेदारी स्वयं निर्णय लेने वाले पाठक की ही होगी।' हम या हमारे सहयोगी  किसी भी तरह से इसके लिए जिम्मेदार नहीं है | धन्यवाद। ... 

Notice: There is no guarantee of authenticity or reliability of the information/content/calculations given here. This information has been compiled from various mediums for information and has been sent to you along with the personal views of the author. Our aim is only to provide information, readers should take it as information only. Apart from this, the responsibility of any kind will be of the reader himself who takes the decision. We or our associates are not responsible for this in any way. Thank you. ,

25 मार्च 2024

Kejriwal Demand to Build Office in Jail | केजरीवाल जेल में ऑफिस बनाने की मांग | केजरीवाल की जेल से चिट्ठियां- लेखक : सुभाष चन्द्र


 

केजरीवाल की ED रिमांड से 2 चिट्ठियां 

और जेल में ऑफिस बनाने की मांग -

फ़ोन कहां गया CM को याद नहीं, है न कमाल की कहानी -

अभी और गलतियां करता जाएगा 

अपने 22 मार्च के लेख 

ED vs Kejriwal | ये हालत होगी, पता था लेकिन इसके लिए जिम्मेदार केजरीवाल खुद और सिंघवी है https://mereeduneeyaa.blogspot.com/2024/03/ed-vs-kejriwal.html

 में मैंने लिखा था कि आज की स्थिति के लिए केजरीवाल खुद और उसका वकील सिंघवी जिम्मेदार हैं जो 9 summons को दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दे दी - समय जो विपरीत आ गया था अन्यथा अभी एक summon पर और न जाता तो कुछ दिन अंदर जाने से बचा रहता -


अब और भी गलतियां करता जाएगा ये दिल्ली का राजा - रिमांड में जाते ही पत्नी को जनता के नाम चिट्ठी दे दी पढ़ने के लिए और उसने पढ़ भी दी - यही सबसे बड़ी गलती थी क्योंकि ED की कस्टडी में “कैद” में रह कर केजरीवाल कोई भी चिठ्ठी कैसे लिख सकता है - उसके बाद उसने कैद से ही आतिशी मारलेना को दिल्ली में जल की समस्या के लिए विर्देश देते हुए आदेश पारित किए जो Official Order थे और आतिशी भी बड़ी नज़ाकत से प्रेस में पढ़ कर बता रही थी कि जनता के लिए समर्पित मुख्यमंत्री को जेल में रह कर भी जनता की कितनी चिंता है -


ये एक अलग गलती थी जिसके लिए सुनने में आया है कि ED जांच कर रही है कि जब केजरीवाल को कोई कंप्यूटर और टाइपराइटर नहीं दिया गया तो केजरीवाल की चिट्ठी बाहर कैसे आ गई और हो सकता है इस पर अलग से कार्रवाई हो जाए - ऐसा भी कहा गया है कि आतिशी को दिए गए पत्र में निर्देश हिंदी में थे लेकिन केजरीवाल को हिंदी में टाइप करना आता ही नहीं - इसमें आतिशी भी लपेटे में आएगी -


इसके अलावा कल से यह भी शोर मचाया जा रहा है जैसा आतिशी ने कहा कि केजरीवाल जी दिल्ली के मुख्यमंत्री थे, अभी भी हैं और आगे भी रहेंगे - केजरीवाल के लिए जेल में उनका ऑफिस स्थापित करने की मांग की जाएगी, ऐसा पंजाब के CM भगवंत मान ने भी कहा है कि वह इसके लिए सुप्रीम कोर्ट जाएंगे 


जेल में कैदी को काम उनकी शैक्षिक योग्यता और सामाजिक प्रतिष्ठा को ध्यान में रख कर दिया जाता है लेकिन केजरीवाल अपने Profession को देखते हुए काम करने के लिए ऑफिस मांगना चाहता है - ऐसी मांग स्वीकार करते हुए सुप्रीम कोर्ट को 50 बार सोचना पड़ेगा क्योंकि फिर हर कोई व्यक्ति अपने Profession के अनुसार काम करने की अनुमति चाहेगा -


इस संदर्भ में सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस L Nageshwar Rao के 25 मई 2022 के फैसले को देखना पड़ेगा जिसमे उन्होंने कहा था कि वेश्यावृति एक Profession है लेकिन वेश्यालय चलाना एक अपराध है - उन्होंने कहा था : “sex workers should not be “arrested or penalised or harassed or victimised” whenever there is a raid on any brothel, “since voluntary sex work is not illegal and only running the brothel is unlawful”


अगर केजरीवाल के ऑफिस खोलने की अनुमति दी गई तो जो भी sex workers किसी भी जुर्म में कहीं भी जेल में हैं, तो वो भी तुरंत अनुमति चाहेंगी कि उन्हें भी अपना Profession का काम करने की अनुमति दी जाए.


केजरीवाल चौड़ा हो रहा है कि वो जेल से सरकार चलाएगा और त्यागपत्र नहीं देगा - सत्येंद्र जैन को भी एक साल तक मंत्री बने रहने दिया था लेकिन सिसोदिया के गिरफ्तार होते ही दोनों का Resignation ले लिया था - केजरीवाल ने कहा था “सिसोदिया चोरी करेगा तो वो केजरीवाल का सगा नहीं है, उसे जेल जाना पड़ेगा और केजरीवाल चोरी करेगा तो वो भी किसी का सगा नहीं है उसे भी जेल जाना होगा” - लेकिन खुद जेल जाने से बचता रहा -


अब सिसोदिया और जैन किसी के सगे नहीं थे तो जेल जाकर त्यागपत्र देना पड़ा, फिर केजरीवाल किसका सगा है जो जेल जाकर भी त्यागपत्र नहीं देगा -


जिसके पास कोई मंत्रालय नहीं है और जो कहीं sign नहीं करता और जिसे इतना भी याद है कि उसका फ़ोन कहा गया, उसे जेल में office किस लिए चाहिए -

"लेखक के निजी विचार हैं "

 लेखक : सुभाष चन्द्र  | मैं हूं मोदी का परिवार | “मैं वंशज श्री राम का” 25/03/2024 

#Kejriwal  #judiciary #ed #cbi #delhi #sharabghotala #Rouse_Avenue_court #liquor_scam #aap  #Muslims,#implemented_CAA,#Mamata, #Stalin, #Vijayan, #threatening , #impose_CAA ,#respective_states,#Opposition_Against_CAA, #persecuted_Hindus #minorities, #except_Muslims #Congress_Party,  #political_party,  #indi #gathbandhan  #Prime_Minister  #Rahulgandhi  #PM_MODI #Narendra _Modi #BJP #NDA #Samantha_Pawar #George_Soros #Modi_Govt_vs_Supreme_Court #Arvind_Kejriwal, #DMK  #A_Raja  #top_stories

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Supriya Shrinate has now lost her mental balance - Congress is facing defeat. सुप्रिया श्रीनेत अब मानसिक संतुलन खो बैठी - कांग्रेस को हार सामने दिख रही है - लेखक : सुभाष चन्द्र



हर तरह से Frustrated लगती सुप्रिया श्रीनेत 

अब मानसिक संतुलन खो बैठी -

कांग्रेस और उसके साथी पागल से 

हो रहे हैं - हार सामने दिख रही है -


कल जब #कंगना #रनौत #Kangana #Ranaut को #हिमाचल_प्रदेश की #मंडी सीट से टिकट दिया गया था, मुझे तब ही आभास हो गया था कि कांग्रेस के “भाषा विशेषज्ञ” अपना ज्ञान जरूर बरसाएंगे इस सीट के लिए और वही हुआ है - 


अपने इंस्टा पर #सुप्रिया #श्रीनेत #Supriya_Shrinate  ने एक स्त्री होते हुए कंगना रनौत के लिए सभी मर्यादाएं पार करते हुए भद्दी टिप्पणी करते हुए लिखा - “क्या भाव चल रहा है मंडी में कोई बताएगा” और यह लिखते हुए श्रीनेत ने कंगना की एक #Racy #Picture लगाई - अब इन शब्दों का मतलब कोई भी समझ सकता है - अगर श्रीनेत को कहा जाए कि “पूछ तो ऐसे रही हो जैसे खुद कोई .... चलाती हो और......  worker तलाश कर रही हो” तो कैसा लगेगा - और एक बार अपनी पार्टी में भी पूछ ले की किस किस  काम का क्या “रेट” हुआ करता था -


इस पर कांग्रेस की 78 साल की #मृणाल पांडे, जो एक अलग तरह की #Frustrated आत्मा लगती है कहती है शायद अपने #Experience से -”शायद यूँ कि मंडी में सही रेट मिलता है” - वहीँ कांग्रेस के एक पदाधिकारी #HS_Ahir ने ट्वीट किया “मंडी से ......


जब भाजपा ने श्रीनेत को आड़े हाथों लिया तो उसने 2 घंटे बाद सफाई देते हुए कहा कि “उसका मेटा अकाउंट हैक हो गया और पोस्ट को डिलीट कर दिया उसने दावा भी किया जो लोग मुझे जानते हैं, उन्हें पता है मैं किसी महिला के लिए ऐसा नहीं कह सकती” - 


एक यह और झूठ बोला #श्रीनेत ने, उसे याद नहीं उसने #स्मृति_ईरानी के लिए #राहुल_गांधी के #Flying_Kiss ड्रामे पर कहा था “वो औरत के नाम पर एक धब्बा है” 


सवाल यह उठता है कि जब सुप्रिया श्रीनेत का अकाउंट हैक हो गया था तो वह पोस्ट तो उसकी थी ही नहीं, वो तो किसी हैकर ने लिखी थी - फिर पोस्ट को डिलीट करने का कोई औचित्य था ही नहीं - 


अब भाजपा खड़गे से कह रही है सुप्रिया को बर्खास्त करो लेकिन #कांग्रेस तो ऐसी गाली बकने वालों को इनाम देती है, वो सुप्रिया पर कोई कार्रवाई नहीं करेगी - कांग्रेस तो अपने सहयोगी #DMK के #प्रधानमंत्री को दी गई किसी गाली पर विरोध नहीं दिखाते और #सनातन #Sanatan को समाप्त करने और #हिन्दू_धर्म #Hindu_Religion को शत्रु बताने पर #द्रमुक के साथ खड़े होते हैं -


द्रमुक के एक मंत्री  #TM #Anbarasan ने अभी 13 मार्च को कहा था कि "I am silent and speaking in a soft manner as I am a #Minister. If I weren't a Minister, I would have chopped him (#PM #Modi) to pieces" - कांग्रेस ने तो  खुद मोदी के टुकड़े करने वाले इमरान मसूद को उत्तर प्रदेश कांग्रेस का उपाध्यक्ष और #AICC का राष्ट्रीय सचिव भी बनाया था - वो कांग्रेस भला #TM_Anbarasan का विरोध कैसे करेगी बल्कि कांग्रेस को तो अच्छा लगेगा अगर वह मंत्री मोदी की हत्या कर देगा क्योंकि मोदी को कांग्रेस वैसे तो हरा नहीं सकती -


आज तमिलनाडु के एक और मंत्री अनीता राधाकृष्णन ने प्रधानमंत्री मोदी के लिए अपशब्द बोले हैं कि “आप (मोदी)  कामराज की सोते हुए हत्या करना चाहते थे, आप तो बात ऐसे कर रहे हो जैसे कामराज आपको गले लगाते थे और भी बहुत कुछ कहा है - कामराज कांग्रेस से मुख्यमंत्री थे और मोदी की उनकी तारीफ करने पर द्रमुक मंत्री मोदी को ऐसे बेइज़्ज़त करता है लेकिन कांग्रेस खामोश है -


कांग्रेस और उसके साथियों का गिरोह “#इंडी #ठगबंधन” #Indi #Thugbandhan अंधेरे में भटकता हुआ “#गैंग” है जिसे कहीं कोई ठिकाना नज़र नहीं आ रहा - सभी को हार दिखाई दे रही है जिसकी वजह से मानसिक संतुलन खो कर जो मुंह में आ रहा है, वह बोल रहे हैं - एक तो प्रधानमंत्री बनने के सपने देखते देखते जेल पहुंच गया -

"लेखक के निजी विचार हैं "

 लेखक : सुभाष चन्द्र  | मैं हूं मोदी का परिवार | “मैं वंशज श्री राम का” 25/03/2024 

#Supriya_Shrinate, #Kangana #Ranaut #HS_Ahir #Hindu_Religion #Kejriwal  #judiciary #ed #cbi #delhi #sharabghotala #Rouse_Avenue_court #liquor_scam #TM #Indi #Thugbandhan #Anbarasan #aap  #Muslims,#implemented_CAA,#Mamata, #Stalin, #Vijayan, #threatening , #impose_CAA ,#respective_states,#Opposition_Against_CAA, #persecuted_Hindus #minorities, #except_Muslims #Congress_Party,  #political_party,  #indi #gathbandhan  #Prime_Minister  #Rahulgandhi  #PM_MODI #Narendra _Modi #BJP #NDA #Samantha_Pawar #George_Soros #Modi_Govt_vs_Supreme_Court #Arvind_Kejriwal, #DMK  #A_Raja  #top_stories


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24 मार्च 2024

ISIS-K Attack on Russia - रूस पर ISIS - K का हमला विश्व शांति के लिए खतरा हो सकता है - लेखक : सुभाष चन्द्र




इस्लामिक आतंकी हमले की चेतावनी  मैंने 3 दिन पहले दी थी -

#ISIS-K #attack on Russia - #रूस पर #ISIS - #K का हमला विश्व शांति के लिए खतरा हो सकता है -

अपने 21 मार्च के लेख में मैंने #इज़रायल को #हमास #हिज्बुल्ला और #हूती के #रमजान के महीने में हमलों से सावधान रहने को कहा था और उन पश्चिमी देशों के लिए भी कहा जो हमास के साथ #युद्ध में इज़रायल का समर्थन कर रहे हैं - इन देशों पर #इस्लामिक #आतंकियों का र#मजान के महीने  में हमला हो सकता है -

हालांकि #रूस #इज़रायल का समर्थन नहीं कर रहा लेकिन वह भी कुछ हद तक यूरोप का हिस्सा है और इस तरह बड़े इस्लामिक हमले  की मेरी चेतावनी गलत नहीं थी - 

जब #इज़रायल पर #हमास के दरिंदों ने 7 अक्टूबर, 2023 को हमला करके 1400 निर्दोष नागरिकों का रक्त बहाया था तब यह आरोप लगा था कि इज़रायल जैसे देश की ख़ुफ़िया एजेंसी #मोसाद विफल रही - सत्य क्या था पता नहीं परंतु इतने बड़े हमले को देख कर कोई यह कह सकता है कि मोसाद विफल रहा - इज़रायल ने खुल कर रूस पर #आतंकी हमले की निंदा की है जबकि रूस ने गोलमोल प्रतिक्रिया दी थी -

अब रूस में इस वीभत्स हमले को देख कर माना जा सकता है कि रूस की ख़ुफ़िया एजेंसियां भी विफल रही - इतने बड़े #concert हॉल में 5 लोगों ने जिस तरह 145 लोगों को मौत के घाट उतार दिया और सैंड़कों को घायल किया, उसे देख कर लगता है किसी तरह की कोई सुरक्षा थी ही नहीं जो 5 आतंकी मौत के तांडव के साथ पूरे हॉल को आग के हवाले कर कर गए -

ISIS - K ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है जबकि अमेरिका ने कहा है कि इस हमले में यूक्रेन का कोई हाथ नहीं है - दूसरी तरफ यह कहा गया है रूस की सुरक्षा एजेंसियों ने 2 आतंकियों को यूक्रेन की तरफ भागते हुए ही पकड़ा है - यदि यूक्रेन इसमें शामिल है तो कोई बड़ी बात नहीं है क्योंकि यूक्रेन और रूस एक दूसरे पर तरह तरह के हमले करने की फ़िराक में रहते ही हैं -

लेकिन ISIS - K के दावे की भी रूस जांच कर रहा है और पुतिन ने कहा है कि जो भी गुनहगार है उससे बदला लिया जाएगा और #पुतिन कैसा बदला ले सकता है, उस पर कुछ नहीं कहा जा सकता - मगर विश्व शांति के लिए एक नया खतरा खड़ा हो सकता है -

"लेखक के निजी विचार हैं "

 लेखक : सुभाष चन्द्र  | मैं हूं मोदी का परिवार | “मैं वंशज श्री राम का” 24/03/2024 

#islamic_terrorist_attack #warning, #Putin , #ISIS_K_attack #Russia #threat #world_peace #Hamas, #Hezbollah #Houthi #Ramadan, #Israel #attack #Terrorists  #Ukraine, #Russian_intelligence_agencies, #Mossad_failed  #top_stories

सूचना:  यंहा दी गई  जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की  कोई गारंटी नहीं है। सूचना के  लिए विभिन्न माध्यमों से संकलित करके लेखक के निजी विचारो  के साथ यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह  की जिम्मेदारी स्वयं निर्णय लेने वाले पाठक की ही होगी।' हम या हमारे सहयोगी  किसी भी तरह से इसके लिए जिम्मेदार नहीं है | धन्यवाद। ... 

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Happy Holi | होली वसंत ऋतु का प्रतिनिधित्व करने वाला एक आनंदमय त्योहार है | होली को 'फगुआ', 'धुलेंडी', 'दोल' के नाम से जाना जाता है।

 



#होली #वसंत ऋतु में मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण #भारतीय और नेपाली लोगों का त्यौहार है। यह #पर्व #हिंदू #पंचांग के अनुसार #फाल्गुन मास की #पूर्णिमा को मनाया जाता है। होली #रंगों का तथा हँसी-खुशी का त्योहार है। यह #भारत का एक प्रमुख और प्रसिद्ध #त्योहार है, जो आज विश्वभर में मनाया जाने लगा है| 


होली को 'फगुआ', 'धुलेंडी', 'दोल' के नाम से जाना जाता है।


#Holi is a popular and significant #Hindu #festival #celebrated as the Festival of #Colours, #Love, and #Spring. It celebrates the eternal and divine love of the deities #Radha and #Krishna. Additionally, the day signifies the triumph of good over evil, as it commemorates the victory of #Vishnu as #Narasimha over #Hiranyakaship


Holi is still known as '#Fagua', '#Dhulendi', '#Dol'.


#भगवान #विष्णु के प्रति प्रहलाद की अटूट भक्ति के कारण उसके पिता #हिरणाकश्यप को क्रोध आया, जिसके कारण होलिका ने एक विश्वासघाती योजना बनाई. हालांकि, दैवीय हस्तक्षेप ने बुराई को विफल कर दिया, जिससे #होलिका दहन की शुरुआत हुई और अंधकार पर अच्छाई की जीत का स्थायी उत्सव मनाया गया | 


#Prahlad's unwavering devotion towards #Lord #Vishnu angered his father #Hiranyakashipu, due to which Holika hatched a treacherous plan. However, divine intervention thwarted the evil, leading to the beginning of #Holika Dahan and the enduring #celebration of the victory of good over darkness.


होली की रात को सिद्धि रात्रि भी कहा जाता है यानी इस रात को किए गए तंत्र उपाय जल्दी ही सिद्ध हो जाते हैं. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, होलिका दहन से आसपास की नकारात्मक शक्तियां नष्ट होती हैं और जीवन में खुशियां आती हैं. ऐसा कहा जाता है कि होलिका दहन की राख से कई सारे दुखों से मुक्ति मिल जाती है | 


The night of Holi is also called #Siddhi_Ratri, that is, the #Tantra remedies done on this night get proved soon. According to religious beliefs, Holika Dahan destroys the negative powers around and brings happiness in life. It is said that the ashes of #Holika_Dahan provide relief from many sorrows.


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| पंडित हरिभाऊ उपाध्याय | साहित्यकार तथा स्वतंत्रता आंदोलन के राष्ट्रसेवी | 24 मार्च, 1892 - 25 अगस्त, 1972

 


हरिभाऊ उपाध्याय का जन्म 24 मार्च, 1892 को मध्य प्रदेश में #उज्जैन ज़िले के #भौंरोसा नामक गाँव में हुआ था। विद्यार्थी जीवन से ही उनके मन में साहित्य के प्रति चेतना जाग्रत हो गई थी। संस्कृत के नाटकों तथा अंग्रेज़ी के प्रसिद्ध उपन्यासों के अध्ययन के बाद वे उपन्यास लेखन की  और अग्रसर हुए।

🇮🇳 हरिभाऊ उपाध्याय ने हिन्दी सेवा से सार्वजनिक जीवन शुरू किया और  सबसे पहले  ‘औदुम्बर’ मासिक पत्र के प्रकाशन द्वारा हिन्दी पत्रकारिता जगत में पर्दापण किया। सबसे पहले  1911 में वे ‘औदुम्बर’ के सम्पादक बने। पढ़ते-पढ़ते ही इन्होंने इसके सम्पादन का कार्य भी आरम्भ किया। ‘औदुम्बर’ में कई विद्वानों के विविध विषयों से सम्बद्ध पहली बार लेखमाला निकली, जिससे हिन्दी भाषा की स्वाभाविक प्रगति हुई। इसका श्रेय हरिभाऊ के उत्साह और लगन को ही जाता है। 1915  में हरिभाऊ उपाध्याय #महावीर_प्रसाद_द्विवेदी के सान्निध्य में आये। हरिभाऊ जी खुद लिखते हैं कि- “औदुम्बर की सेवाओं ने मुझे आचार्य द्विवेदी जी की सेवा में पहुँचाया।” द्विवेदी जी के साथ ‘सरस्वती’ में कार्य करने के बाद हरिभाऊ उपाध्याय ने ‘प्रताप’, ‘हिन्दी नवजीवन’ और ‘प्रभा’ के सम्पादन में योगदान दिया और स्वयं ‘मालव मयूर’ नामक पत्र निकालने की योजना बनायी। लेकिन यह पत्र अधिक दिन नहीं चल सका।

🇮🇳 हरिभाऊ उपाध्याय की हिन्दी साहित्य को विशेष देन उनके द्वारा बहुमूल्य पुस्तकों का रूपांतरण है। कई मौलिक रचनाओं के अलावा उन्होंने जवाहरलाल नेहरू की ‘मेरी कहानी’ और पट्टाभि सीतारमैया द्वारा लिखित ‘कांग्रेस का इतिहास’ का हिन्दी में अनुवाद किया। हरिभाऊ जी का प्रयास हमें भारतेन्दु काल की याद दिलाता है, जब प्राय: सभी हिन्दी लेखक बंगला से हिन्दी में अनुवाद करके साहित्य की अभिवृद्धि करते थे। अनुवाद करने में भी उन्होंने इस बात का सदा ध्यान रखा कि पुस्तक की भाषा लेखक की भाषा और उसके व्यक्तित्व के अनुरूप हो। अनुवाद पढ़ने से यह अनुभव नहीं होता कि अनुवाद पढ़ रहे हैं। यही अनुभव होता है कि मानो स्वयं मूल लेखक की ही वाणी और विचारधारा अविरल रूप से उसी मूल स्त्रोत से बह रही है। इस प्रकार हरिभाऊ जी ने अपने साथी जननायकों के ग्रंथों का अनुवाद करके हिन्दी साहित्य को व्यापकता प्रदान की।

🇮🇳 हरिभाऊ उपाध्याय की अनेक पुस्तकें आज हिन्दी साहित्य जगत को प्राप्त हो चुकी हैं। उनके नाम इस प्रकार हैं-

• ‘बापू के आश्रम में’

• ‘स्वतंत्रता की ओर’

• ‘सर्वोदय की बुनियाद’

• ‘श्रेयार्थी जमनालाल जी’

• ‘साधना के पथ पर’

• ‘भागवत धर्म’

• ‘मनन’

• ‘विश्व की विभूतियाँ’

• ‘पुण्य स्मरण’

• 'प्रियदर्शी अशोक’

• ‘हिंसा का मुकाबला कैसे करें’

• ‘दूर्वादल’ (कविता संग्रह)

• ‘स्वामी जी का बलिदान’

• ‘हमारा कर्त्तव्य और युगधर्म’

🇮🇳 ☝️इन सभी रचनाओं से हिन्दी साहित्य निश्चित ही समृद्ध हुआ है। हरिभाऊ जी की रचनाएँ भाव, भाषा और शैली की दृष्टि से बड़ी आकर्षक हैं। इनमें रस है, मधुरता और उज्ज्वलता है। इनमें सत्य और अहिंसा की शुभ्रता है, धर्म की समंवयबुद्धि है और लेखनी की सतत साधना और प्रेरणा है।

🇮🇳 #महात्मा_गाँधी से प्रभावित होकर हरिभाऊ उपाध्याय ‘भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलन’ में कूद पड़े थे। पुरानी अजमेर रियासत में इन्हें कई बार जेल जाना पड़ा। स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद वे अजमेर के मुख्यमंत्री निर्वाचित हुए थे। हरिभाऊ जी हृदय से ये अत्यंत कोमल थे, लेकिन सिद्धांतों के साथ कोई समझौता नहीं करते थे। राजस्थान की सब रियासतों को मिलाकर राजस्थान राज्य बना और इसके कई वर्षों बाद मोहनलाल सुखाड़िया मुख्यमंत्री बने थे। उन्होंने अत्यंत आग्रहपूर्वक हरिभाऊ उपाध्याय को पहले वित्त फिर शिक्षामंत्री बनाया था। बहुत दिनों तक वे इस पद पर रहे, लेकिन स्वास्थ्य ठीक न रहने के कारण त्यागपत्र दे दिया। हरिभाऊ उपाध्याय कई वर्षों तक राजस्थान की ‘शासकीय साहित्य अकादमी’ के अध्यक्ष भी रहे। उन्होंने ‘महिला शिक्षा सदन’, हटूँडी (अजमेर) और ‘सस्ता साहित्य मंडल’ की स्थापना की थी।

🇮🇳 हरिभाऊ उपाध्याय  25 अगस्त, 1972 को मृत्यु हो गई ।

🇮🇳 #भारत के प्रसिद्ध #साहित्यकार तथा #स्वतंत्रता आंदोलन के राष्ट्रसेवी #पंडित_हरिभाऊ_उपाध्याय जी को उनकी जयंती पर हार्दिक श्रद्धांजलि !

#Pandit_Haribhau_Upadhyay ji

🇮🇳💐🙏

#प्रेरणादायी_व्यक्तित्व

#आजादी_का_अमृतकाल


साभार: चन्द्र कांत  (Chandra Kant) राष्ट्रीय उपाध्यक्ष - मातृभूमि सेवा संस्था 

सूचना:  यंहा दी गई  जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की  कोई गारंटी नहीं है। सूचना के  लिए विभिन्न माध्यमों से संकलित करके लेखक के निजी विचारो  के साथ यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह  की जिम्मेदारी स्वयं निर्णय लेने वाले पाठक की ही होगी।' हम या हमारे सहयोगी  किसी भी तरह से इसके लिए जिम्मेदार नहीं है | धन्यवाद। ... 

Notice: There is no guarantee of authenticity or reliability of the information/content/calculations given here. This information has been compiled from various mediums for information and has been sent to you along with the personal views of the author. Our aim is only to provide information, readers should take it as information only. Apart from this, the responsibility of any kind will be of the reader himself who takes the decision. We or our associates are not responsible for this in any way. Thank you. 


Radhikaraman Prasad Singh | राधिकारमण प्रसाद सिंह | पद्मभूषण तथा साहित्य वाचस्पति की उपाधि से अलंकृत साहित्यकार |




 जब वक्त्त गुजर जाता है तो याद बनती है. किसी बाग की खुशबू निकल जाए तो फूल खिलने की फरियाद आती है. इसी तरह आज साहित्य नगरी #सूर्यपुरा का स्वर्णिम अतीत सिर्फ यादों में सिमटकर रह गया है. साहित्याकाश के दीप्तिमान नक्षत्र राजा राधिकारमण प्रसाद सिंह का किला आज भले ही रख रखाव के अभाव में खंडहर में तब्दील होने लगा हो परंतु लाहौरी ईट से बना यह किला आज भी राजा साहब की याद को ताजा करता है.

🇮🇳🔰 राजा राधिका रमण प्रसाद सिंह का जन्म 10 सितम्बर 1890 को तत्कालीन #शाहाबाद जिला के #बिक्रमगंज के #सूर्यपुरा ग्राम के एक कायस्थ परिवार में हुआ था. बड़े जमींदार होने की वजह से अपने नाम के साथ सिंह लगाते थे. इनके पिता #राज_राजेश्वरी_प्रसाद_सिंह हिन्दी, अंग्रेजी, संस्कृत, बंग्ला, फ़ारसी तथा पश्तो के विद्वान होने के साथ ब्रज भाषा के एक बड़े कवि भी थे. राधिका रमण प्रसाद के पितामह #दीवान_राम_कुमार_सिंह साहित्यक प्रवृत्ति के व्यक्ति थे और कुमार उपनाम से ब्रज भाषा मे कविताएं लिखा करते थे. ये कहना गलत नही होगा कि राजा राधिका रमण प्रसाद सिंह को साहित्य विरासत में मिला था.

🇮🇳🔰 उनकी प्राम्भिक शिक्षा घर पर ही हुई. घर पर ही उन्होंने संस्कृत हिन्दी और अंग्रेजी की प्राम्भिक शिक्षा पूर्ण की. 1903 ई. में पिता के अचानक स्वर्गवास होने पर इनकी रियासत कोर्ट ऑफ वांडर्स के अधीन हो गई. शाहाबाद के कलक्टर के अभिभाकत्व में उन्होंने आरा जिला स्कूल में दाखिला लिया. कुछ ही दिन बाद जिलाधिकारी ने उन्हे कलकत्ता भेज दिया. वही से उन्होने दसवीं की परीक्षा प्रथम श्रेणी में पास की. उस समय तक उन्होंने ब्रजभाषा में कविता लिखना शुरू कर दिया था. #बंगभंग_आंदोलन से प्रभावित होने के कारण जिलाधिकारी ने आगरा कॉलेज, आगरा में उनका नाम लिखवा दिया. वहाँ से उन्होने एफ.ए. (इंटरमीडिएट)किया. 1912 ई. में प्रयाग विश्वविद्यालय से बीए का परीक्षा पास किए. उसी समय उनकी प्रथम कहानी कानों में कंगना इन्दु में प्रकाशित हुई. 1914 ई. में कलकत्ता विश्वविद्यालय से एम.ए. (इतिहास) की परीक्षाएं पास कीं.

🇮🇳🔰 1917 ई. में जब वे बालिग हुए, तब रियासत ‘कोर्ट ऑव वार्ड्स’ के बंधन से मुक्त हुए और वे उसके स्वामी हो गए. सन् 1920 ई. के आसपास अंग्रेजी सरकार ने राधिकारमण प्रसाद सिंह को ‘राजा’ की उपाधि से विभूषित किया. इसी बीच उन्हें बिहार प्रादेशिक हिन्दी साहित्य सम्मेलन का अध्यक्ष निर्वाचित किया गया. 1921 ई. में उन्हें शाहाबाद जिला परिषद के डिस्ट्रिक्ट बोर्ड के प्रथम भारतीय चेयरमैन के रूप में निर्वाचित किया. 28 फरवरी 1927 को उन्होंने जिला बोर्ड के तत्वावधान में #महात्मा_गाँधी का अभिनन्दन किया. 1932 ई. में बिहार हरिजन सेवा संघ के अध्यक्ष बनाए गए. 1941 ई. में उन्हें अग्रेजी सरकार ने सी.आई.ई. की पदवी से विभूषित किया.

🇮🇳🔰 1947 ई. भारतीय स्वंतत्रता के बाद राजा साहब पटना में रहने लगे और साहित्य साधना में लग गए. हिन्दी साहित्य की उल्लेखनीय उपाधि और 1962 ई. में  भारत सरकार ने पद्म भूषण की उपाधि और 1969 ई. में मगध विश्वविद्यालय, बोध गया ने डॉक्टर ऑफ लिटरेचर (डी.लिट्) की मानक उपाधि से सम्मानित किया. 1970 ई में प्रयाग हिन्दी साहित्य सम्मेलन में साहित्यवाचस्पति की उपाधि से अलंकृत किया गया. 24 मार्च 1971 ई. को वो हिन्दी साहित्य की गोद में सदैव के लिए ध्यान मग्न हो गए.

🇮🇳🔰 उनकी रचनाएँ इस प्रकार हैं:-

🔰 नाटक:- (1) ‘नये रिफारमर’ या ‘नवीन सुधारक’ (सन् 1911 ई.), (2) ‘धर्म की धुरी’ (सन् 1952 ई.), (3) ‘अपना पराया’ (सन् 1953 ई.) और (4) ‘नजर बदली बदल गये नजारे’ (सन् 1961 ई.)।

🔰 कहानी संग्रह:- ‘कुसुमांजली’ (सन् 1912 ई.)। लघु उपन्यास:- (1) ‘नवजीवन’ (सन् 1912 ई), (2) ‘तरंग’ (सन् 1920 ई.), (3) ‘माया मिली न राम’ (सन् 1936 ई.), (4) ‘मॉडर्न कौन, सुंदर कौन’ (सन् 1964 ई.), और (5) ‘अपनी-अपनी नजर’, ‘अपनी-अपनी डगर’ (सन् 1966 ई.)।

🔰 उपन्यास:- (1) ‘राम-रहीम’ (सन् 1936 ई.), (2) ‘पुरुष और नारी’ (सन् 1939 ई.), (3) ‘सूरदास’ (सन् 1942 ई.), (4) ‘संस्कार’ (सन् 1944 ई.), (5) ‘पूरब और पश्चिम’ (सन् 1951 ई.), (6) ‘चुंबन और चाँटा’ (सन् 1957 ई.)

🔰 कहानियाँ:- (1) ‘गाँधी टोपी’ (सन् 1938 ई.), (2) ‘सावनी समाँ’ (सन् 1938 ई.), (3) ‘नारी क्या एक पहेली? (सन् 1951 ई.), (4) ‘हवेली और झोपड़ी’ (सन् 1951 ई.), (5) ‘देव और दानव’ (सन् 1951 ई.), (6) ‘वे और हम’ (सन् 1956 ई.), (7) ‘धर्म और मर्म’ (सन् 1959 ई.) (😎 ‘तब और अब’ (सन् 1958 ई.), (9) ‘अबला क्या ऐसी सबला?’ (सन् 1962 ई.), (10) ‘बिखरे मोती’ (भाग-1) (सन् 1965 ई.)।

🔰 संस्मरण:- (1) ‘टूटा तारा’ (1941), (2) ‘बिखरे मोती’ (भाग-2, 3) (1966)।

रिपोर्ट- जयराम

साभार : rohtasdistrict.com

🇮🇳 #पद्मभूषण तथा साहित्य वाचस्पति की उपाधि से अलंकृत; हिंदी के सुप्रसिद्ध #साहित्यकार #राजा_राधिकारमण_प्रसाद_सिंह जी को उनकी पुण्यतिथि पर हार्दिक श्रद्धांजलि !

#Raja_Radhikaman_Prasad_Singh ji

#literateur

#padmabhushan


🇮🇳💐🙏

#प्रेरणादायी_व्यक्तित्व

#आजादी_का_अमृतकाल


साभार: चन्द्र कांत  (Chandra Kant) राष्ट्रीय उपाध्यक्ष - मातृभूमि सेवा संस्था 

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Makar Sankranti मकर संक्रांति

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